पिरिडयस को कम कैसे करे || मासिक धर्म के लिए घरेलू उपाय | home remedies to get relief from menstruation |


Tittle- हैैैवी पिरिडयस को कम करने के लिए घरेलू उपाय- हैवी पिरीयडस ( जयादा रक्तस्राव ) बढ़ती उम्र में औरतों के लिए यह एक आम समस्या है। इसको हम आम बोलचाल की भाषा में मैनोरेजीया कहते हैं। इसमें पिरियडस असामान्य रूप से जरूरत से ज्यादा खुन बहना या कई दिन तक पिरिडयस चलते रहते है। कई बार खुन का बहाव इतना ज्यादा बढ़ जाता है ,कि हमें कई बार पैड चेंज करने पड़ते हैं, और इस तरह हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पनप जाती है। कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे पेट के नीचे निचले हिस्से में पेट दर्द, लगातार दर्द होना, थकान, सांस फूलना ,सिर दर्द, उल्टी मुड में बदलाव आना, यह सब समस्या देखने को मिलती हैं, हालांकि किशोर बच्चों में यह समस्या बहुत कम होती है, और यह समस्या रजनोवृति के आसपास सबसे ज्यादा पैदा होती हैं। 
मासिक धर्म में अनियमितता के कई कारण और वज़ह हो सकती हैं जैसे- शरीर में असंतुलन हार्मोन का बढ़ना, फाइब्रॉईड, मिसकैरेज, या एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। और कई बार coperti भी इसकी वजह होती है। मासिक धर्म में अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण हमारी जीवन की गतिविधियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और इसकी स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है । इसके कारण आयरन और अनिमिया की कमी हो जाती है। इस लेख में कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे है जिन्हें इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

 हैवी पिरीयडस से बचने के लिए घेरेलू और आयुर्वेदिक उपाय:- 

सेब का सिरका-
सेब का सिरका इस समस्या मैं बहुत लाभदायक है। सेब के सिरका को आप सुबह शयाम एक ,एक चम्मच खाली पेट ले, यह हमारी समस्या काफी हद तक कम कर सकता है। 

मेथी का प्रयोग-
सबसे पहले एक छोटी चम्मच मेथी के बीज को दो कप पानी में मिला लें। इसे तब तक उबालें जब तक मिश्रण आधा न हो जाए। अब इस मिश्रण को छान लें और फिर छानने के बाद इसमें कुछ मात्रा में शहद मिलाएं। गुनगुने मिश्रण को पी जाएं और पीरियड्स के दौरान भी इसे पूरे दिन में दो से तीन बार पियें। यह काढा बहुत उपयोगी है इस समस्या के लिए। 

दालचीनी का प्रयोग-


सबसे पहले एक छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर को एक कप गर्म पानी में मिला लें।कुछ देर के लिए इस मिश्रण को उबालने को रख दें।उबलने के बाद मिश्रण में शहद मिलाएं और पूरे दिन में दो बार इस मिश्रण को पियें।

बबलू का गोंद-

पीरियड्स के दौरान जब ज्यादा ब्लीडिंग होती है। इस तरह की समस्या होने पर बबूल का गोंद को घी में भून कर पीस लें अब इसमें बराबर वजन में असली सोना गेरू पीसकर मिला कर तीन बार छान कर शीशी में भर लें। पिरिडयस सुबह शाम एक चम्मच चूर्ण ताजे पानी के साथ लेने से बहुत ज्यादा माहवारी होना बन्द हो जाता है।

केले के फुल-

पके हुए केले के फूल के साथ दही का एक कप खाने से प्रोजेस्टेरोन बढ़ने लगता है, जिससे हैवी ब्लीडिंग पर कंट्रोल में मदद मिलती है। हैवी ब्लीडिंग के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक असरकारक उपाय है।
  
अशोक की छाल-

पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग को रोकने के अशोक की छाल सबसे बेहतर उपाय आयुर्वेद में भी इस फार्मूले का जिक्र है। इसे इस्तेमाल करने के लिए लगभग 50 ग्राम अशोक की छाल को 2 कप पानी में तब तक उबालें जब तक कि यह आधा बच जाये। इस काढ़े को ठंडा होने पर प्रतिदिन एक  पीने से जल्दी फायदा होता है।

मैग्नीशियम फुडस-

 एक अध्ययन से पता चला है कि पीरियड्स में हैवी पीरियड्स का एक सबसे बड़ा और आम कारण मैग्नीशियम की कमी है। इसलिए तिल के बीज, तरबूज के बीज, जई, कोको, कद्दू, स्क्वैश और मैग्नीशियम युक्त अन्य फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। मैग्‍नीशियम पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है।

इमली -

इमली में फाइबर और एंटीऑक्सीडैंट्स होते हैं। जो खून को जमा देते हैं और ज्यादा ब्लीडिंग को होने से रोकते हैं। अगर आपको लगे की ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है, तो इमली का एक टुकड़ा जरूर खा लें। 

 पपीता-

 पपीते को पीरियड्स होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कच्चे पपीते के सेवन से पीरियड्स के दिनों में ज्यादा ब्लड फ्लो नहीं होता है। इन दिनों में आप कच्चे पपीते को खा सकती हैं। 

शीशम के पत्तो का रस -

शिशम के पत्तो को घोकर मिक्सी में पीसकर रस निकाल ले। और उसको छानकर हर रोज़ आधा गिलास हर रोज़ पिये । आयुर्वेद के अनुसार यह रस हैवी पिरीयडस और utras के लिए बहुत उपयोगी है। 

कच्चे धागे वाली मिसरी-

यह मिसरी बहुत आसानी बाजार में मिल जाती है,  इस मिसरी को आप सुबह शयाम दुध के साथ एक चम्मच ले।
 यह उपाय बहुत उपयोगी है।

अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो आप कोई भी घेरेलू उपाय कर
सकते हैं। अगर आपकी समस्या बहुत जयादा बढ रही हो तो अपने डाक्टर से सलाह जरूर करें । कयोंकि कई बार इस समस्या की वज़ह कोई भयंकर बिमारी भी हो सकती है, इसलिए महिलाएं अपनी ऐसी बिमारी को लेकर शरमाये नही अपने डाक्टर से खुल कर बात करे। 

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