Tittle- गठिया रोग को कैसे ठीक करें-
यूरिक एसिड के बढ़ने का क्या कारण है और किन लक्षणों से होती है इसकी पहचान, आईये जानते है, इसके बारे में विस्तार से।
इस बिमारी मे हमे जोड़ों में सूजन या प्रदाह के कारण उत्पन्न युरिक को रियूमेटायड आर्थराइटिस कहते है । जोड़ों में यूरिक अम्ल के जमा हो जाने के कारण उत्पन्न गाऊटी जिसकी शुरुआत सबसे पहले पैरों के अंगूठे के दर्द से होती है। इस दर्द को नजरअंदाज ना करे। इस रोग से और आमवात में भी हड्डी के जोड़ प्रभावित होते हैं । कन्धों में जकड़न- कन्धों को घेरने वाली मांसपेशियां में सूजन आ जाती है । इस बीमारी को हम गठिया, यूरिक एसिड, और gout के नाम से भी जानते हैं।
युरिक एसीड ( गठिया) के कारण -
यह प्रॉब्लम हमें उम्र बढने के साथ शुरू हो जाती है। इसमें हमारे कंधे, घुटने और हड्डीयो में दर्द होता है। हमारे खुन के धक्के जोड़ों मे जमा होने के कारण यह बिमारी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में ध्यान रखें कि हल्का सा व्यायाम करें और औषधि का सेवन नियम पूर्वक करते रहें।
क्या होता है यूरिक एसिड -
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए फिजिकली फिट रहें। इसके लिए एक्सरसाइज करें, योग करें या सैर पर जाएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। खूब पानी पिएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करना है, तो अपने आहार पर खास ध्यान दें। प्यूरीन प्रोटीन युक्त भोजन को डाइट में शामिल न करें।
-अपने आहार में ज्यादा अंतराल न डालें। हर दो घंटे में कुछ हेल्दी खाते रहें।
युरिक एसिड के लिए घरेलू उपाय---
नारायण तेेल से मसाज करें-
दर्द के स्थान पर नारायण तेल की मालिश करें यह आपको पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जाायेेेगा।
जैसे-गेहूं, बाजरे की रोटी, मेथी, चौलाई, करेला, सेब ,पपीता ,अंगूर, खजू,र लहसुन आदि वस्तुओं का सेवन करना बहुत ही हितकर है।
क्या ना खाये------
चावल, आलू, मूली ,गोभी, सेम, चना उड़द की दाल, केला ,संतरा, नींबू, अमरूद, टमाटर, दही आदि यह सब समस्त वायु कारक पदार्थ इस रोग को बढाते हैं , इनका सेेवन बिलकुल भी न करें।
यह प्रॉब्लम हमें उम्र बढने के साथ शुरू हो जाती है। इसमें हमारे कंधे, घुटने और हड्डीयो में दर्द होता है। हमारे खुन के धक्के जोड़ों मे जमा होने के कारण यह बिमारी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में ध्यान रखें कि हल्का सा व्यायाम करें और औषधि का सेवन नियम पूर्वक करते रहें।
क्या होता है यूरिक एसिड -
यूरिक एसिड शरीर के सेल्स और हमारे आहार से बनता है। शरीर में यूरिक एसिड हमेशा होता है, यह यूरिन के जरिए शरीर से निकलता है। आमतौर पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर कर देती है और यह टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है। जो हड्डियों के बीच में जमा हो कर दर्द पैदा करता है। इससे Gout नाम की बीमारी भी हो सकती है जिससे जोड़ों में दर्द उठता है। यह आपके खून और यूरिन को काफी एसिड भी बना सकता है।
गलत डाइट या खान-पान
-रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, पनीर और चावल जैसे खाने से भी यह बढ़ सकता है।
-अधिक समय तक खली पेट रहना भी एक कारण हो सकता है।
-डायबिटीज के मरीजों को हो सकता है यूरिक एसिड,मोटापा,
स्ट्रेस आदि के कारण यह बीमारी जन्म लेती है।
युरिक एसिड के लक्षण (गठिया)-
जोड़ों में दर्द होना।
-रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, पनीर और चावल जैसे खाने से भी यह बढ़ सकता है।
-अधिक समय तक खली पेट रहना भी एक कारण हो सकता है।
-डायबिटीज के मरीजों को हो सकता है यूरिक एसिड,मोटापा,
स्ट्रेस आदि के कारण यह बीमारी जन्म लेती है।
युरिक एसिड के लक्षण (गठिया)-
जोड़ों में दर्द होना।
उठने-बैठने में परेशानी होना।
-उंगलियों में सूजन आ जाना
-जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
-इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है, जो कई बार असहनीय हो जाता है।
-उंगलियों में सूजन आ जाना
-जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
-इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है, जो कई बार असहनीय हो जाता है।
इसमें आदमी ज्यादा जल्दी थक भी जाता है। इसलिए इन -लक्षणों को नजरअंदाज ना करें।
युरिक एसिड के लिए व्यायाम-
युरिक एसिड के लिए व्यायाम-
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए फिजिकली फिट रहें। इसके लिए एक्सरसाइज करें, योग करें या सैर पर जाएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। खूब पानी पिएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करना है, तो अपने आहार पर खास ध्यान दें। प्यूरीन प्रोटीन युक्त भोजन को डाइट में शामिल न करें।
-अपने आहार में ज्यादा अंतराल न डालें। हर दो घंटे में कुछ हेल्दी खाते रहें।
युरिक एसिड के लिए घरेलू उपाय---
1.सुबह एक गिरी लहसुन आधा किलो दूध में डालकर उबालें और दूध जब आधा रह जाए तब तक पकाते रहे फिर उसे छानकर पी लें।
दूसरे दिन भी ऐसा ही करना है। यह प्रयोग लगभग 12 दिन तक करते रहे यह बहुत ही कारगर उपाय हैं ।
पुननर्वा की जड़-
2. पुनर्नवा की जड़ 10 ग्राम को 100 ग्राम पानी में उबालें और जब पानी 25 ग्राम शेष रह जाए तब उसे उबाल देते रहे फिर छानकर पी लें। इस उपाय को एक 1 महीने तक जरूर करें।
3. योगराज गूगल-
योगराज गूगल सुबह-शाम दो-दो गोली गर्म पानी के साथ ले। यह भी एक रामबाण उपाय है गठिया के लिए ।
अश्वगंधा का चूर्ण-
.अश्वगंधा, चोपचीनी, पीपला मूल, सोंठ इन सब को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और चूर्ण को सुबह-शाम दूध के साथ ले।
अरडी के तेल से सेक करें -
जोड़ों पर सेंक करे और अरंडी के पत्तों पर तिल का तेल लगाकर बांध ले यह उपाय भी बहुत कारगर है।
मेथी दाना-
दूसरे दिन भी ऐसा ही करना है। यह प्रयोग लगभग 12 दिन तक करते रहे यह बहुत ही कारगर उपाय हैं ।
पुननर्वा की जड़-
2. पुनर्नवा की जड़ 10 ग्राम को 100 ग्राम पानी में उबालें और जब पानी 25 ग्राम शेष रह जाए तब उसे उबाल देते रहे फिर छानकर पी लें। इस उपाय को एक 1 महीने तक जरूर करें।
3. योगराज गूगल-
योगराज गूगल सुबह-शाम दो-दो गोली गर्म पानी के साथ ले। यह भी एक रामबाण उपाय है गठिया के लिए ।
अश्वगंधा का चूर्ण-
.अश्वगंधा, चोपचीनी, पीपला मूल, सोंठ इन सब को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और चूर्ण को सुबह-शाम दूध के साथ ले।
अरडी के तेल से सेक करें -
जोड़ों पर सेंक करे और अरंडी के पत्तों पर तिल का तेल लगाकर बांध ले यह उपाय भी बहुत कारगर है।
मेथी दाना-
मेथी दाना हम सबकी रसोई घर में बहुत आसानी से मिल जाता है। यह शरीर की बाई को ठीक करने के लिए अति उत्तम औषधि मानी जाती है। रात को सोते समय 10 ग्राम मेथी का दाना पानी के साथ ले ले या फिर पिसकर चूर्ण बना ले और एक एक चम्मच सुबह शयाम ले।
नारायण तेेल से मसाज करें-
दर्द के स्थान पर नारायण तेल की मालिश करें यह आपको पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जाायेेेगा।
हल्दी का सेवन करें -
हल्दी अपने दर्द निवारक गुणों के लिए जानी जाती है. इसमें मौजूद करक्यूमिन दर्द में राहत देता है. आर्थराइटिस के दर्द में एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
दालचीनी का सेवन करें-
दालचीनी के एंटी ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक गुण आर्थराइटिस के दर्द से निजात दिलाती हैं। एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद को एक कप गर्म पानी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीने से आराम आता है। आप दालचीनी पाउडर और शहद का पेस्ट बनाकर दर्द वाली जगह पर धीरे-धीरे मसाज कर सकते हैं।
दालचीनी के एंटी ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक गुण आर्थराइटिस के दर्द से निजात दिलाती हैं। एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद को एक कप गर्म पानी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीने से आराम आता है। आप दालचीनी पाउडर और शहद का पेस्ट बनाकर दर्द वाली जगह पर धीरे-धीरे मसाज कर सकते हैं।
ओमेगा- 3 फैटी -
ओमेगा -3 फैटी एसिड रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों में सुधार करने के साथ इसकी जटिलताओं को कम करने में भी सहायक हो सकता है। नट्स, सीड्स, सैल्मन और टूना जैसी मछलियों को ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है।
मुलेठी का सेवन करें-
मुलेठी एक ऐसा औषधि है, जो आमतौर पर रसोईघर में पाया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है। इसे छोटा बच्चा भी बहुत आसानी से खा सकता है। मुलेठी में कई प्रकार के ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की सुरक्षा प्रदान करता है, और इसमें में पाए जाने वाले तत्व की वजह से गठिया रोग में भी राहत मिलती है।
योग और व्यायाम जरूर करें -
योग और व्यायाम जरूर करें। अगर आप गठिया रोग से ग्रसित हैं, तो अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाएं। इसके लिए आप सुबह उठकर योग और व्यायाम करके अपने शरीर को ऊर्जावान और लचीला बनाए। ऐसा करने से शरीर का रक्त प्रवाह तेज होगा और जोड़ों के दर्द के जोखिम में आराम मिलेगा, क्योंकि योग और व्यायाम करने से हमारे शरीर के अंदर शुद्ध ऑक्सीजन अंदर तक पहुंचता है। जिसकी वजह से खून शुद्ध होता है और खून शुद्ध होने से हर तरह की बीमारी खुद ही शरीर ठीक करने लग जाता है।
अजवाइन भी गठिया रोग को खत्म करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि मानी गई है। गठिया रोग को कम करने के लिए अजवाइन को एक गिलास पानी में उबाल लें और जब वह उबलकर आधी रह जाए तो इसे आप सुबह-शाम सेवन करें। अजवाइन को आप रोटी और सलाद में डालकर भी खा सकते हैं, या फिर एक चम्मच सूखे अज्वाइन भी सुबह-शाम पानी के साथ ले सकते हैं।
जयादा पानी पीये-
खूब पानी पिए यूरिक एसिड को कम करने के लिए सबसे ज्यादा ज्यादा पानी पीने की जरूरत होती है। अगर आप हाइड्रेट नहीं रहते तो गठिया की समस्या बढ़ सकती हैं। यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिये। अगर आपको बार-बार बाथरूम आ रहा है तो कोई बात नहीं इससे आपको गठिया में बहुत जल्दी राहत मिलेगी। इसलिए दिन में 7 से 8 गिलास पानी अवश्य पिये, गठिया रोग को ठीक करने के लिए।
फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें-
इस रोग को ठीक करने के लिए फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें। अगर आप यूरिक एसिड को कम करना चाहते हैं जिन खाद पदार्थों में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, उन्हें अपने भोजन में शामिल करें। यूरिक एसिड को कम करने के लिए इस तरह के भोजन से बहुत जल्दी मदद मिलती है। जैसे- ऑटोमील, दलिया, बींस, ब्राउन राइस आदि खाने में यूरिक एसिड की मात्रा को कम कर देते है। इस तरह का भोजन शरीर का यूरिक एसिड लेवल कम करके आपको इस बीमारी से निजात दिला सकते हैं।
नीम की पत्तियों का सेवन-
नीम की नई पत्ती जो आषाढ़ मास में ही आती हैं। डेढ़ तोला सुबह खाली पेट सुबह कर खाये और रात को सोते समय 50 ग्राम गुड़ और एक तोला शुद्ध घी का सेवन करें, और इसके बाद तुरंत पानी ना पिए। ऐसा करने से एक महीने में ही पुराने से पुराना दर्द भी एकदम ठीक हो जाता है।
नीम की पत्तियों का सेवन-
नीम की नई पत्ती जो आषाढ़ मास में ही आती हैं। डेढ़ तोला सुबह खाली पेट सुबह कर खाये और रात को सोते समय 50 ग्राम गुड़ और एक तोला शुद्ध घी का सेवन करें, और इसके बाद तुरंत पानी ना पिए। ऐसा करने से एक महीने में ही पुराने से पुराना दर्द भी एकदम ठीक हो जाता है।
युरिक एसिड बढने पर क्या खाएं और क्या ना खाएं-
अगर आप गठिया रोग से ग्रस्त हैं तो इसके लिए सबसे पहले परहेज करना भी जरूरी है। इस बात का पता लगाना भी जरूरी है कि हमें गठिया रोग होने पर किन चीजों का त्याग करना चाहिए। जो आयुर्वेद के अनुसार अपथ्य और पथ्य मानी जाती हैं।
जैसे-गेहूं, बाजरे की रोटी, मेथी, चौलाई, करेला, सेब ,पपीता ,अंगूर, खजू,र लहसुन आदि वस्तुओं का सेवन करना बहुत ही हितकर है।
क्या ना खाये------
चावल, आलू, मूली ,गोभी, सेम, चना उड़द की दाल, केला ,संतरा, नींबू, अमरूद, टमाटर, दही आदि यह सब समस्त वायु कारक पदार्थ इस रोग को बढाते हैं , इनका सेेवन बिलकुल भी न करें।
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