पानी कैसे पिये | पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ | पानी पिने का सही तरीक़ा |


Tittle- पानी पिने के फायदे 
हम सब जानते है कि हमारे जीवन में पानी का कितना महत्व है कयोंकि अगर धरती पर पानी न हो तो हम जिन्दा नही रह सकते।  हमारे शरीर और धरती पर भी पानी की मात्रा 70% है। आयुर्वेद और डाक्टरों के अनुसार हम पानी पिकर बहुत सारी बिमारियों से बच सकते हैं। दिन में कम से कम हमें आठ गिलास पानी जरूर पिना चाहिए ताकि हमारे शरीर में नमी बनी रहे।
आइये जानते हैं विस्तार से कि पानी हमारे लिए किस प्रकार अमृत के समान है। 

पानी पिने के फायदे-
जल ही मुत्र द्वारा हमारे  शरीर के क्लोराइड्स को बाहर निकालता है। जो पसीने द्वारा कई प्रकार के अमल को बाहर निकालकर हमारी चमड़ी की सफाई करता है। ताजा जल से स्नान करने पर शरीर निर्मल, शांत और स्फूर्ति दायक बन जाता है।
 
* आंखों पर ठंडे जल के छींटे  मार देने से आंखों की ज्योति बढ़ती है और ऐसा करने से हमारे दिमाग में भी ताजगी बनी रहती हैं और हमारे शरीर की सुस्ती भाग जाती है। 
 हमारे शरीर में 70% जल का भाग होता है और शेष 30%  भाग केवल अन्य तत्वों का होता है। जल हमारे लिए किसी अमृत  से कम नहीं है इसलिए जितना ज्यादा हो सके पानी पिए और अपने शरीर को स्वस्थ रखें। 

* सूर्योदय से पहले उठकर नियमित रूप से पानी पीने के कई तरह की बीमारियां दूर भाग जाती हैं क्योंकि इससे खुलकर पेट साफ होता है और कब्ज की शिकायत दूर हो जाती हैं। 

* आयुर्वेद के नियमों के अनुसार सुबह उठकर कुल्ला करने के बाद सबसे पहले रात्रि को तांबे के पात्र में रखा हुआ शुद्ध जल जिसमें अगर  हो सके तो तुलसी के चार पांच पत्ते भी रात्रि को भिगो दें उस जल को कम से कम 6 गिलास तक पानी पीना चाहिए भले ही प्यास ना लगी हो। इस प्रकार डेली रूटीन बनाकर  पानी पीने से हमारा पेट और कई तरह की  बीमारियों से  बचा जा सकता है।

 * वजन कम करे -  सुबह के 
समय  ठंडा पानी पीने से  आपका मेटाबाँलिज्म 24% तक बढ जाता है ।  जिससे वजन आसानी से कम होता है और गर्म पानी पीने से आपके शरीर की बढी हुई चर्बी बहुत जल्दी कम होती है और इस तरीके से पानी पीने से हम वजन कम कर सकते है। 


* भरपूर मात्रा में पानी पीने से पेशाब मे जलन, युरीन इन्फेक्शन एव बाथरूम सम्बंधित समस्या से राहत मिल जाती है। 

* रात को सोने से पहले पानी पीने से बहुत अच्छी नींद आती है। अर्थात बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी अवश्य पिए अगर हो सके तो नींबू का रस निचोड़ कर पानी पीने से अनिद्रा की बीमारी दूर हो जाती है, और हमें अच्छी नींद आती है।

* भोजन से ठीक पहले और भोजन के समय पानी नहीं पीना चाहिए भोजन करने के बाद पानी पीना अमृत के समान काम करता है।

*दिन में कम से कम 7 आठ का गिलास आधे आधे घंटे के बाद एक एक गिलास जल अवश्य पीना चाहिए। ऐसा करने से ग्रंथियों का स्त्राव प्राप्त मात्रा में निकलता रहता है। यही तरीका  शरीर को स्वस्थ रखने में लाभदायक होता है। 

* गर्मियों में लू लग जाने पर ठंडा जल सर्दी लग जाने पर गुनगुना जल पीना अति लाभदायक है। इस तरीके से शरीर को राहत मिलती हैं।

* जुखाम, खांसी, पथरी, पीलिया, कब्ज, मोटापा, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, मूत्र संबंधी रोग ,  निमोनिया, कुकुर खांसी श्वेत प्रद आदि रोगों  के लिए  दिन में कम से कम 10 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए यह किसी औषधि से कम नहीं है।

* गर्मियों की अपेक्षा सर्दी में अधिक पानी पीना चाहिए आयुर्वेद के अनुसार सर्दी में अधिक पानी पीना दूध के समान काम करता है, और शरीर को हष्ट पुष्ट बनाता है।

* गुस्सा ,चोट लग जाने  पर तुरंत एक गिलास शीतल जल पी लेना चाहिए इससे शरीर की स्रावी ग्रंथियों पर द्वारा छोड़े गए हानिकारक हारमोंस का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।

* हैजा , डायरिया, उल्टी, दस्त आदि होने पर ऐसे समय में पानी को उबालकर ठंडा किये हुआ पानी का प्रयोग करना  चाहिए।  

* फ्रिज के ठंडे पानी के अपेक्षा मिट्टी के बर्तन का पानी या हैंडपंप का ताजा पानी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता है।

* एसिडिटी की बीमारी में अधिक पानी पीने से पेट तथा पाचन नली के अंदर की कोमल सतह जलन से बचती है। 

* एसिडिटी की अवस्था में जल को गर्म करके या उबालकर किसी सुराही में डाल दीजिए जब पानी ठंडा हो जाए तो उसे पी लीजिए  यह तरीका उच्च अम्लता की जांची हुई और परखी हुई औषधि है।

* उपवास के समय पाचन अंगों को भोजन पचाने का काम नहीं करना पड़ता यह शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। अंतः  उपवास के समय जल में नींबू के रस को डालकर एक-एक घंटे बाद पानी  पीना चाहिए। जिससे पाचन अंग जल पचाने में लगे रहेंगे तथा शरीर में जमा हुआ  जहर भी निकल जाएगा।  उपवास के दौरान कम जल पीने वाली महिलाओं को श्वेत प्रदर जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

पानी पिने का तरीका-
पानी को हमेशा सदा बैठकर थोड़ा-थोड़ा करके धीरे-धीरे दूध की तरह ही पीना चाहिए।
 हर घुट के साथ मन ही मन यह भावना करते रहना चाहिए कि यह  जल मेरे लिए अमृत के समान है जो मुझे शीतलता प्रदान कर मेरे अंदर मुझे  शक्ति से भरता है। उसे मैं अपने अंदर खींच कर अपने शरीर में भर रहा हूं ऐसी भावना के साथ पिया हुआ पानी दूध के समान गुणकारी हो जाता है। इसी प्रकार की भावना रखते हुए खाद पदार्थ को भी चबाकर मुख में ही तरल पदार्थ बनाकर निगलना चाहिए और तरल पदार्थों को धीरे-धीरे चूस कर निकलना चाहिए इससे आपको 10 गुना अधिक लाभ मिलेगा।

* बाहर से कहीं से भी चलकर आने पर तुरंत जल नहीं पीना चाहिए थोड़ी देर बैठ कर हाथ पैर धो कर और अगर हो सके तो स्नान करने के बाद ही पानी पीना चाहिए।

*पानी का प्रयोग में आने से पहले भी पसीना सूख जाने दो कम से कम 15 मिनट तक  विश्राम करो तब जाकर हाथ पैर धोकर कुल्ला करने के बाद फिर पानी पिए।
 
* पानी पीने से हमारा दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है और दिमाग की ऊर्जा क्षमता को बढ़ाता है, क्योंकि हमारे दिमाग का 75 से 85% भाग पानी में होता है। इसलिए आप अधिक से अधिक पानी पीकर अपने अंदर एक नई ऊर्जा और अपनी एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं।

* पानी पीने से हमारी त्वचा में खूबसूरती में चार चांद लग सकते हैं क्योंकि पानी पीने से हमारी त्वचा नर्म, मुलायम, बेदाग और तेल रहित बनी रहती है, और साथ में पानी नेचुरल moisture का भी काम करता है। जिसमें हमारे पैसे खर्च नहीं होते और हम अपनी सुंदरता को पानी पीकर बरकरार रख सकते हैं।

*  कई लोगों को सुबह उठते ही सिर दर्द होने की समस्या होती है जिसे आमतौर की भाषा पर हम माइग्रेन कहते हैं। ऐसे लोग  पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते इसलिए उन्हें यह समस्या बहुत जल्दी घेर लेती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो भरपूर मात्रा में पानी हररोज सुबह एक गिलास पानी पीने की आदत से शुरुआत करें ताकि सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिल सके।

* डॉक्टर कहते हैं अगर आप प्रतिदिन खाली पेट सुबह की शुरुआत एक गिलास पानी पीने से करते हैं तो इससे आपका पाचन तंत्र सही रहता है। पेट से संबंधित जैसे गैस की समस्या, पेट फूलने की समस्या जलन  आदि से भी राहत मिलती हैं, और खाली पेट पानी पीने से शरीर के सारे विषाक्त पदार्थ से बाहर निकल जाते हैं। जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा और हमें भूख भी अच्छे से लगेगी और फिर हमारा नाश्ता करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी । अच्छा नाश्ता करने से दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है और आप थकान जैसी समस्या भी नही होगी।

* नहाने के लिए भी पानी का प्रयोग सबसे पहले पैरों पर करना चाहिए यह सबसे  उत्तम तरीका  माना गया है बाद में सिर और पुरे शरीर पर पानी से धीरे धीरे डाले।

*जल को हमेशा जितना भी हो सके छानकर प्रयोग करे।
 
* सूर्य उगने से पहले उठे हाथ मुंह धो कर एक गिलास पानी पिये और अगर यह पानी तांबे के बर्तन में रात भर 12 घंटे तक रखा हुआ है, और उसमें कुछ  पत्ते तुलसी के डाले हैं तो यह और भी अधिक स्वास्थ्यकारी हो जाता है।  ऐसा करने से पेट से संबंधित सारी बीमारियां कट जाएंगी और आपके चेहरे पर फुंसियां आदि नहीं होंगी। शरीर में बीमारियां पैदा होने का एक बड़ा कारण दूषित जल है।  इसलिए पीने के जल के लिए विशेष सावधानियां रखनी चाहिए।

* पानी को हमेशा ताजा और उबालकर ठंडा करके छानकर   वाटर फिल्टर मशीन द्वारा फिल्टर किये हुए पानी से जयादा अच्छा माना जाता है।  

* हल्का गर्म जल स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया रहता है। इसे खून का दौरा ठीक रहता है। रोग सहने की शक्ति में वृद्धि होती है।

* पानी हाइड्रेशन करने में हमारी मदद करता है यह हमारे मुंह के अंदर लार बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे  लिए लार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ड्राई माउथ से हमें भी बीमारियां हो सकती हैं।  जैसे कि छाले, अनुचित पाचन,  यहां तक कि शुगर होने का भी खतरा हो सकता है।

* भोजन के तुरंत बाद जल पीने से शरीर मोटा हो जाता है और भोजन के शुरू से सेवन करने से शरीर कमजोर हो जाता है। कम से कम भोजन के आधा घंटा पहले या बाद में पानी पीने से पाचन शक्ति को ठीक रखने के लिए सुबह नाश्ते वो दोपहर और रात के खाने के 20 मिनट पहले एक गिलास पानी में एक नींबू का रस आधा चम्मच लवण भास्कर चूर्ण मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से बहुत फायदेमंद रहता है।
 
* अगर आप बहुत ज्यादा पानी नहीं भी पि सकते तो इसके लिए आप लस्सी या पतला सत्तू भी ले सकते हैं। अगर कुछ भी ना हो तो एक गिलास पानी में थोड़ा सा मीठा घोलकर भी पी सकते हैं

* घर से बाहर निकलते समय एक गिलास ठंडा पीने पानी पीकर अवश्य जाये ।ऐसा करने से  हमारे धार्मिक कार्यों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

सावधानी- 
आपको किडनी संबंधी कोई बीमारी है तो इसके लिए आपको सावधान रहना होगा पानी पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य करें , क्योंकि किडनी के रोगियों को अधिक पानी पीने की सलाह नहीं दी जाती इसलिए किडनी के रोगियों को ज्यादा पानी पीने के लिए मना किया जाता है।

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