चाणक्य के सुविचार-महान पंडित चाणक्य की नीति की शक्ति की वजह से चंद्रगुप्त भारत का सम्राट बना था। उन्होंने अपने हाथों से उनको राजतिलक किया था। अगर वह चाहते तो वह खुद भी राजा बन सकते थे पर उनके मन में ऐसा कोई लालच नहीं था ।ना ही वह किसी स्वार्थ को लेकर कभी कोई बड़ा युद्ध नहीं लड़ा था। चणाक्य के त्याग के बारे में हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं। उनके विचारों से पता चलता है कि वह कितना बुद्धिमान व्यक्ति था
उनके विचार हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत है ,अगर आप भी अपने किसी काम को लेकर असफल हो रहे हैं तो उनके विचारों को जरूर पढ़ें उन पर अमल करें।
1.मनुष्य की आयु बहुत कम है,और उसके मार्ग में मुश्किलें बहुत हैं इसलिए बुद्धिमान व्यक्ति को शास्त्रों के अनुसार भूतत्व को उसी प्रकार ग्रहण कर लेना चाहिए ,जिस प्रकार हंस दूध ग्रहण करके पानी को छोड़ देता है ।
2 .बीमार होने पर दुख के समय,अकाल पड़ने पर, शत्रु की ओर से संकट आने पर राज दरबार में, किसी परिजन की मृत्यु के समय जो व्यक्ति साथ नहीं छोड़ता वास्तव में वही सच्चा मित्र होता है ।
2 .बीमार होने पर दुख के समय,अकाल पड़ने पर, शत्रु की ओर से संकट आने पर राज दरबार में, किसी परिजन की मृत्यु के समय जो व्यक्ति साथ नहीं छोड़ता वास्तव में वही सच्चा मित्र होता है ।
3. जो मित्र अपने कार्य को बिगाड़े और सामने आने पर मीठी मीठी बातें करें ,उस मित्र को उस घड़े के समान त्याग देना चाहिए जिसके मुंह पर तो दूध लगा हो और अंदर विष भरा हो।
4. जिस प्रकार सभी पहाड़ियों पर मनिया नहीं मिलती और हर एक हाथी के मस्तक में मणी उत्पन्न नहीं होती, इसी प्रकार सज्जनपुरष हर घर में नहीं मिलते।
5 वह माता-पिता अपने बच्चों के लिए शत्रु के समान है, जिन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दी क्योंकि बालक अनपढ़ विद्वानों के समूह में उसी प्रकार अपमानीत होता है जैसे हंसों के झुंड में बुगले की स्थिति होती है...!
6. दुष्ट व्यक्ति और सांप में से अगर किसी एक को चुनना हो तो सांप को चुनना अति उत्तम होगा ,क्योंकि सांप समय पर ही काटेगा और जबकी दुर्जन व्यक्ति हर समय हानि पहुंचाता रहेगा।
7 प्रलय की स्थिति में समुद्र भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन कर देता है परंतु सज्जन व्यक्ति विपत्ति आनेे पर भी अपनी मर्यादा को नहीं छोड़ते।
8. कोयल की सुंदरता उसके स्वर में है स्त्रियों को सुंदरिया उसके पतिधर्म में है ,कुरूप व्यक्ति का सुन्दरता उसके विद्यावान होने में हैं, और तपस्वी की शोभा उसके एकान्त में रहने से है ।
9.पाँच वर्ष की आयु तक अपने पुत्र से प्यार करना करना चाहिए ,इसके बाद 10 वर्ष तक उसको ताड़ना के द्वारा अनुशासित किया जा सकता है, परंतु 16 वर्ष की आयु के बाद उसके साथ मित्र के समान व्यवहार करना चाहिए..।
10. अत्यंत सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ अधिक अहंकार के कारण रावण मारा गया, अघिक दान देने के कारण राजा बलि को कष्ट उठाना पड़ा था इसलिए अति का हमेशा त्याग कर देना चाहिए..!
11. तपस्या एकांत में करनी चाहिए, अध्ययन दो के साथ और गाने का अभ्यास तीन व्यक्तियों के साथ करना चाहिए ,इसी प्रकार यात्रा चार लोगों के साथ करनी चाहिए, खेती 5 लोगों के साथ करनी चाहिए, और युद्ध बहुत लोगों के साथ के ही करना चाहिए तभी आप को सफलता मिल सकती है ...!!
13. ब्राह्मण , क्षत्रिय और वैश्य - इनका देवता यज्ञ है । मुनियों के देवता उनके हदय में निवास करते हैं । मूखों के लिए मूर्ति ही देवता है और जिनकी दृष्टि समान रहती है ,वे सब स्थानों पर परमेश्वर को विद्यमान मानते हैं :- चाणक्य
14.कामवासना के समान दूसरा कोई रोग नहीं, मोह के समान कोई शत्रु नहीं , क्रोध के जैसी कोई आग नहीं और ज्ञान से बढ़कर सुख देने वाली कोई वस्तु नहीं ।
15. अभ्यास से विद्या को प्राप्त किया जा सकता है । उत्तम गुण और स्वभाव से कुल का गौरव बढ़ता है । श्रेष्ठ पुरुष की पहचान अच्छे गुणों से होती है और आँखें देखकर क्रोध का ज्ञान होता है ।
16. कार्य छटा हो या बड़ा,उसे पूरी शक्ति लगाकर करना चाहिए जैसे सिंह अपने हर शिकार को कभी नहीं छोड़ता ।
17. बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में करके बगुले के समान पूरी एकाग्रता से अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए ।
18. राजा की शक्ति उसकी भुजाओं में , विद्वान् का बल उसके ज्ञान में और स्त्रियों का बल उनकी सुन्दरता और मधुर व्यवहार में होता है ।
19. अपनी पत्नी , भोजन और धन - इन तीनों के प्रति संतोष रखना चाहिए , परन्तु विद्या अध्ययन , तप और दान के प्रति कभी संतोष नहीं करना चाहिए :- चाणक्य
20. अग्नि , गुरु , ब्राह्मण , गाय , कुंवारी कन्या, बूढ़े व्यक्ति और छोटे बच्चे को पैर से कभी नहीं छूना चाहिए..!!
21. जिस प्रकार फूल में सुगन्ध , तिलों में तेल , सूखी लकड़ी में अग्नि , दूध में घी और ईख में मिठास अदृश्य रूप में उपस्थित होते हैं , वैसे ही शरीर में आत्मा और परमात्मा विद्यमान रहते हैं ।
22. जैसे दूध ना देने वाली गाय से कुछ भी लाभ नहीं । ठीक ऐसे ही ऐसे पुत्र से भी कोई लाभ नहीं जो मां बाप की सेवा न करे , जो अज्ञानी हो जो भले काम न करता हो ।
23.यदि आप किसी चीज का तप तथा साधना करना चाहते हैं तो यह काम आपको अकेले में ही करना होगा । एकांत ही शांत मन का साक्षी हो आत्मा और परमात्मा का मेल तो केवल एकांत में ही होता है,ध्यान ही सबसे बड़ी शक्ति है ।
24. जो लोग घर से बहुत दूर परदेस में चले जाते हैं , वहां पर उनका कोई ना भी हो तो शिक्षा उनके सच्चे साथी की भांति काम आती है ।
25. जब परिवार में लड़ाई झगड़े तथा बंटवारे होने के कारण एक-एक करके सब साथ छोड़ देते हैं तो, ऐसे समय पर केवल पत्नी ही साथ देती है।
26. सागर में यदि बादल बरसेंगे तो उनका क्या लाभ होगा, जिसका पेट पहले से भरा हो उसे भोजन करना व्यर्थ है, जिसके पास पहले से ही धन भरा पड़ा हो उसे दान देने का कोई लाभ नहीं, वर्षा की जरूरत तो सूखे खेतों को होती है ,भोजन का आनंद तो कोई भूखा व्यक्ति ही ले सकता है, दान पुण्य का लाभ उसी समय मिलेगा जब निर्धन को देंगे।
27. इस विश्व में लक्ष्मी स्थिर है, परन्तु जीवन स्थिर नहीं है । यह घर बार सगे सम्बंधियों सब के सब एक न एक दिन जाने वाले हैं । यह पूरा संसार नाशवान है, इस संसार का रचयिता एक वो प्रभु है । अविनाशी भगवान् संसार को स्वयं मिटाते हैं स्वयं ही इसकी रचना करते हैं । वही एक धर्म है वही ईश्वर है । आप सबका यह कर्त्तव्य है कि उस प्रभु को सदा याद रखें ।
28. राज पत्नी , गुरु की पत्नी , मित्र पत्नी अर्थात राजा की पत्नी , गुरु की पत्नी , मित्र की पत्नी , पत्नी की मां इन सब को अपनी मां के समान समझ कर ही पूजा करें । इनके बारे में कभी भी बुरे विचार अपने मन में न आने दें । यही बुद्धिमान लोगों का फर्ज है ।
29. कांच के बर्तन को जब भी आप राख से साफ करोगे तो वह चमक जाएगा और यह भी बात जानने योग्य है कि तांबे के बर्तन में चमक लाने और पूरी तरह साफ करने के लिये खट्टा की भी जरूरत पड़ती है । नदियों की सफाई उसके तेज बहाव से होती है जो नदियां धीरे चलती हैं उनका पानी गंदा रहता है । ठीक इस प्रकार नारी की शुद्धि उसके रजस्वला ( मासिक धर्म ) के पश्चात् होती है ।
30. जिन लोगों के पास धन होता है उसके मित्रों की संख्या अपने आप बढ़ती रहती है । जो सगे सम्बन्धी उससे दूर का ही रिश्ता रखते हैं वे भी अपने प्यार को जताने के लिये चले आते हैं। अर्थात जिसके पास धन होता है लोग उसी को वहां बड़ा मानते हैं । ज्ञानी बुद्धिमान व्यक्ति को धनवान से पीछे फैंक दिया जाता है ।
[Motivational and inspirational quotes in hindi [☆☆☆☆☆☆]
31.प्रार्थना और विश्वास दोनों अदृश्य हैं परंतु दोनों में इतनी ताकत है कि नामुमकिन को मुमकिन बना देती है ।
32. गुजर जाएगा ये दौर भी ग़ालिब ' ज़रा इत्मीनान तो रख जब खुशी ही ना ठहरी तो ' ग़म की क्या औकात है ।
33. तारों में अकेला चाँद जगमगाता है मुश्किलों में अकेला , इंसान डगमगाता है ।काटों से घबराना मत मेरे दोस्त क्योंकि काटों में ही अकेला गुलाब महकता है।
34. जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था, अपना जीवन कुछ ऐसे काम कर जाऔ कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।
35. मिल ही जाएगी मंजिल भटकते भटकते गुमराह तो वो हैं जो घर से कभी निकले ही नहीं..।
36. जिंदगी में कठिनाइयां आये तो उदास ना होना, क्यूंकि सबसे मुश्किल रोल अच्छे एक्टर को ही दिए जाते हैं ।
37. अपनी जमीन अपना नया आसमान पैदा कर मांगने से जिंदगी कब मिली है ऐ दोस्त, खुद ही अपना नया इतिहास पैदा कर ।
38. वह इंसान कभी भी सफल नहीं हो सकता जो रास्ते पर आने वाली दिक्कतों के बारे में ज्यादा सोचता है.
39.जीतने वाला ही नहीं बल्कि कहाँ पे कया हारना है ,ये जानने वाला भी सिकंदर होता है।
40. नामुमकिन इस दुनिया में कुछ भी नही, फिर भी लोग इरादे बदल देते है, अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की तो रास्ते के पत्थर भी अपनी जगह छोड़ देते है...!!
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आखिरी अल्फ़ाज़ ...
छोटी सी गलती हमारी जिंदगी को बर्बाद कर सकती है। इसी तरह कोई भी छोटा सा नकारात्मक विचार हमें कई दिनों तक परेशान कर सकता है। और एक छोटा सा अच्छा विचार हमारे निराशा को पल भर में दूर कर सकता है। इसी तरह से नेगेटिव लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए और positive ही लोगों को साथ रहना चाहिए ।अगर हमारे पास कोई भी धन दौलत ना हो और हमारे आसपास पोजिटव लोग हो तो हमारा आधा दुख दुर हो जाता है। अच्छी सोच वाले लोग कभी भी कोई गलत बात नहीं करते ,और नेगेटिव सोच वाले लोग हमेशा दूसरों को डीमोटिवेट करते हैं। जब भी हम अपनी जिंदगी में परेशान होते हैं तो सकारात्मक सोच ही हमें आगे ले जाती है। जब हम कोई इस तरह का प्रेरणादायक लेख पढ़ते तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ जाता है, और निराशा दूर हो जाती है। इसलिए महान पुरुषों के सुविचार पढ़कर हम अपने अन्दर एक नई ऊर्जा भर सकते हैं, और हमारा उत्साह बढ़ सकता है। ऐसे ही विचार में आपके साथ शेयर किये है। जिनको पढकर आप भी अपनी जिंदगी बदल सकते हैं ।हमेशा कोशिश करें सुविचार पढे और उन पर अमल भी करें। अच्छे विचार पढ़ने से हमारे दिमाग मे अच्छी ऊर्जा भर जाती है।अगर अपनी जिंदगी में सफल होना चाहते हैं तो हमेशा पोजिटिव सोच रखो ।
जैसा आप सोचोगे वैसा ही आप बन जाओगे यह एक बहुत बड़ा विज्ञान है। ब्रह्मांड में हमारे लिए वही तैयार कर रखा होता है ,जो हम सोचते हैं अगर हम गलत सोचेंगे तो गलत मिलेगा। अगर हम अच्छा सोचेंगे तो हमें अच्छा ही मिलेगा।
जैसा आप सोचोगे वैसा ही आप बन जाओगे यह एक बहुत बड़ा विज्ञान है। ब्रह्मांड में हमारे लिए वही तैयार कर रखा होता है ,जो हम सोचते हैं अगर हम गलत सोचेंगे तो गलत मिलेगा। अगर हम अच्छा सोचेंगे तो हमें अच्छा ही मिलेगा।
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