बेटियाँ hindi poetry

कैसे कैसे दौर से गुज़रती हैं ,बेटियाँ , कुछ आती हैं धरती पर ,कुछ गर्भ में ही मार दी जाती है ,बेटिया...!!
सड़कों पर जब भी चलती हैं, बेटियाँ
कितनी निगाहों से घिरती हैं बेटियाँ..!!
रिशतो की सारे डोर मजबूती से पकड़ती हैं ,बेटियाँ ...!!
अपनों के लिए जान भी छिड़कती
है ,बेटियाँ...!!
हर रोज भाई के हिस्से की डांट भी सुनती है ,बेटियाँ...!!
माँ बाप का ख्याल भी रखती
है ,बेटियाँ...!!
पढ लिखकर बेटों से आगे निकल जाती है, बेटियाँ ...!!
क्या क्या लांछन लगाते हैं, लोग जब आगे बढ़ती हैं ,बेटियाँ ...!!
मन में साहस और चेहरे पर मुस्कान रखती हैं ,बेटियाँ ...!!
फिर दुनिया की किसी ताक़त से नहीं डरती हैं, बेटियाँ ...!!
जब अपनी काबिलियत दिखाने पर आती है ,बेटियाँ..!!
इनको जन्म लेने दो ये हर हाल में
माँ बाप का नाम रोशन करती
है ,बेटियाँ ....


Kiran ke alfaaz (kpk)

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