गले के लिए घरेलू उपाय | गले की खराश को कैसे ठीक करें | सर्दी में गले के लिए कया परहेज करे | home remedies for tonsils |


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 की खराश और बीमारी
के लिए घरेलू उपाय- गले में इन्फेक्शन  होना एक आम बीमारी है। मौसम के बदलाव होने के कारण लोगों को सर्दी, जुकाम एवं गले में दर्द या संक्रमण बहुत जल्दी हो जाता है। बदलते मौसम में उचित देखभाल ना करने पर व्यक्ति आसानी से इन रोगों की चपेट में आ जाता है। जब भी किसी व्यक्ति के गले में संक्रमण होता है तो गले में दर्द एवं खराश के कारण व्यक्ति को कुछ भी निगलने में कठिनाई होती है।
अगर आप कुछ घेरेलू उपाय करें तो इस समस्या से बच सकते हो। हम आज आपके साथ कुछ ऐसे उपाय शेयर कर रहे है जिनको आप घर पर कर सकते हो।

गले के संक्रमण के लक्षण:------

गले में दर्द और खराश होना।

निगलने में दर्द एवं कठिनाई होना।

टॉन्सिल में सूजन और दर्द।

आवाज में कर्कशता।

बुखार और खाँसी भी हो सकते हैं।

गले का लगातार सूखना।

जबड़े गर्दन ,कान और सिर में दर्द होना।


 गले के लिए घेरेलू उपाय ----

गले की बीमारियों का इलाज गला , जीभ और मुँह
हमारे गले के कंठ के ऊपर एक मांस का टुकड़ा लटका रहता है जिसे हम जिसे हम कौवा या कगला भी कहते हैं। एक शोध के अनुसार यहां पर संक्रमण होने के कारण खांसी गले में दर्द खांसी गले में दर्द और खारिश ,खांसी गले में दर्द और खारिश की तकलीफ अधिक बढ़ जाती है।
यह भी पढ़े- सर्दी के मौसम में त्वचा की देखभाल कैसे करें
मुलेठी का प्रयोग-----
मुलेठी गले की समस्याओं के लिए अमृत के समान है। मुलेठी की छोटी-सी गाँठ को कुछ देर मुंह में रखकर चबाएँ। इससे गले की खराश दूर होती है, और दर्द तथा सूजन से राहत मिलती है।

सेब का सिरका------


गरम पानी में 2 चम्मच सेब के सिरके को डाल कर पिएँ। सेब के सिरके में मौजूद अम्लीय गुण गले में स्थित बैक्टेरिया को मार देते हैं।
एक कप गर्म पानी में एक चम्मच नमक और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर गरारे करें।

दाल चीनी  ----
मुंह में छाले होने पर लोंग को चबा चबा कर ठोक दे यह प्रयोग जब तक छाले ठीक ना हो चार-पांच दिन तक लगातार करें ।

मुंह में छाले होने पर सूखे धनिया को गर्म पानी में डालकर उबाल लें और ठंडा कर लें अब इसको बिना जाने ही इस पानी से कुल्ला करने से दो-तीन दिन में ही मुँह के छाले ठीक हो जाते है।

नींबू का रस ---
नींबू के रस के साथ पानी मे नमक मिलाकर कुछ दिन तक गरारे करने से गला साफ हो जाता है ।

अंजीर---
अंजीर को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। पानी आधा रह जाए तो छानकर गर्म-गर्म ही पिएँ। यह प्रयोग दिन में दो बार करने से निश्चित ही आराम मिलता है।

तुलसी----


दो गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियाँ, और 4-5 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बना लें। दिन में दो बार इस काढ़े का सेवन करें।

होठों के घेरेलू उपाय-----
होट फट गए हो तो स्नान के समय नाभी में तथा नाभी के पास सरसों का तेल लगाए या गुलाब जल , मधु और केसर पीस कर मिलाकर होठों पर लगाए ।

गला बैठ जाने पर कया करे-

सदा उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पीना, आयोडीनयुक्त खाध पदार्थों का अधिक प्रयोग करना चाहिये ।

एक समान मात्रा में बनशा , छोटी सौंफ , काली मुनक्काकाली मिर्च व अनार के दाने पानी में उबालकर काढा बना लीजिए । इसे छानकर थोड़ी सी शहद अथवा मिश्री के साथ सुबह - शाम सेवन किजिए ।

छोटी इलायची के दाने ,लौंग व कस्तूरी की समान मात्रा पीसकर मिश्रण बनाइए । इसकी एक चुटकी शहब शुद्ध घी के साय नियमित रूप से सुबह शाम सेवन करे ।

कूजा मिश्री मुंह में रखकर चूसने से लाभ होता है खरबूजा , ककड़ी : तरबूज के बीजों के कुछ दाने काली मिर्च व छोटी इलायची के साथ पीसकर चूर्ण बनाइए ।
प्रतिदिन दो - तीन बार इस चूर्ण का बकरी के दूध के साथ सेवन करने से आवाज सुरीली और स्मरण शक्त्ति तीव्र होती है ।

दूध में कुछ बूंदे बादामरोगन मिलाकर पीने अथया भोजन के उपरांत मामूली मात्रा में शुद्ध घी में पिसी हुई कालीमिर्च का मिश्रण चाटे

आवाज मधुर बनाने तथा सिरदर्द , पुरानी खांसी , नजला आदि उपचार हेतु भी मुलहठी व कालीमिर्च 25-20 तथा 50 ग्राम मिश्री एक साथ पीस लें शहद की चार - पाच बूंदों के साथ सुबह - शाम लीजिए ।

अदरक की बड़ी गांठ अंदर से खाली कर उसमें थोड़ा सा नमक व हींग रखिए . इसे हल्की आंच पर सूर्ख होने तक रोकिए व पीस लीजिए दोनों समय भोजन के बाद इसकी चुटकी भर मात्रा का सेवन काफी लाभदायक सिद्ध होगा ।

गले की खराशः चाय की बची हुई पत्ती जहां पेड़ - पौधों के लिए बेहतर खाद का कार्य करती है वहीं गर्म पानी में डाल कर गरारे करने से गले की खराश भी ठीक हो जाती हैं ।

गले में दर्द : - गले में दर्द होने पर गर्म पानी में चाय की चम्मच व दो पिसी लोंग डाल कर कुल्ला करने से लाभ होता है।

 अगर गले में दर्द हो,गला बैठा हो गले में लाली होने पर एक गिलास गर्म पानी में नमक और सेंधा नमक मिलाकर आधा चम्मच नींबू निचोड़कर सुबह-शाम गरारे करने से यह समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।

पानी में नींबू का रस और नमक मिलाकर इससे गरारे करने से कुछ ही दिनों में गला अंदर तक साफ हो जाता है।

अगर मुंह में छाले हो गए हो तो गुलाब के फूलों को उबालकर ठंडा कर लें फिर इस पानी से कुल्ला करें ऐसा करने से बहुत जल्दी राहत मिलेगी।

यदि गले की आवाज बैठ गई हो तो एक कप गर्म पानी में चम्मच शहद डालकर गरारे कीजिए इससे आवाज खुल जाती है।

बदल रहे इस मौसम गले में होने वाली बीमारी बच्चों और युवाओं को आसानी से घेर लेती हैं।आम बोलचाल की भाषा में इस बीमारी को टॉन्सिल, कंठशोध, गर्लग्रंथीशोध व तुणिडकेरी भी कहा जाता है।

मुह के पश्चिम हिस्से में जीभ के निचले वाले भाग में कपास के फल जैसी दो ग्रंथियां होती हैं जो शरीर में होने वाले इन्फेक्शन से यह रक्षा भी करती हैं। तालु की जड़ के दोनों एक और बादाम के समान दिखने वाली ग्रंथि अधिक गर्म लाल होकर सुज जाती हैं तो उसे हम टोसिंल कहते हैं।

सामान्य उपचार में सबसे पहले रोगी को गर्म पानी में नमक डालकर कम से कम दिन में दो-तीन बार गरारे जरूर करना चाहिए अमृतधारा और देसी घी मिलाकर गले के बाहर धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए ऐसा करने से दिन में दो-तीन बार में राहत मिलती है।
खट्टे खाद पदार्थों से हमेशा बचे रहें दिन में एक बार गिलास गर्म पानी 6 ग्राम हल्दी चूर्ण मिलाकर लगातार कुछ दिन गरारे करने से राहत मिलती है ।
गले के रोगी को विटामिन-सी की एक गोली व बच्चों का आधी सेवन करने से बहुत जल्दी राहत मिलती है।


गले में दर्द की समस्या होने पर क्या करे और कया ना करे---

ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

कम से कम बोलें।

यदि आपके गले में दर्द के साथ-साथ नाक भी बंद है तो सोते समय अपनी गर्दन के नीचे तकिया रखें, ताकि सांस लेने में कठिनाई ना हो।

आस-पास का माहौल साफ-सुथरा रखें और खाना खाने से पहले साबुन से हाथ साफ करें।

अपने मुहँ की सफाई का भरपूर ध्यान रखें। जीभ को ज्यादा साफ ना करें। ज्यादा रगड़ने से जीभ छिल सकती है, जिससे गले में कष्ट हो सकता है।
एक-दूसरे का झुठा ना खाएं।

चिल्लाने से बचें नहीं तो गले में सूजन बढ़ सकती है।

एक ही बर्तन जैसे चम्मच व ग्लास का उपयोग बिना धोए ना करें।

संतरे और अन्य रस व फल अम्लीय (खट्टे) होते हैं। इसका सेवन करने से गले का दर्द और बद्तर हो जाता है।

मिर्च, सॉस और जायफल, ठंडे पदार्थ  जैसे मसाले गले में दर्द की स्थिति को और खराब कर सकते हैं।

पेय पदार्थ और माउथ फ्रेशनर या माउथवॉश, जिनमें एल्कोहल होता है। वे संक्रमित गले में एक चुभने वाली तकलीफ शुरू कर सकते हैं।

जो लोग धूम्रपान आदि का सेवन करते हैं, उन लोगों को कुछ समय के लिए धूम्रपान, तम्बाकू आदि को छोड़ देना चाहिए।

जिन खाद्य पदार्थों के नुकीले किनारे होते हैं जैसे- बिस्कुट, कुरकुरे, अखरोट आदि का सेवन नहीं करें।

ठण्डे पेय पदार्थ जैसे- कोल्ड ड्रिंक्स, आईसक्रीम आदि का सेवन ना करें।

तेज आवाज में बात ना करें।

जंक फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर आदि का सेवन ना करें।

कैफीन और शराब का सेवन ना करें। इससे आपके गले की समस्या बढ़ सकती है, और शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

गले के दर्द की समस्या कई बार मौसमी होती है, लेकिन कई बार यह बैक्टीरिया और वायरस की देन भी होती है। गले का दर्द बहुत ही बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को बुखार, सर्दी-जुकाम, कान दर्द, गले या मुंह के कैन्सर जैसी गम्भीर बीमारी होती है तो उसे भी गले का दर्द होता है। सही समय पर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो बीमारी काफी कष्टदायी हो जाती है। इसलिए अगर यह समस्या ज्यादा दिनों तक बनी रहे तो इसके लिए अपने डॉक्टर से जरूर सलाह करे। क्योंकि हो सकता है कोई गंभीर बीमारी ना हो इसलिए अपने डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है।

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