WhatsApp कैसे बनाया |WhatsApp success story in hindi | success story about WhatsApp |

WhatsApp कैसे  बनाया-
आज मे आपके साथ ऐसी शख्सियत कि सफलता का राज शेयर करने जा रहे हैं जो फेसबुक के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। यह है व्हाट्सएप मैसेंजर की सक्सेस स्टोरी आप सब भी व्हाट्सएप के बारे में बहुत अच्छे से जानते होंगे। आज व्हाट्सएप फेसबुक के बाद सबसे ज्यादा यूज होने वाली ऐप मानी जाती है।
WhatsApp अब छोटे हो या बड़े सब की पहली पसंद ऐप है क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा मैसेज or pics की प्राइवेसी रहती है।

Whatsapp Messenger Success story जिसकी शुरुआत 2 लोग Jan Koum और Brian Acton ने वर्ष 2009 में की थी Whatsapp Messenger की कहानी हमे प्रेरणा देती है कि व्यक्ति को चाहें जीवन में जितनी भी असफलता मिली हो लेकिन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो लोग बार-बार मेहनत और प्रयतन करते हैं उन्हें सफलता ज़रूर मिलती है, कयोंकि सफलता का एक ही मंत्र है जो भी काम करो नियम से करो।

यह एक ऐसी सच्ची कहानी है जो हमे सिखाती है कि इस दुनिया में हम जो सोचते है वो सब कर सकते है कुछ भी असंभव नही होता बस चाहिये तो सच्ची मेहनत और लगन और कुछ करने का जज्बा और कभी ना हार मनाने वाला होसंला।

आज हम अब हम आपको Whatsapp Messenger और इसके दोनों फाउंडर Jan Koum और Brian Acton से जुड़ी पूरी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से बताते है ।

 Whatsapp Messenger Success Story In Hindi :-----


क्या है व्हाट्सएप्प मैसेंजर ?
Messenger के फाउंडर की कहानी ?


Whatsapp Messenger Success Story In Hindi



आज 5 साल का बच्चा भी है यह जानता है व्हाट्सएप मैसेंजर क्या है, यह घर घर में बहुत ही famous apo है।
हम सब जानते होंगे कि आज के समय में ‘Whatsapp’ पूरे विश्व का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेसंजेर एप्लीकेशन बन चुका है जो हर एंड्राइड और एप्पल चलाने वाले व्यक्ति के मोबाइल में मिल जाता है और इन्टरनेट की सहायता से चलता है । इसकी सहायता से लोग आपस में एक दूसरे से मेसेज और विडियो काल के जरिये  बात कर सकते है । अपनी फोटोज और विडियो शेयर कर सकते है । आज के समय में ये ऐप सभी कंपनी के मोबाइल में पहले से ही इंस्टाल आता है ।

क्या है Whatsapp Messenger के फाउंडर की कहानी ?

जैसा कि हमने आपको बताया था कि Whatsapp Messenger की शुरुआत Jan Koum और Brian Acton ने की थी, चलिए अब इनकी जिंदगी और निजी जीवन के बारे में कुछ जाने

Jan Koum के निजी जीवन और जिंदगी की कहानी
Jan Koum का जन्म 24 फरवरी, 1976 को यूक्रेन के एक छोटे से गाँव कीव में एक बहुत ही मध्यवर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था । उनके पिताजी भवन निर्माण करने वाली एक कंपनी में कार्य करते थे उस समय यूक्रेन का माहौल और राजनीति दोनों ही यहूदियों के खिलाफ थी ।उनके परिवार को वहां बिजली-पानी तक की सुविधा भी नही मिल सकती थी, ऐसे में और हालात बिगड़ते देख Jan Koum 16 वर्षीय आयु में वर्ष 1992 में अपनी मां और दादी के साथ  के साथ अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में आकर बस गये वहाँ पहुंचकर उन्हें और उनके परिवार को अमेरिकी सरकार की सहायता से दो बेडरूम का एक अपार्टमेंट मिल गया।

इसके बाद उनकी माता घर चलाने के लिए  बेबीसिटर्स और Jan Koum  के दुकान पर क्लीनर का कार्य करने लगे 18 वर्षो की आयु तक उन्होंने कंप्यूटर नेटवर्किंग सीखते हुए खुद को एक्सपर्ट कर लिया था ।वो पढ़ने के लिए एक पुरानी किताबों के स्टोर किताबों को खरीदते थे और पढ़ने के बाद उसे वापस कर देते थे

कहते है ना जिंदगी में कब क्या हो जाये कुछ नही पता ऐसा ही कुछ उनके जीवन में हुआ जब उन्हें पता चला कि उनकी माँ को कैंसर है पर उन्होंने हार ना मानते हुए अपनी मेहनत जारी रखी और San Jose State University, California में कंप्यूटर साइंस और मैथ्स में एडमिशन ले लिया  और साथ ही  Ernst and young में सिक्योरिटी टेस्टर  के रूप में भी कार्य करने लगे ।
अपनी शिक्षा के दौरान ही उन्हें  याहू कंपनी में उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर के रूप में काम करने का मौका मिला जो कि उनकी ज़िन्दगी के लिए सबसे बड़ा मौका था वर्ष 2000 में उनकी माँ की मृत्यु कैंसर से हो गई वही उनके उनके पिता की मृत्यु पहले ही वर्ष 1997 में हो चुकी थी।

Brian Acton के निजी जीवन और जिंदगी की कहानी
Brian Acton का जन्म 17 फरवरी 1972 को अमेरिका के मिशिग शहर में हुआ था । उनका सारा बचपन सेंट्रल फ्लोरिडा में बीता उन्होंने वर्ष 1994 में Stanford University से कंप्यूटर साइंस से अपनी शिक्षा पूर्ण की अपनी शिक्षा के बाद उन्होंने एप्पल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में और एडोब कंपनी में भी कार्य करने का मौका मिला इसके बाद वर्ष 1996 में उन्होंने याहू कंपनी में कार्य करना शुरू कर दिया।

Jan Koum और Brian Acton के Whatsapp Messenger के शुरू करने की कहानी

Jan Koum और Brian Acton की एक-दूसरे से मुलाकात Yahoo में नौकरी के दौरान ही हुई जहाँ दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गये थे। लगभग 9 सालों तक एक साथ Yahoo में काम करने के बाद दोनों ने सितंबर 2007 में Yahoo से अपनी नौकरी छोड़ दी और कुछ समय मौज-मस्ती के लिए पूरे 1 वर्ष तक जॉब में जमा धनराशी के साथ साउथ अमेरिका घूमने का आनंद प्राप्त किया ।

इसके बाद जब दोनों पर पैसे ख़त्म हो गये तो दोनों ने Facebook में नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया पर रिजेक्ट हो गये। Brian Acton ने Twitter में जॉब के लिए अप्लाई किया पर Twitter ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया दोनों ने फिर भी हार नही मानी और कुछ अपना करने की ठान ली।

फिर आया  जनवरी 2009  जब  Jan Koum  ने एक आईफोन खरीदा और उन्हें पता चला कि एप्पल का भी एप स्टोर कुछ महीनो पहले शुरू हुआ है वो कई सारे नए ऐप लॉन्च करना चाहता है और इससे उन्हें एक ब्रिलिएंट आइडिया मिला, क्यों ना एक ऐसा Instant Messaging App बनाया जाये जिसकी सहायता  से लोग आपस में एक-दूसरे को कोई भी खबर बिना कोई खर्च किये, बिना कोई ऐड या रुकावट के पहुंचा सके उन्होंने तुरंत इस आईडिया को Brian Acton और एक अन्य दोस्त Alex के साथ शेयर किया ।
Brian Acton शुरू में तो Jan Koum के इस आईडिया से खुश नही हुए फिर भी दोनों अपने बुलंद हौसले और इरादो के दम पर रात-दिन काम में लग गये ।

Jan Koum और Brian Acton के Whatsapp Messenger के शुरू करने से लेकर अब तक के सफ़र की कहानी Whatsapp Messenger Success Story

सबसे पहले उन लोगो ने एक से एक रशियन आईफ़ोन डेवलपर
Igor Solomennikov को हायर किया क्योंकि उन दोनों को एप्लीकेशन के backend part की ही प्रोग्रामिंग करनी आती थी ।आख़िरकार  Whatsapp शुरू तो हो गया पर बड़ी मुश्किलों के साथ ।

शुरू में जब भी कोई यूजर Whatsapp को इंस्टाल करता था तो उसे इंस्टाल करने के बाद यूजर को जो OTP आता था उसके पैसे Jan Koum के बैंक अकाउंट से कटते थे ।दूसरी समस्या सर्वर दिक्कत के कारण मेसेज समय तक नही पहुँच पाते थे ।इन सब परेशानी से तगं आकर Jan Koum अपने इस प्रोजेक्ट को बंद कर नौकरी करने की सोचने लगे लेकिन फिर अपने साथी Brian Acton के समझाने पर के दूसरे वर्जन को और अच्छी तरह से बिना किसी खामी के डेवलपमेंट करने में लग गये जिसके लिए उन्होंने याहू कंपनी के पुराने दोस्तों से $250,000 इन्वेस्ट कराये ।

आख़िरकार कई महीनों की बीटा टेस्टिंग  के बाद Whatsapp Messenger 2.0 को अगस्त  2009 में एप्पल स्टोर और अगस्त 2010 में गूगल प्ले स्टोर पर लांच कर दिया गया । आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई और फरवरी 2013 तक इसके पूरे विश्व में 200 मिलियन एक्टिव यूजर थे  और वर्ष 2014 के शुरुआत तक पूरे विश्व में 60 करोड़ से भी ज्यादा यूजर थे ।2 लोगो से शुरू हुई कंपनी में वर्ष 2014 में 32 इंजीनियर को मिलाकर 55 लोगों का स्टाफ हो चुका था ।

whatsapp Messenger इतना लोकप्रिय होने लगा था कि फेसबुक को इससे बहुत दिक्कत आने लगी और आख़िरकार फेसबुक को $19.6 बिलियन जो भारतीय रुपयों के हिसाब से लगभग एक लाख करोड़ रूपये से भी अधिक की धनराशि है, में whatsapp Messenger को खरीदना पड़ा जो की आज भी विश्व की बहुत बड़ी टेक डील मानी जाती है।

ये वही फेसबुक थी जिसने उन दोनों को नौकरी देने से मना कर दिया था। आज के समय वो दोनों फेसबुक के एक बड़े शेयर होल्डर है । आज लगभग 1 बिलियन लोग हर दिन Whatsapp Messenger का इस्तेमाल करते हैं । हर दिन  5 बिलियन मैसेजेस शेयर किए जाते हैं और 4.5 बिलियन फोटोज शेयर की जाती है और एक बिलियन वीडियोस शेयर किए जाते हैं।

ऐसा उन दोनों ने भी कभी सपने में नही सोचा था कि जिस कंपनी में वो नौकरी करना चाहेंगे वही कंपनी एक दिन उनका कोई एप्प खरीदेंगी । ये सब मुमकिन हुआ कुछ नया सोचने,  पूरा करने का जुनून और जीवन में उसको हासिल करने सपना देखने की ताकत से । यह शिक्षा हर किसी यही संदेश देती है कि कभी भी हार ना माने लक्ष्य आपको एक ना एक दिन प्राप्त हो ही जायेगा ।

अगर इंसान चाहे अपने कल्पना के बलबूते पर कुछ भी हासिल कर सकते हैं। पहले इंसान कल्पना करता है तभी कुछ कर पाता है। अगर आप भी अपने जीवन में कुछ करना चाहते हो यह किसी काम में अपनी सफलता हासिल करना चाहते हो पहले उस सफलता के लिए जिद का होना बहुत जरूरी है। अगर आपके अंदर जिद और जुनून है तो फिर आपको कोई भी सफल होने से नहीं रोक सकता।

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