घर के मन्दिर कौन से भगवान् रखने चाहिए | घर में कौन सी मुर्तिया नहीं रखनी चाहिए | घर में कौन से भगवान् की पुजा करें |

Tittle- घर के मन्दिर में कौन से भगवान् की मुर्तिया रखनी चाहिए- घर में जब हम मंदिर बनाते हैं तो हमारे मन में एक दुविधा बनी रहती है कि हम अपने घर के मंदिर में कौन सी मूर्ति रखें और कौन से नहीं आज हम इस लेकर माध्यम से आपके इस उलझन को ही दूर करना चाहते हैं कि हमें अपने घर में किस साइज की और भगवान् के कौन से सवरूप रखना चाहिए।आइए  जानते हैं विस्तार से घर में भगवान के मंदिर में मूर्ति रखने से पहले हमारा धर्म शास्त्र कया कहता है। यहां आपको जो भी जानकारी दी जा रही है यह इसमें हमारा खुद का कोई योगदान नहीं है या सिर्फ धर्म ग्रंथो के अनुसार दी जा रही है।

 वैसे  तो  एक इंसान की कोई औकात नहीं है कि वह भगवान की मूर्ति बना सके क्योंकि जो मूर्ति बना रहे हैं पहले उसने उसे भगवान ने बनाया है । मूर्ति केवल इंसान के लिए बनाई जाती है भगवान के लिए नहीं, भगवान को किसी मूर्ति की जरूरत नहीं है।  वह तो खुद एक ऐसे मुर्ति  हैं जिसे एक इंसान के बस में इन खुली आंखों से देखना संभव नहीं है।  वह इस संसार को चलाने वाले रचियता और पालनहार हैं।.हिंदू धर्म में 33 कोटि के देवता होते हैं. तो हमें इनमें से कितने देवी देवताओं को अपने घर के मंदिर में रखना चाहिए. और इनमें से कितनों की पूजा करनी चाहिए. यह सब सवाल हमारे मन को उलझन पैदा करता रहता है आज हम इस लेख के माध्यम से इस उलझन को दूर करने की भरपूर कोशिश करेंगे।


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घर के  मन्दिर में कौन सी मुर्तिया रखे- कुछ लोग अपने घर के मंदिर में एक भगवान की अनेक मूर्तियां रखते हैं. आपने भी ऐसा बहुत घरों में  देखा होगा. और कुछ लोग अपने घर के मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियों पुरा पन्डाल बना देते हैं। कहने का भाव  है की इंसान जहां देवताओं की पूजा करता है वहां मूर्तियों का या तस्वीरों से मन्दिर को भर देता है। हम सभी  पूजा अपने ध्यान एकाग्र चित्त करके भगवान की आराधना करने के लिए करते हैं। अब अगर हम मंदिर में जाएंगे और हमारे सामने अनेकों तस्वीरें और मूर्तियां रखी होंगी तो हम क्या किसी देवता का ध्यान कर पाएंगे।

हम एक प्रतिमा का कुछ देर ध्यान कर सकते हैं पर उससे ज्यादा नहीं क्योंकि जैसे ही हमारी आंख खुलेगी हम किसी दूसरी प्रतिमा की तरफ देखेंगे और हमारा ध्यान उस प्रतिमा की ओर चला जाएगा.

हमारे कहने यह भाव है कि हमें अपने घर में सिर्फ एक ही देवता की पूजा करनी चाहिए.  हिन्दू धर्म  में  5 देवता को अपने घर  के मंदिर में रखने के लिए बताया गया है।

● घर के मंदिर में कौन कौन से भगवान

मूर्ति रखना चाहिए ?

1. भगवान सूर्य

2. गणेश भगवान

3. भगवान विष्णु

4. भगवान शंकर

5. माँ पार्वती

1. श्री कृष्ण की बाल अवस्था की तस्वीर

2. श्री राधा कृष्ण का युगल स्वरूप

3. राम दरबार की तस्वीर

4. गणपति की तस्वीर

5. माता लक्ष्मी की तस्वीर

6. कुबेर यंत्र की स्थापना

घर में कौन कौन से  देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए ?

1. नटराज शंकर की मूर्ति

2. माता महाकाली की

3. शनि देव की मूर्ति

4. भैरवनाथ

5. लक्ष्मी माता खड़ी मुद्रा में

6. राहु या केतु की मूर्ति

7. एक देवता की एक ही मूर्ति रखें

इस प्रकार आप अपने घर में अपने इष्ट देव की मूर्ति को मध्य में रखें और साथ में और भगवान के जिनकी आपकी इच्छा होती है छोटे साइज की मूर्ति दाएं और बाएं रखें ताकि जो आपके इषट देव है उन पर आप अपना ध्यान लगा सके।

●. भगवान सूर्य की मुर्ति कैसी रखे-

वैसे तो भगवान सूर्य की घर पर कोई प्रतिमा रखी नहीं जाती. इनकी पूजा अक्सर लोग इनको आसमान  में देखकर ही करते हैं. और ऐसा करना ही शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. पर फिर भी अगर आप भगवान सूर्य कि कोई प्रतिमा अपने घर में रखना चाहते हैं तो आप तांबे के सूर्य भगवान को अपने घर पर रख सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार हमें भगवान सूर्य की पूजा साक्षात उनके दर्शन करके ही करनी चाहिए. भगवान सूर्य की प्रतिमा रखकर उनकी पूजा करने से उतने उत्तम फल प्राप्त नहीं होते जितने साक्षात उनके दर्शन करके पूजा करने से होते है ।


●. गणेश भगवान कैसे रखे - गणेश भगवान को भोलेनाथ शंकर से यह आशीर्वाद प्राप्त है की उनकी पूजा सभी देवी देवताओं से पहले होगी. तो जब कहीं भी बात मंदिर में प्रतिमा रखने की आती है तो सबसे पहले गणेश भगवान का नाम आता है।  अगर आप घर में मंदिर स्थापित करना चाहते हैं तो आपको गणेश भगवान की मूर्ति जरूर रखनी चाहिए. बस इतना ध्यान रखिए की उनकी मूर्ति बैठी मुद्रा में हो. और उनकी सुंड़ बांई और मुड़ी हुई हो जिसमें लड्डू लगा हुआ हो।  ऐसा करने से आपके घर में सुख शांति का वास रहेगा. और आपके घर में कभी भी धन की कमी होगी। बहुत  लोगों के घरो में देखा है कि गणेश भगवान की तीन तीन मूर्तियां रखते हैं. यह शास्त्रों में सख्त वर्जित है। हमें सभी देवी देवताओं की एक ही प्रतिमा रखनी चाहिए और  उनकी सच्चे मनसे आराधना करनी चाहिए।

●  भगवान विष्णु की मुर्ति  कैसे रखे-

 धर्म शास्त्रों अनुसार इस पृथ्वी के रचयिता है ब्रह्म देव , संहारक हैं भगवान शंकर और जो पालनहार हैं वह है भगवान विष्णु. इसलिए भगवान विष्णु की पूजा हमें सदैव करना चाहिए. इसलिए हमें अपने घर में भगवान विष्णु की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा पीले वस्त्र पहनकर और हल्दी लगाकर करें. विष्णु भगवान की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. जीवन की कठिनाइयां जैसे संतान की प्राप्ति, पैसे की तंगी या और भी समस्याएं सभी दूर हो जाती हैं। हमें विष्णु भगवान की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए. मन में किसी भी प्रकार का छल और लालच नहीं होना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु बहुत दयालु हैं । वह  सब पर कृपा करते हैं. बस भक्त उनकी सच्चे मन से आराधना करें क्योंकि हमारे भगवान हमारे भाव के भूखे हैं ना के दिखावे के इसलिए पूजा करते समय किसी भी प्रकार का दिखावा न करें जो भी करें सच्चे मन से करें।


भगवान शिव की पुजा कैसे करें -

भगवान शंकर को देवों के देव महादेव कहा गया है. इन्हें तीनों लोकों का स्वामी कहा गया है.इसी लिए महादेव की पूजा करना भी अनिवार्य है. इसलिए हमें अपने घर के मंदिर में भगवान शंकर की प्रतिमा रखना चाहिए. और उसकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए भोलेनाथ की केवल एक ही प्रतिमा रखें. घर के मंदिर में एक से ज्यादा प्रतिमाएं रखकर पूजा नहीं करना चाहिए. भगवान शंकर की आराधना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है । कोशिश करें कि भगवान की पूजा करने के लिए अपने घर के मंदिर में शिव के परिवार सहित वाली मूर्ति को ही स्थापना करें। शिव की पूजा परिवार के साथ ही की जाती है ,इसलिए भगवान शिव की पूजा करने के लिए गणपति  मां पार्वती और शिव तीनों ही एक ही साथ होने चाहिए।

माँ पार्वती की मुर्ति कैसे रखे -

 पार्वती माता को उमा और गौरी भी कहा जाता है.शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती को मातृत्व , शक्ति , प्रेम सौंदर्य, विवाह, और संतान की देवी कहा जाता है. इसलिए इनकी पूजा हर घर में होनी चाहिए. पुराणों के अनुसार माता पार्वती को भगवान विष्णु  बहन और शिव शक्ति का अवतार माना गया है। माता पार्वती देविओं का सौम्य रूप है इसलिए इनकी प्रतिमा हमें अपने घर के मंदिर में अवश्य रखनी चाहिए. माता पार्वती की पूजा करने से अपने जीवन साथी की उम्र बढ़ती है ,घर में शुख समृद्धि आती है, संतान की प्राप्ति होती है, और वैवाहिक जीवन सुख से गुजरता है।

● श्री कृष्ण की बाल अवस्था की तस्वीर रखे- 

भगवान श्री कृष्ण के बचपन की तस्वीर घर में लगाने से और उनके दर्शन करने से हमारे घर में सुख , शांति और समृद्धि आती है और ऐसा भी माना जाता है कि घर में बाल स्वरूप रखने से संतान  का सुख प्राप्त होता है। 

● श्री राधा कृष्ण का युगल स्वरूप हमें राधा कृष्ण के युगल स्वरूप की तस्वीर अपने घर में जरूर लगानी चाहिए।

राम दरबार की तस्वीर रखे- 

अगर आप अपने पारिवारिक सदस्यों में प्रेम और अपनेपन की कमी नहीं देखना चाहते तो अपने घर के ड्राइंग रूम में राम दरबार की तस्वीर लगाएं. जिसमें राम और सीता बैठे हो और उनके इर्द-गिर्द उनके सभी भाई हनुमान के साथ उनकी ओर हाथ जोड़कर खड़े हों.

माता लक्ष्मी की कैसी मुर्त रखे-

हमें अपने घर में माता लक्ष्मी जी की तस्वीर लगानी चाहिए. जिससे हमारे घर में धन की समस्या कभी नहीं होती है।

मां सरस्वती की मूर्ति  कैसी रखे-

मां सरस्वती की मूर्ति मंदिर की बजाय आप अपने बच्चों की स्टडी टेबल के ऊपर जरूर रखें ।अगर आपके घर में पढ़ने वाले बच्चे हैं तो मां सरस्वती का स्वरूप या मूर्ति के रूप में उनकी स्थापना बच्चों की टेबल के ऊपर करें और ध्यान रहे वहां पर कोई भी झूठा सम्मान ना रखें कई बार  बच्चे पढ़ते समय टेबल पर दूध या पानी का गिलास रख देते हैं ऐसी गलती कभी ना करें।

घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए ?

अब हम बात करते हैं कि हमें अपने घर में कौन कौन से देवी देवताओं की मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। कुछ  देवता ऐसे है जिनकी घर में मूर्ति रखने से अशांति और कई प्रकार की समस्याएं आती है इसलिए उनका घर में रखने की सलाह नहीं दी जाती।

●  नटराज शंकर की मूर्ति-


नटराज का अर्थ होता है नृत्य करते हुए। भगवान शंकर नृत्य तभी करते थे जब वो अत्यधिक क्रोध में आ जाते थे. इसलिए घर पर भगवान शंकर की तांडव करते हुए मूर्ति रखना या कोई तस्वीर लगाना बहुत शुभ नहीं माना जाता। इसलिए भगवान शंकर की तांडव नृत्य करते हुए नटराज की फोटो घर में नहीं रखनी चाहिए। ऐसी तस्वीर घर पर लगाने से या मूर्ति रख कर पूजा करने से घर में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं. परिवार के सदस्यों के बीच में मनमुटाव हो सकता है. मन में शांति बहुत कम रहती है. इसलिए अगर आपके घर पर भगवान नटराज शंकर की मूर्ति रखी है तो आप उसे तुरंत वहां से हटाकर किसी मंदिर में दान कर दें। या फिर जल में प्रवाह कर दे।


माता महाकाली की मुर्ति- 

माता महाकाली का जो स्वरूप है, वह देवियों का विध्वनशक रूप है. इसी रूप में माता काली ने न जाने कितने राक्षसों का वध किया था. मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार करने के लिए ही महाकाली का रूप धारण किया था।माता काली का क्रोध अपार है. उनके क्रोध को आसानी से शांत नहीं किया जा सकता है. इसलिए मां काली की मूर्ति को रखना घर में निषेध माना जाता है।


शनि देव की मूर्ति- 

शनि  देव को सर्वोच्च ब्रह्मांड का सबसे बड़ा न्यायाधीश माना जाता है. लेकिन उनकी पत्नी के द्वारा दिए गए श्राप के कारण उनकी दृष्टि श्रापित है. शनि देव की पत्नी ने शनि देव को श्राप दिया था कि आपकी दृष्टि जिस किसी पर भी पड़ेगी उसका सर्वनाश हो जाएगा। शनि देव को घर में रखने से उनके दृष्टि हमारे घर के सभी सदस्यों पर पड़ती है जोकि एक शुभ संकेत नहीं है. ऐसा करने से आप की हानि हो सकती है. इसलिए शनि देव की मूर्ति घर पर रखना शुभ नहीं माना जाता ।

भैरवनाथ - भैरवनाथ साक्षात भोलेनाथ के अवतार हैं. और भैरवनाथ जितनी भी तंत्र मंत्र की क्रियाएं हैं उन सब के स्वामी कहे जाते हैं. भैरव नाथ की पूजा करना हर इंसान के बस की बात नहीं है. क्योंकि भैरव नाथ की पूजा तंत्र मंत्र और त्याग से होती है. तांत्रिक लोग ही इनका विधि विधान से पूजन कर सकते हैं.हम सब लोग जिनको तंत्र मंत्र का ज्ञान नहीं है भैरव नाथ की पूजा नहीं कर सकते. इसलिए हमें भैरव नाथ की मूर्ति अपने घर के पूजा स्थल पर नहीं रखनी चाहिए।

लक्ष्मी माता खड़ी मुद्रा में नही रखे- 

हर इंसान की यह कामना होती है कि लक्ष्मी उसके घर में निवास करे. लेकिन अगर आपके घर के पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में है तो यह धन के निवास करने के अच्छे संकेत नहीं है। धन आपके हाथों में रूक नहीं पाएगा. आप उसे कहीं ना कहीं खर्च कर देंगे। इसलिए हमें हमेशा लक्ष्मी माता की बैठी मुद्रा में मूर्ति या फोटो लगानी चाहिए जिससे हमारे घर में धन संपत्ति का वास हो।

 ● राहु या केतु की मूर्ति नही रखनी चाहिए - 

समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने राहु नाम के राक्षस को अपने सुदर्शन चक्र से दो हिस्सों में काट दिया था. जिस से सिर वाला हिस्सा राहु नाम से प्रचलित हुआ और बचा अन्य भाग का नाम केतु हुआ। शास्त्रों में राहु और केतु को नौ ग्रहों में स्थान प्राप्त है. पर यह दोनों ग्रह सौम्य में नहीं माने जाते इसलिए इनकी पूजा घर पर करना शुभ नहीं होता.अगर आप नौ ग्रहों के यंत्र की स्थापना कर रहे हैं तब आप उस पर राहु केतु की पूजा कर सकते हैं.

●  एक देवता की एक ही मूर्ति रखें - 

* घर पर दो शिवलिंग कभी भी नहीं होने चाहिए।

*गणेश भगवान की तीन मूर्तियां नहीं होनी चाहिए।

* दो शंख नहीं रखनी चाहिए।

* दो सूर्य की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए।

*दो शालिग्राम की पूजा घर पर नहीं करनी चाहिए।

आज हमने इस लेख  के माध्यम से आपको यह बताने की कोशिश की की घर के मंदिर में किस प्रकार की मूर्ति रखनी चाहिए और किस प्रकार के नहीं रखनी चाहिए।  वैसे तो इंसान की भगवान के प्रति केवल श्रद्धा की जरूरत होती है। अगर आपके अंदर श्रद्धा और विश्वास है तो फिर मूर्ति से कोई फर्क नहीं पढना चाहिए, पर हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार कुछ बातों को निषेध माना गया है इसलिए हमने आपको जो मुर्ति घर में रखनी चाहिए उनके बारे में बताया और जो नहीं रखनी चाहिए वह भी बताया।

निष्कर्ष- वैसे तो यह सारा संसार ही भगवान का है मूर्ति बनाने वाला भी मूर्ति के रूप में ढलने वाला ही सारे संसार का मालिक है। हमारा खुद का कुछ भी नहीं है ,अगर हमारे पास कुछ है तो वह भगवान के प्रति विश्वास का होना बहुत जरूरी है । अगर आप विश्वास करते हैं तो भगवान आपको पत्थर में भी नजर आ सकते हैं। अगर आपको विश्वास ही नहीं है तो फिर आपको भगवान किसी भी मूर्ति में नहीं दिखाई दे सकते। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि भगवान के प्रति विश्वास रखें और किसी के साथ जानबूझकर  बुरा बर्ताव न करें और जितना हो सके सच का साथ दे। सत्य में ही भगवान है और भगवान ही सत्य है। 

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