how to tolerate an alkholic



शराब कैसे छोडें और छुडवाये 

मेरा यह टोपिक उन परिवार और पत्नियो के लिये है जो अपने किसी शराबी इन्सान के उस रिशते से  बहुत तगं है,  जो बहुत जयादा शराब पिता है।इस समय हमें क्या करना चाहिए और क्या न करे । कयोकी जरुरत से जयादा शराब पिना एक बिमारी है। 

शराबीपन की परिस्थिति से निपटने के लिए हमे अपने तरीके और सोच को बदलना होगा यह तभी संभव है जब हम शराबी मनुष्य की मजबूरी समझते हो और उसका इतनी बुरी तरह शराब पिना एक मानसिक बीमारी है। 

कुछ लोग बहुत कम शराब  पीते हैं या शाम होते ही शराब के बिना रह ही नहीं सकते .वह एक बीमारी का शिकार व्यक्ति है .उसे हम सधारण भाषा में शराबी पन कह सकते हैं .इस बात की समस्या बहुत सारे लोगों के साथ हैं .बहुत सारे परिवार इस समस्या से जूझ रहे हैं इसमें उनके बच्चे,परिवार,मां-बाप,पत्नी बहुत लोग इस तकलीफ से गुजरते हैं , और समझ नहीं पाते यह शराबी इस तरह क्यों करता है।
क्योंकि शराबी जिद्दी हो जाता है.उसको सहन करना मुश्किल हो जाता है, और यह समस्या बहुत सारे परिवारों में देखने को मिल जाएगी. मेरा यह टॉपिक उन्हीं लोगों के लिए हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं ,

 आइय आज विस्तार से बात करते है कि शराबी व्यक्ती के साथ कैसे बरताव करे। यह समस्या  बहुत सारे लोगों की हो सकती है। इसलिए ही मैं यह बात आपके साथ भी शेयर करना चाहती हूं, किस तरह से जीए शराबी के साथ रहें और कैसे उसके साथ बर्ताव करें और कैसे उसको झेले शराबी  इन्सान को ,सबसे पहले आपको यह मानना पडेगा कि वह एक बीमारी का शिकार है, पर हम नहीं.
यह समस्या हमारे बस से बाहर है इस समस्या को छोड़कर अपने लिए जीना सीखो शराबी के साथ 1 दिन में एक बार ही जिया जा सकता है।
इस topic को लिखने का मकसद यही है कि हमें अपने लिए भी जीना है ना की शराबी के लिए 1 दिन में एक ही बार शराबी के साथ जीवन है हमारे लिए ।
 शराबी जो कुछ भी करता है वह जानबूझकर नहीं करता.वह उस बीमारी के कारण करता है, उसको पता ही नहीं होता वह क्या कर रहा है। वह तो नशे की धुन में धुत होता है .उसके बस से बाहर है, यह बीमारी है बस इस बात को समझने की कोशिश करो कि वह बीमार व्यक्ति है पर आप और हम नहीं। 
सबसे पहलेेे हम इस बात को समझना होगा कि शराब पीना एक बीमारी है ।हमे स्वीकार करना होगा कि हम इस बीमारी के ऊपर शक्तिहीन हैं। परंतु हमें इनको अपने दिल और दिमाग में इतनी गहराई तक उतारना होगा कि उनकी छाप छोड़नी होगी जब तक कि हमारे सोचने समझने का हिस्सा ना बन जाए तब तक हम अपने ऊपर इनको हावी ना होने दें।
सबसे पहले इस बात को हजार बार पढ़े और दौहराये फिर उस बात को स्वीकार करें और अपने व्यवहार में उतारें अगर हम वास्तव में इस सच्चाई को स्वीकार करते हैं कि किसी दूसरे इंसान पर ना तो मेरा अधिकार है ना ही जोर है. तो हम शराबी से अपनी मर्जी मनवाने की कोशिश भी नहीं करें।
 क्या मैंने स्थिति को हासिल कर लिया है क्या मैं अपनी समस्या को छोड़ने के लिए तैयार हूं क्या मैं इस बात के लिए तैयार हूं कि शराबी मेरे बस में नहीं है।इस बात बैठकर ठंडे दिमाग से सोचे।

पत्नीयो के लिए सबसे अच्छा massage।

मैं उसकी भगवान नहीं हूं, शराबीपन एक बीमारी है यह बात हम बार-बार सुनते हैं ,पर हम में से अधिकतर यही मानना बहुत कठिन होता है क्योंकि हम शराबी को किसी कीटाणु वायरस से जुड़ी हुई अन्य सम्मानजनक बीमारियों की तरह नहीं मानते।
फिर भी हम अब अपने आप को संभालने में एक अच्छी तरक्की करेंगे। अगर हम एक बार यह मान लें कि यह एक शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक बीमारी है, जो केवल किसी एक कारण से नहीं होती ।
हम इसे रोक नहीं सकते जैसे किसी बीमार व्यक्ति को हम ठीक नहीं कर सकते कैंसर या कोई और भयंकर बीमारी हो उस पर हम कोई काबू नहीं कर सकते। उसी प्रकार बेकाबू होकर शराब पीना शराबी की भी आंतरिक पिड़ा है। वह अगर ऐसा ही चलता रहता है ।यह बदतर होती हुई स्थिति का एक विनाशकारी चक्कर बन जाता है। अगर मैं किसी की मदद करने के लिए तैयार होना चाहती हूं सबसे पहले हमें यह मानना होगा कि वह एक बीमारी का शिकार है।

 हमें यह जिद छोड़नी होगी कि  शराबी हमारी जिद में आकर शराब पीना छोड़ देगा नहीं यह हमें सवीकार करना होगा और भगवान के आगे समर्पण करना होगा कि मैं अपनी जीद को छोड़कर और भगवान की इच्छा और मदद को स्वीकार करना सीख लूंगी।क्योंकि शराबी पर मेरा किसी तरह का जोर नहीं है।
वह शराबी पन की बीमारी का शिकार है,और मैं उसकी भगवान नहीं हूँ.
इस बात को स्वीकार करने का मतलब यह नहीं कि हम हार मान चुके हैं बल्कि यह सोचना होगा कि कुछ चीजें जो हम बदल नहीं सकते उनको स्वीकार करने में ही भला है।
अपने आपको इसे दूर करके एक नई शुरुआत करें और अपनी शक्ति को बचाकर उन चीजों को काम करने में लगा दो जिन्हें हम बदल सकते हैं। और यह जिद करना छोड़ दो कि मैं शराबी को सुधार सकती हूं ,नहीं हम उनको सुधार नहीं सकते क्योंकि वह एक बीमारी का शिकार है। यह स्वीकार करना इतना भी मुश्किल नहीं है कि हम शराबी को सहन कर सकते हैं।
शराब और शराबी पर इन दोनों पर कोई काबू नहीं है। इसी तरह कोई भी शराबी पीने पर काबू नहीं कर सकता .परंतु हमें वह शक्ति है जो हमें परमात्मा से मिली हैं,और वह सहनशक्ति अपने आप पर काबू करना है, और हम खुद को काबु कर सकते है पर दुसरो को नहीं चाहे वह किसी भी प्रकार का नशा करता हो।
हम अपनी जिंदगी को बदल सकते हैं,इस बात सवीकार करना होगा कि बिमारी पर हमारा कोई जोर नहीं है खुद भी जीऔ और दुसरो को भी जीने दो ।

बोतल का दोष-


शराबी के साथ रहते हुए हमारी सोच इस तरह की हो जाती है कि हम सब समस्याओ के लिए बोतल  को ही दोषी मानने लग जाते है।
कई बार तो हम इस हद तक सोचते है कि शराबी शराब पिनी बंद करे तब हमे जिंदगी में बहुत सारी खुशिया मिल सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नही होता।
आप में से बहुत सारे परिवार ऐसे भी देखे होगे, जो शराब को टच भी नही करते ,लेकिन फिर भी वो लोग दुखी है। तकलीफ के कुछ भी कारण हो सकते है.अब हमे यह सीखना है कि शराबी ही हमारी मुश्किलो का अकेला दोषी नही है ,कुछ हद तक हम भी अपना गलत रवैया अपनाकर समस्या को पैदा करने और बढाने मे हिस्सेदार है अब हमे अपनी जो गलतिया हम आज तक शराबी के साथ मिलकर करते आये है  सबसे पहले उन्हें सुधारना होगा। 

गलती को स्वीकार करना मतलब भगवान् को स्वीकार  करने के  बराबर है।अब हम अपनी मुसीबतो के लिए या किस्मत खराब के लिए किसी और को बली का बकरा नही बनाएँगे। 
क्या हम सब मे से कोई आज तक किसी भी शराबी को धिक्कार कर या उसको नीचा दिखाकर ठीक कर सका है।क्या हमने कभी शराबी के मन मे कभी झाँक कर उसके कष्टो की सच्चाई जानने की कोशिश की है.,नही हम सब बस शराबी को दोषी  साबित करने मे लगे हुए होते हैं।
यह हर उस घर की कहानी है जहां शराबी शराब पिकर जब अपनी दिल की भड़ास निकालना चाहता है,पर उसकी  सुनने वाला कोई नही होता ।
फिर उसके पास बोतल के सिवा कोई और साथी नही होता। जिसके साथ वो अपने दुख बाँट सके इसलिए हम हर बार अपने दुखों के लिए शराबी की बोतल को दोष ना दे ।
     
  यह अधिकार किसी को नही की शराबी को जबरदस्ती काबू मे करने की कोशिश करे चाहे माँ बाप हो या बीवी, बच्चे हो आप के ऐसा करने से परिस्थितिया और बिगड़ सकती है लेकिन शराबी ऐसे कभी सुधरते नही।
हमारे साथ अच्छा, बुरा जो भी होता है वो हमारे द्वारा किये बुरे कर्मों का फल है तभी हमें शराबी पति, औलाद या शराबी बाप मिला है।
अब इस समस्या को आप भगवान् भरोसे छोड़ दो जैसे वो शराबी को रखना चाहत हो उसको रखने दो.

आप अपने लिये जिओ शराबी के लिए नहीं और आप शराबी के भगवान् नही बन सकते उसका भगवान् है।
जब तक वो उसके साथ है ,तब तक शराबी सही सलामत घर पहुँच सकता है .सबसे पहले हम बाहर के सच को जान सकें। हमे अन्दर से सच्चा होना चाहिए .और हम स्वयं के प्रति सच्चे हो,लेकिन हम सब सच्चाई जैसी है उसे वैसा ही प्रकट करके अपने  अन्दर सच्चाई  ला पाते है।

उन सब परिवारो को परमात्मा सद्बुद्धि दे जो इस समस्या से  ग्रसित है, और इस समस्या को और शराबी को सहन करने की शक्ति और शराबी को झेलने की शक्ति दो ।हे परमात्मा मुझे शराबी को सहन करने की और उसे समझने की सदबुददी दो अब मेरी समस्या आपकी है मेरी नहीं ।
ऐसे हररोज प्रार्थना करके सोये एक दिन जरूर चमत्कार होगा आपकी जिन्दगी में भगवान के घर देर है अन्धेर नहीं अगर कोई समस्या आती तो वापिस भी ले सकता है .वो अन्तर्यामी हैं कुछ भी कर सकता है बस विशवास सच्चा होना चाहिए ।

Last message....
अगर आप भी किसी शराब पीने वाले या नशा करने वाले व्यक्ति से परिवार में तगं हो तो प्लीज उनको  दुत्कार कर नहीं क्योंकि कोई भी बुरी आदत दुत्कारने से नहीं बल्कि  प्यार से जल्दी सुधारा जा सकता है।

किसी भी समस्या का आते हुए पता नहीं चलता पर जाने में बहुत समय लगाती है, लेकिन हर समस्या के बाद समाधान जरूर निकलता है ।
कोई भी तूफान बड़ा हो सकता है पर यह असंभव नहीं कि वह  कुछ देर के शांत अवश्य हो जाता है।
इसी तरह हमारी जिंदगी की समस्याएं भी चाहे किसी भी प्रकार की जब किसी भी समस्या का कोई भी हल ना मिले तुम्हें भगवान के भरोसे छोड़ देनी चाहिए। वह हमारी समस्या को एक पल में ही समाप्त कर सकता है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और कोई आप का अपना नशा जैसी समस्या से परेशान हो प्लीज उन परिवारों तक इस टॉपिक को जरुर शेयर करें, हो सकता है आपके शेयर करने से किसी की घर गृहस्थी फिर से बस जाय। क्योंकि हमारे समाज में नशे जैसी है बुरी आदते बहुत ही बुरी तरह फैल रही हैं इसलिए जितना हो सके इसको शेयर करें।
Thankyou 


 

 


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