सफलता हासिल करने के लिए कया करें | motivational stories in hindi |




Motivational stories -
आज मैं आपके साथ दो ऐसी हिंदी कहानियां लेकर आ रही हूं जो मेरी अपनी आंखों देखी हैं। अपनी मेहनत से सफल हुए व्यक्तियों की, जिनको पढ़कर आपको भी प्रेरणा मिलेगी और अपने काम में सफल होने के लिए जुनून होना जरूरी है।
Tittle-
उम्र किसी काम की मोहताज नहीं .... 


 रमेश बचपन से ही पढ़ाई लिखाई करना चाहता था ,पर घर की कुछ ऐसी मजबूरियां थी कि उसे पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और अपने पापा के साथ खेती में हाथ  बंटवाने पड़ा क्योंकि उसके पापा न

बीमार रहते थे वह खेती नहीं कर पाते थे। अच्छी खेती होने ना होने की वजह से उनका गांव के लोग मजाक उड़ाते थे। वो लोग कहते थे बाप से खेती नहीं होती और बेटा कॉलेज में पढने चला  और पढकर बनेगा वकील बाबू। ये सब बातें रमेश को बहुत तकलीफ देती थी और उसने लोगों के तानों से तंग होकर अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपना सारा ध्यान खेती में लगा दिया और उनकी फसल पुरे गांव में सबसे अच्छी होने लगी। उसने खेती जी जान लगाकर की उसके बाद रमेश ने अपने से छोटे बहन भाइयों को खूब पढ़ाया और बहन -भाई कॉलेज गए और पढ़लिख कर सबकी अच्छे घरों में शादियां हो गई ,पर रमेश को एक मलाल बहुत ज्यादा था कि मैं b.a.भी नहीं कर पाया और यह मलाल उसको अंदर ही अंदर खाता रहता था ।उसको हमेशा लगता था कि जैसे मैं अनपढ़ लोगों में शामिल हूं,और मेरे पास बीए की डिग्री नहीं है । लोग और रिशतेदार मुझे अनपढ़ समझते हैं। 

वह हमेशा इस तलाश में रहता था कि कोई ऐसा व्यक्ति मिले और मुझे पढ़ने के लिए कोई ऐसा आईडिया बता दे कि मैं घर में बैठकर ही पढ़ कर अपनी बीए की डिग्री पूरी कर सकूं । ऐसे में उसे एक दिन ऐसे गुरु जी मिले ही गये जिन्होंने उसको कहा अभी भी देर नहीं हुई है ।अब भी आप पढाई शुरू कर सकते हो  और open class लगाकर आप सिर्फ़ पेपर देने पडते हैं।  फिर कया था रमेश ने किताबें उठाई और अपनी पढ़ाई शुरू कर दी और देखते ही देखते उसने 3 साल में बीए कंप्लीट कर ली।
इस टाइम  रमेश की उम्र इतनी थी कि उसने अपने बेटी की शादी भी कर चुका था,और  उसका बड़ा बेटा 19 साल का था।  बी.ऐ करने के बाद रमेश फिर रुका नहीं उसने फिर LLB की पढ़ाई शुरू  करने के बाद तीन साल बाद वह वकील  बाबू बन गया और वकील बनने के बाद उसने LLM की डिग्री भी 2 साल में कंप्लीट कर ली ।
अब वह टोप के वकीलों में शामिल था। जो लोग कभी उसे ताने मारते थे वकील बाबू कहकर अब वही लोग उसके पास अपने जमीनी झगडों के केस लेकर आते है । यह सब करते करते उसने घर के कामकाज और अपनी जिम्मेवारीया और अपने बच्चों की शादियां भी की। अगर कोई कुछ करना चाहता है तो शायद उम्र का कोई बहाना किसी बात का मोहताज नहीं है।
इंसान चाहे तो किसी भी उम्र में पढ़ाई शुरू कर सकता है, और कुछ भी हासिल कर सकता है ।जिस रमेश  का लोग मजाक उडाते थे वहीं लोग यह देखकर हैरान थे कि वह टाई बांधकर अब कोर्ट में जाता है।

वह अपने बच्चों के लिए  ही नही पुरे गांव के एक मिसाल बना । अक्सर गांव के बडे बुजर्ग कह देते हैं अगर कुछ सिखना है तो रमेश से सिखो।

 अगर आप भी किसी बात को लेकर पछता रहे हो कि काश मैं कर लेता पछताने से कुछ नहीं होगा। 

अगर होगा तो कोशिश करने से होगा । किसी भी काम करने की कोई उम्र या दिन नहीं देखना पड़ता ।जब मन में कुछ करने की ठान लो तो वह काम अवश्य हो जाता है। फिर वह किसी समय या दिन का मोहताज नहीं  है।





दुसरी  STORY IN HINDI 

Tittle-असफलता ही सफलता की चाबी है ।

दूसरी कहानी ऐसे व्यक्ति की है, जो अपने काम में आठ बार फेल हुआ और नोवी बार अपना सपना पूरा किया। उसको एक लगन थी कि मुझे कुछ बड़ा अफसर बनना है वह नहीं बन पा रहा था ।बार बार फेल होता जा रहा था ।
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसके मां बाप पढ़े लिखे थे और उसके मां-बाप ने अच्छे स्कुल कॉलेज में पढ़ाया और उसको आयुर्वैदिक डाक्टर बनाया। डॉक्टर बनने के बाद वह अपना क्लीनिक चलाने लगा पर क्लीनिक पर उसको मजा नहीं आता था क्योंकि गांव के लोग दवाई तो ले जाते पर पैसो की उधारी कर जाते।  

अब आपको पता है गांव के लोग एकदम पैसे नहीं देते ।


ऐसे में उसे अपने काम में रूचि कम होने लगी और उसने अपना काम छोड़ दिया ।अब मां-बाप परेशान थे कि हमने पढ़ा लिखा कर डॉक्टर बनाया और यह अपने काम में मन ही नहीं लगाता। उसके बाद उसको दवाईयों का बिजनेस का आईडिया ठीक लगा और होलसेल केमिस्ट की दुकान कर ली। अब यहां भी थोड़े दिन तो कुछ दिन उसको ठीक फिर उसको बोरियत होने लगी।उसको फिर लगा की यहां लोग मुझे जानते नहीं मुझे कुछ बड़ा करना है। उसके बाद उस व्यक्ति ने एक फैक्ट्री लगाई जो दवाईयों के कुछ सामान बनाती थी पर वो काम भी फेल हो गया। फैक्ट्री कोई ज्यादा अच्छी नहीं चली पैसा भी बहुत खर्च हो गया। 

अब वह विदेश चला गया वहां भी काम में मजा नहीं आया और बिना बताये छ महीने के बाद घर वापिस आ गया। अब घरवाले और जयादा परेशान थे।

पांचवा काम मछली पालन किया वो भी छोड़ दिया फिर सटोन का बिजनस किया वो भी ठफ हो गया 

उसके बाद फिर पढने के लिए किताबें उठा ली ।और मां-बाप ये सब देखकर बहुत परेशान रहने लगे इस लड़के का कहीं भी मन नहीं लगता अब कोई उम्र है ,ups के एगजाम देने की पर लड़के के मन में एक ही चाहत थी कुछ ऐसा करू कि लोग मुझे जाने।
अब इस लड़के ने तीन साल तक अपने आप को घर में कैद कर लिया ,और उसके चारों तरफ सिर्फ किताबें थी। वह पुरे जी जान से आईएएस की तैयारी करने लगा। और 3 साल तक कोई शादी ,ना किसी दोस्त को मिलता था। सोचने की बात है कि उसने अपने आप को 3 साल तक घर में कैद रखा सिर्फ उसके चारों तरफ बुक्स होती थी ।जब उसने पूरी तैयारी करने के बाद पेपर दिए तो उसका ऑल इंडिया में चौथा 11 वा रैन्क था और जो उसकी जो चाहत थी कि  मेरा नाम हो कोई पहुंच हो और कोई मेरी अपनी पहचान हो ।अब इतनी बार असफल होने के बाद  हासिल हुई। वह आठ कामों में फेल हुआ था,पर उसकी जो चाहत थी उसको मेहनत से हासिल किया आज उसके पास नौकर चाकर है। लोग उसे  मेहनती बाबू के नाम से जानते हैं। 

अगर इंसान ठान ले तो शायद कुछ भी असंभव नहीं है।बात लगन और मेहनत की है जिसको लगन लग जाए उसके लिए पूरी कायनात भी झुक जाती है। अगर लगन ही ना हो तो शायद फिर कायनात भी साथ नहीं देती ।किसी भी काम में सफल होने के लिए हमे नियम  और जुनून की जरूरत होती है 

यह एक सच्ची कहानी है।








तीसरी कहानी (true story )
Tittle-
माँ बनने की चाहत ....

कई बार हमारे रिश्ते इतने निर्दयी और निष्ठुर हो जाते हैं कि हमारे अपने ही हमें गिराने लग जाते हैं, ऐसी ही कहानी एक औरत की है। जिसकी शादी को 10 साल हो चुके थे ,और उसको अभी तक कोई संतान नहीं हुई। अब उसके ससुराल वालों ने उस को मजबूर किया कि हम अपने बेटे की  दोबारा शादी करवाना चाहते हैं। तुम हमारे बेटे का वशं नहीं चला सकती। हमें अपना वंश चाहिए,कोई भी औरत हर कठिनाई का सामना कर सकती है , पर किसी और औरत को अपने आदमी के साथ नहीं सहन कर सकती।
घरवालों ने उसके पति की दूसरी शादी उसकी बिना इजाज़त लिए शादी एक गरीब घर की लड़की के साथ करवा दी, फिर क्या था अब दोनों औरतों के बीच लड़ाई झगड़े बढ गये कि बीच में आदमी भी परेशान रहने लगा,क्योंकि दो औरतों का एक साथ रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।
आखिरकार वह दूसरी औरत तंग होकर घर छोड़ कर चली गई ।
वह लगभग एक साल तक रही पर फिर भी उनके बेटे को कोई औलाद नहीं हुई। लेकिन उस औरत ने हार नहीं मानी फिर ससुराल वालों ने दबाव डाला कि तुम बड़े वाले बेटे का बच्चा गोद ले लो। उसका किसी और का बच्चा लेने का मन नहीं था। उसने मना कर दिया की मैं यहाँ से चली जाऊंगी पर किसी और के बच्चे को गोद  नहीं लूंगी।
अब उस औरत ने  फिर एक बार ठान लिया और किसी  बड़ी  से मिली और डाक्टर ने  उसे ivf treatment से  बच्चा पैदा करने का सुझाव दिया। लेकिन उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि आईवीएफ करवा सके।
पर औरत हार मानने वाली नहीं थी डॉक्टर ने उसको लगभग खर्चा दो लाख रुपये के आसपास बताया। उसके लिए दो लाख का जुगाड़ करना बहुत बड़ी बात थी। अब उस औरत ने अपने सारे गहने बेचकर पैसै इकट्ठे करें और अपने आदमी को लेकर उस डॉक्टर के पास गई डॉक्टर ने सभी रिपोर्टस को देख कर कहा कि आपको ivf से बच्चा हो सकता है। बात इतनी पुरानी हो गई थी उसकी शादी को 25साल हो चुके थे। अब  ivf treatment के बाद उसको प्रेगनेंसी हुई 9 महीने होने के बाद उसने एक बेटे को जन्म दिया।
यह एक गांव की औरत की सच्ची कहानी है।अब सब उसकी इस बात के कायल थे कि औरत हो तो ऐसी उसने हार नहीं मानी और ना ही किसी का बच्चा गोद लिया वह पूरे गांव में उदाहरण बनी हुई थी, कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी । उनके पास  पैसों की बहुत तंगी  थी। यहां तक कि जब उसको प्रेगनेंसी होने के बाद डाक्टर पर जाने केे लिए उनको कार से जाने की जरूरत पडती थी , लेकिन उनके पास गाड़ी भी नहीं थी । वह किराए की गाड़ी ले कर जाते थे।
उस औरत ने हर मुश्किल का सामना किया लेकिन मुश्किल के आगे हारनही मानी। अपना माँ बनने का सपना पुरा किया।
अगर कोई इंसान लगन के साथ लग जाए तो कोई भी काम असंभव नहीं है।यह बात सोचने की है जिसकी शादी को 25 साल हो गए हो और 25 साल की उम्र में शादी भी हुई होगी उसकी लगभग 50 साल की उम्र हो चुकी थी जब वह माँ बनी और अपने माँ बनने के मकसद में कामयाब हुई
उस औरत ने मेहनत और बुद्धि के बलबूते पर अपना घर बसा लिया। 

Last alfaaz-
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती भगवान् भी उनका साथ देता है ,जिनको रासते में आने वाले काटों की परवाह नहीं होती..!!

म्मीद करती हूँ कि आपको मेरी ये तीनो कहानियां अच्छी लगी हो . 

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