शराब छोडने के लिए घरेलू उपाय | शराब कैसे छुडवाये |


Title- शराब पिने की आदत कैसे छोड़े-
 एक कहावत आप सब ने भी सुनी होगी की नशा करने का एक ही अर्थ है अपना नाश खुद करना। नशा किसी भी प्रकार का हो उसके नुकसान ही नुकसान है गुण एक भी नही है। 
शराब भी इन्सान को मौत के मुंह में ले जाती है। यह इंसान की एक ऐसी बुरी लत है ,जो इंसान को शरीर और दिमाग दोनों से खोखला कर देती है। फिर इंसान इसको पीने के सिवाय और कुछ सोचने लायक नहीं रह जाता।।कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो सिर्फ अपनी लिमिट में रहकर दो ही पैग लेते हैं। उनके लिए तो यह दवाई का काम करती है लेकिन कुछ लोग अपनी लिमिट से बाहर रहकर शराब पीते हैं फिर वह दिन दूर नहीं जब उनको मौत अपने आगोश में ले लेती है। 
शराब एक धीमा जहर है, इसलिए इसको पीने से पहले एक बार नहीं हजार बार सोचो की क्या मैं यह पहली घूंट पीने से पहले कितने दिन तक बचा रहूंगा। जिसमें अपनी इच्छा शक्ति पावरफुल कर ली उसे कोई जबरदस्ती शराब नहीं पिला सकता। और जिसकी इच्छा शक्ति कमजोर है उसको चाहे फिर आप दिन में भी शराब पिला दो।


शराब  पिने के नुकसान -


शराब पीने से स्नायु तंत्र और मस्तिष्क मंद बुद्धि हो जाता है, क्योंकि शराब में विद्यमान अल्कोहल से यह समस्या के भीतरी भाग में जलन होने लगती हैं धीरे - धीरे शराबी के शरीर की भोजन नली तथा अमाशय की भीतरी त्वचा में सूजन आ जाती है। इस रोग को हम गैस्ट्रीरीज कहते है। अमाशय के इस रोग से ही जुड़ा हुआ यकृत की कठोरता वाला सिरोसिस है इस रोग की प्रारम्भिक अवस्था में यकृत में अक्सर सूजन आ जाती है। धीरे - धीरे इस सूजन के साथ यकृत कठोर और छोटा हो जाता है। पीलिया रोग इस अवस्था का निश्चित लक्षण होता है । रोग की अंतिम अवस्था में शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और समस्त शरीर में सूजन आ जाती है । शरीर के अन्य अंग भी इस रोग से प्रभावित होते हैं । यकृत की कठोरता से पीड़ित रोगियों में पचास प्रतिशत की मृत्यु इसकी वजह से हुए क्षय रोग के कारण होता है । शराब पिने से व्यक्ति में हिंसा एवं अपराध की भावना जागृत होती है। नशे की हालत में व्यक्ति अपने आपको सर्व शक्तिमान मानते हुए अवाञ्छित व्यवहार करने में लग जाता है ।  तंत्रिका प्रसारकों  न्यूरोट्रांसमीटर की गति में फर्क पड़ता चला जाता है । इससे मस्तिष्क की संचार व्यवस्था गड़बड़ हो जाती है । जो यकृत ,अग्नाशय ,अमाशय , मांसपेशियों तथा हृदय जैसे अंगों को हानि पहुंचाती । पुरुषों में नपुसंकता  उत्पन्न हो जाती है । रक्त सम्बन्धी बीमारियां , जैसे- रक्त की कमी , लाल रक्त - कणों का आकार बढ़ जाना तथा सफेद रक्त कणों की कमी हो जाना । इससे शरीर की रोग निरोधक क्षमता घटने लगती है । महिलाएं यदि गर्भावस्था में  शराब का सेवन करती हैं तो संतान पर घातक प्रभाव पड़ सकते है ।जिसकी वज़ह से वंश में शराब पीने की आदत होती है . उनकी सन्तान भी शराब पीने को अधिकतम लालयित होती हैं । 
मस्तिष्क सेलों को जब ऐल्कोहॉल से वंचित करने की चेष्टा की जाती है तो मद्यसेवन का आदी हो जाने वाले को बड़ी बैचेनी महसूस होती है । 

सन्तो के अनुसार युद्ध कभी कभी नाश करता है किन्तु शराब हर मौसम व हर समय जानें लेती है । यह मूर्खता ,जड़ता , क्रूरता , लड़ने झगड़ने की प्रवृति व अश्लीलता में पशुओं के समान बना देती है । प्रसिद्ध वैज्ञानिक बैंजामिन फकलिन के अनुसार शराब सभी बुराईयों की जड है। मद्यपान किसी को मूर्ख ,  पशु व पिशाच बना देता है।
 कहा जाता है या आंकड़े बताते हैं कि यहां बियर के अत्यधिक उपभोग के कारण 5 से 8 वर्ष की उम्र के मरने वालों की दर अत्यधिक है । इन्टरनेशनल टैम्परेन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ के अनुसार शराब घातक , लूटने वाली , विपदा उत्पन्न करने वाली व तबाहियों में ग्रस्त करने वाली  एक भयंकर बिमारी है।
 Doctors के अनुसार  शराब कितनी ही थोड़ी मात्रा में क्यों ना पी जाए ,वह मानसिक सच्चाई व शक्ति को खराब कर देती है , क्योंकि यह दिमाग के स्नायु केन्द्रों को शून्य कर देती है । जिससे बुद्धि की भले बुरे का बोध करने की क्षमता तथा सहन शक्ति जाती रहती है ।
महात्मा गांधी जी कहते थे अपनी पुस्तक की टू हेल्थ ' में लिखा  है कि शराब शारीरिक  मानसिक , नैतिक और आर्थिक दृष्टि से मनुष्य को बरबाद कर देती है । 
शराब के नशे में मनुष्य दुराचारी बन जाता है व अफीम के नशे में वह सुस्त और मुर्दा हो जाता है ।
इसलिए  कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।

शराब छोडने के लिए
 घेरेलू उपाय-

योग और प्राणायाम-
योग और ध्यान भी शराब की लत के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं। योग लोगों को अपने शरीर और दिमाग के बीच कनेक्शन पुनर्स्थापित करने और शारीरिक शक्ति के सुधार में मदद करता है। यह तनाव और भावनात्मक संघर्ष से लड़ने में भी उपयोगी है। इसके अलावा, ध्यान लगाने से हमारा दृढ़ संकल्प से हमे किसी बुराई को जड से खत्म करने की शक्ति बढ जाती है।

कुछ योग मुद्रा शराब छुड़ाने में मदद कर सकती हैं- 

 जैसे :- शवासन, जठरा परिवर्तनासन पश्चिमोत्तानासन , विपरीत करणी, बालासन,वज्रासन घनुरआसन,
प्राणायम आदि।

विटामीन सी और B,12 

शरीर को अत्यधिक शराब की खपत के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए कई विटामिन और खनिज की जरूरत है जैसे विटामिन बी 12, विटामिन सी जो उच्च मस्तिष्क कामकाज में सुधार करता है, अमीनो एसिड लत को छुड़वाने में मदद करता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त फल और सब्जियों और अन्य फाइबर भी शराब शराब की लत छुड़वाने के लिए बहुत सहायक है।

सिंहपर्णी की जड़- 

सिंहपर्णी (Dandelion) -व्यापक रूप से शराब के लक्षणों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। 5 से 10 मिनट के लिए एक कप पानी में 1 चम्मच सूखे सिंहपर्णी जड़ को उबालें। और उबाल आने के बाद छान लें और कुछ महीने के लिए दिन में 2 या 3 कप चाय की तरह  पिएं।

करेले के उपाय-

करेला शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने में सहायक है और जिगर को ठीक करने में मदद करता है। कुछ करेले की पत्तियों से रस निकालें। छाछ के एक गिलास में इस रस के 3 चम्मच मिक्स करें। इसे दिन में एक बार खाली पेट पिएं। कुछ महीने के लिए इस उपाय का पालन करें। आपको शराब छोडने की इच्छा होगी।

अजवायन-

देशी अजवाइन भी शराब की लत छुड़वाने के लिए मदद करती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करती है यह शराब की इच्छा को भी कम करती है। पानी में उबाल कर अजवाइन के रस को आधा गिलास मिला लें। कुछ महीनों के लिए इसे दिन में दो या तीन बार पिएं।
 
किशमिश-

शराब के आदि लोगों को यह जान लेना चाहिए कि नशे से पीछा छुड़ाना बिल्कुल भी असंभव नहीं है। इस आदत से पीछा छुड़ाने की कोशिश में जुटे लोगों को अगर कभी इसके सेवन का मन करे तो उन्हें 2 से 4 किशमिश खाना चाहिए। नियमित रूप से खाकर इन्हें धीरे-धीरे चबाने से शराब पीने की चाहत कम होती जाती है।

तुलसी पत्ता- 

घरेलू औषधियों में तुलसी को बेहद कारगर माना गया है। नियमित रूप से इसके सेवन से शराब पीने की तीव्र इच्छा कम हो जाती है। बता दें कि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री व एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। ये शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में मददगार है।

अश्वगंधा-

यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें  कई  तरह गुण मौजूद होते हैं जो शराब की लत को दूर करने में कारगर माने गए हैं। रोजाना एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर पीने से शराब पीने की आदत से छुटकारा मिल सकता है।

नशा किसी भी प्रकार का हो उससे हमेशा दूर रहो और अपने बच्चों को भी ऐसे संस्कार दो आने वाली पीढ़ी भी आपकी नशा ना करें ।नशा यानी अपने कुल का नाश करना यही इसकी असली परिभाषा है, जिसमें किया नशा उसका हुआ नाश फिर कया करेगी माया जब जीवन जीने वाला ही अपने आप को संभाल पाया।

अगर आज का यह लेख आपको अच्छा लगा हो यदी आप भी किसी अपने नजदीकी के शराब पीने की वजह से तंग हो तो ,अपने चाहने वाले रिश्तेदारों को इस तरह के topic जरूर शेयर करो, हो सकता है आपके शेयर करने किसी अपने  आप को संभाल ले या अपना जीवन बचा ले, इसलिए इस तरह के लेख को कभी भी शेयर करने में कंजूसी ना करें ।जितना हो सके उसको अधिक से अधिक शेयर करें। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ