मधुमेह को कैसे ठीक करें | how to cure diabetes at home | home remedies for diabetic patients |

 मधुमेह रोग को कैसे ठीक करें-
शुगर  (मधुमेह)एक ऐसी बीमारी है जो एक बार होने के बाद फिर कभी ठीक नहीं होती। शुगर जैसी बीमारी होने के बाद इंसान आधा अपाहिज ऐसा हो जाता है क्योंकि अगर उसको कोई चोट या कट लग जाए तो वह आसानी से ठीक नहीं होता और शुगर वाले मरीज जीते जी मीठा खाने के लिए तो तरस ही जाता है आइए हम को जानते हैं कि शुगर के लक्षण, कारण और घेरेलू उपाय।


शुगर के लक्षण :- पेशाब आना बार बार आना, हमेशा थकान रहना, शरीर में दर्द, धुंधला दिखना, ज्यादा भूख लगना , मीठा खाने की इच्छा होना।
लेकिन लोग इन डायबिटीज के लक्षण की पहचान नहीं कर पाते और नजरंदाज कर बैठते हैं याद रहे कि शुगर की बीमारी एक दिन में नहीं होती यह सालों से आपके अंदर ही अंदर पनप रही होती है और इसका पता तब लगता है जब दिक्कत ज्यादा होने लगती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और हम चाह कर भी इस बीमारी को जड़ से खत्म नहीं कर सकते।
इस भागदौड वाली जीवनशैली के कारण शुगर की बीमारी बहुत तेजी से लोगों में फ़ैल रही है। पहले यह बीमारी 40 की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल शुगर छोटी उम्र में भी हो सकती है।

शुगर की बीमारी को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता बल्कि इसे केवल दवाईयों और जडी बूटियाँ से कण्ट्रोल किया जा सकता है अगर खाने और दिनचर्या का ध्यान रखा जाये तो शुगर के मरीज भी नार्मल और लम्बी जिंदगी जी सकते हैं लेकिन अगर परहेज ना किया और शुगर बढ़ती रही तो यह आपके जीवन के 15 साल कम कर सकती है और कई नई बीमारीया घेरे लेती है।

साइलेंट किलर – डाइबिटीज को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ शुगर धीरे-धीरे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करती जाती है। जो आपके शरीर में अगर चोट लग जाए तो घाव भरने में भी परेशानी होती है। आपकी किडनी, लीवर और धीरे-धीरे आपके हृदय की क्षमता भी घटती जाती है। इस तरह धीरे-धीरे शुगर रोगी को मौत के मुँह में ले जाती है तभी इसे साइलेंट किलर नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में इंसान को कोई दर्द या पीड़ा नहीं होती लेकिन फिर भी यह इंसान को अंदर से खोखला कर देती है।

सारी बिमारियों की जड़  है शुगर का रोग -

 शुगर को सब बिमारियों की माँ भी कहा गया है एक बार शुगर की बीमारी हो जाये तो रोगी के अंदर छोटी छोटी कई अन्य बीमारियां जन्म ले लेती हैं। शुगर के मरीज का ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में नहीं रहता, हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है, ज्यादा दवाइयां खाने से किडनी भी फेल हो सकती हैऔर अंत मरीज की हालत यह हो जाती है किडनी की वजह से शुगर के मरीज को डायलिसिस भी करवाना पड़ता है जो प्रक्रिया बहुत जोखिम भरी है इसीलिए डायबिटीज को सारी बिमारियों की जड़ भी कहा जाता है।

लक्षण-
बार बार पेशाब आना – शुगर के मरीज को बार-बार पेशाब की समस्या होती है और खास तौर से रात में 3 बार से ज्यादा पेशाब जाना पड़े तो अपना शुगर चेक करा लें क्यूंकि यह शुगर का शुरूआती निशानी है।

बार बार पानी पिना– शुगर के रोगी को बार बार पेशाब करने जाना पड़ता है ,और इस तरह उसके शरीर में भी पानी की कमी हो जाती है तो रोगी को बार बार तेज प्यास लगती है । ऐसी समस्या होने पर अपना शुगर लेवल चैक करवा ले।

भूख बढना – 
शुगर के मरीज का भोजन ठीक ढंग से नहीं पचता और शरीर में एनर्जी नहीं पहुंच पाती और जब शरीर में एनर्जी नहीं पहुँचती तो शरीर फिर से खाना मांगता है। इस तरह रोगी को खाना खाने के बावजूद बार-बार और जल्दी-जल्दी भूख लगती है, और इसका नतीजा यह होता है कि शरीर में एनर्जी नहीं पहुँचती और मोटापा बढ़ जाता है।
मोटापा होने के कारण शरीर को और कई तरह की बीमारिया घेरे लेती है।

थकावट- 
मेहनत करके थकान होना तो आम बात है, लेकिन अगर बिना कुछ काम किये भी लगातार थकान सी रहने लगे तो यह शुगर की निशानी है। थकान का कारण यही होता है कि जितना आप खाना खाते हैं शरीर में उतनी एनर्जी नहीं पहुंच पाती। और शरीर जल्दी थक जाता है।

नींद ज्यादा आना
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रोगी को हर समय नींद और आलस्य आता रहता है।यहाँ तक कि रात भर में सोने के बाद भी तेज नींद आती है रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता और कहीं बाहर घूमने जाने का मन नहीं करता। हमेशा आराम या सोने का मन करता है।

आँखों में धुंधलापन – 
शुगर के रोगी को चीज़ें धुंधली दिखने लगती हैं। आँखें लगातार कमजोर होती जाती हैं, अगर आपको धुंधला जैसा दिखने लगा है तो शुगर लेवल की अवश्य करवायें।

जख्मों का ठीक ना होना – 
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि शुगर में रोगी की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और अगर कहीं चोट लग जाये तो रोगी के घाव भरने में बहुत ज्यादा समय लगता है। और जब यह बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो घाव भरते भी नहीं हैं।

हाथ पैर सुन होना – 
शरीर में जब शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तो रोगी के हाथ पैर कांपने लगते हैं और कई बार हाथ और पैरों में सुन्नता का भी अनुभव होने लगता है।

वजन बढ़ना – 
शुगर के रोगी का शरीर कैलोरी को पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाता है जिसकी वजह से पेट का मोटापा बढ़ने लगता है।

चिडचिडापन होना – शुगर लेवल बढ़ने पर रोगी का स्वभाव बहुत ज्यादा चिडचिडा हो जाता है। रोगी को छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता है कई बार रोगी इमोशनल भी होने लगता है और इमोशनल होने के बाद फिर से तेज गुस्सा आने लगता है स्वभाव में ऐसे अगर परिवर्तन आने लगें तो समझें आपका शुगर लेवल बढ़ रहा है।

 धुंधला दिखना - 
जब शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो रोगी को सब कुछ धुंधला दिखने लगता है और जैसे ही शुगर नार्मल हो जाती है तो फिर से सब साफ़ दिखने लगता है। हालाँकि आखों का कमजोर होना शुगर की निशानी नहीं है लेकिन अगर इस तरह के लक्षण देखने को मिलें जिसमें कभी साफ़ तो कभी धुंधला दिखता हो तो अपना ब्लड शुगर लेवल की जांच अवश्य करा लें।

शुगर की जांच कैसे करें –
Fasting – यह टेस्ट खाली पेट यानि सुबह बिना कुछ खाये पीये कराना होता है। इससे पता चलता है कि आपके खून में सामान्य रूप से कितनी शुगर हमेशा रहती है।अगर fasting 110 से ज्यादा आये तो समझिये आपको शुगर है।

PP (Postprandial Test) – इस टेस्ट को खाना खाने के डेढ़ से दो घंटे बाद कराते हैं,इससे पता चलता है कि खाना खाने के बाद आपकी शुगर कितनी रहती है। अगर PP की रीडिंग 140 से ज्यादा आये तो समझिये आपको शुगर है।
अगर आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे जांच में आपके शुगर का लेवल बढ़ा हुआ मिले तो आप बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें। तुरंत अपना इलाज शुरू करें अन्यथा यह बीमारी कभी भी खत्म नहीं होती। बस इसको हम थोड़ा रोक सकते हैं और अपने जीवन के पटरी को चला सकते हैं।

शुगर  (मधुमेह) के लिए घेरेलू और आयुर्वेदिक उपाय:-

केरेले के उपयोग:-
खाली पेट पर हर सुबह कड़वा करेले का रस पीना शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है और लगातार आ रहें पेशाब से राहत दिलाता है।
आप इसके बीज बाहर निकालकर इसका पाउडर बनाकर इसका हररोज सेवन करें।

हल्दी-
हल्दी को रसोई की रानी के नाम से जाना जाता है यह हर किसी के रसोई में यह है बहुत आसानी से मिल जाती है। रसोई घर में इसकी विशेष जगह है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है और मधुमेह के मूल कारणों को हल करने में भी मदद करती है। आप हल्दी को आंवला के साथ ले सकते हैं। बस अपने आहार में 2-3 ग्राम हल्दी शामिल करें और इसके फायदे का लाभ उठाये।

त्रिफला-----
आयुर्वेद में त्रिफला सबसे व्यापक रूप से मौजूद जड़ी-बूटियों संजीवनी बूटी है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, त्रिफला तीन फलों का एक संयोजन है। ये सभी तीन फल शक्तिशाली जड़ी बूटी हैं और त्रिफला इन तीनों के बहुमूल्य औषधीय गुणों को मिलाता है। यह अग्न्याशय के कार्यों में मदद करता है और इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देता है। आप गर्म पानी के साथ 1 चम्मच पाउडर का सेवन कर सकते हैं।

जामुन-
जामुन में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो रक्त शर्करा के स्तर पर रोक लगाने में मदद करता है। यह मधुमेह के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है और चीनी को ऊर्जा में बदलकर मधुमेह के प्रभाव को ख़त्म करता है।
आप जामुन के बीजों को पीसकर एक महीन पाउडर बनाएं और दिन में दो बार 3 ग्राम पाउडर को छाछ के साथ या पानी से लें।

नीम----
नीम के पत्ते औषधीय गुणों से भरा होते हैं और ये आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं। नीम कफ दोष को संतुलित करता है और इंसुलिन की निर्भरता को कम आयुर्वेद के ग्रंथों के अनुसार यह मधुमेह में सुधार लाने में बहुत प्रभावी है। यह ना केवल शरीर में शक्कर के स्तर को कम करता है बल्कि रक्त के प्रवाह को सामान्य करने में भी मदद करता है। 

मेथी -
मेथी के बीजों में एल्कालोइड होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। वे कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण की प्रक्रिया को भी धीमा कर देते हैं। मेथी के बीजों को पीसकर पाउडर बना लें और रोजाना सुबह एक चम्मच पाउडर का सेवन करें।

व्यायाम करें
शुगर को रोकने के लिए शारीरिक व्यायाम करना सबसे उतम तरीकों में से एक है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट के लिए व्यायाम ज़रूर करें। शुगर में एरोबिक्स, तैराकी, जिमनास्टिक और तेज चलना बहुत फायदेमंद होता है। आप हल्के व्यायामों के साथ शुरूआत कर सकते हैं और बाद में इनकी तीव्रता बढ़ाएँ। जो रोगी इंसुलिन का सेवन करते हैं, उनको व्यायाम करने से पहले अपने रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जाँच करवा लेनी चाहिए। यदि आपकी शुगर की मात्रा जयादा है तो आपको हल्के व्यायाम करने चाहिए। सुुबह शयाम ऐसे रोगियों के लिए सैैर करनी  बहुत लाभदायक है।

आज के इस लेख में ऊपर दिए कोई भी एक उपाय अगर आप का शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो आप घर पर ही बहुत आसानी से कर सकते हो। जो भी उपाय बताए गए हैं वह आयुर्वेद डॉक्टर और आयुर्वेद ग्रंथों के अनुसार बताये गए हैं इसलिए किसी भी उपाय को करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य करें।

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