आक्सीजन छोडने वाले पोधै कौन से है | आक्सीजन के लिए कौन सा पेड़ लगाये |

ऑक्सीजन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है इसका अंदाजा लगाना भी हमारे लिए संभव नहीं है क्योंकि ऑक्सीजन के कम होते ही हम मौत के मुंह में पहुंच सकते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में पांच पौधे अवश्य लगाने चाहिए जो हमारे लिए ऑक्सीजन पैदा करते हैं।
आइए जानते हैं वह कौन से पौधे सबसे ज्यादा हमें ऑक्सीजन देते हैं कोरोना के इस काल में चारों तरफ ऑक्सीजन के लिए अफरा-तफरी मची हुई है, इसलिए इस बात से एक सबक लें कि हम अपने आसपास पौधे अवश्य लगाए।

भारत में इस समय कोविड-19 का कहर जारी है. ऑक्‍सीजन की कमी कई मरीजों की मौत की वजह बन रही है। आपके वातावरण में कितनी ऑक्‍सीजन है. आइए आपको आज उन पेड़ों के बारे में बताते हैं जो सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन जनरेट करते हैं।

इन्सान के लिए वरदान हैं ये पेड़ :-----

ये वो 6 पेड़ हैं जो आपको अक्‍सर कहीं न कहीं दिख जाएंगे. आपके बगीचे में अगर ये पेड़ नहीं हैं तो तुरंत इन्‍हें लगाएं. ये आपको भी स्‍वस्‍थ रखेंगे और आपके वातावरण को भी शुद्ध और ताजी हवा देंगे।

पीपल का पेड़:------


हिंदु धर्म में पीपल को बौद्ध धर्म में इसे बोधी ट्री के नाम से जानते है। ऐसा माना जाता है कि इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्‍त हुआ था. पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है. यह पेड़ सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन देता है. इसलिए पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सबसे जयादा पुजा की जाती है इस पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों निवाश करते है।

बरगद का पेड़:-------
इस पेड़ को भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं। और इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। बरगद का पेड़ बहुत लंबा हो सकता है और यह पेड़ कितनी ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है ये उसकी छाया कितनी है, इस पर निर्भर करता है। इस पोधै से और भी बहुत सारी जडी बूटी बनाई जाती है।

नीम का पेड़:-----
नीम का पेड़ इस पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है और पर्यावरण वालो की मानें तो यह एक नैचुरल एयर प्‍यूरीफायर पेड़ है। ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्‍साइड, सल्‍फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्‍सीजन को छोड़ता है। इस पेड़ से भी बहुत सारी तवचा के रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है।
इसकी पत्तियों की संरचना ऐसी होती है कि ये बड़ी मात्रा में ऑक्‍सीजन उत्‍पादित कर सकता है. ऐसे में हमेशा ज्‍यादा से ज्‍यादा नीम के पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है.

अशोक का पेड़:-----


अशोक का पेड़ न सिर्फ ऑक्‍सीजन उत्‍पादित करता है बल्कि इसके फूल पर्यावरण को सुंगधित रखते हैं और उसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं. यह एक छोटा सा पेड़ होता है जिसकी जड़ एकदम सीधी होती है। यह बहुत ही कम जगह में लगाया जाता है।

पर्यावरण वालो का मानना है अशोक के पेड़ को लगाने से न केवल वातावरण शुद्ध रहता है बल्कि वह घर की शोभा भी बढ़ता है. घर में अशोक का पेड़ हर बीमारी को दूर रखता है. ये पेड़ जहरीली गैसों के अलावा हवा के दूसरे दूषित कणों को भी सोख लेता है।

अर्जुन का पेड़:------


अर्जुन के पेड़ के बारे में कहते हैं कि यह हमेशा हरा-भरा रहता है. इसके बहुत से आर्युवेदिक फायदे हैं. इस पेड़ का धार्मिक महत्‍व भी बहुत है और कहते हैं कि ये माता सीता का पसंदीदा पेड़ था. हवा से कार्बन डाई ऑक्‍साइड और दूषित गैसों को सोख कर ये उन्‍हें ऑक्‍सीजन में बदल देता है। इसका काढा पिने से हृदय रोग नहीं होता ऐसे हमारे आयुर्वेद में माना जाता है।

जामुन का पेड़:-----


भारतीय अध्‍यात्मिक कथाओं में भारत को जंबूद्वीप यानी जामुन की धरती के तौर पर भी कहा गया है. जामुन का पेड़ 50 से 100 फीट तक लंबा हो सकता है. इसके फल के अलावा यह पेड़ सल्‍फर ऑक्‍साइड और नाइट्रोजन जैसी जहरीली गैसों को हवा से सोख लेता है. इसके अलावा कई दूषित कणों को भी जामुन का पेड़ ग्रहण करता है। जामुन का फल खाना शुगर वाले मरीजों के लिए रामबाण का काम करता है।

इस समय जब कोविड-19 से ऑक्‍सीजन का संकट पैदा हो गया है तो सोशल मीडिया से लेकर हर जगह पर पेड़ लगाने की बातें भी होने लगी हैं. पेड़ों को धरती पर ऑक्‍सीजन का बेस्‍ट और इकलौता सोर्स माना माना जाता है। अगर हम सब ने मिलकर पेड़ लगाए होते तो शायद ऑक्‍सीजन की इतनी कमी नहीं होती। इसलिए हम सबके लिए बहुत जरूरी है कि हम पेड़ों को लगाने पर जोर देंऔर अपने बच्चों को भी पेड़ लगाने की शिक्षा दे ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी आक्सीजन जैसी समस्या का सामना ना करे।




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