कपालभाति प्राणायाम कैसे करे | कपालभाति के लाभ | कपालभाति कब करें | खुद को फीट रखने के लिए कपालभाति कैसे करें |

Tittle- कपालभाति कैसे करें-
कपालभाती यह केवल एक प्राणायाम ही नही, बल्कि एक शुद्धी क्रिया भी है.
आयुर्वेद के डाक्टर के अनुसार कपालभाति के रामबाण लाभ---
कपालभाती को बीमारी दूर करनेवाले प्राणायाम के रूप में देखा जाता है। आयुर्वेद और योगा विशेषज्ञ  डाक्टर रमणीक के अनुसार ऐसे लोगों को भी देखा है, जो बिना बैसाखी के चल नही पाते थे, लेकिन नियमित कपालभाती करने के बाद उनकी बैसाखी छूट गई और वे ना सिर्फ चलने ही नही बल्कि अपने खुद के काम भी करने लगे। कपालभाती करने वाला साधक आत्मनिर्भर और स्वयंपूर्ण हो जाता है।

कपालभाती से हार्ट के ब्लॉकऐज पहले ही दिन से खुलने लगते हैं और 15 दिन में बिना किसी दवाई के वे पूरी तरह खुल जाते है।

कपालभाती करने वालों के हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है, जबकि हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली कोई भी दवा उपलब्ध नही है। कपालभाती करनेवालों का हृदय कभी भी अचानक काम करना बंद नही करता, जबकि आजकल बड़ी संख्या में लोग अचानक हृदय बंद होने से मर जाते हैं।
 
कपााालभाति करने  के फायदे-
कपालभाती करने से शरीर के उपर या शरीर के अनदर कहीं भी गाँठ तो वह कपालभाति करने से किसी भी तरह की गाँठ गल जाती है, क्योंकि कपालभाती से शरीर में जबर्दस्त उर्जा निर्माण होती है, जो गाँठ को गला देती है, फिर वह गाँठ चाहे ब्रेस्ट की हो अथवा अन्य कही की। ब्रेन ट्यूमर हो अथवा ओवरी की सिस्ट हो या यूटेरस के अंदर फाइब्रॉईड हो, क्योंकि सबके नाम भले ही अलग हो, लेकिन गाँठ बनने की प्रक्रिया एक ही होती है।

कपालभाती से बढा हुआ पेट और cholesterol कम होता है। कपालभाती की खास बात ये है कि पहले दिन से ही मरीज की कोलेस्टेरॉल की गोली खानी बंद हो सकती है।

कपालभाती से बढा हुआ इएसआर, युरिक एसिड, एसजीओ, एसजीपीटी, क्रिएटिनाईन, टीएसएच, हार्मोन्स, प्रोलेक्टीन आदि सामान्य स्तर पर आ जाते है।

कपालभाती करने से हिमोग्लोबिन एक महिने में 12 तक पहुँच जाता है, जबकि हिमोग्लोबिन की गोलियाँ खाकर कभी भी किसी का हिमोग्लोबिन इतना बढ़ नही पाता है। कपालभाती से हीमोग्लोबिन एक वर्ष में 16 से 18 तक हो जाता है। महिलाओं में हिमोग्लोबिन 16 और पुरुषों में 18 होना उत्तम माना जाता है।

कपालभाती से महिलाओं के मासिक धर्म की सभी शिकायतें एक महिने में सामान्य हो जाती है। और समय से पहले बदं हुआ मासिक धर्म फिर से शुरू हो सकता है।

कपालभाती से थायरॉइड की बीमारी एक महिने में ठीक हो जाती है। इसकी दवाईया भी बंद की जा सकती है।

इतना ही नही, बल्कि कपालभाती करने वाला साधक 10 मिनिट प्रतिदिन करने से में मन के परे पहुँच जाता है। अचछे हार्मोन्स का सीक्रेशन होने लगता है। तनाव वाले हार्मोन्स गायब हो जाते है। मानसिक व शारीरिक थकान नष्ट हो जाती है। इससे मन की एकाग्रता भी भी बढ जाती है।

कपालभाति के विशेष लाभ----

कपालभाती से खून में प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स या रेड ब्लड सेल्स यदि कम या अधिक हुए हो, तो वे निर्धारित मात्रा में आकर संतुलित हो जाते हैं। कपालभाती से सभी कुछ संतुलित हो जाता है। ना तो कोई अंडरवेट रहता है, ना ही कोई our wait रहता है। वजन से समबन्धित दोनों ही तरह की बीमारियाँ है।

कपालभाती से अपच, मंदाग्नी, संग्रहणी, जीर्ण संग्रहणी, मुत्र और पेट समबन्धित आँव जैसी बीमारियाँ ठीक होती है। कब्ज गैसे, एसिडिटी भी ठीक हो जाती है। पेट की समस्त बीमारियाँ ठीक कर सकती है कपालभाति से।

कपालभाती से सफेद दाग, सोरायसिस, एगजिमा, ल्युकोडर्मा, स्कियोडर्मा जैसे त्वचारोग ठीक होते हैं। स्कियोडर्मा पर कोई दवाई उपलब्ध नही है, लेकिन यह कपालभाती से ठीक हो जाता है। अधिकतर त्वचा रोग पेट की खराबी से होते है। जैसे जैसे पेट ठीक होता है, ये रोग भी ठीक होने लगते हैं।

कपालभाती से छोटी आँत को शक्ति प्राप्त होती है, जिससे पाचन क्रिया सुधर जाती है। पाचन ठीक होने से शरीर को कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फरस, प्रोटीन्स इत्यादि उपलब्ध होने से लिगैमेंट्स, हड्डियाँ ठीक होने लगती हैं और 3 से 9 महिनों में अर्थ्राइटीस, एस्ट्रो अर्थ्राइटीस, एस्ट्रो जैसे हड्डियों के रोग हमेशा के लिए ठीक हो जाते हैं।

याद रखिये की कैल्शियम, प्रोटीन्स, हिमोग्लोबिन, व्हिटैमिन्स आदि को शरीर बिना पचाए, बाहर निकाल देता है, क्योंकि केमिकल्स से बनाई हुई इस प्रकार की औषधियों को शरीर द्वारा सोखे जाने की प्रक्रिया हमारे शरीर के प्रकृति में ही नही है।

हमारे शरीर में रोज 10 % बोनमास चेंज होता रहता है। यह प्रक्रिया जन्म से मृत्यु तक निरंतर चलती रहती है। अगर किसी कारणवश यह बंद हुई, तो हड्डियों के विकार हो जाते हैं। कपालभाती इस प्रक्रिया को निरंतर चालू रखती है। इसीलिए कपालभाती नियमित रूप से करना आवश्यक है।

सोचिए, यह सिर्फ एक क्रिया कितनी लाभकारी है। इसीलिए नियमित रूप से कपालभाति करना, यह एक उत्तम व्यायाम प्रक्रिया कितनी लाभदायक है। एक मनुष्य अपने लिये प्रतिदिन 10 से 15 मीनट समय निकाल ही सकता है,कयोंकि  हम सबके लिए सवास्थय  से बढकर दुसरा कोई सुख नहीं है।  सवास्थय ही सबसे बड़ा धन है, इसलिए इस तरह की जानकारी को अपने दोस्तों और social media plugin जरूर शेयर करे ।
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