motivational story in hindi |success tips in hindi | जीवन को बदलने वाली प्रेरणादायक कहानी |

 Tittle- Motivational story in hindi भगवान सब सुन रहे है 
Hello  friends ,में कुछ ऐसी कहानियाँ Motivational कहानी  शेयर करने जा रही हूँ जो आपको Motivate तो करेंगी ही साथ साथ ऐसी Education देंगी जो कही न कही आपकी सोच को बदल देगी यह कहानियाँ आपके मकसद को Achieve करने में आपके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी । मै उम्मीद करती हूं कि मेरी यह कहानी आपको जरूर पसंद आएगी।

 यह एक मध्यवर्गीय परिवार की सच्ची कहानी है -
भगवान् सब सुन रहा है ...true story
रोजी एक पढ़ी-लिखी लड़की थी अच्छे  संस्कारवान घर से थी। उसकी शादी एक अच्छे पैसे वाले घर में हो गई जहां पैसा तो था पर संस्कारों की थोड़ी कमी थी। 
शादी के 1 साल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। और1 साल बाद ससुराल वाले बहु को बच्चे के लिए बोलने लगे ऐसा करते-करते  2 साल निकल गए पर रोजी को प्रेगनेंसी नहीं हूई।   
अब रोजी ने डॉक्टर से ट्रीटमेंट लेना शुरू कर दिया बच्चे के लिए, लेकिन  फिर भी प्रेगनेंसी नहीं हुई। अब  ससुराल में सारे घर वाले को बेचैनी थी कि बहु जल्दी से ससुराल मे बहु को प्रेगनेंसी हो और एक पोता पैदा करके दे हमे ।
 एक दिन रोजी पति से बातों बातों में पूछ रही थी आप पहला बच्चा क्या चाहते हो पति गुस्से में आकर बोला सिर्फ बेटा चाहिए लड़की तुम्हें कभी पैदा ना होने दु । रोजी बोली अगर बेटी हुई तो बोला पेट में ही मरवा दूंगा । रोजी भी सारी रात सोई नहीं और यही बात सोचती रही कि यदि बेटी हुई तो ये आदमी तो पैदा होने से पहले ही मार देगा, और क्या बच्चे भी अपनी पसंद से पैदा होते हैं ।
रोजी बहुत डर गई थी वह पति से बहुत डरती थी। अगर बेटी हुई तो मेरे साथ क्या होगा, पर उस अंतर्यामी के हाथ मारने वाले से कई गुना बड़े हैं ,और शायद सारी बातें भगवान सुन रहा था। जब रोज़ी के पति बेटी को मारने की बात कह रहे थे ।
अब शादी को 7  साल हो गए रोजी को कोई प्रेगनेंसी नहीं हुई । अब  ससुराल वाले बहु को ताने देने लगे कि तेरी वजह से हमारा वंश आगे नहीं बढ़ रहा । रोजी अब दवाईया खाकर थक चुकी थी। अब रोजी को दिल्ली इलाज के लिए ले गए दिल्ली की डाक्टर ने सारी पुरानी रिपोर्ट देकर बोली कि आपको कोई दवाई की कोई जरूरत नहीं। अब मैं आपके हस्बैंड का टेस्ट करवाना चाहती हूं और उसके बाद ही कोई ट्रीटमेंट लेना शुरू करना पति एक बार फिर गुस्से से बोला मेरे अंदर कोई कमी नहीं हो सकती। 
 रोजी बोले एक बार डॉक्टर की बात तो सुन लो फिर कहीं जाकर  डॉक्टर के पास गया तो उनको टेस्ट लिख दिया और अगले दिन रिपोर्ट सामने आई तो रोज़ी के पति के सपर्म कांउट ( x,y chromosome)बहुत कम थे यही कारण है कि आपकी पत्नी को प्रेगनेंसी नहीं हो रही थी ।
 डॉक्टर ने समझा की दवाई जरूरत आपको है आपकी पत्नी को नहीं। 
 अब इतनी दवाइयां करने के बाद भी कोई प्रेगनेंसी नही हूई रोजी को, अब  पति को बच्चे के लिए भगवान ने इतना तड़पा दिया कि अपने ही मुँह से  यह कहने के लिए मजबूर कर दिया था कि भगवान बच्चा दे दे चाहे बेटी ही दे दे। रोजी बहुत पूजा पाठ करती थी और भगवान से हमेशा यही मांगती थी कि मुझे सिर्फ मां बना दे । 
इतनी पूजा-पाठ और धक्के खाने के बाद 9 साल बाद प्रेगनेंसी हूई और रोजी ने एक बहुत प्यारी बेटी को जन्म दिया ।
इसके बाद रोजी कभी दुबारा मां नहीं बनी बहुत सारे  ट्रीटमेंट करने के बाद भी । रोजी की बेटी की शादी हो चुकी है ।रोजी उस बात को आज भी नहीं भूलती जो पति ने घमंड में आकर बोला था कि बेटा ही चाहिए । उस अदृश्य शक्ति के हाथ बहुत लंबे हैं । वह कुछ भी कर सकता है। 
वह हमारे घमंड का हिसाब चुकता यही कर देता हैं। जो भी बोलो सोच समझकर बोलो वो हमारी हर बात सुन रहा है और घमंड से भगवान की खास दुशमनी है  एक कहावत भी है कि घमंड तो उसने रावण का भी  तोड़ दिया था।
 इनसान के ठंड में हाथ और घमंड में दिमाग काम नहीं करता।
 वह अंतर्यामी हमारे कर्मों का हिसाब किताब यही चुकता कर देता है।
यह एक सच्ची कहानी है मेरी अपनी आखों देखी और कानों से सुनी हंई।

Last alfaaz- 
मेरी इस कहानी का आप तक पहुंचाने का यही मकसद है कि आप किसी भी बात पर घमंड ना करें क्योंकि उस अदृश्य शक्ति के हाथ बहुत बड़े हैं जहां तक आपकी सोच नहीं पहुंच सकती वहां परमात्मा एक पल में पहुंच सकता है इसलिए जो भी करें, जो भी बोलो सोच समझकर बोलना क्योंकि वह सब सुन रहा है। आप कुछ समय के लिए ऑफलाइन हो सकते हो और वह हर समय हर पल ऑनलाइन हैं।
 हमारे कर्मों का हिसाब यही चुकता हो जाता है यहीं पर स्वर्ग नर्क है भगवान ऊपर लेकर किसी का कुछ नहीं करते। धरती पर ही इंसान के लिए स्वर्ग है और यहीं पर नर्क है, इसलिए कभी भी भूल कर बेटा बेटी में कोई भेदभाव ना करें। जो काम एक बेटा कर सकता है वह बेटी भी कर सकती है।

अगर आपको मेरी यह कहानी अच्छी लगी हो तो प्लीज अपने चाहने वाले और दोस्तों को

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ