Tittle- भोजन करने के कुछ नियम -
हमारे खान-पान का सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है. जो भी खाएं सोच समझ कर खाएं. आयुर्वेद के अनुसार और वात, पित्त और कफ तीनों ही प्रवृत्ति का होता है. हर इंसान की प्रवृत्ति भी अलग होती है ,इसलिए जो भी खाएं सोच समझ कर खाएं .खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जिनके खाने से हमें अजीर्ण हो जाता है यानी खाना एक तरह से जहर बन जाता है। आज के इस टॉपिक में कुछ ऐसी फल और सब्जियों के बारे में बता रहे हैं कि जिनके खाने से एक दूसरे के विरुद्ध हैं।और रात को कया खाये और कया ना खाये
रात के भोजन में कया खाये और कया ना खाये-
रात को सोने के बाद शरीर का ना चलने की वजह से मांसपेशियों का ना चलना और शरीर का कोई ऊर्जा की खपत ना होने की वज़ह से हमें नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए रात को हमेशा सोच समझकर ही खाये।
1 रात को दही का प्रयोग ना करें
दही में मौजूद प्रोटीन आपकी मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद करता है। रात को सोने से पहले, यानी खाने में अगर आप एक कप दही खाते हैं तो आपको प्रोटीन मिलेगा जो कि मांसपेशियों के लिए काफी अच्छा है। इसके अलावा अगर आप वजन नहीं बढ़ाना चाहते हैं तो रात में दही का प्रयोग ना करें क्योंकि रात को दही खाने से वात, पित्त ,कफ इन तीनों के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है आयुर्वेद के अनुसार रात को कभी भी भूल कर दही ना खाएं
केला-
रात को केला ना खााये:-
आप सोच रहे होंगे कि केला खाना तो अच्छा होता है लेकिन हम आपको बताते हैं कि इसे रात में खाना अच्छा है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार रात को केला खाने से कोई समस्या तो नहीं होती पर रात में इसे कम खाएं। आयुर्वेद में कहा गया है कि रात में केला खाने से सर्दी जुकाम की समस्या हो सकती है और इसके पचने में काफी समय लगता है, जिसकी वजह से आप सुस्त महसूस करने लगते हैं। आयुर्वेद बल्कि कई फिटनेस और एक्सपर्ट भी कहते हैं कि केला स्वस्थ और ऊर्जा देनेवाला फल है,लेकिन जो लोग, अस्थमा या साइनस से पीड़ित हैं, उन्हें रात में केला नहीं खाना चाहिए।
दुध -
रात को दूध पीना चाहिए-
दूध सेहत के लिए कितना अच्छा होता है यह तो आप सभी जानते हैं, लेकिन क्या रात को दूध आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है?
दूध सेहत के लिए कितना अच्छा होता है यह तो आप सभी जानते हैं, लेकिन क्या रात को दूध आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है?
दूध में एक प्रकार की चीनी होती है जिसकी वजह से दूध का स्वाद मीठा रहता है और संतुष्टि भी मिलती है। अगर आप शुगर की बिमारी है तो आपके लिए सही नहीं है तो सोने से पहले दूध पीने से आपको पाचन से संबंधित समस्या हो सकती है।
पेट में गैस, पेट फूलना, पेट में मरोड़ और दस्त आदि पाचन से संबंधित परेशानीयां हो सकती है।
वैैसे आयुर्वेद के अनुसार जिनको कोई समस्या नहीं है उनके लिए रात को गर्म दुध पिनाा सबसे अच्छा माना गया है।
खीरा -
रात को खीरा नही खाना चाहिए:-
रात का खाना हमेशा हल्का होना चाहिए। इसलिए सलाद और सूप रात के खाने के लिए बेहद अच्छे होते हैं। लेकिन सलाद में मौजूद खीरा बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए।
चावल-
रात में चावल नहीं खाना चाहिए:-
चावल के कारण आपका वजन बढ़ सकता इसमे कार्बोहाइड्रेट के रूप में कैलोरी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो कि आपके शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। इसके अलावा जब आप रात में चावल खाते हैं तो यह जल्दी व आसानी से पच जाते हैं, लेकिन क्योंकि सोने के बाद आप पूरी रात कुछ नहीं खाते इसीलिए शरीर को कोई अन्य पोषण नहीं मिलता। इसी कारण सुबह उठने पर आपको बहुत तेज भूख लगती है, क्योंकि रात को चावल खाने के बाद पेट में गैस और वायुुु बन जाती है इसलिए रात को चावल ना खायेे।हम सब सोचते हैं कि चावल हल्के होते हैं तो उन्हें रात में खाना चाहिए, लेकिन सच यह है कि चावल की जगह फाइबर युक्त खाना अधिक बेहतर विकल्प इसलिए रात को चावल का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें, अगर चावल की जगह खिचड़ी खाई जाए तो वह ज्यादा अच्छी मानी जाती है क्योंकि उस की तासीर बदल जाती है खिचडी खाने से हमें कफ संबंधी कोई भी रोग नहीं हो सकता और चावल खाने के बाद हमें कफ जैसे समस्या हो सकती हैं
रात को दलिया खाना चाहिए
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रात में स्वस्थ भोजन दलिया जरूर खाना चाहिए। ओट्स को आप कभी भी और दिन के किसी भी समय खा सकते हैं। वास्तव में ओट्स सबसे स्वस्थ आहार में से एक है। यह आपके हृदय के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यदि आप रात में भी ओट्स खाना पसंद करते हैं तो आपके लिए अच्छी बात है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि ओट्स को नाश्ते में ही खाना चाहिए लेकिन असल में आप ओट्स को रात में भी बिना किसी चिंता के खा सकते हैं। क्योंकि ओट्स में अधिक मात्रा में पानी व फाइबर होता है और कम वसा होती है। इसलिए रात को दलीया और खिचडी सबसे बेहतर खाना है।
रात को प्याज ना खाये -
रात में स्वस्थ भोजन दलिया जरूर खाना चाहिए। ओट्स को आप कभी भी और दिन के किसी भी समय खा सकते हैं। वास्तव में ओट्स सबसे स्वस्थ आहार में से एक है। यह आपके हृदय के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यदि आप रात में भी ओट्स खाना पसंद करते हैं तो आपके लिए अच्छी बात है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि ओट्स को नाश्ते में ही खाना चाहिए लेकिन असल में आप ओट्स को रात में भी बिना किसी चिंता के खा सकते हैं। क्योंकि ओट्स में अधिक मात्रा में पानी व फाइबर होता है और कम वसा होती है। इसलिए रात को दलीया और खिचडी सबसे बेहतर खाना है।
रात को प्याज ना खाये -
रात को प्याज को सलाद के रूप में खाते हैं तो यह स्वास्थ्य के लिए सही है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, प्याज को रात में सोने से पहले कभी भी अधिक मात्रा में ना लें। प्याज अधिक मात्रा में खाने से खट्टी डकारे और मुँह से बदबू की समस्या हो पैैदा हो सकती है।
रात को गुड जरूर खाये-
रात को सोने से पहले गुड़ खाना अच्छा होता है। अगर आप गुड़ का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद होगा, आयुर्वेद के अनुसार पेट से जुडी समस्याएं कम करने के लिए आप रात में गुनगुने पानी में गुड़ डालकर पी सकते हैं। इससे सुबह आपको कब्ज भी नहीं होगी और पेट साफ रहेगा। गुुड आयरन की कमी को भी दुुर करता है।और गुड हमें अस्थमा, खांसी , जुकाम जैसी समस्या को पैदा होने से भी रोकता है, क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है जो हमारे लिए सर्दियों में खाना बहुत ही बेहतर विकल्प है ।इसलिए रात के समय थोड़ा सा गुड जरूर खाएं और ऐसा भी माना जाता है रात को गुड़ खाने के बाद हमारा पेट की चर्बी नहीं बढ़ती इसलिए भोजन करने के बाद रात को एक तोला गुड़ जरूर खाएं।
रात को तेल वाले खाद्य पदार्थ ना खाएं
तेल और वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने से न सिर्फ सुबह आप सुस्त महसूस करते हैं, बल्कि आपके पाचन तंत्र को खाना पचाने में समय लगता है।
मसाले सभी तरह की बीमारियों का इलाज करने में मदद करते हैं, लेकिन जब आपको बीच रात में भूख लगती है तो मसालेदार चीजों से बिल्कुल दूर रहें। मसालेदार खाने आपके पेट को खराब कर देते हैं और मसालें में मौजूद केमिकल आपको को जगा देते हैं, जिसकी वजह से रात में सो पाना मुश्किल हो जाता है।कयोंकि मसालों की तासीर गर्म होती है इसलिए रात को ज्यादा तला हुआ भोजन ना खाएं।
3. रात में ज्यादा मात्रा में खाना ना खाएं-
रात को खाना अगर आप फाइबर, फैट और प्रोटीन से भरपूर खाते हैं तो उसे पचने में ज्यादा समय लगता है, जिसके कारण रात को पेट दर्द हो सकता है।। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपको रात में कितना खाना है, कितनी मात्रा में कैलोरी लेनी , क्योंकि रात को ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने से पचने में टाइम लगता है और जिसकी वजह से हमारा मोटापा बढ़ जाता है इसलिए रात को बहुत ज्यादा भोजन ना खाएं ।
आयुर्वेद के अनुसार, रात को भोजन करते समय आपको बहुत सावधानी बरतनी की जरूरत है। क्योंकि यह दिन का आखिरी भोजन है, तो सही समय पर, सही भोजन करना बहुत ज़रूरी होता है। और कम से कम और हल्का भोजन करे। क्योंकि भोजन भोजन करने के कारण हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों की इसकी मुख्य वजह गलत खान पान है ।हमारा शरीर तीन तरह की पवृति से बना हुआ है वात, पित्त और कफ से बना होता है इसलिए खाना भी अपने शरीर की के हिसाब से ही खाना चाहिए।
अजीर्ण की समस्या का समाधान:-
रात को उडद की दाल के साथ कभी भी दूध ना पिए ऐसा करने के बाद आपको पेट दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है और अगर गलती से आप दूध भी पी ले तो अजवाइन या हींग का सेवन जरूर करें।
2. आम खाने के बाद आफारा के लिए कया करें-
इलाज दो - चार जामुन अथवा दूध अथवा एक ग्राम सौठ के चूर्ण की गुड में गोली बना कर खा ले।
3. जामुन का इलाजः आम अथवा थोड़ा नमक लगाकर खाये।
4. खरबूजा का इलाज : चीनी का शर्बत आधा कप
5 तरबूज का इलाजः एक दो ग्राम नमक अथवा एक लोंग
6. सेब का इलाजः गुलकन्द एक चम्मच अथवा दाल चीनी एक ग्राम ।
7. अमरुद का इलाजः सौंप
8 नींबू का इलाज:- नमक
9 . बेर का इलाजः गन्ना चूसना
अथवा सिरका या गर्म पानी ।
10. गन्ना का इलाजः तीन बार बेर
11. चावल का इलाजः नारियल की गिरी का टुकड़ा खाना अथवा दही या अजवायन अथवा गर्म दूध
12. उड़द की दाल का इलाजः गुड
13. मूंग , मठे , चने की दाल का इलाजः सिरका
14 . मटर का इलाजः अदरक या सोंठ
15 . अनाज या दाल का इलाजः दूध या दही
16 . बेसन का इलाजः गर्म मसाला अथवा मूली के पत्ते
17 . इमली का इलाजः गुड़
18. मूली का इलाज : मूली के पत्ते अथवा तिल चबाकर खाना
19. बैंगन का इलाज : सरसों का तेल
20. शकरकन्द का इलाजः गुड
21. जिमिकंद का इलाजः गुड
22 .मकई का इलाजः मट्ठा
23 . घी का इलाजः काली मिर्च अथवा गर्म पानी
24. बदबूदार या मुराना घी का इलाजः नींबू का रस
25 . खीर का इलाजः काली मिर्च
26. लड्डू का इलाजः पीपल
27. पूरी कचौड़ी का इलाजः गर्म पानी
28. अमरूद का कफकारी का इलाजः नमक , काली मिर्च लगाकर खाना
29 .खुरमानी का इलाजः ठंडा पानी
30 . मूंगफली का इलाजः गाय का मट्ठा या गुड़ ।
औषधियों का दुष्प्रभाव का घेरेलू इलाज-
1• कुनैन;- मस्तिष्क में चक्कर आना तबीयत घबराने का इलाजः नींबू का प्रयोग ।
2• विभिन्न सल्फा ड्रग प्रतिकूल लक्षण का इलाजः नींबू का प्रयोग
3 एलोपेथिक दवाओं के प्रयोग गर्मी से शरीर में जले , पैरों में जलन का इलाजः आंवला मुरब्बा एक नग और गुलकन्द एक चम्मच लगातार कुछ दिन लेना है।
4• गर्भ ( उष्ण वीर्य ) वस्तुओं के सेवन से शरीर में गर्मी , अन्दर की जलन , गर्मी के चक्कर, जी मिचलाना का इलाजः- सफेद जीरा और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच भरकर ले ले और फिर पानी पीना अथवा सूखा धनिया दाना और मिश्री बराबर मिलाकर एक चम्मच भर पानी के संग लेना है।
नोट : - एण्टीवायोटिक्स दबाएँ हानिकारक रोगाणुओं के साथ - साय स्वास्थ्य के लिये उपयोगी बैक्टीरिया को भी मार देती हैं अतः एण्टीबायोटिक्स दवाओं का प्रयोग सोच समझकर और कम से कम ही करना चाहिये।
विषम -आहार ( हानि कारक संयोग)
संयोग वृद्धि द्रव्य स्वतंत्र रूप से खाने पर हितकर नहीं होती किंतु कुछ द्रव्य हैं जिनको एक साथ मिलाकर खाने से सहयोग विद बन जाते हैं हमारे आयुर्वेद व शास्त्रों के अनुसार आहारआदी के कुछ नियम निर्धारित किए हैं। इन नियमों के विरुद्ध आहार नहीं लेनी चाहिए जो भी विषम आहार कहा जाता है। ऐसे आहार को विष समान कहा गया है। जिसके कारण भयंकर रोग उत्पन्न होते हैं, जो पेट की बीमारियां, मस्तिक बीमारियां कुष्ठरोग होने का या मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
दूध के साथ कभी नहीं नमक , इमली खरबूजा, बेलपत्र, नारियल, मूली, नींबू और मूली के पत्ते या काला तिल, तिलकुट, सत्तू खटे फल नहीं लेने चाहिए।
दही के साथ कभी भी खीर,दूध, पनीर गरम-गरम वस्तु ,खरबूजा, खिचड़ी कटहल कटाई सत्तू आदि ना खाएं।
शहद के साथ कभी नहीं मुली, अंगूर वर्षा का जल, गर्म वस्तुए, गगाजल आदि ना लें। गर्म जल के साथ कभी नहीं शहद लेना चाहिए।अंगूर , वर्षा का जल , गर्म वस्तुएं या गंगा जल आदि गर्म जल के साथ कभी भी शहद ना ले।
शीतल जल के साथ कभी नहीं : मूंगफली , घी , तेल , तरबूज , अमरुद , जामुन , खीरा , नेजा , ककड़ी , गर्म दूध या गर्म पदार्थ आदि ना ले
घी के साथ कभी नहीं : शहद बराबर मात्रा में जहर के बराबर हो जाता है ।
खरबूजा साथ कभी नहीं : लहसुन , मूली के पत्ते , दूध , दही ।
तरबूज के साथ कभी नहीं : पुदीना , शीतल जल ।
तरबूज के साथ कभी नहीं : पुदीना , शीतल जल।
चाय के साथ कभी नहीं ककड़ी , खीरा ।
चावल के साथ कभी नहीं : सिरका ।
दूध और खीरा के साथ खिचड़ी नहीं खानी चाहिये।
गुड के साथ दही - अदरक - धी - तेल मधु बेमेल भोजन होता है ।
खाने से स्वास्थ्य को नुकसान होगा और जहर तुल्य - अभक्ष्य भोजन ।
तांबे के पात्र में दूध , ईख का रस , और दही जहर के सामान हो जाते हैं ।
चांदी के बर्तन रखा हुआ कपूर अभक्ष्य हो जाता है ।
लोहे के पात्र में भोजन पका सकते है लेकिन कांसे के पात्र में नारियल पानी दूषित हो जाता है।
कांसे के बर्तन में कभी कुल्ला ना पैर भी ना धोये।
स्नान में कांसे का कोई भी बर्तन लेने से पाप लगता है
पीतल के बर्तन में रखा दही और कांसे और पीतल के बर्तन में भी रखने से विषतुल्य हो जाता है ।
रात को दही खाना निषिद्ध माना गया है ।
शरद और ग्रीष्म ऋतु में दही खाने से पित्त का प्रकोप होता है।
रक्त , पित्त और कफ सम्बन्धी रोगों में भी दही का सेवन नहीं करना चाहिये ।
भोजन सम्बन्धी कुछ हितकारी संयोग:-
खरबूजा के साथ शक्कर खाना चाहिये ।
2 आम के साथ गाय का दूध खाना चाहिये ।
3 केले के साथ इलायची खाना चाहिये ।
4 )खजूर के साथ दूध खाना चाहिये.
5. चावल के साथ दही खाना चाहिये.
6 .चावल के साथ नारियल की गिरी खाना चाहिये ।
7. अनाज या दाल के साथ दूध और दही खाना चाहिये ।
8 . इमली के साथ गुड खाना चाहिये ।
9. अमरुद के साथ सौंफ खाना चाहिये ।
10. तरबूज के साथ गुड खाना चाहिये ।
11. मकई के साथ मट्ठा पिना चाहिये ।
12. मूली के साथ मूली के पत्ते खाने चाहिये ।
13 . बथुआ और दही का रायता खाना चाहिये ।
14 . गाजर और मेथी का साग खाना चाहिये ।
अगर आपको मेरा यह लेख अच्छा और उपयोगी लगे तो प्लीज अपने चाहने वाले और दोस्तों को जरूर शेयर करें स्वास्थय हमारा सबसे बड़ा धन है ।हमेशा खाने से पहले सोचे फिर खाएं क्योंकि जीने के लिए खाना चाहिए खाने के लिए नहीं जीना चाहिए। पेट और शरीर हमारा है किसी और का नहीं इसलिए जो भी खाएं सोच समझ कर खाएं। बिना खाये कोई नुकसान नहीं हो सकता और खाने से बहुत कुछ नुकसान हो सकता है।
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