तनाव से कैसे बचें | तनाव को कैसे ठीक करें | मानसिक तनाव के लक्षण | depression therapy in hindi |

तनाव से कैसे बचें-
आज संसार में प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी रूप में मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं । ऐसा कोई घर नहीं है जहां पर कोई समस्या ना हो। समस्या आते ही इंसान मानसिक तनाव की चपेट में आ जाता है। पर मेरा यह मानना है कि जीवन में समस्या खत्म हो सकती है, पर अगर आप ने अपना मानसिक संतुलन खराब कर लिया तो वह किसी भी धन दौलत से ठीक नहीं हो सकता। इसलिए हमेशा बुरी परिस्थिती जैसी भी हो उसको झेलने की कोशिश करें क्योंकि कभी भी समय ठहरता नहीं है। जिस तरह से अच्छे समय का हमें बीतते हुए पता नहीं चलता उसी प्रकार बुरे समय भी कट जाएगा।

जीवन में  अधिक व्यवस्था होने के कारण स्वार्थ की अभिवृत्त के कारण शांत वातावरण और सामाजिक मूल्य में गिरावट होने के कारण मानसिक तनाव के कारणों से मानसिक तनाव बहुत ज्यादा पड़ रहा है। 

 सीमा से अधिक हो क्रोध, लोभ, ईर्ष्या द्वेष ,मोह के साथ-साथ मादक पदार्थों का सेवन करने से भी आजकल लोग मानसिक तनाव की गिरफ्त में आ रहे हैं। परिणाम यह होता है कि अनिद्रा, कब्ज,  दिल  की धड़कन,  घबराहट आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं ऐसे में हमें अपने लिए सावधानी बरतने की बहुत जरूरी होती है। 

आइए जानते हैं मानसिक तनाव होने पर हम क्या करें और क्या ना करें.....
वयायाम -----
व्यायाम इसके लिए सबसे बढिया  उपाय है शारीरिक व्यायाम , दंड बैठक ,कुश्ती, प्रातः भ्रमण, बागवानी के रूप में पुरुषों द्वारा किए जाने वाले बहुत ही आसान काम है जिसके करने से आप इसके बुरे परिणामों से बच सकते हो। इस प्रकार शारीरिक श्रम करने से ना केवल मानसिक तनाव अपितु बुरी संगत से भी बचा जा सकता है।

भ्रमण-----
 प्रात काल के भ्रमण से मन खुश रहता है और शरीर में तेज और स्फूर्ति  होती  है। जो लोग कसरत नहीं कर सकते उन्हें भ्रमण से बहुत लाभ मिलता है,  ऐसा चमत्कार होते हुए देखा गया है।

आसन योग विधी-----
  विवीध आसनो में पद्मासन, एवं शवासन मानसिक तनाव दूर करने के लिए अधिक उपयोगी माना गया है इस प्रकार आप अगर आसन करना जानते हो तो आप पदमआसन और स्वाशन जरूर करना चाहिए।यह आसन मानसिक तनाव से बचने के लिए सबसे अच्छे उपाय है।

 प्राणायाम-----
 प्राणायाम के पालन से दीर्घायु की प्राप्ति, विकारों से मुक्ति, तथा मन की चंचलता, एवं उद्गीगनता शांत होती है।
 अगर व्यक्ति का मन सिथर और सुस्पष्ट होता है तो आप मानसिक तनाव के शिकार से बच सकते हो।  अपनी जीवनशैली में प्राणायाम को जरूर शामिल करें

ध्यान-----
 ध्यान मन को शांत करने के लिए बहुत ही अच्छा उपाय है संपूर्ण पदार्थों से ध्यान को हटाकर सत्य और ईश्वर पर ध्यान केंद्रित करने से परम शांति की प्राप्ति होती है और ऐसा करने से आप मानसिक तनाव से बच सकते हैं।
सत्य भाषण----
 मानसिक तनाव की जड़ असत्य बोलना है, असत्य का आचरण करने  पर एक झुठ को सच साबित करने के लिए अनेक झूठ बोलने पड़ते हैं तथा मन में इसको लेकर तनाव बढ़ता जाता है।
 इस तरह म सत्य बोलने से सदाचार से ठीक किया जा सकता है। जिस प्रकार सत्य को कभी याद नहीं रखना पड़ता उसी तरह  असत्य को बार-बार याद रखना पड़ता है ,इसलिए सत्य का साथ दें और अपने आप को स्वस्थ रखें।

 अक्रोध----

क्रोध को शांति से जीतकर मानसिक तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है। क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो आप सबसे पहले अपने गुस्से को शांत करके मानसिक तनाव से मुक्ति पा सकते हो।

क्षमा-----
 क्षमासिल व्यक्ति मानसिक तनाव से मुक्त रहता है। अगर आपको किसी की बात का बहुत बुरा लगता है या आप किसी के द्वारा कहे गए शब्द को न भुल पाते हो तो उनको क्षमा करने की शक्ति जरूर रखें।
 सुख और दुख लाभ ,हानि जीवन मरण, आदि अनुकूल म और प्रतिकूल परिस्थितियों में जो व्यक्ति अपना संतुलन नहीं खोता वह मानसिक तनाव से कभी भी नहीं ग्रस्त होता।
 अतः जैसी भी परिस्थिति आए उसे स्वीकार करने से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। राम नाम जपने से शांति अवश्य मिलेगी।

आज पूर्ण विकसित देशों में तथा  धनवान व्यक्ति जिनके पास सब प्रकार के सुख से सुविधाऐं हैं, व पर्याप्त धन संपत्ति है उनमें से ज्यादातर नर, नारी विकट मानसिक एवं  भावनात्मक तथा कष्टों को भोग रहे हैं। 

विश्व के सुप्रसिद्ध करते विशेषज्ञों का मानना है कि हार्ट अटैक का एक बहुत बड़ा कारण मानसिक तनाव व चिंता है। हाईपीपीबी और डायबिटीज में मानसिक तनाव का मुख्य कारण होता है, और अधिक धन की इच्छा भी इंसान को मानसिक तनाव की ओर ले जाती है, इसलिए आपके पास जो भी है उसी से संतुष्ट रहें।

 जिस तरह की परिस्थिति आई है उसे  झेलने की कोशिश करें, क्योंकि,जिस प्रकार रात होने के बाद सूर्य का उगना संभव है उसी प्रकार हर दुख का समय के साथ खत्म होना भी संभव है। इसलिए कभी भी अपने जीवन में हार ना माने और मानसिक स्थिति को कभी अपनी खराब ना होने दें।
 
दिमाग ही हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जिसके बिना यह शरीर किसी काम का नहीं। अगर हमारा दिमाग काम ना करें तो कोई भी धन दौलत हमें ठीक नहीं कर सकती, इसलिए ऐसा कहा गया है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं है।

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