ग्रहण कब से शुरू है | ग्रहण पर सावधानियां || ग्रहण के समय पुजा कैसे करें |

Tittle- सूर्य् ग्रहण कब हैऔर इस समय कौन कौन सी सावधानिया बरतनी चाहिए। 
आज  25अक्तूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। शास्त्रों के अनुसार यह ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि हर साल दिवाली से अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती हैैैैैैै पर अब की बार ऐसा नहीं होगा। अब गोवर्धन पूजा कल मनाई जाएगी इसलिए आज किसी भी तरह का पूजा पाठ नहींं करे सिर्फ मन ही मन मंत्र जाप करने का सबसे उत्तम विधिि मानी जाती है। इसलिए जितना हो सकेेेे ग्रहण के समय में मन से ही मंत्र जाप करें जो बहुत अधिक फल देने वाला होता है।

 इससे पहले ऐसा ग्रहण 1962 में देखने को मिला था लगभग 500 सालों पहले ऐसा योग बना था। यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 4 बजे  से शुरू होकर तक 5 बजकर 42 मिनट   तक रहेगा,और इसके लिए सूतक काल 23 अक्तूबर  रात को शुरू हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसे योग बनने जा रहा है ,जैसे पिछले 500 सालों में बना था।
इस समय विष्णु सहस्त्रनाम का हर राशि वाला व्यक्ति पाठ कर सकता है जो बहुत ही लाभकारी है।

धर्मग्रंथों के अनुसार सावधानियां -

 सूतक के दौरान मूर्ति पूजा निषेध है। यही नहीं इस दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखे जाते हैं। इसके अलावा मंदिरों में ग्रहण के बाद साफ-सफाई होने के बाद ही पूजा आरंभ होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार ग्रहण का स्पर्श इस बार भारत में ही होगा।

1. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं को सोना,खाना पकाना, और सजना सवरना नहीं चाहिए.

2. ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को सब्जी नहीं काटनी चाहिए और ना ही कपड़े सीने चाहिए ,इससे बच्चों में शारीरिक दोष हो सकते हैं।ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए ।

3.सुर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।

4. ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान अवश्य करना चाहिए क्योंकि उनकी शिशु को त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं.और नहाते समय गंगा जल जरूर मिला ले।

 5.ग्रहण में नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को जीभ पर तुलसी का पत्ता रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

6. सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का पाठ करना बहुत लाभकारी है सभी के लिए यह जाप मन ही मन हो।

 7.ग्रहण काल के दौरान औरतों को सिंगार बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

8. ग्रहण काल सूर्य ग्रहण काल के दौरान लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और कभी भी सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखें, अगर देखना चाहते है, तो चश्मा लगा कर देखें ।

9 सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
अगर आप करना चाहते भी हो तो आपको सफलता नहीं उलटा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

10. सूर्य ग्रहण के दौरान किसी के साथ उधारी नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से आपके घर में दरिद्रता आती है.और लक्ष्मी नाराज हो जाती है.

11.सूर्य ग्रहण के दौरान नुकीली  चीजों का प्रयोग वर्जित माना गया है। 

12. ग्रहण के दौरान अगर आप किसी को दान देना चाहते हो तो वह जरूर दें उसका फल दोगुना मिलता है। और सबसे ज्यादा सूर्य ग्रहण का दान देने का महत्व कूड़ा उठाने वालों को बताया गया है। अगर हो सके तो उनको दान जरूर दें।

13. ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करें तथा अपने आराध्य देव का पूजा ध्यान करें।

14. सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र गुरु मंत्र का जाप अवश्य करें। ऐसा करने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। ऐसे करने से आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है।

 16. सूर्य ग्रहण के दौरान ऐसी जगहों पर बिल्कुल ना जाए जहां पर सुनसान हो।

 17.सूर्य ग्रहण के दौरान अपने सारे खाने में तुलसी के पत्ते  या कुशा अवश्य डालें.

 18.सूर्य ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिडकाव अवश्य करें। 

19.सूतक काल में पत्ते, फूल और लकड़िया नहीं तोड़नी चाहिए।

20 ग्रहण काल में घर में मन्दिर में पूजा पाठ भी नहीं करनी चाहिए, ना ही मूर्तियों को छुना चाहिए। ऐसा करने से आपको नुकसान हो सकता है।

21.ग्रहण काल में तेल से मालिश करना, भोजन बनाना, भोजन खाना और बाल बनाना,कपड़े धोना, ताला खोलने जैसे कामों को वर्जित माना गया है।

22. सूतक काल में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं। 


 22.ऐसा माना जा रहा है आज सूर्य ग्रहण के दौरान 30 सेकंड के लिए दिन में रात नजर आएगी और आसमान में दिन में तारे टिमटिमाते दिखाई देंगे कल कंकणाकृती सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। जो कई तरह से बहुत अहम है। इस ग्रहण के कई दुष्प्रभाव बताए जा रहे हैं।
इससे पहले ऐसा नजारा 25 साल पहले अक्टूबर 1995 में देखने को मिला था जब दिन में ही अंधेरा हो गया था। सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए।
 ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए और गर्भवती महिलाओं को संतान गोपाल का सहस्त्र पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे की कुशल बुद्धि और विवेकवान संतान की प्राप्ति होती है। सबसे अधिक प्रभाव ऐसा माना जा रहा है कि मिथुन राशि पर पड़ेगा। सूर्य ग्रहण के समय मंगल राशि मीन में स्थित होकर सूर्य बुध, चंद्रमा, राहु पर अपनी दृष्टि डालेंगे। जिससे अच्छी स्थिति बनी रहेगी। 

* सबसे उत्तम उपाय - 

ग्रहण खत्म होने के बाद अगर हो सके तो एक लोटा जल सूर्य को जरूर दें ।यह सबसे अच्छा काम होता है, ग्रहण खत्म होने के बाद।एक बार किसी बड़े साधु ने बताया था कि जब पूरे ग्रहों की मार पड़ती है तब कोई ग्रहण लगता है सूर्य और चंद्रमा पर, तो वह मार खाया हुआ ग्रह होता है,और मार खाने के बाद किसी भी इंसान को पानी की जरूरत होती है,तो हो सके तो आप उनको ग्रहण खत्म होने के बाद पानी जरूर अर्पित करे सुर्य देव को । यह अत्यंत ही लाभकारी उपाए हैं ,अगर आप अपनी जिन्दगी मे भी देखा होगा जब किसी इन्सान को मार पड़ती है तो मार खाने वाले व्यक्ति को हम पानी पिलाते हैं या फिर डाक्टर के पास ले जाते है। वह आपको दुआ ही देता है बद्दुआ नहीं। यह काम  शुभ कार्य सुर्य के लिए अवश्य करें ग्रहण खत्म होने के बाद,हो सके तो जल में थोड़ा सा मीठा मिला ले।

* दिवाली के समय पर यह पहला सूर्य ग्रहण है। इसलिए किसी भी तरह का अफवाह या डर ना फैलाएं। बस अपना काम हर रोज की तरह इस दिन भी करें। किसी भी तरह किसी बात को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। जैसे हर रोज जिंदगी जीते हैं वैसे ही जिए। कुछ लोग गलत अफवाहें फैला देते हैं, किसी भी तरह के अफवाहों में ना आए बस सावधान रहना है डरना मना है।अपना मंत्र जाप मन ही मन करें और अपने आप को पोजिटिव रखें। किसी भी तरह भय ना उतपन्न करे क्योंकि सूर्य ग्रहण है ना कि कोई दुनिया का अंत। कुछ लोग ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं कि 21 जून को दुनिया खत्म हो जाएगी। ऐसी बातों से दूर रहें और अपने आप को positive रखें.
 
* मन ही मन हनुमान चालीसा का पाठ करें ,जो सबसे अच्छा माना जाता है।हनुमान जी जिसके साथ हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 

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Disclaimer- 
सभी उपाय हमारी तरफ से नहीं बल्कि हमारे धर्म ग्रंथों में से दिए गए हैं इसलिए हम किसी भी प्रकार के खुद व्याख्या नहीं करते.

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