कपूर के फायदे | कपूर के लाभ | camphor benefits in hindi | कपूर का प्रयोग कैसे करें |



Tittle -कपूर के फायदे और किस प्रकार हम सवास्थय लाभ के लिए उपयोग कर सकते है----

कपूर क्या है  और कैसे उपयोग करें ---
कपूर का नाम हम सब ने पुजा पाठ में इस्तेमाल होने के लिए सुन रखा है लेकिन यह एक तरह की औषधि का भी काम करता है। हम सब के घरों में कपूर प्रयोग सबसे जयादा भगवान् की आरती और हवन करते समय होता है ,कयोंकि यह आग को बहुत जल्दी पकड़ लेता है। आइए जानते है कपूर के लाभ और किस प्रकार हम सवास्थय लाभ के लिए कपूर को प्रयोग कर सकते है।

कपूर के उपयोग----

कपूर को सबसे उत्तम आयुर्वेदिक दवा, तेल, सुगंध बनाने और कीड़े-मकोडो को दूर रखने में भी प्रयोग किया जाता है। दक्षिण के लोग इसे भोजन में  जो देसी कपूर होता है उसे (खाने वाला कपूर) खाने के लिए भी का उपयोग करते है।

देसी कपूर के लाभ----
सिर दर्द, शरीर दर्द दूर करने वाले बाम, सर्दी-जुकाम की दवाओं और कफ सीरप, स्किन प्रॉब्लेम जैसे खुजली की कुछ क्रीम और बवासीर के इलाज की दवा आदि में कपूर का इस्तेमाल होता है।

घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए और पाज़िटिविटी लाने के लिए भी कपूर जलाना या कपूर के तेल को डिफ्यूज़र में प्रयोग करना फायदेमंद देखा गया है। 

कपूर कैसे बनता है –
 

कपूर 2 प्रकार के होते है। प्राकृतिक कपूर (Natural Camphor) और कृत्रिम कपूर (Chemical camphor)। 

देसी कपूर या भीमसेनी कपूर कया फर्क है  --

प्राकृतिक कपूर को देसी कपूर, भीमसेनी कपूर, जापानी कपूर के नाम से जाना जाता है जोकि Natural Product है। इस कपूर को कपूर के पेड़ की पत्ती, छाल और लकड़ी से आसवन विधि द्वारा सफ़ेद रंग के क्रिस्टल के रूप में प्राप्त किया जाता है। इसे हम देशी कपूर कहते है।

कपूर का पेड़ कहाँ पाये जाते हैं---

 कपूर का पेड़ सबसे जयादा यह चीन में पाया जाता है। जहाँ से ताइवान, जापान, कोरिया, वियतनाम और दुनिया के बाकी देशों में पहुंचा। इस वृक्ष पर चमकदार, चिकने पत्ते पाए जाते हैं जिनको मसलने पर कपूर की खुशबु आती है। कपूर के पेड़ का बायोलॉजिकल नाम सिनामोमम कैम्फोरा है। 

कपूर का पेड़ का,रग कैसा है ----

वसंत मौसम में इस वृक्ष पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे फूल गुच्छों में लगते है। भारत में कपूर देहरादून, मैसूर, सहारनपुर, नीलगिरी में पैदा होता है। भारत में कपूर केवल पत्तियों के आसवन से ही प्राप्त किया जाता है। 

कृत्रिम कपूर कैसे बनता है – 
यह कपूर रासायनिक तरीके से बनाया जाता है। इस कपूर का फार्मूला C10H16O है। नकली कपूर पानी में अघुलनशील और अल्कोहल में घुलनशील होता है। ये कपूर तारपीन के तेल को बहुत सी केमिकल प्रक्रियाएं करने के बाद प्राप्त होता है। केमिकल कपूर बहुत से कारखानों में प्रयोग किया जाता है। यह पालीविनायल क्लोराइड, सेलूलोस नाइट्रेट, पेंट, धुवां-रहित बारूद और कुछ खास प्रकार के प्लास्टिक, कफ-सीरप आदि के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है। 

कपूर की पहचान और नकली कपूर में अंतर ----

देसी कपूर पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है। जबकि नकली कपूर या मिलावटी कपूर पानी में तैरता रहता है। 

असली कपूर जलाने पर बिना काले धुएं के जलता है और जलने के बाद नाममात्र निशान छोड़ता है। नकली कपूर जलाने पर हवा में काला धुआँ छोड़ता है और जलने के बाद बर्तन काला करता है। 

असली कपूर नकली कपूर की तुलना में महंगा मिलता है। ज्यादातर सस्ता मिलने वाला कपूर नकली होता है। 

देसी कपूर के फायदे---

आयुर्वेद के अनुसार देसी कपूर कफ-दोष नाशक और कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करने मददगार होती है। यह वातावरण शुद्ध करता है और हवा में किटाणुओं को खत्म करता है। कपूर में एंटी-बैक्टीरीयल, एंटी-फंगल गुण होते हैं। बताए गए सभी उपायों में देसी कपूर या प्राकृतिक कपूर का उपयोग ही करना है। नकली कपूर से कोई फायदा तो नहीं होगा, लेकिन नुकसान भी हो सकते हैं।

 बालों के लिए----

नारियल तेल में कपूर को मिलाकर लगाने के फायदे ।आयुर्वेद के अनुसार बालों के लिए प्राकृतिक कपूर डालकर लगाना तेल अच्छा माना गया है। देसी कपूर नारियल तेल में डालकर लगाने से बाल मजबूत, घने होते हैं और डैंड्रफ-रूसी का नाश होता है। 


बवासीर के लिए कपूर का प्रयोग कैसे करे ----

कपूर और केला के फायदे : चने के दाने के बराबर कपूर केला के बीच में रखकर खाने से बवासीर रोग में लाभ होता है। नारियल के तेल में देसी कपूर मिलाकर गुदा मार्ग (Anus) पर लगाने से दर्द, जलन से राहत, ठंडक मिलती है और सूजन भी कम होती है। यह प्रयोग बाबा रामदेव भी अपनी video मे बताते है ।

सर्दी-जुकाम के लिए ----
कपूर को तेल में मिलाकर सीने पर मालिश करने बंद नाक, कफ और फेफड़ों की जकड़न से रहत दिलाता है। लगभग सभी बाम जैसे विक्स, झंडू, अमृतांजन आदि में कपूर जरूर होता है। कपूर को गरम पानी में डालकर भाप लेना भी बंद नाक खोलने और बलगम ढीला करने में असरदार है। 

गठिया और जोड़ों का दर्द मे लाभ---

कपूर मिला तेल आर्थराइटिस और मांसपेशियों के दर्द में मालिश करने से राहत देता है। इसके लिए सरसों के तेल में कपूर को मिलाकर घुटनों और जोड़ों की मालिश करें। दर्द से आराम मिलेगा और घुटने जाम भी नहीं होंगे। 


दाग-धब्बे दूर करे---
इसके लिए थोड़ा सा नारियल तेल में कपूर मिलाकर मुहाँसे पर लगायें। मुहाँसों का आकार घटने लगेगा और नए मुहाँसे भी नहीं आयेंगे। यह उपाय चेहरे के दाग और रूखापन कम करने में भी असर करता है।

 पेट दर्द :---
पेट में दर्द होने पर भीमसेनी कपूर का चावल जितना टुकड़ा और थोड़ा सा अजवाइन साथ लेने से आराम मिलता है।

 बच्चों के पेट में कीड़े---
 5 साल से बड़े बच्चों के पेट में कीड़े का नाश करने करने के लिए थोड़ा सा देसी कपूर को गुड़ में मिलाकर दें। इससे कीड़े खत्म होंगे और कीड़ों की वजह से होने वाले पेट दर्द भी ठीक होगा। 

 कपूर के तेल के फायदे ---
 अरोमा थेरपी में कपूर के तेल का प्रयोग निमोनिया, Bronchitis के लक्षणों से आराम दिलाता है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और मेटाबोलिस्म तेज करता है। कपूर तेल की खुशबू नर्वसनेस, बेचैनी दूर करके दिमाग को रीलैक्स करता है। 

कपूर मिले तेल की मालिश से मसल्स में मोच आने, ऐंठन-जकड़न और खिंचाव के दर्द से आराम मिलता है। कपूर का तेल कीड़े काटने पर लगाने से ठीक होता है। स्किन में खुजली, लाल होना, रगड़ लगना होने पर कपूर का तेल किसी कैरियर ऑइल में मिलाकर लगायें। 


कपूर के नुकसान--- 

छोटे बच्चों को कपूर से दूर रखें, ये उनके लिए जानलेवा हो सकता है। 

 कपूर के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा की समस्याएँ जैसे Eczema (एक्जिमा), रैशेज, होंठों का सूखापन हो सकता है. इसके अतिरिक्त नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र, किडनी, सांस लेने सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं।

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी कपूर के इस्तेमाल से दूर ही रहना चाहिए। 

खाने वाला कपूर का अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है अतः इसका प्रयोग किसी अनुभवी डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेकर ही उपयोग करें।

Disclaimer: -All information and articles available on this site are for educational purposes only. The information given here should not be used for diagnosis or treatment of any health related problem or disease without expert advice. A qualified physician should always be consulted for medical examination and treatment.


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ