पैरगनैंसी में कया ना खाये | do not eat during pregnancy | गर्भ ठहरने के बाद खाने की सावधानियां | पैरगनैसी होने पर कया खाये |

पैरगनैसी के समय कया ना खाये और कया खाये -एक औरत के लिए मां बनना  जीवन का सबसे बड़ा सुख होता है। अगर आप भी मां बनने वाली  हैं तो यह जान लेना सबसे पहले जरूरी है कि प्रेगनेंसी के समय क्या नहीं खाएं ।
उन महिलाओं के लिए और भी ज्यादा जरूरी है जो बहुत मुश्किल से गर्भधारण करती हैं। पहले शुरू के तीन महीने में बहुत सोच समझ कर खाना चाहिए नहीं तो एक गलती बहुत भारी पड़ सकती हैं, और आपके बच्चे को नुकसान हो सकता है। इसलिए पर यह जानना बहुत जरूरी है यह प्रेगनेंसी के समय क्या खाएं और क्या ना खाएं।


कच्चा मांस-
गर्भवती महिला को पहले तीन महीनों में कच्चा मांस खाने से  सावधान रहना चाहिए। गर्भवती  महिला के लिए इसे अच्छा नहीं माना जाता है। कच्चे मांस में बहुत से साल्मोनेला, ई-कोलाई जैसे कई जीवाणु होते हैं जो कि फुड पोजिनिंग का कारण बनते हैं।
अगर आप मांसाहारी हैं और मांस खाए बिना नहीं रह सकते हैं तो  मास अच्छी तरह से पकाकर खाएं। मांस को पानी में अच्छी तरह से धो लें और अगर सम्भव हो तो पहले तीन महीने सावधान रहें।

कच्चा दूध---

दूध को कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है जो गर्भवती महिला के लिए अच्छा होता है। लेकिन कभी भी बिना उबाल दिया  दूध न पिएं।
कचचे दूध में बहुत से बैक्टीरिया और रोगाणु होते हैं जो गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए हानिकारक होते हैं इसलिए हमेशा दूध को उबालकर पिएं।

अनानास---
वैसे तो अनानास सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इसे खाने से बचना चाहिए। अनानास में ब्रोमलिन एंजाइम होता है जो गर्भाशय को मुलायम कर सकता है और इससे आपको मिसकैरज  हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में अनानास न खाएं और ना ही आनानास का जुस पिये।

अन्‍य पदार्थ
इसके अलावा गर्भवती महिला को एमएसजी (मोनो सोडियम ग्‍लूटामेट), सौंफ, मेथीदाना, तिल  गर्म मेवे आदि  बीज भी नहीं खाने चाहिए।

कच्चे अंडे--
गर्भवती महिलाओं को अच्छी तरह से पका हुआ अंडा ही खाना चाहिए। अधपके अंडे के सेवन से सालमोनेला संक्रमण का खतरा हो सकता है। इस संक्रमण से गर्भवती महिला को उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है ।

बाहर का भोजन  --

गर्भावस्था के दौरान अपने पसंदीदा स्ट्रीट–फूड को जहाँ तक हो सके टालें। न केवल वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे खाद्य विषाक्तता और अन्य पाचनसंबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। कयोंकि जयादातर यह भोजन खुले में बनायें जाते है।


विटामिन --

गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन निश्चित रूप से पोषण का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर वे हानिकारक हो सकते हैं। यह पदार्थ आपके भ्रूण के सामान्य विकास पर प्रभाव डाल सकते हैं और समय से पहले प्रसव होने का कारण भी बन सकते हैं। विटामिन  खाने के मामले में आप खुद  डॉक्टर न बने ।अपने लेडी डाक्टर  द्वारा बताए अनुसार ही इनका सेवन करें।

मुलैठी-
अलग–अलग खाने  के पदार्थो में मुलैठी का उपयोग किया जाता है, जो आमतौर पर बिल्कुल हानिकारक नहीं है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान, मुलैठी गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकती है। इससे समय से पहले गरभ गिर सकता है ।इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसका किसी भी रूप में सेवन न करने की कोशिश करें।

मसालेदार भोजन--

एक गर्भवती महिला को तीखा मसालेदार खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। इससे गर्भावस्था के दौरान, एसिड रिफ्लक्स और पेट  में जलन होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है और इस प्रकार के आहार से यह समस्या सिर्फ़ बढ़ेगी। तीखे मसालेदार खाने से सुबह से उल्टियाँ शुरू  हो सकती है,  इसलिए मसाले  वाले भोजन न ही खाएं ।

शराब का सेवन -

शराब पीना  हर किसी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है,
और खासकर जब आप गर्भवती हैं बल्कि आपके जीवन में कभी भी। लेकिन अगर आपको लगता है कि गर्भवती होने पर कभी–कभी इसे पिना चाहती हैं, तो आप बिलकुल गलत हैं।

शराब एक और ऐसी चीज़ है जिसे गर्भनाल रोक नहीं सकती और उसके माध्यम से यह पदार्थ आपके बच्चे तक पहुँच सकता है। यह न केवल गर्भपात और बच्चे के मोत का कारण बन सकता है, बल्कि इसके कारण फीटल अल्कोहोल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर नामक बीमारी के माध्यम से आपके बच्चे को आजीवन कई शारीरिक और बौद्धिक विकलांगताऐं हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान शराब पीना सबसे गलत है। आप गर्भावस्था के दौरान शराब पीना पूरी तरह से बंद कर दें ।

पपीता-

पपीता वैसे तो खाने के लिए बहुत अच्छा फल माना गया है लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो शुरू के पहले 3 महीने भूलकर भी पपीता ना खाएं क्योंकि इसके खाने के बाद आपको पेट साफ होता है। और पेट साफ करने के लिए हम  पैरगनैसी में किसी भी तरह का कुछ भी खाने का पदार्थ नहीं खाते। इसलिए शुरू के 3 महीने पपीता न खाएं।

पेट साफ करने की दवाई-

गर्भधारण करने के बाद सबसे पहले समस्या कब्ज की आती है और हमारा पेट आसानी से साफ नहीं होता पहले शुरू के 3 महीने में ,इसलिए कभी भी अपनी डॉक्टर की सलाह के बिना पेट साफ करने की कोई भी दवा अपनी मनमर्जी से ना खाएं।
अगर आपको कब्ज की समस्या है तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें तभी कोई दवाई ले।
वैसे तो पूरी प्रेगनेंसी में ही डॉक्टर की सलाह के बिना कोई एक टेबलेट भी नहीं खानी चाहिए आप खुद अपने डॉक्टर ना बने। अगर आप मां बनने जा रही है तो   अपने डॉक्टर की सलाह से ही  किसी भी दवाई का  सेवन करें क्योंकि आपके साथ किसी और का जीवन जुड़ा हुआ है और  आप नया जीवन का आरंभ करने जा रही हैं, इसलिए इन दिनों में विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है अपना और अपने बच्चे का भविष्य के लिए।

गर्म पानी ---

गरम पानी पेट साफ करने के लिए  प्रयोग अगर आप करते है तो यह  बिल्कुल बंद कर दें क्योंकि यह भी आपके गर्भ के लिए समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि कुछ  लोगों का गर्म पानी पीने के बाद ही पेट साफ होता हैं, पर आप अगर गर्भधारण कर चुके हैं तो आप गरम पानी ना पिए।

Disclaimer -

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