राम नाम की शक्ति: 108 बार जाप से मिलती है हनुमान जी की विशेष कृपा| Ram nam jap


 राम नाम जाप के चमत्कारी लाभ और हनुमान जी की कृपा 

 जब नाम ही जीवन बन जाए

भारतीय संस्कृति में "राम" केवल एक नाम नहीं है, बल्कि वह सत्य, धैर्य, मर्यादा और धर्म का प्रतीक है। "राम नाम" का उच्चारण करने मात्र से मन को अद्भुत शांति मिलती है। कहते हैं –

“राम नाम मनुष्य का सबसे सच्चा सहारा है, जो जीवन के हर मोड़ पर साथ निभाता है।”

राम का नाम लेने से मनुष्य के पाप कटते हैं, संकट दूर होते हैं, और उसे ईश्वर की ओर बढ़ने का मार्ग मिलता है। इस लेख में हम जानेंगे कि राम नाम का 108 बार जाप करने से क्या-क्या चमत्कार होते हैं और यह कैसे हनुमान जी की कृपा पाने का माध्यम बनता है।

🌼 राम नाम की दिव्यता और गूढ़ रहस्य

राम शब्द में केवल दो अक्षर हैं – "रा" और "म", परंतु इसके प्रभाव अनंत हैं।
"रा" अग्नि तत्व का सूचक है, जो हमारे अंदर के पाप, भय, और नकारात्मकता को जलाता है।
"म" जल तत्व का प्रतीक है, जो मन को शीतलता, शांति, और करुणा देता है।

संत तुलसीदास जी ने कहा है –

"राम नाम की महिमा अपरंपार, जो जपे सो तरे भव पार।"

इस नाम का 108 बार जाप करने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व दोनों हैं।

🔱 राम नाम का 108 बार जाप क्यों करें?

108 संख्या को भारतीय दर्शन में पवित्र माना गया है। यह हमारे 108 ऊर्जा केंद्रों (नाड़ी चक्रों) को संतुलित करता है। जाप माला में भी 108 मनके होते हैं – जो यह दर्शाता है कि पूरा शरीर, मन और आत्मा इस जाप से स्पंदित होता है।

108 बार जाप करने के मुख्य लाभ:

  1. मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि
    → राम नाम के उच्चारण से मन एकाग्र होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  2. भय और चिंता से मुक्ति
    → राम नाम से मनुष्य के भीतर छुपा हुआ डर, अज्ञात चिंता, और असुरक्षा की भावना समाप्त होती है।

  3. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
    → इस जाप से मस्तिष्क की तरंगें नियंत्रित होती हैं, जिससे तनाव, अनिद्रा, और अवसाद जैसे मानसिक रोगों से राहत मिलती है।

  4. कर्म शुद्धि और आत्मिक उन्नति
    → राम नाम जाप से मनुष्य के पूर्व जन्मों के पाप और अधम कर्म भी धीरे-धीरे नष्ट होते हैं।

  5. वातावरण की शुद्धता
    → जाप से उत्पन्न ध्वनि तरंगें वातावरण को शुद्ध, शांतिपूर्ण और उर्जा से भरपूर बनाती हैं।

🙏 हनुमान जी की कृपा कैसे प्राप्त करें?

हनुमान जी, जिनका जीवन राम भक्ति के लिए समर्पित था, उन्हीं के नाम जाप से प्रसन्न होते हैं।
उन्होंने स्वयं कहा था –

“राम काज कीन्हे बिना, मोहि कहाँ विश्राम।”

इसका अर्थ है कि वे हर उस व्यक्ति पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं जो राम का स्मरण करता है।

 हनुमान जी की कृपा पाने के लिए क्या करें?

  • प्रतिदिन सुबह उठकर राम नाम का 108 बार जाप करें।

  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।

  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर राम नाम का स्मरण करें।

  • निरंतर, निष्काम भक्ति भाव से नाम जपें, फल की चिंता न करें।

🌺 राम नाम जाप से जुड़े अनुभव

कई संतों, योगियों और भक्तों ने कहा है कि राम नाम जाप से उन्हें न केवल आध्यात्मिक आनंद मिला, बल्कि उनके जीवन के सभी संकट भी मिट गए।
गोसाईं तुलसीदास, रामकृष्ण परमहंस, और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों ने भी राम नाम को अपना आध्यात्मिक आधार बनाया।

निष्कर्ष: राम नाम – एक दिव्य वरदान

राम नाम केवल शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन मंत्र है।
जब हम 108 बार राम नाम का जाप करते हैं, तो हम ईश्वर से प्रत्यक्ष संवाद करते हैं। यह न केवल दुखों को हरता है, बल्कि हमें जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष करने की शक्ति भी देता है।

“राम नाम जपो, दुख दूर करो। राम नाम जपो, जीवन को सफल बनाओ।”

आज से ही राम नाम जाप को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए और देखिए कि कैसे हनुमान जी की कृपा और राम जी का आशीर्वाद आपके जीवन को चमत्कारी रूप से बदल देता है।

राम नाम की पूजा विधि (Ram Naam Ki Puja Vidhi in Hindi)

"राम नाम" की पूजा किसी विशेष वस्तु या स्थान की मोहताज नहीं होती, क्योंकि यह एक आंतरिक साधना है। फिर भी यदि आप इसे विधिवत् रूप से करना चाहते हैं तो नीचे दी गई पूजा विधि के अनुसार सच्चे भाव और भक्ति से करें — राम जी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।


🌺 राम नाम की पूजन विधि (Step by Step)

1. स्थान का चयन करें

  • पूजा के लिए एक शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें।

  • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

2. शुद्धि और संकल्प

  • पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • दीप जलाएं और अपने ईष्ट (रामजी) का ध्यान करते हुए हाथ में जल लेकर संकल्प करें:
    “मैं सच्चे भाव से श्रीराम नाम का जाप करके जीवन को शुद्ध और सफल बनाना चाहता/चाहती हूँ।”

3. पूजा सामग्री रखें

  • रामजी की मूर्ति या चित्र

  • दीपक (घी या तिल का)

  • अगरबत्ती

  • पुष्प (विशेष रूप से तुलसी के पत्ते और पुष्प)

  • माला (रुद्राक्ष या तुलसी की)

  • नैवेद्य (गुड़, फल या कोई भी सात्विक भोग)

  • जल से भरा पात्र


पूजा की मुख्य विधि

1. रामजी का ध्यान कैसे करें-

  • आंखें बंद करके रामजी का ध्यान करें और कहें:
    “श्रीरामचंद्राय नमः। जय श्रीराम।”

  • फिर निम्न मंत्र बोलें:
    "श्रीराम राम रामेति रमे रामे मनोरमे।
    सहस्त्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने॥"

🕯️ 2. दीपक और अगरबत्ती जलाएं

  • रामजी के समक्ष दीपक जलाकर कहें –
    "हे प्रभु, मेरे जीवन को भी अपने प्रकाश से आलोकित करें।"

🌸 3. पुष्प अर्पण करें

  • रामजी के चित्र पर पुष्प और तुलसी अर्पित करें।

  • साथ ही निम्न मंत्र बोल सकते हैं:
    "राम रामेति रम्येति रमं रमणमूर्तये।
    नमः श्रीरामचन्द्राय लोकाभयप्रदायिने॥"

4. राम नाम का जाप करें

  • रुद्राक्ष या तुलसी की माला से 108 बार राम नाम का जाप करें:
    “श्रीराम जय राम जय जय राम।”

  • जाप के दौरान ध्यान रखें कि माला की दिशा बदलें नहीं, और जपवाणी को शुद्ध रखें।

🍎 5. नैवेद्य अर्पण करें

  • फल, गुड़ या जो भी भोग है उसे रामजी को अर्पित करें।

  • फिर मन ही मन प्रार्थना करें –
    “हे राम, मेरी हर गलती को क्षमा करें और मुझ पर कृपा करें।”

🪔 6. आरती करें

  • राम आरती करें या "श्रीरामचंद्र कृपालु भजुमन" का पाठ करें।

  • आरती के बाद सभी पर प्रसाद वितरित करें।

पूजा के बाद क्या करें?

  • मन ही मन राम नाम का स्मरण करते रहें।

  • प्रतिदिन कम से कम 5-10 मिनट का राम नाम जाप जीवन में शामिल करें।

  • हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

विशेष बातें ध्यान रखें

  • पूजा में शुद्धता और सच्चे मन का होना सबसे जरूरी है।

  • कोई दिखावा न करें – राम जी भाव के भूखे हैं।

  • राम नाम का जाप किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन ब्राह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) सर्वोत्तम होता है।

राम का विशेष मंत्र (Ram Ka Vishesh Mantra)
भगवान श्रीराम के अनेक मंत्र हैं, जिनमें से कुछ अत्यंत शक्तिशाली, सिद्ध, और कल्याणकारी माने जाते हैं। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति, बल्कि संकट नाश, चिंता मुक्ति, और हनुमान जी की कृपा पाने में भी सहायक होते हैं।

1. श्रीराम त्र्यमंत्र (बहुत शक्तिशाली)

"श्रीराम जय राम जय जय राम"
यह मंत्र संत नामदेव, संत तुकाराम, और श्री स्वामी समर्थ द्वारा सिद्ध माना गया है। इसका लगातार जाप करने से मन, वाणी और कर्म शुद्ध होते हैं और कष्टों का नाश होता है।

2. राम बीज मंत्र (गुप्त और सिद्ध)

"ॐ रां रामाय नमः"
इस बीज मंत्र का नियमित जाप करने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियाँ जागृत होती हैं। यह मंत्र मूलाधार चक्र से सहस्रार तक ऊर्जा को उठाता है।

3. राम रक्षा मंत्र (संकटों से रक्षा के लिए)

"ॐ रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥"
यह मंत्र राम रक्षा स्तोत्र का मूल है। यदि आप पर कोई दुर्भाग्य, नजर दोष, या शत्रु बाधा है, तो इसका नित्य 11 बार जाप बहुत प्रभावी होता है।

4. बाल राम मंत्र (मासूम और सरल भाव के लिए)

"जय श्री राम"
यह मंत्र बहुत सरल है, परंतु इसमें भाव की शक्ति अपार है। इसे किसी भी उम्र के लोग, कहीं भी, कभी भी जप सकते हैं। यह मन को शांति, स्थिरता और भक्ति की मिठास देता है।

5. सप्तशक्ति राम मंत्र (हनुमान जी की कृपा के लिए)

"राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने॥"
भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा था कि राम नाम का एक उच्चारण हज़ार नामों के बराबर होता है। यह मंत्र मुक्ति और मोक्षदेने वाला है।

कैसे करें जाप?

  • माला: तुलसी या रुद्राक्ष की माला से करें।

  • संख्या: प्रतिदिन कम से कम 108 बार जाप करें।

  • समय: ब्रह्ममुहूर्त या संध्या काल श्रेष्ठ।

  • नियम: शुद्ध मन, शांत स्थान, और श्रद्धा आवश्यक है।


🌺 श्रीराम के 108 नाम (Shri Ram 108 Names in Hindi)

  1. ॐ श्रीरामाय नमः

  2. ॐ रामभद्राय नमः

  3. ॐ रामचन्द्राय नमः

  4. ॐ शारदाप्रियाय नमः

  5. ॐ रघुनन्दनाय नमः

  6. ॐ दशरथात्मजाय नमः

  7. ॐ सीतापतये नमः

  8. ॐ लक्ष्मणानुचराय नमः

  9. ॐ हनुमत्सेविताय नमः

  10. ॐ राक्षसान्तकाय नमः

  11. ॐ जनकप्रियाय नमः

  12. ॐ जनकवल्लभाय नमः

  13. ॐ कौसल्येयाय नमः

  14. ॐ विभीषणाश्रयाय नमः

  15. ॐ रावणद्वेषिणे नमः

  16. ॐ वानरसेविताय नमः

  17. ॐ वाल्मिकिपूजिताय नमः

  18. ॐ अग्निजन्माय नमः

  19. ॐ रामानुजाय नमः

  20. ॐ वानरप्रियाय नमः

  21. ॐ धनुष्पाणये नमः

  22. ॐ जनकप्रियाय नमः

  23. ॐ त्रिलोकरक्षाय नमः

  24. ॐ धर्मात्मने नमः

  25. ॐ सत्यप्रतिज्ञाय नमः

  26. ॐ पुण्यात्मने नमः

  27. ॐ सत्यविक्रमाय नमः

  28. ॐ सत्यव्रताय नमः

  29. ॐ जितेन्द्रियाय नमः

  30. ॐ जितक्रोधाय नमः

  31. ॐ जितमायाय नमः

  32. ॐ जितशत्रवे नमः

  33. ॐ महाबलाय नमः

  34. ॐ महाद्युतये नमः

  35. ॐ महातेजसे नमः

  36. ॐ महाद्युम्नाय नमः

  37. ॐ महायशसे नमः

  38. ॐ सुमित्रानन्दवर्धनाय नमः

  39. ॐ पितृभक्ताय नमः

  40. ॐ भृगुवंशसमुद्भवाय नमः

  41. ॐ कौलिनाय नमः

  42. ॐ कामदाय नमः

  43. ॐ कामरूपिणे नमः

  44. ॐ महादेवरूपधारिणे नमः

  45. ॐ विश्वामित्रप्रियाय नमः

  46. ॐ विश्वामित्राश्रमाश्रयाय नमः

  47. ॐ ताटकारिणाशकाय नमः

  48. ॐ सुबाहुनाशनाय नमः

  49. ॐ अहल्याशापविनाशकाय नमः

  50. ॐ गौतमपत्नीसंरक्षकाय नमः

  51. ॐ ब्रह्मचारिणे नमः

  52. ॐ जनकप्रीतिवर्धनाय नमः

  53. ॐ सीतास्वयंवरकर्त्रे नमः

  54. ॐ शिवधनुर्भञ्जनाय नमः

  55. ॐ पार्थिवप्रियाय नमः

  56. ॐ ऋषिपूज्याय नमः

  57. ॐ राज्याभिषिक्ताय नमः

  58. ॐ मातृवाक्यपरिपालनाय नमः

  59. ॐ वनवासप्रियाय नमः

  60. ॐ चित्रकूटवासीने नमः

  61. ॐ भरद्वाजाश्रमाश्रयाय नमः

  62. ॐ अरण्यवासीने नमः

  63. ॐ शबरीप्रेमसंतुष्टाय नमः

  64. ॐ कबंधसंहारिणे नमः

  65. ॐ पम्पातीरे रमणीयाय नमः

  66. ॐ हनुमद्भक्तवत्सलाय नमः

  67. ॐ सुग्रीवप्रियकारिणे नमः

  68. ॐ वल्लीविनाशकाय नमः

  69. ॐ अंगदसेविताय नमः

  70. ॐ सेतुबंधनाय नमः

  71. ॐ समुद्रसंधायकाय नमः

  72. ॐ विभीषणप्राप्तिकारकाय नमः

  73. ॐ लंकारविनाशकाय नमः

  74. ॐ मेघनादनाशकाय नमः

  75. ॐ रावणमर्दनाय नमः

  76. ॐ सीतापरित्रात्रे नमः

  77. ॐ अग्निपरीक्षणकर्ता नमः

  78. ॐ हनुमत्प्रेमवर्धकाय नमः

  79. ॐ पुष्पकविमानारूढाय नमः

  80. ॐ अयोध्याप्रतिष्ठापकाय नमः

  81. ॐ भरतप्रियाय नमः

  82. ॐ राज्याभिषेकसंयुक्ताय नमः

  83. ॐ धर्मसंस्थापकाय नमः

  84. ॐ दुष्टसंहारकाय नमः

  85. ॐ भक्तवत्सलाय नमः

  86. ॐ कालजिताय नमः

  87. ॐ लक्ष्मीकांताय नमः

  88. ॐ ब्रह्मविहिताय नमः

  89. ॐ सर्वज्ञाय नमः

  90. ॐ सर्वात्मने नमः

  91. ॐ सर्वरक्षकाय नमः

  92. ॐ जगद्गुरवे नमः

  93. ॐ जगत्पितृते नमः

  94. ॐ परात्पराय नमः

  95. ॐ परमेश्वराय नमः

  96. ॐ रामाय नमः

  97. ॐ श्रीरामाय नमः

  98. ॐ नमो रामाय नमः

  99. ॐ नमो भगवते रामचन्द्राय नमः

  100. ॐ नमो रामचन्द्राय नमः

  101. ॐ श्रीसीतारामाभ्यां नमः

  102. ॐ श्रीरामदूताय नमः

  103. ॐ रामभक्तवत्सलाय नमः

  104. ॐ रामसखा हनुमते नमः

  105. ॐ रघुकुलतिलकाय नमः

  106. ॐ संकटनाशनाय नमः

  107. ॐ पुण्यविभूषिताय नमः

  108. ॐ जय श्रीरामाय नमः

जप विधि:

  • इन नामों को माला से या पाठ रूप में जप सकते हैं।

  • रोजाना श्रद्धा से 1 बार या 11 बार जाप करने से जीवन में सुख, शांति और सफलता आती है।

  • विशेषकर राम नवमी, मंगलवार, चैत्र मास, और नवरात्र में इन नामों का पाठ अत्यंत शुभ माना गया है।

भगवान श्रीराम एक मर्यादा पुरुषोत्तम और भक्ति, सेवा व सत्य के प्रतीक हैं। वे उन भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं, जो सच्चे मन, विनम्रता, और नियमित भक्ति के साथ पूजा करते हैं। श्रीराम का पूजन बहुत सरल है — वे भाव के भूखे हैं, बाहरी आडंबर के नहीं।

श्रीराम किनकी पूजा से प्रसन्न होते हैं?

1. जो सत्यवादी और मर्यादित जीवन जीते हैं

श्रीराम स्वयं सत्य, कर्तव्य और धर्म के मार्ग पर चलने वाले थे। जो व्यक्ति सच्चाई, नैतिकता, और मर्यादा का पालन करता है, श्रीराम उस पर प्रसन्न होते हैं।

2. जो उनका नाम सच्चे मन से जपते हैं

"राम नाम जपै जो कोई। होय सकल मनोकामना सोई।"

"श्रीराम जय राम जय जय राम" – इस मंत्र का नित्य जाप करने वाला व्यक्ति श्रीराम की कृपा का पात्र बनता है।

3. जो हनुमानजी की पूजा करते हैं

भगवान श्रीराम अपने अनन्य भक्त हनुमानजी से अत्यंत प्रसन्न रहते हैं। जो व्यक्ति हनुमानजी की सेवा व भक्ति करता है, उस पर रामजी भी विशेष कृपा करते हैं।

"राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥"

4. जो तुलसी का आदर करते हैं

तुलसी श्रीराम को अत्यंत प्रिय हैं। जो भक्त तुलसी की पूजा, तुलसी पत्र का सेवन व तुलसी से भगवान को अर्पण करता है, उसकी पूजा श्रीराम सहर्ष स्वीकार करते हैं।

5. जो रामायण व सुंदरकांड का पाठ करते हैं

  • रामचरितमानस, बालकांड, और सुंदरकांड – इनके पाठ से श्रीराम का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।

  • विशेषकर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड पढ़ने से रोग, भय, संकट दूर होते हैं।

6. जो अपने माता-पिता, गुरु और बड़ों की सेवा करते हैं

रामजी ने पिता की आज्ञा के लिए वनवास स्वीकार किया। अतः वे सेवा और आज्ञापालन करने वाले भक्तों पर बहुत प्रसन्न होते हैं।

7. जो विनम्र और अहंकार से रहित होते हैं

रामजी के आदर्श जीवन में कभी अभिमान नहीं था। जो व्यक्ति विनम्र, दयालु, और सज्जन होता है, श्रीराम उस पर सदैव कृपा करते हैं।

क्या करें जिससे राम जी की विशेष कृपा मिले?

रोज सुबह स्नान करके "श्रीराम जय राम जय जय राम" का जाप करें
✅ रामायण का पाठ करें, विशेषकर सुंदरकांड
✅ तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें
✅ हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें
✅ माता-पिता और बड़ों की सेवा करें
✅ झूठ, कपट, अहंकार और आलस्य से दूर रहें
✅ हर कार्य में धर्म और सच्चाई को प्राथमिकता दें

संकटों से निपटने के लिए रामचरितमानस के विशेष मंत्र
(Ramcharitmanas ke Sankatmochan Mantra in Hindi)

रामचरितमानस सिर्फ एक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। जब जीवन में संकट, भय, दुःख, रोग या शत्रु बाधा आती है, तब रामचरितमानस के कुछ विशेष मंत्र और चौपाइयाँ अत्यंत प्रभावशाली साबित होती हैं। ये मंत्र मन को बल, समस्याओं से रक्षा, और राम-कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

1. संकटमोचन हनुमान जी का मंत्र

"संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥"

यह चौपाई संकटमोचन हनुमान से जुड़ी है। इसे 11 बार रोज जपें, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को।

2. शत्रु बाधा या भय के लिए चौपाई

"राम नाम मन में बसै, भव भंजन सुखरूप।
दीनदयाल बिरिदु हरहु, संकट हरहु अनूप॥"

जब मन भयभीत हो या जीवन में दुश्मनों का दबाव हो, यह चौपाई शांति और सुरक्षा देती है।

3. रोग-पीड़ा से मुक्ति के लिए चौपाई

"नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥"

यह चौपाई हनुमान चालीसा से ली गई है। प्रतिदिन इसका जप रोगों से छुटकारा दिलाता है।

4. पारिवारिक संकट व मानसिक क्लेश से मुक्ति के लिए

"सुनि करुणा रघुनाथ कर, भरि लोचन जल धार।
पुनि-पुनि प्रभु पद पंकज, कर जोरि मनु बारंबार॥"

इस चौपाई का ध्यान करते हुए प्रभु राम से विनती करें। दुःखद पारिवारिक स्थितियों में यह अत्यंत कारगर है।

5. आत्मबल और भय नाश के लिए मंत्र

"नाम लेत भय भाग जहां, राम बिमल यश गावैं।
बिपति होय ताही पर, जो राम सुमिरत आवै॥"

इस चौपाई में कहा गया है कि राम नाम लेने मात्र से भय दूर होता है।

6. किसी भी प्रकार के संकट से मुक्त होने के लिए चौपाई

"राखि लीन्ह मोहि जीव जीवन, दीन दयाल कृपाल।
सुत बिपत्ति देखि प्रभु, भय हरन भयहाल॥"

यह चौपाई भगवान राम की दयालुता और कृपा की याद दिलाती है। संकट के समय यह विश्वास बढ़ाती है।

कैसे करें इन मंत्रों का जप?

 समय – सूर्योदय या संध्या के समय शांति से बैठकर जप करें
स्थान – घर का पूजन स्थल या शांत कोना
माला – तुलसी की माला से 11 या 108 बार जप
भाव – श्रद्धा, समर्पण और विश्वास आवश्यक है 

निष्कर्ष -राम नाम की पूजा सरल, सुलभ और अत्यंत प्रभावशाली है। इसका कोई खर्च नहीं, पर फल अनमोल है। यदि आप प्रतिदिन कुछ समय राम नाम के जाप, भक्ति, और पूजा को समर्पित करें, तो जीवन के हर कष्ट सरलता से कटने लगते हैं।

"राम नाम जपो और जीवन को प्रभुमय बना लो।"



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