आइए जानते हैं आज विस्तार से कौन से गहने किस प्रकार हमारी खूबसूरती के साथ-साथ हमारे शरीर की बीमारियों को भी ठीक करते ।
गले का हार, मंगलसूत्र:-
इनसे गर्दन के पीछे पडऩे वाला प्रेशर रीढ़ की हड्डी को दर्द से बचाता है। इससे आवाज भी मधुर होती है। स्पांडिलाइटिस के चांस कम होते हैं।
मंगलसूत्र सुहाग चिन्ह होता है। इससे नारी की सुंदरता निखरती है। गले की शोभा बढ़ती है।
औरतों के गले में जंजीर यहां जितने खूबसूरत लगते हैं वह उतने ही उन्हें लाभ पहुंचाते हैं।
गले की चेन पहनने से दिमाग व कण्ठ सबंधी विकार में आराम आता है।
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* बेरसलेट - दिल और फेफड़ों को स्वस्थ और प्रदान करने के लिए आर्मलेट बहुत ही सहयोग प्रदान होता है ।
चूड़ियां और कंगन-
भी दिल, गला गर्दन ,दिमाग, मुख ग्रंथि और बच्चादानी, लिंग और औवरी आदि को स्वस्थ रखते हैं। चूड़ी और कंगन को पहनने से शरीर के निचले हिस्से का दर्द और यौन संबंधी दोष दूर होते हैं।
झुमका और टॉप्स-
जहां झुमका टॉप्स औरत के सौंदर्य को और ज्यादा निखार ले आते हैं वही वह गले और जीभ को स्वस्थ भी रखते हैं।
इन्हे हम कर्ण आभूषण कहते हैं कानों में भारी झुमके, टॉप्स आदि पहनने से स्त्रियों को हर्निया, जीभ, आंख व पेट संबंधी बीमारियां कम होती हैं। बीच में लंबे झुमकों का फैशन कुछ कम हो गया था ?, लेकिन अब फिर पूर्व की भांति खूब लंबे-लंबे लटकन और तरह तरह के डिजाइन के हल्के भारी इयररिंग्स चल पड़े हैं। जिन्हें औरतें बहुत शोंक से पहनती है।
लौंग और नथ-
नाक में छेद कर पहने जाने वाले ये आभूषण नाक के रोगों से बचाव करते हैं। घ्राण शक्ति को बढ़ाते हैं। साथ ही गले के लिये भी लाभदायक हैं। इनसे गले में खराश, जुकाम होने की संभावना कम हो जाती है। फेफड़ों में शुद्ध वायु का संचार होता है। नाक में हीरे की कणी जब अपनी छटा बिखेरती है, नारी सौंदर्य और खिल उठता है। दुल्हन का श्रृंगार तो नथ बिना अधूरा माना जाता है । नथ हमारे नाक में पहनी जाती है इसके पहनने से पेट संबंधी रोग ठीक रहते हैं ।
अंगूठिया-
हाथों में अंगूठियां पहनने से खासकर छोटी उंगली में अंगूठी पहनने से शरीर की ऊर्जा उत्पन्न होते हैं?, और यह दिल, गर्दन ,कान और रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखती है। रिंग फिंगर में अंगूठी डालने से कान, पाचन शक्ति, आंतरिक अंगों व फेफड़े को बल मिलता है।बीच की उंगली में अंगूठी धारण करने से गला हृदय व आंख और जुखाम से आराम मिलता है।अंगूठे के पास वाली उंगली में, अंगूठी डालने से जुकाम दूर होता है, दिमाग तेज, आंखें, व चेहरा सुंदर व स्वस्थ रहता है।
हसंली और माला-
डालने से पैर के तलवे का दर्द दूर होता है और चेहरे पर सौंदर्य आता है। सेक्स के प्रति रुचि बढ़ती है.।
माथे का टीका-
टीका लगाने से मस्तिष्क संबंधी विकार दूर होते हैं और सौंदर्य भी स्वाभाविक दिखता है। बिंदी से सिर्फ चेहरे की सुंदरता ही नहीं बढ़ती इससे श्वास नली व अन्नली स्वस्थ रहती है, और हमारी आवाज में मधुरता आती है।आधुनिक महिलाएं मांग में सिंदूर एवं काजल भरने से संकोच करती हैं, लोग लाज के भय से जरा सा सिंदूर मांग में लगा लेती हैं। उनहे यह नहीं मालूम कि सिंदूर मस्तिष्क को शांत रखता है और काजल से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
ब्रेसलेट पहनने से ब्लडप्रेशर बहरापन, दांत दर्द, स्मरण शक्ति तथा वाणी दोष की शिकायत नहीं होती, ऐसा माना जाता है।
बाजूबंद-
पहले इसे ग्रामीण स्त्रियां और बनजारनें ही बाजू में पहना करती थीं। अब यह आधुनिकाओं की बाहों की शोभा भी बन गया है। इससे ब्लडप्रेशर नॉर्मल रहता है। साथ ही मस्तिष्क तनावमुक्त रहता है। कंधे का दर्द नहीं सताता, ऐसा माना जाता है।
तगड़ी या करधनी-
ये गहने नारी पीठ पर पहनती हैं। गांव की औरतें चांदी या गिलट की करधनी धारण करती हैं, अमीर औरतें सोने और हीरे या अन्य महंगे रत्नों से जडीत पहनती थी। ये हल्की भारी हर तरह के वजन की हो सकती हैं। इससे पेट नही बड़ा होता और कमर की सुडौलता बरकरार रहती है। मासिक धर्म, पाचन क्रिया में अनियमितता नहीं होती। कमर दर्द की शिकायत नहीं होती।
बिछुआ-
पैरों की उंगलियों बिछुआ पहनने से कमर दर्द में आराम आता है और इससे मासिक धर्म संबंधी विकार दूर होते हैं।मासिक धर्म को नियमित रखने में भी पाजेब सहायक होती हैं। ये ज्यादातर चांदी की ही होती हैं लेकिन अब ये नगों वाली भी पसंद की जाने लगी हैं। अभिजात्य वर्ग में सोने की पाजेब का भी चलन है। पहले राजे रजवाड़े की औरतें ही पैर में सोना पहन सकती थी।
*बिन्दी से सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ती है , इससे श्वास नली व अन्नली भी स्वस्थ रहती है तथा आवाज में मधुरता आती है ।
आधुनिक महिलाएं मांग में सिंदूर एवं काजल भरने से संकोच करती है । लोक लज्जा के भय से जरा - सा सिन्दूर मांग में लगा लेती है , पर उन्हें यह नहीं मालूम कि सिन्दूर मस्तिष्क को शान्त रखता है ।
* काजल से आंखों की रोशनी बढ़ती है । पैरों की उंगलियों व कमर के दर्द में आराम आता है । मासिक धर्म संबंधी विकार भी दूर होते है ।
महिलाएं जहां अपने सिर पर जुड़ा बांध के हैं वह मासिक धर्म को ठीक करने का केंद्र बिंदु होते हैं और जहां कान का छेद होता है वह अनिद्रा तथा यादाश्त का प्रतिबिम्ब बिंदु होता है। इसलिए आदि युग से आभूषण पहनने की परंपरा चली आ रही है और इस प्रकार रोगो को हम ठीक कर सकते हैं।
*बोर-
बोर हमारे प्रजनन अंग से संबंधित बिंदुओं पर जवाब डालते हैं जिसके कारण प्रजनन अंग में होने वाले रोग ठीक हो जाते हैं।
*चूड़ियां-
चूड़िया सोने की हो या फिर कांच की यह दोनों ही हमारे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में उन बिंदुओं पर पैसे डालते हैं जिससे शरीर की ऊर्जा भरने लग जाती है इसलिए दोनों हाथों में एक-एक चूड़ी अवश्य पहन कर रखें।
*पायल-
पायल घुटने और पीठ के खुले से संबंधित बिंदुओं पर प्रेशर डालती है जिसके कारण घुटने का दर्द पेट का दर्द तथा खुले का दर्द ठीक हो जाता है
सोने के आभूषण और गुण-
कुछ सूत्रों से पता चला है कि शुद्ध सोने के गहने पहनने से और भी ज्यादा लाभदायक है, पर हर कोई सोना नहीं पहन सकता। क्योंकि सोने में एंटी इफ्लेमेंटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। बहुत साल पहले इसे लेकर एक डाक्टर ने प्रैक्टिकल किया था । शरीर की सूजन वाले हिस्से पर सोने का टुकड़ा लगाया था ताकि दर्द कम हो सके। सोने के आभूषण को पेन और स्वेलिंग को कम करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
इस तरह से बॉडी टेंपरेचर को रेगुलेट करता है। सोने के अलावा कॉपर धातु के आभूषण मे भी गुण पाए जाते हैं। पर हर कोई अपनी हैसियत के अनुसार गहने पहने जाते हैं।
यह गहने ना केवल हमारे सौंदर्य बोध के प्रतीक है यह हमारे शरीर और मन को भी स्वस्थ रखने में कई तरह की मदद करते हैं। बस ध्यान देने वाली बात है इन्हें पहनकर आप असुविधा महसूस ना करें, क्योंकि कई बार कोई अंगूठियां इतनी टाइट होती है कि वह हमारे रक्त संचार को रोक देता है । इसके फिर फायदे कम नुकसान ज्यादा होने की संभावना बनी रहती है।
औरतें अपने सिर में जहां बालों का जुड़ा बनाती हैं, वह मासिक धर्म को ठीक करने का बिंदु माना जाता है, और जहां कान का छेद होता है वह अनिद्रा तथा यादाश्त का प्रतिबिंब बिंदु होता है।
हाथ में चूड़ियां पहने जाने वाले स्थान पर मूत्राशय, ओवरी कुंडलिनी, को ठीक करने का बिंदु होता है, तथा पायल, कमरधनी घुटने और पैर के कई रोगों को दूर कर सकते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह आभूषण सुंदरता के साथ-साथ हमारे कई प्रकार से रोगों को ठीक कर सकते हैं।
यह आभूषण सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं बल्कि हमारे शरीर के प्रतिबिंब बिंदुओं को दबाव देकर ठीक करने का भी एक अति गुणकारी उपाय है।
इसलिए आभूषण जरूर पहने भले ही छोटे पहन ले और अपने घर बैठे कुछ बीमारियों और स्वास्थ्य को ठीक रखे।
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