कोरोना वायरस ( कोविड 19) की पुरी जानकारी और इस वायरस से बचने के लिए क्या करे और क्या ना करे....!!

 कोविड-19 दुनिया की ऐसी भयंकर बीमारी है जिसको हम आज सार्स 
सीओवी-2 नाम की वजह से होती है यह वायरस कोरोना वायरस के परिवार का ही हिस्सा है। अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी में खांसी, जुखाम से पीड़ित है तो इस बीमारी के वायरस हवा में भी फैल जाते हैं,और
इस बीमारी के वायरस हवा या फिर किसी सतह पर किसी जगह पर कई घंटे तक जिंदा रह सकते हैं ।
कोरोना वायरस के लक्षण :-
 इस बीमारी में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ महसूस होना शुरू हो जाता है ।अगर किसी मरीज को इस इंफेक्शन से उभर कर बाहर आ भी जाते है तब भी अपना इलाज शुरू कर दें। ऐसा भी माना जा रहा है कि इस बीमारी में सुंघने की क्षमता कुछ हद तक कम हो जाती है ।
अगर यह सब लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिले।

 सबसे पहले यह बीमारी चीन के वुहान शहर की  एक मार्केट में 2019 नवंबर में पहली बार दिखाई दी थी। उसके बाद देखते ही देखते इस वायरस ने पूरी दुनिया में अपनी चपेट में ले लिया और यह इस वक्त कोविड-19 ने दुनिया भर में महामारी का रूप ले रखा है। लाखों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसा माना जा रहा है इस बीमारी की उत्पत्ति यानी इसका प्रसार जानवर से इंसान में हुआ है। हालांकि अब तक इसके बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले सबसे पहले यह जानवरों में फैलना शुरू हुआ था। शुरुआती दिनों में चमगादड़, सांप  मेें   ही इसके इंफेक्शन देखे गए थे और उसके बाद यह इस तरह फैल गया कि इससे हर दूसरा व्यक्ति संक्रमित होने लगा। 

अपना बचाव कैसे करे :-

इस बीमारी से बचने के  लिए दुनिया भर के सदस्यों ने अनेक उपाय सुझाए हैं। सबसे पहले अपने हाथ साबुन से बार-बार धोते रहे  जहां तक संभव हो घर से बाहर ना निकले, और निकलना पडे तो 5 फुट की दूरी अवश्य बनाकर रखें। बीमारी की पहचान करने के लिए ब्लड टेस्ट और नाक और मुंह कुछ सैंपल लेकर टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए यह जानने की कोशिश की जाती है कि मरीज के शरीर में वायरल डीएनए वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज की मौजूदगी है या नहीं।
अगर  किसी व्यक्ति को इसके लक्षण दिखाई दे तो उसको नियंत्रित करने के लिए दवाइयां दी जाती है और आराम करने की सलाह दी जाती है। कोरोना पोजिटिव को अलग से रूम में रहने की हिदायत भी दी जाती है।
 इंसान को इंसान में प्रसार तब होता है, जब क्रोना से पीड़ित व्यक्ति को खांसी या छिंक आ रह हो तो आप ऐसे वयकित 3 फिट की दुरी बनायें रखें। ऐसा होने पर अपने हाथों को कम से कम 15 सेकंड तक साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। अगर साबुन या पानी ना हो तो साथ में एल्कोहल बेस्ड हैंड सेनीटाइजर से भी हाथ साफ कर सकते हैं। सैनिटाइजर में 60% एल्कोहल होना चाहिए। हालांकि सैनिटाइजर की बजाय साबुन और पानी से हाथ धोने ज्यादा बेहतर उपाय है क्योंकि साबुन और पानी माइक्रोक्रोबस को मारने में ज्यादा सक्षम है। 
  यह वायरस कुई घंटे तक दूसरे स्थानों तक अलग समय तक जीवित रहता है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह वायरस 24 घंटे तक भी जीवित रह सकता है। तांबे पर 4 घंटे तक, स्टील व प्लास्टिक पर 3 दिन तक जीवित रह सकता है। ऐसा हमारे वैज्ञानिकों ने दावा किया है।
 इस बिमारी  ने पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले लिए हैं। हर दिन  कई हजार  मामले सामने आते हैं।  ठीक वैसे ही जैसे इटली और चीन में आ रहे थे।
 इस इंफेक्शन के या तो कोई लक्षण नजर नहीं आते या फिर बेहद कम नजर आते हैं। अगर आपको कुछ भी लक्षण दिखाई दें तो इस इंफेक्शन के लक्षणों को देखने के बाद एक से लेकर 14 दिन तक अलग ही किसी कमरे में रहें ताकि आपका परिवार सुरक्षित रह सके।
 बुखार और खांसी बाद में गिल्ली खांसी छाती में होने वाली सुखी खांसी बन जाती है, सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, सुंघने और स्वाद लेने की शक्ति अचानक खत्म हो जाती है। 
बीमारी के लक्षण इंफेक्शन की वजह से अलग अलग हो सकते हैं, जैसे  सिर दर्द,  गले में दर्द, थकान महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द होना, नाक से पानी आना, छाती में कफ जमा होना,अगर  ऐसे कुछ लक्षण
 नजर आए हैं कुछ लोगों में देखने में  मिले है जैसे  पेट में दर्द,  डायरिया, उल्टी आना, निमोनिया ,जी मिचलाना सांस लेने में  दिक्कत,  जीभ व होठों को नीला पढ़ना, दौरे पड़ना, शरीर के कई अंगों का काम करना बदं कर देना और फिर मौत हो जाना।
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज या दिल की बीमारी जैसे रोग हैं उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और अगर कोई व्यक्ति 60 साल से अधिक उम्र का है और छोटा बच्चा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को यह बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसके बावजूद यह बीमारी हर उम्र के लोगों को बहुत प्रभावित कर रही है।

 बचाव :-
इस वक्त को बीमारी का कोई इलाज  या टिका मौजूद नहीं है। बचाव और रोकथाम के लिए  इस बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है। जहां तक इस बीमारी से बचने के लिए बनाए जाने वाले उपायों की बात है तो इस वायरस की पहुंच को कम  करने के लिये सोशल डिस्टेंसिंग यानी लोगों से दूर रहना और अपनी साफ सफाई का ध्यान रखना सबसे बेहद जरूरी है।
 कोविड-19 से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने भी कई सुझाव दिए हैं, जिनमें से कुछ ऐसे हैं भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचे खासकर तब जब आपकी उम्र  50 साल से अधिक हो। अगर आप कमजोर हो या किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हो तो आप घर पर ही रहे बहुत जरूरी यात्रा हो तभी कोई यात्रा करें। अगर किसी व्यक्ति को खांसी आ रही हो तो उस से दूरी बनाकर रखें। थोड़ी थोड़ी देर अपने हाथों को साबुन से और पानी से अच्छी तरह धोएं ।आजकल हाथ साफ करने के बहुत सारे बेस्ड हैंड सेनीटाइजर मिल रहे हैं उनका भी उपयोग कर सकते हैं। अगर आपके पास उनका उपयोग करने के लिए पैसे नहीं है तो आप साबुन और पानी से हाथ धोले। यह औरो की तुलना में कम महंगा है  और हाथ ज्यादा गंदे हैं तो आप हाथों को सेनीटाईजर  कर सकते हैं। जब आप बाहर जा रहे हो तो किसी चीज को छूने के बाद तक बिल्कुल भी हाथों से ना छुऐ क्योंकि यह वायरस छूने से सीधे शरीर के अंदर प्रवेश करता है। खांसते  वक्त अपने हाथ मुंह पर ना रखें  इनकी जगह का टीशु पेपर इस्तेमाल करें और उसे किसी डस्टबिन में डाल दें।
 जहां तक संभव हो आप सवस्थ रहने के लिए एक्सरसाइज करें।
 योग करने से इस दौरान होने वाली  चिंता में मदद मिलती है।
घर का जरूरी सामान को लाने के लिए बार बार घर से बाहर ना जाए हो सके तो एक बार में ही घर का सामान खरीदे या ऑनलाइन मंगवा लें ।
अपने घर को सप्ताह में एक बार अवश्य नियमित रूप से साफ कर लें। अगर आप अकेले रहते हैं तो आप आपातकालीन नंबरों की लिस्ट हमेशा अपने पास रखें और उनसे संपर्क बनाएं। अगर आपको कभी कोरोना वायरस  के लक्षण नजर आए तो परेशान ना हो ए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।अगर आपको किसी भी प्रकार की बीमारी है तो आप उस हॉस्पिटल जाने की बजाय घर पर रहकर ही अपना इलाज डॉक्टर से सलाह  लेकर करें।
 बच्चों के लिए सावधानियां:-
छोटे  बच्चों के खिलौने को गर्म पानी से धोएं। फल और सब्जियों को भी बाजार में लाने से बाद गरम पानी और नमक वाले पानी मिलाकर धोये। 
 
कोविड-19 बीमारी की पहचान दो तरह से होती हैं ब्लड टेस्ट और 
आरटी पीसीआर टेस्ट 
इनको दोनों  टेस्ट खून के द्वारा लिया जाता है, और दूसरा टेस्ट और मुंह के मुंह से लिया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार इसके लक्षण अगर आपको दिखाई दें तो सारा दिन लिक्विड पदार्थों का सेवन करना चाहिए ताकि शरीर में फ्लूइड का संतुलन बना रहे और साथ में आराम करें, ताकि आप बीमारी से जल्दी ठीक हो जाए।
 अपने आसपास मौजूद लोगों से खुद को पूरी तरह अलग से आइसोलेट कर ले। स्वास्थ्य संगठन का भी यही सुझाव है अगर किसी व्यक्ति को खांसी और बुखार हो तो आप उससे कम से कम 5 फुट की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अगर आप खुद बीमार है तो आप आसपास के लोगों को संगठित करने के बजाय उन को मास्क पहनना चाहिए। एंटीवायरल दवाइयां आपको इस बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हैं। वह इस वायरस को मार तो नहीं  सकती पर आपके शरीर  को इससे लडने के  लिए सक्षम बना देती हैं।  वैसे इन दवाइयों के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते इसलिए जब तक हो सके इन दवाइयों का सेवन जरूर करना चाहिए।
 अगर किसी मरीज की सांस फूल रही है उसको तुरंत हॉस्पिटल में ले जाएं इसके लिए बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें ।ताकि बिमारी को कम किया जा सके। निमोनिया होने का खतरा है या नहीं इस बात को ध्यान में रखते  हुए एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती है। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है उनका इलाज पुरानी बीमारी और उनके हालात देखकर ही किया जाता है डॉक्टर उस वक्त यह फैसला करते हैं कि मरीज की हालत किस तरह की है और इस समय उनको बदलाव की जरूरत है या नहीं डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को क्रॉनिक डिजीज आनी दीर्घकालिक बीमारियां कहा जाता है। क्योंकि इन बीमारियों को नियंत्रण करने के लिए जीवन भर दवाइयां खानी पड़ती हैं। इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य माने और अपना ध्यान खुद रखें और अपने परिवार को अगर आप सुरक्षित रखना चाहते हैं तो कुछ भी लक्षण आते ही अपने आप को खुद ही आइसोलेट कर लें और अपने परिवार से दूरी बनाकर रखें।


डॉक्टरों की राय के अनुसार आप सब कोरोना घर पर इलाज
कैसे करे:-

1. पेरासिटामोल टैबलेट
2. माउथवॉश और गार्गल के लिए बीडाडीन गार्गल
3. विटामिन सी और डी टैबलेट
4. बी कॉम्प्लेक्स
5. भाप लेने के लिए कैप्सूल
6. पल्स ऑक्समीटर
7. ऑक्सीजन सिलेंडर (केवल आपातकाल के लिए)
8. गहरी साँस लेने के व्यायाम करें

कोरोना के पहले तीन चरण:-
1. नाक में केवल कोरोना - वसूली का समय दिन में आधा है, इसमें आमतौर पर बुखार नहीं होता है और इसे स्पर्शोन्मुख कहा जाता है। ऐसी स्थिति में क्या करें: - भाप लें और विटामिन सी लें

2. गले में खराश - वसूली का समय 1 दिन है। इसमें क्या करें: - गर्म पानी पिएं, गर्म पानी पिएं, बुखार होने पर पिएं। पेरासिटामोल टैबलेट लें। गंभीर होने पर विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स और एंटीबायोटिक दवा लें

3. फेफड़ों में खांसी- 4 से 5 दिनों में खांसी और सांस फूलना; गर्म पानी से गरारे करें, पीने के लिए गर्म पानी लें, विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, पेरासिटामोल लें और गुनगुने पानी के साथ नींबू का सेवन करें। एक ऑक्सीमीटर के साथ अपने ऑक्सीजन के स्तर की जाँच करते रहें। यदि आपके पास ऑक्सीमीटर नहीं है, तो आप किसी भी दवा की दुकान पर कॉल कर सकते हैं और होम डिलीवरी ले सकते हैं या पीएमसीएच में कॉल कर सकते हैं। गहरी साँस लेने के व्यायाम करें।
यदि समस्या गंभीर है, तो ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए पूछें और ऑनलाइन डॉक्टर से परामर्श करें। अस्पताल जाने के लिए चरण: ऑक्सीमीटर के साथ अपने ऑक्सीजन स्तर की जाँच की। यदि आपका तापमान 92 (सामान्य 98-100) के पास चला जाता है और आपको कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं: - जैसे बुखार, सांस की तकलीफ, सर्दी, सूखी खांसी आदि। तब आपको ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है। इसके लिए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य देखभाल केंद्र से संपर्क करें और अपने डॉक्टर की सलाह से इलाज शुरू करें। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें कृपया अपने परिवार और समाज का ध्यान रखें घर और सुरक्षित रहें।

कोरोनोवायरस का पीएच 5.5 से 8.5 तक होता है। इसलिए, वायरस को मिटाने के लिए, हमें बस इतना करना है कि वायरस की अम्लता के स्तर से अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे: - केला, हरा नींबू , पीला नींबू - पीएच एवोकैडो - लहसुन , मैंगो ,संतरे और कीवी आदि।

कैसे पता करें कि क्या आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं .....?

1. गला सूखना, सूखी खाँसी, उच्च शरीर का तापमान, सांस की तकलीफ होना,. गंध को सूंघने की शक्ति कम होना।
यदि स्वाद की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। गर्म पानी के साथ नींबू पीने से फेफड़ों में पहुंचने से पहले वायरस को मार दिया जाता है।

घर का बना काढ़ा बनाकर पिएं: -
काढ़ा बनाने के लिए सामग्री:-
घर पर काढा बनाने के लिए तुलसी अदरक, काली मिर्च ,लौंग, बड़ी इलायची, दालचीनी ,अजवाइन और तेजपत्ता,और कुछ थोडा शहद मिला ले ।यह काढा घर पर बहुत आसानी से तैयार कर सकते हो ।आप इसे थोड़ा ठंडा होने पर थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद जरूर पिये यह बहुत गुणकारी काढा है।

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