भगवद्गीता के अनमोल विचार | गीता ज्ञान का महत्व | motivationl quotes in hindi |

 
Tittle- गीता के अनमोल विचार 
प्रभू की प्रार्थना में अद्भुत अलटरा टोनीक शक्ति छिपी हुई है -
प्रभु की प्रार्थना में एक अद्भुत शक्ति है।
 सारे रिश्ते नाते एक तरफ और प्रभु की भक्ति एक तरफ जिसका प्रभु  ने हाथ थाम लिया उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । भगवान की भक्ति में फल मिलने में देर लग सकती है पर अंधेर नहीं हो सकता। वह जरूर मेहनत करने वाले का साथ देता है ।
,और जो दिल से प्रार्थना करता है उसकी दिल और अंतरात्मा की आवाज जरूर सुनता है । प्रभु से भक्ति करते करते समय जीभ से बोलने की बजाय मन से भक्ति करो। वह हमारे मन की आवाज बहुत जल्दी सुनता है ।
आज के इस टॉपिक में  भगवद्गीता के अनमोल विचार और प्रभु की भक्ति का महत्व बताया गया है।

प्रभू  की भक्ति और महत्व - 

प्रभु की नारायण की अपने ईष्ट देव की प्रार्थना नित्य करो ।प्रार्थना में बड़े - बड़े फायदे है..प्रभु प्रार्थना को जरूर सुनता है, और आपको उसके फल की भी प्राप्ति होगी। मगर प्रार्थना में यह अति आवश्यक है कि वह प्रार्थना हृदय से निकले आंखों से निकले प्रभु आपके मन की भाषा को ,आखों की भाषा भी समझता है। अन्तर्मन  और अत्यन्त भक्तिपूर्वक की गई एक छोटी सी प्रार्थना भी आपके जीवन को आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तन कर देती है।
 प्रार्थना सुख और शान्ति प्रदान करती है ,कष्टों को मिटा देती है ,भविष्य में आने वाले कष्टों को रोकने के लिये प्रार्थना रामबाण औषधी की तरह काम करती है।
प्रार्थना भय को समाप्त कर देती है ।जब वाणी और दोनों मन एक होकर प्रार्थना करेगें तो उस प्रार्थना का फल जरूर प्राप्त होगा। प्रार्थना हमेशा एकान्त में करनी चाहिये । उषाकाल अत्यन्त अनूकुल है , रात्रि में सोने से पहले का समय भी उचित है। 

भगवद्गीता और भगवान् श्रीकृष्ण के अनमोल वचन- (Motivational quotes in hindi )
भगवद्गीता quotes -

हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

भगवद्गीता quotes-

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मरने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है, उस पर शोक नही करना चाहिए।

 भगवद्गीता Quotes-

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

Quotes -
हे अर्जुन ! हम दोनों ने कई जन्म लिए है, मुझे याद है लेकिन तुम्हें नही।

Quotes-
 पृकृति में  जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

Quotes-
इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है, अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा।

Quotes-
हमेशा आसक्ति से ही कामना का जन्म होता है.

Quotes-
  जो व्यक्ति संदेह करता है उसे कही भी ख़ुशी नहीं मिलती.

Quotes-

जो मन को रोक नहीं पाते उनके लिए उनका मन दुश्मन के समान है.

Quotes- 
वासना, गुस्सा और लालच नरक जाने के तीन द्वार है.

Quotes-
  इस जीवन में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है.

Quotes- 
मन बहुत ही चंचल होता है और इसे नियंत्रित करना कठिन है. परन्तु अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है.
 Quotes-
सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर होती है.

Quotes-
व्यक्ति जो चाहे वह बन सकता है, अगर वह उस इच्छा पर पूरे विश्वास के साथ स्मरण करे.

 Quotes-
जो वास्तविक नहीं है, उससे कभी भी मत डरो।

Quotes-
 हर व्यक्ति का विश्वास उसके स्वभाव के अनुसार होता है।

Quotes-
  जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए जो होना ही है उस पर शोक मत करो.

Quotes-
जो कर्म प्राकृतिक में  नहीं है, वह हमेशा आपको तनाव देता है.

 Quotes -
तुम मुझमे समर्पित हो जाओ , मैं तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा.

QUOTES-
  किसी भी काम को नहीं करने से अच्छा है ,कि कोई काम कर लिया जाए.

QUOTES-
 जो मुझसे प्रेम करते है और मुझसे जुड़े हुए है. मैं उन्हें हमेशा ज्ञान देता हूँ.


Quotes -
बुद्धिमान व्यक्ति ईश्वर के सिवा और किसी पर निर्भर नहीं रहता.

Quotes -
सभी कर्तव्यो को पूरा करके मेरी शरण में आ जाओ.

Quotes -
ईश्वर सभी वस्तुओ में है और उन सभी के ऊपर भी.

 Quotes- 
एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता.

Quotes 
जो कोई भी किसी काम में निष्क्रियता और निष्क्रियता में काम देखता है, वही एक बुद्धिमान व्यक्ति है.

Quotes -
 मैं ही इस धरती की सुगंध हूँ, मैं ही आग का ताप हूँ और मैं ही सभी प्राणियों का संयम हूँ.

quotes -
 तुम उस चीज के लिए शोक करते हो जो शोक करने के लायक नहीं है. एक बुद्धिमान व्यक्ति न ही जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करता है.

Quotes- 
मुझे कोई भी कर्म जकड़ता नहीं है, क्योंकि मुझे कर्म के फल की कोई चिंता नहीं है.

Quotes 
फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

 Quotes- 
वह जो मेरी सृष्टि की गतिविधियों को जानता है वह अपना शरीर त्यागने के बाद कभी भी जन्म नहीं लेता है क्योंकि वह मुझमे समा जाता है.

Quotes- 
कर्म योग एक बहुत ही बड़ा रहस्य है.

 Quotes- 
जिसने काम का त्याग कर दिया हो उसे कर्म कभी नहीं बांधता.

Quotes- 
बुद्धिमान व्यक्ति को समाज की भलाई के लिए बिना किसी स्वार्थ के कार्य करना चाहिए.

QUOTES- 
जब व्यक्ति अपने कार्य में आनंद प्राप्त कर लेता है, तब वह पूर्ण हो जाता है.

 QUOTES- 
 मेरे लिए कोई भी अपना पराया नहीं है. जो मेरी पूजा करता है, मैं उसके साथ रहता हूँ.

 Quotes- 
जो अपने कार्य में सफलता पाना चाहते है वे भगवान की पूजा करे.

Quotes- 
बुरे कर्म करने वाले नीच व्यक्ति मुझे पाने की कोशिश नहीं करते.

 Quotes- 
जो व्यक्ति जिस भी देवता की पूजा करता है, मैं उसी में उसका विश्वास बढ़ाने लगता हूँ.

Quotes-
.मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ लेकिन कोई भी मुझे नहीं जान पाता.

 Quotes- 
वह सिर्फ मन है जो किसी का मित्र तो किसी का शत्रु होता है.

QUOTES- 
 मैं सभी जीव ,जंतुओ के ह्रदय में निवास करता हूँ.

QUOTES- 
चेतन व अचेतन ऐसा कुछ भी नहीं है जो मेरे बगैर इस अस्तित्व में रह सकता हो.

QUOTES- 
 इसमें कोई शक नहीं है कि जो भी व्यक्ति मुझे याद करते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है वह मेरे धाम को प्राप्त होता है।

Quotes-
सभी वेदों में से मैं साम वेद हूँ, सभी देवों में से मैं इंद्र हूँ, सभी समझ और भावनाओं में से मैं मन हूँ, सभी जीवित प्राणियों में मैं चेतना हूँ।

गीता का ज्ञान-
गीता हमें क्या सिखलाती है ,जीवन के लिए अदभुत रहस्य
जो हुआ यह अच्छा हुआ, जो हो रहा है यह अच्छा हो रहा है, जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। तुम्हारा गया गया जो तुम रोते हो , तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया। तुमने जो लिया यहीं से लिया तुमने जो दिया यही पर दिया जो आज तुम्हारा है , कल किसी और का था, परसों किसी और का हो जाएगा।  गीता एक ऐसी किताब है जिसने जन्म से लेकर मृत्यु तक का सारा सार छुपा हुआ है। महाभारत के समय में भी भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को युद्ध से पहले यही जीवन का सार समझाया था ।इस पुस्तक को पढ़ने के बाद किसी और से ज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। इसमें पूरी जिंदगी का ज्ञान छुपा हुआ है यह एक अद्भुत और ज्ञान के भंडार से भरी किताब है।
परिवर्तन संसार का नियम है , जिसे तुम मृत्यु समझते हो ,यही तो जीवन है । यह शरीर तुम्हारा है ,ना तुम इस शरीर के हो ,यह  शरीर पाँच तत्वो से बना हुआ है, अग्नि ,जल , वायु , मिट्टी और आकाश से बना हुआ है।और यह शरीर इन्ही सबमें मिल जाएगा। परन्तु आत्मा स्थिर है तुम अपने आपको भगवान् को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है , जो इसके सहारे को जानता है यह भय , चिन्ता और शोक से सर्वदा मुक्त है।

* गीता ग्रथ का महत्व -

गीता हमारे धर्मग्रन्थों का एक अत्यन्त तेजस्वी और निर्मल हीरा है, और पवित्र ग्रंथ है ।शास्त्रों का अवलोकन और महापुरुषों को वचनों का श्रवण करके मैं इस निर्णय पर पहुँचा कि संसार में श्रीमदभगवदगीता को समान कल्याण के लिये कोई भी उपयोगी किताब नहीं है । गीता में ज्ञानयोग ,ध्यानयोग ,सेवा से शत्रु भी भिन्न हो जाते है।
कर्मयोग ,भक्तियोग आदि जितने भी साधन बतलाये गये हैं , उनमें से कोई भी साधन अपनी ,रुचि और योग्यता के अनुसार करने से मनुष्य का जल्दी में कल्याण हो सकता है। गीता हिन्दू दर्शन और नीतिशास्त्र को सबसे प्रामाणिक ग्रन्थो में से है और सभी सम्प्रदायों ने उसे इस रूप में स्वीकार किया है ।
गीता उपनिषदों का भी उपनिषद् है। जीवन के विकास के लिए आवश्यक प्रायः प्रत्येक विचार गीता में आ गया है । इसलिए अनुभवी पुरुषों ने कहा है कि गीता धर्मज्ञान का एक कोष है।भगवदगीता एक ऐसा ग्रन्थ है ,जिसे प्रत्येक धर्म का मनुष्य आदर के साथ पढ़ सकता है ,और इसमें अपने धर्म के तत्व देख सकता है । गीता संसार का एक अनमोल रत्न है और उसके एक -एक अध्याय में कितने  रत्न भरे पड़े हैं । इसके पद और अक्षर - अधार से अमृत की धारा बहती है ।
गीता धर्म - दर्शक कोष है, आत्मा की उलझन को सुलझाने वाली प्रचंड शक्ति है ।दीन - दुखियों का आधार है ,सोते को जगाने वाली है।
गीता जीवन के सर्वोच्च लक्ष्यों को हदयं गम करने में महत्वपूर्ण सहायता देती है ।
श्री गीताजी में 17 अध्याय है- और 700 श्लोक है।
 श्री गीता जी का प्रत्येक आधार हीरे से भी ज्यादा कीमती है- उपयोगी है । मनुष्य मात्र , चाहे वह किसी भी धर्म का हो सभी का कल्याण और इस संसार से उद्धार कर देने वाला है ।
श्री गीता " साक्षात स्वयं परमात्मा योगेश्वर कृष्णा जी - प्रभु के मुख से निकले हुये वचन है , क्रोध में विवेक नष्ट हो जाता है विवेक के नष्ट हो जाने से मनुष्य की स्मृति भ्रमित हो जाती है ,और स्मृति के भर्मित हो । जाने से बुधि का नाश हो जाता है और बुद्धि का नाश हो जाने से मनुष्य नष्ट हो जाता है। कर्मो के फल में आसक्ति नहीं रखने वाले सदा संतुष्ट रहते हैं। जिसने अपने मन को वश में कर लिया है- उसका यह मन मित्र हो जाता है और जिसने अपने मन को वश में नहीं किया है उसका मन उसी का शत्रु बन जाता है । अन्त समय में मनुष्य जिस स्वरूप ध्यान करते हुए शरीर को त्यागता है वह उसी रूप स्वरूप को प्राप्त होता है ।मृत्यु पर्यन्त अनगिनत चिन्ताओं से ग्रसित हो काम और भागों में डूबे हुये और दृढता से इसी को सर्वस्व मानने वाले ,सैकड़ों लालसाओं में बंधे हुये , वासना और क्रोध के वशीभूत होकर अपनी लालसाओं की पूर्ति के लिये अन्यायपूर्ण उपायों द्वारा धन और सम्पति का संचय करने कि चेष्टा करते हैं। ऐसे सभी मनुष्य मूर्खता के जाल में फसे हुये अनेक झूठी कल्पनाओं में भटकते हुये विषय भोगों में आसक्त रहते हुये घोर नकर में ही गिरते हैं ।
'' गीता " एक अलौकिक रचना , स्वयं " श्री कृष्ण भगवान के मुखरबिन्द निकले हुए वचन है- अलौकिक रत्न इसमें भरे पड़े है। गीता को बार बार पढ़ते जायेंगें - तो प्रभु के साक्षात दर्शन भी आपको हो सकते हैं । 
गीता "केवल हिन्दू का धर्म ग्रन्थ नहीं है , सारी मानव जाति को मानवता की शिक्षा है। 
निष्कर्ष-
मानव मात्र के लिये मुक्ति का सरल मार्ग है । स्वयं को ईश्वर से जोड़ने के बाद और गीता नित्य पढने सब कुछ ठीक हो जायेगा।
इसलिए शुद्ध मन से और जहां आपको सुविधा अनुसार ठीक लगता हो गीता का अध्ययन जरूर करें। गीता एक ग्रंथ ही नहीं वह भगवान कृष्ण का रूप है, इसलिए हर हिन्दु के घर में गीता जरूर पढ़ी जानी चाहिए। गीता पढ़ने वालों की कभी हार नहीं होती । गीता पढ़ने वालों के घर में सुख ही सुख होता है।


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