How to accept drunk men |motivational topic for drunk men | motivationl topic for alcoholic family in hindi |

शराब कैसे छोडें और किसी वयक्ति की शराब कैसे  छुडवाये -मेरा यह टोपिक उन परिवार और पत्नियो के लिये है जो अपने किसी शराबी इन्सान के  रिशते से तगं है तो इस समय हमें क्या करना चाहिए और क्या न करे । कयोकि जरुरत से जयादा शराब पिना एक बिमारी है। 
शराबीपन की परिस्थिति से निपटने के लिए हमे अपने तरीके और सोच को बदलना होगा यह तभी संभव है जब हम शराबी मनुष्य की मजबूरी समझते हो और उसका इतनी बुरी तरह शराब पिना एक मानसिक बीमारी है। 

 
पत्नियो के लिए motivationl speech-
यदि हम बेबाक , ईमानदार नजर डालै तो अचानक हमें पता चलता है कि हम और तो के पास घातक हथियारों का भंडार है , ये वही हथियार हैं जो बहुत - सी पतनियों द्वारा उपयोग में लाये जाते हैं , कर्कश आवाज में प्रकट किया गया रोष , गैर जिम्मेदाराना आरोप , सिर खाना , आँसू बहाना और पागलपन और स्वयं को सही ठहराना और सब समस्या की जड़ शराबी को समझना और बहुत कुछ ये सब हथियार शराबी पन की  समस्या को बढाते है और जानलेवा भी है ।
ये शराबी में बेहतर जीने की चाहत को खत्म कर देते हैं, प्यार और सम्मान को नष्ट कर देते हैं। ये शराबी के भीतर पहले से मौजूद असहनीय अपराध - बोध को बढ़ाकर शराबी को बर्बाद कर देते हैं। ये हथियार पुरे घर को बर्बाद कर देते हैं, जो इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं।

शराबी की जिंदगी में आने से पहले हो सकता है आप ने पहले कोई शराबी ना देखा हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप शराबी को जीने नही दे हम सब को पता है कि यह एक बुरी लत है। पर शराबी से पहले वह हमारे घर का सदस्य और इन्सान भी है।
जब तक आपके पास अपनी कमियों को सुधारने का तरीका सिर्फ इच्छाशक्ति पर ही निर्भर करता था , तब तक हम उन कमियों को पूरी तरह खत्म कर नही सकते । पहले अपने आप को सुधारना होगा फिर शराबी के बारे मे सोचना। 
कयोंकि दुनिया में सबसे जयादा अपने आप पर काबू पाना सबसे बडी सफलता है । एक कहावत भी है जिसने अपने ऊपर काबू कर लिया उसने जग को अपने वश में कर लिया। 
अपनी बुरी आदतों और बेबसी को दृढ़ संकल्पों या स्वयं से यह वादा करके कि हम ऐसा या वैसा नहीं कुछ नही करेगे जिससे शराबी को चोट पहुंचे।
शराबी व्यकित से कभी भी लडाई से नहीं जीता जा सकता, कयोंकि वह नशे में है पर हम नही।
शराबी को हम जड़ से उखाड़ा नहीं जा सकता क्योंकि उस खाली जगह में कौन भरेगा उन्हें बदला जाना सम्भव है पयार और अच्छी आदतों से यही एक रहस्य है ,कि नकारात्मक को सकारात्मक से बदला जा सकता है।

बस शर्त इतनी है की हमें इस बिमारी के चलते धैर्य रखना होगा। जब हम अपने आप को बदल लेंगे, लडाई, झगड़ा बन्द कर देंगे तो शराबी पति सोचने पर मजबूर हो जायेगा कि इसको कौन सा खजाना मील गया जो अब ये मेरी किसी बात से कोई प्रतिक्रिया नही देतीं।
अगर आप शराबी को देखकर दुःखी और असंतुष्ट हो तो कोशिश करके खुशियों भरे विचार अपने मन में लाये और उसकी आलोचना ना करे।और  जो उनमे अच्छी आदतें है उन आदतो  को भी याद करे। जो अच्छी और सुखद दिन थे और अपना ध्यान उन पर केन्द्रित करे।
अपने मन की निष्फल शंकाओं और डर को विश्वास व निष्ठा में बदल दे ।

 अगर आप अपनी जिन्दगी से बोर हो रही हो तो कुछ नया सीखने की मन लगाये ।चाहे यह पुराने कार्यों को नये ढंग से करने का अधिक आनन्दमय तरीका ही हो। 
हम सब औरते  शराबी की वजह से अपनी अच्छी आदतों को भी तनाव ग्रस्त होकर अपनी असली पहचान को खो दिया है।

जब हमें यह पता चलता है कि शराबी कोई काम नहीं करता तब हम और जयादा परेशान और तनाव के घेरे में फसं जाते हैं। पर हमें यह समझ लेना चाहिए कि हमें अपनी कमियों को कुछ बेहतर चीज़ों से बदलना होगा और अब दोहरी जिम्मेवारी निभानी होगी।

अगर हम एकाग्रता और नए दृष्टिकोण से आत्मसात कर ले तो यह समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है। अगर हम ध्यान से इस बात पर गौर करें तो हमारी शराबी के साथ झगड़े करने की आदत से उसकी और उसके परिवार की बर्बादी होती है।
 
जब कोई हमें पूछता क्या वह पीता है? तो परिवार इस बात को लेकर शराबी की करतूतों उचित ठहरता है हम ऐसा करके लोगों की हां में हां मिलाकर उसकी निन्दा कर रहे है।
 
जबकि शराबी  इन्सान  तो बीमारी का शिकार है। हमारे संस्कार हमें सिखाते है कि पीने वाला अपनी समस्या के बारे में उतना ही कम जानता है जितना कि हम सब जानते है। सभी पत्नियां जानती है कि उसे भी तकलीफ होती है और हम अपना समय और शक्ति " शराबी को सम्मान दिलाने की कोशिश में बर्बाद नहीं करेगी ।
 आप अपना ध्यान यह समझने में कोई अन्य व्यक्ति बार - बार विनाशकारी व्यवहार क्यो कर रहा है सोचने में वयर्थ ना करे। खाली पुलाव वाली बातों की कोशिश से हमें अपनी कठिनाइयों को हल करने के लिए मदद नहीं मिलती । 
हम इस समस्या का हल तभी पा सकती है अगर हम अपने विचार अपने ऊपर हावी ना होने दु और लोगों की परवाह करनी छोड़ दु।
सबसे पहले इस बात की लिस्ट तैयार कर ले कि मैं जो करती हूँ वह क्यों करती हूँ और क्या मेरे लडाई झगड़े करने से कभी शराबी पर कोई फर्क पड़ा है।
 एक बार इस बात को गहराई से बैठकर सोचे आपको इसका जवाब सिर्फ ना मिलेगा, फिर शराबी के साथ लड़ाई झगड़ा करने का क्या फायदा ।इसलिए अपनी जिंदगी अपने तरीके से जियो और शराबी को सिर्फ भगवान के भरोसे छोड़ दो ।
 आप उसके भगवान बनने की कोशिश मत करो अगर उसको भगवान ने पीने के लिए ही भेजा है तो उसको आपके रोने धोने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

अब हम अपनी गलतियों का सामना करे और अपने को सुधारना सीखे । शराबी मेरी परेशानी नहीं है।
मैं स्वयं अपनी परेशानी का कारण हूँ । हालांकि सभी इंसानों की नियति समान है फिर भी प्रत्येक को अपने व्यक्तिगत निर्वाण के लिए स्वयं ही काम करना पड़ता है । सिर्फ पति पत्नी बनकर जिंदगी का अर्थ समझने के लिए हम एक दूसरे की मदद कर सकते हैं । 
परन्तु अंत 'मे स्वयं को पाने के लिए और समझने के लिए हर व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार है।
हममें से अधिकतर इसलिए रोते है कि हम शराबी की वज़ह हताश , अकेले और शराबी के व्यवहार बहुत दुखी है। एक बार ठंडे दिमाग से सोच कर देखो कि जिन औरतों के पति शराब नहीं पीते क्या वह कभी दुखी नहीं होती ।

आपको ऐसी बहुत कम औरतें मिलेंगे की किसी के घर में कोई समस्या ना हो। अगर शराब वाली समस्या नहीं है हो सकता है और किसी समस्या से परेशान हो। ऐसी परिस्थिति में महत्वपूर्ण यह है कि क्या हम शराबी की शराब छुड़वाने के लिए इतने बेचैन है ,भले ही उसकी जान चली जाये क्योंकि बहुत सारी औरतें शराबी की शराब छुड़वाने के लिए कुछ ऐसी दवाइयों का प्रयोग करती हैं जिनका सीधा असर एकदम दिल पर होता है, और वह सिर्फ मौत के मुंह में ले जाती हैं।

कया आप यह मानती कि हम कोई ऐसी गलती करे ।
हमें यह जानना और समझना है कि यह जानने के लिए कोशिश ना करे कि अपने पति को कैसे बदला जा सकता है।
 यह बात जान ले कि अगर कोई व्यक्ति है जिसे मैं बदल सकती हूँ , तो वह स्वयं मैं ही हूँ । अगर मैं वास्तव में जीवन जीने का नया मार्ग चाहती हूँ , तो फिर मैं अपने अंदर गहराई से देखूगी और अपनी कमियों को स्वीकार करूंगी। और उनको दुर करने की कोशिश करो।
शराबी को ठीक करना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। मेरा काम है कि मैं अपनी गलतियों और अपनी उलझी हुई जिंदगी को बनाने में जो मेरा रोल है उसके बारे में खुद को तैयार करूं।
 अब हमें स्वीकार करना होगा कि इन उलझनों को पैदा करने में मेरे विवेकहीन व्यवहार ने मदद की है ? मुझे विश्वास है कि मैं वक्त के साथ अपनी आप को बदल लुंगी ।
अब मैं शराबी को बदलने की कोशिश नहीं करूंगी। क्योंकि शराबी को बदलने की जरूरत नहीं है। मुझे खुद को बदलना होगा और अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीनी होगी यही मेरी असली पहचान है।

हमें ( पत्नियों) ईमानदारी से स्वीकार करना होगा कि मैं अब तक अपने खुद के विचारों , शब्दों और करनी पर नियंत्रण करने में भी सक्षम नहीं थी ,इसमें बहुत सुधार की गुंजाइश है ,मेरी पहली जिम्मेदारी है अपने लिए वास्तव में एक नया और
सच्चा, सतोष भरा जीवन बनाना है। ऐसा करने के लिए मुझे अपनी कमियों पर काम करना ही होगा , अपने आप से और अपने आस - पास रह रहे लोगों से शब्दों और कार्यों पर नियंत्रण करने के लिए समर्पित करूंगी। ऐसा करने से मेरे पास अन्य परिवार का सहयोग लूंगी।
  हमे विश्वास दिलाना होगा अपने आप को कि शराबी जिन्दगी में मेरी दखल अंदाजी ने कहीं बदतर हो गई थी पर अब पहले से बेहतर रिश्ता बनाना होगा।
हम अपने आपको अपने चरित्र के दोषों को दूर करने में और अपने आवेगपूर्ण वक्त ही नहीं होगा कि मैं शराबी को सुधारकर फिर से नया बनाने की कोशिश करूं ।
एक बार मैं दखल देना और उसे बचाने की कोशिश छोड़ दूं , तब शायद शराबी यह समझ सके कि संयम एक व्यक्तिगत समस्या है ,जो उसके लिए कोई और बचाने में उसकी मदद् नही कर सकता।

अब हम प्रार्थना करते है यह समझ पाने के लिए कि किसी दूसरे का निर्वाण हम पर नहीं , बल्कि स्वयं उस पर और ईश्वर पर निर्भर करता है और हे परमात्मा मदद करे। अक्सर पुछै जाने वाले सवाल कि शराबी किस वज़ह से पीता है। इन बातों का और लोगों की  परवाह करना छोड़ दूंगी।

एक प्रशिक्षित मनोचिकित्सक के लिए भी आसानी सीखने के लिए कि वे खुद क्यों किसी दूसरे व्यक्ति के बेकाबू पाने की हमें यह सच्चाई स्वीकार करनी होगी कि शराबी एक बीमारी से ग्रसित इन्सान है। 
शराबी पति को छोड़कर खुद पर काबू करे।अब हमे अपने पर इतना विनाशकारी असर होने दे रहे हैं उसका परिवार, सोचने और करने के ढंग को बदलकर उसको काबु करना चाहता है। पर यह मुमकिन नहीं है क्योंकि शराबी व्यक्ति कोई दूध पीता बच्चा नहीं है जो परिवार और पत्नी की आसानी से काबू आ जाएगा।
हम अपनी समस्याओं का सामना आत्मविश्वास आशा और शांति से कर पा रहे हैं। अगर हम अपनी कमियों को और भी त्याग, ईमानदारी से पहचान सकें और स्वीकार कर सकें , तो इससे हमारे लिए एक नई दुनिया का दरवाजा खुल जाएगा और यह अक्सर शराबी में भी चमत्कारी परिवर्तन दिखलाता है ।
 हम अपने को इस भ्रम से आजाद कर ले कि मैं प्रत्यक्ष रूप से कुछ करके शराबी की बीमारी को जीत सकती हूँ । मुझे किसी दूसरे की बीमारी से कष्ट उठाने की जरूरत नहीं , यदि मैं केवल अपने लिए मदद लेने को तैयार होती हूँ । यह शराबी को अप्रत्यक्ष रूप से मदद करता है।

इस बात में कोई शंका नहीं जब हम इसी समस्या को छोड़कर अपने आप में रहकर आगे बढ़ते हैं तो, समस्या एक दिन अपने आप ही खत्म हो जाती है, और जब किसी समस्या को लेकर आए दिन रोते रहते हैं वह समस्या हमें और भी ज्यादा घेर लेती हैं । इसी तरह शराबी की समस्या भी यही बात सिखाती है कि हमें शराबी को छोड़कर अपने लिए जीना है।

 शराबी भी एक दिन अपने आप ही पीकर थक जायेगा। क्योंकि हम शराबी के भगवान नहीं हैं ।उसको उसके भगवान के भरोसे छोड़ दो और अपनी जिंदगी जियो और दूसरे को भी जीने दो ।इस नारे को बस हमेशा याद रखो।
निष्कर्ष-
यह लेख उन परिवारों के लिए है जो अपने परिवार के किसी भी सदस्य से शराब पीने की वजह से तंग है। ज्यादातर परिवार उन शराबियों से तंग होते हैं जो लोग पीकर हुड़दंग मचाते हैं, वह लड़ाई झगड़ा करते हैं।

हे परमात्मा हमें शराबी को सहन करने की शक्ति दे और शराबी को सद्बुद्धि दे। हमेशा भगवान् से यही प्रार्थना करे । 

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