गुर्दे की पथरी को कैसे ठीक करें |गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपाय | home remedies for kidney stones |


गुर्दे की पथरी के आयुर्वेदिक और घेरेलू उपाय और कारण -----गुर्दे ( किडनी ) में पथरी हमारे शरीर में मुट्ठी के बराबर , लाल भूरे रंग के लगभग 4 आँस वजन के बराबर सबसे निचली पसलियों की सीध में रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर स्थित दो गुर्दे ( किडनी ) हमारे शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण अंग है । वैसे तो हमारे शरीर का हर अंग बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन गुर्दो के बिना जीवन संभव नहीं है । इनकी औसतन लंबाई 11 सेंटीमीटर , चौड़ाई 6 सेंटीमीटर , मोटाई 3 सेंटीमीटर और वजन 125 से 175 ग्राम होता है । शरीर में इनका काम रक्त की सफाई करना है।

गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन को नेफ्रोलिथिआरीस भी कहते है। गुर्दे की पथरी एक क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ है जो गुर्दे या मूत्र पथ में कही भी हो सकती है। एक छोटा पत्थर बिना लक्षण के मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। लेकिन अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा का हो तो यह मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करता है, जिससे परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। विभिन्न कारक इन पत्थरों के विकास के जोखिम का बढ़ा सकते है।

आयुर्वेद में पथरी को अश्मरी के नाम से जाना जाता है।,इसमें वात दोष मूत्राशय में आये हुए शुक्र सहित मूत्र को या पित्त के साथ कफ को सूखा देता है तब पथरी बन जाती है। जब यह अश्मरी मूत्र मार्ग में आ जाती है तब मूत्र त्याग में अत्यधिक रुकावट एवं असहनीय पीड़ा उत्पन्न करती है। इसके कारण पेशाब करते समय पीड़ा होती है। वात के कारण जब यह अश्मरी टुकड़े-टुकड़े होकर मूत्र मार्ग से निकलती है तब इसे आयुर्वेद में शर्करा कहा गया है।

किडनी की पथरी चार प्रकार के होती हैं:------

कैल्शियम स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन,
स्ट्रूविटा स्टोन, सिस्टिन स्टोन


किडनी की पथरी किस कारण से होती है:-----

1.कम मात्रा में पानी पीना इसका एक मुख्य कारण है

2. यूरीन में केमिकल की अधिकता

3. शरीर में मिनरल्स की कमी

4. डिहाइड्रेशन

5. विटामिन डी की अधिकता

6. जंक फूड का अति सेवन।

किडनी सटोन के लक्षण:------

1.मूत्र त्याग के समय दर्द

2.पीठ के निचले हिस्से मे दर्द
3. पेट में दर्द और ऐंठन
4.मूत्र में रक्त आना

6. जी मिचलाना और उल्टी आना

7. दुर्गन्धयुक्त पेशाब

8. बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना

9. बुखार, पसीना निकलना आदि

किडनी सटोन के होने पर कया ना खाये:-----

ऐसे व्यक्ति जो कैल्शियम ऑक्जालेट गुर्दे की पथरी से पीड़ित होते है उन्हें ऑक्जालेट से भरपूर आहार नहीं लेने चाहिये। ऐसे आहार हैं- मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद और टमाटर आदि ना खाये।

अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।
सोडियम की अधिक मात्रा न लें। जंक फूड, डिब्बा बंद खाना और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचें।

पालक, साबुत अनाज आदि में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन न करें।

टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ जाती है। अधिक से अधिक पानी पिएँ और कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है।
शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें इसलिये मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।

आज हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय लेकर आए हैं जी नहीं करते हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
यह उपाय करने से कई लोगों को इस समस्या से बिना सर्जरी के यह समस्या ठीक हो गई है, इसलिए आप भी इनको अपनाकर अपने स्वास्थ्य को ठीक कर सकते हो।

किडनी का शरीर के लिए काम:------

हमारी किडनी शरीर रक्त में से दूषित और बेकार चीजों को छान कर बाहर निकालने का काम ये गुर्दे करते हैं । शरीर को सही रूप चलाने के लिए जरूरी है रक्त । शरीर में रक्त की सफाई का जिम्मा है गुर्दो पर लेकिन कभी - कभी ये गुर्दे भी बीमारी का शिकार हो जाते है । इनमें से एक है गुर्दे में पथरी का बन जाना। यह स्थिति शरीर के लिए असहनीय हो जाती है ।चिकित्सा विज्ञान में अब नए शोधों के फलस्वरूप अब बिना चीरे - टाके के इसका इलाज संभव हो गया है ।

पथरी को निकालने के लिए घेरेलू और आयुर्वेदिक उपाय:---

1. एक गिलास में पानी में एक नींबू निचोड़कर सेंधा नमक मिलाकर सुबह - शाम दो बार नित्य एक महीना पीने से पथरी पिघलकर निकल बाहर आ जाती है ।

2. पथरी का दर्द- अगूर के साठ पत्तो पर आधा नींबू निचोड़कर पीसकर चटनी बना लें । इसे दो चम्मच हर दो घंटे में तीन बार खाने से पथरी से होनेवाला दर्द दूर हो जायेगा ।

3. पथरी में पपीते की जड़ 6 माशा , 1 छटाक जल के साथ पीसकर , छानकर प्रातः 21 दिन पीने से पथरी गलकर निकल जाती है ।

4. सौंफ मिश्री, सूखा धनिया, इनको 50-50 ग्रा. मात्रा में लेकर रात को 1/2 कप ठंडा पानी मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।

5. तुलसी का इस्तेमाल करना किडनी स्टोन दूर करने का काफी प्रचलित घरेलू उपाय है. इसके लिए प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएँ। इसमें एसिटिक एसिड एवं अन्य जरूरी तेल होते है जो पथरी को तोड़कर पेशाब के रास्ते बाहर निकालते है। यह दर्द निवारक की तरह भी काम करती है।

6. एक तोला कुलथी की दाल ( पंसारी के यहां से मिलगी ) पानी से धोकर एक कप पानी में भिगोकर शाम को रख दें । सुबह उसे मथकर उसका पानी पी लें । उसकी दाल को पुनः दो कप पानी में पका लें , थोडा - सा नमक डाल लें यह दाल जल्दी गलती नहीं है, फिर इसे सुबह नाश्ते में खा ले।

7. चौलाई की सब्जी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है। यह पथरी को गलाने का रामबाण इलाज है।

8. बेलपत्र को पानी के साथ पीस लें और इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाएँ। दो सप्ताह तक इसका सेवन करने से गुर्दे की पथरी निकल आती है।

9. मक्के के भुट्टे सीजन में बहुत मिलते हैं जो ऊपर से सुनहरे रंग वाले रेशे होते हैं उनको इकट्ठा करके छाया में सुखा लें धूप में नहीं ।एक तोले के बराबर रेशे पानी से धो कर चाय की तरह बिना कुछ डाले पका लें और उन्हें छानकर सुबह कुल्ला करके बिना कुछ खाए पिए पीते रहे जब तक ताजे मिले, बाद में सूखे हुए पका कर पीते रहे यह प्रयोग करने से चार-पांच माह में पीने से पथरी निकल जाएगी और फिर कभी बनेगी भी नहीं यह प्रयोग बहुत सारे मरीजों पर अनुभव किया हुआ है।

10. चम्मच नींबू का रस व समान मात्रा में ऑलिव ऑयल मिलाएँ। इसे जरूरत के हिसाब से पानी के साथ पिएँ। इसको दिन में 2-3 बार करें। तीन दिन इसे लगातार करें यदि पथरी बाहर निकल जाती है तो इसे आगे न दोहराएँ।

11. प्रतिदिन अनार का जूस पिएँ। अनार मे मौजूद पोटाशियम उन मिनरल क्रिसटल्सको बनने से रोकता है जिनके कारण पथरी बनती है। यह अपने क्षारीय गुण के कारण पथरी को बनने से रोकता है और यह मूत्र में एसिड के स्तर को ठीक रखता है। यह पथरी की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है.

12.व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।

13.खीरे का सेवन करें पथरी निकलने में मदद करता है।

14. ये सभी घरेलू उपाय लाभकारी तो होते हैं लेकिन अगर पथरी बड़ी हो या स्थिति गंभीर हो तो पथरी का इलाज का इलाज डाक्टर से कराएं, सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर ना रहें.


16. यदि यदि यूरेटर में बड़ा पत्थर होता है तो इन दोनों से निकलते समय आपको दर्द महसूस होगा और इस दर्द को शुभ लक्षण समझना चाहिए क्योंकि पत्थर अपने स्थान से हट कर पेशाब के रास्ते से निकलने का रास्ता बना लेता है.

17. मत्रुवहा वह नाडी का पत्थरी शीघ्र ही निकल जाता है। यदि वह वृक्क में है जाता है तो देर लगती है क्योंकि वहां से निकाला नहीं जा सकता हां उसे दवाइयों के साथ गलाया जरूर जा सकता है। दोनों स्थितियों में शल्यकर्म की आवश्यकता नहीं रहती । कलथी अपने प्रभाव से उस रोग को जड़ मुलरूप से साफ कर देती है।

डाक्टर से सलाह कब करे :----

गुर्दे की पथरी का दर्द अगर बहुत ही असहनीय हो और देर तक बना रहता है। दर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई दे तो तुरंत अपने डाक्टर से मिले। गुर्दे की पथरी के कारण गुर्दे या मूत्रपथ में संक्रमण भी हो सकता है अतः दर्द उठने पर ही तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर जाँच करवायें ।

Disclaimer:------------
All information and articles available on this site are for educational purposes only. The information given here should not be used for diagnosis or treatment of any health related problem or disease without expert advice. A qualified medical practitioner should always be consulted for medical examination and treatment


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ