शरद पूर्णिमा कैसे मनाये | शरद पूर्णिमा की पुजा कैसे करें | बाल्मीकि जयंती पर रामायण का पाठ कैसे करें |

बाल्मिक जयंती कैसे मनाये और पुजा कैसे करें-हर साल में एक बार शरद पूर्णिमा दिवाली से कुछ दिन पहले आती है जिसको हम बाल्मीकि जयंती के नाम से भी जानते हैं इस दिन सभी घरों में मिट्टी के दीपक और घरबड़े ( मिटटी का बडा दीपक) जलाए जाते हैं। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम युद्ध में जीतने के बाद पहली बार अपने गांव अयोध्या में प्रवेश किया गया था। उसी दिन से यह परंपरा चली आ रही है ।
आइए जानते हैं इस पर घर में लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कुछ उपाय करके आप भी अपने घर में सुख शांति और समृद्धि पा सकते हैं। 
पूर्णिमा में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय और पुजा अर्चना करते है
सालभर आने वाली पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा सबसे खास है. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है।

पुजा कैसे करें -
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं, व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना आदि करते हैं. लेकिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय शरद पूर्णिमा की रात है. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को ये उपाय अपनाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और साथ ही सालभर धन की कमी नहीं रहती।
ऐसी भी मान्यता है कि आज के दिन समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं, इसलिए ये दिन और भी खास हो जाता है। 

माँ लक्ष्मी की पुजा कैसे करें -
शरद पूर्णिमा की रात को ये उपाय अपनाने से मां लक्ष्मी आपसे प्रसन्न होंगी और आप के घर धन की कमी नहीं होगी।
तो आइए जानते हैं इस रात किस उपाय से आप पा सकते हैं मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।


खीर का भोग-लगाये ---

धार्मिक मान्यताके अनुसार कि शरद पूर्णिमा की रात अमृत वर्षा होती है. इस रात को चावल की खीर बनाकर महीन कपड़े में ढ़ककर उसे खुले आसमान के नीचे रखना चाहिए. मान्यता है कि दूध, चावल और शक्कर तीनों चीजें ही मां लक्ष्मी की प्रिय हैं. अगले दिन सुबह स्नान के बाद खीर का प्रसाद परिवार के सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांटे. माना जाता है कि इस खीर को खाने से स्वास्थ्य रूपी संपदा और आरोग्य रूपी वरदान की प्राप्ती होती है. साथ ही घर में कभी धन की कमी नहीं रहती।

रात का जागरण---

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं. इसलिए उनके जन्मदिन के रूप में शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. कहते हैं कि इस रात को जाग कर माता का जागरण और भगवान विष्णु की अराधना करनी चाहिए. इस रात को कोजागरी भी कहा जाता है. इस रात को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। 


* बाल्मिक पर तुलसी पूजा का महत्व-

दिवाली से पहले मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का ये खास मौका होता है. पूर्णिमा की सुबह स्नान करके तुलसी पर दीपक जलाएं और साथ ही सिंदूर चढ़ाएं. इसके साथ ही उस दिन तुलसी को सफेद मिष्ठान से भोग लगाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि तुलसी जी को प्रसन्न करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी स्वतः ही प्रसन्न हो जाते हैं। 


घर की साफ-सफाई जरूर करे -

कहते हैं कि मां लक्ष्मी उसी घर में वास करती हैं जहां साफ-सफाई और स्वाच्छता का ध्यान रखा जाता है. दिवाली पर इसी कारण लोग अपने घर की साफ-सफाई और पुताई करवाते हैं. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा से पहले ही आपको अपने घर की साफ सफाई कर  लेनी चाहिए. ताकि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाया जा सके. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और आपके घर किसी प्रकार का ग्रह दोष नहीं लगता। 

सफेद कोढी का उपाय- 

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन अपनी तिजोरी में 5 या 7 सफेद कोडी लाल कपड़े में बांधकर रखने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। पूर्णिमा की रात को कोडी को गंगाजल से धोकर लाल कपड़े में बांधकर रखने से मां लक्ष्मी आपके घर में निवास करने लगेगी।
 
*बाल्मीकि जयंती पर रामायण का पाठ कैसे करें- हिंदू धर्म के अनुसार वाल्मीकि जयंती पर रामायण का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से भगवान राम की कृपा हमें प्राप्त होती है और हमारे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है ।
 वाल्मीकि जयंती पर रामायण का पाठ का महत्व और उससे जुड़े लाभ-इस जयंती पर रामायण का पाठ करने से ऋषि वाल्मीकि के दिव्य गुण व्यक्ति के अंदर संचारित होने लगते हैं और इसके अलावा वाल्मीकि ऋषि श्री राम और माता सीता के प्रिय और आदरणीय गुरु थे।
 ऐसे में इनकी पूजा करने और वाल्मीकि के दिन रामायण  पाठ करना माता सीता और श्री राम की विशेष कृपा पूरे परिवार को मिलती है।  इसलिए अगर हो सके संपूर्ण परिवार भगवान राम सीता का आशीर्वाद पाने के लिए और घर में सुख समृद्धि और  और शांति का वास अगर आप चाहते हैं तो रामायण का पाठ जरूर करें , क्योंकि वाल्मीकि  जयन्ती पर  रामायण  का पाठ करने से व्यक्ति और उसके परिवार के सभी लोगों के जीवन में बुरी परिस्थितियों का नाश होता है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।  इस दिन रामायण का अखंड पाठ हवन के साथ करने से हनुमान जी की भी कृपा से व्यक्ति और उसके परिवार पर जीवन भर के लिए आशीर्वाद मिलता है। आप भी रामायण का पाठ  करके अपने परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हो। 
इस प्रकार आप भी यह छोटे-छोटे उपाय करके अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हो। दिवाली पर्व मां लक्ष्मी के नाम पर ही मनाया जाता है अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा चाहते हो तो मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए यह सब उपाय जरूर करें और अपनो को यह सब उपाय शेयर भी करें ।

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