समरण शक्ति कैसे बढाये || समरण शक्ति को बढाने के लिए उपाय || what to eat improve memory |

 Tittle - स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय- 
दिमाग हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है, जो हमारे जीवन में हर घटना को याद रखने का काम करता है। उम्र बढ़ने के साथ  इंसान की याददाश्त भी थोड़ी कमजोर होने लग जाती है। जिसकी वजह से हमें पुरानी बातें तो याद रहती हैं, पर नई बातें याद रहने में थोड़ी दिक्कत आने लग जाती हैं। यह आमतौर पर 50 की आयु पार करने के बाद एक आम समस्या होने लग जाती हैं। हम अपनी याददाश्त को बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाकर अपनी याददाश्त को बढा सकते हैं।
 
आइये जानते है विस्तार से समरण शक्ति की दुर्बलता को कैसे दूर करें।
 स्मरण शक्ति क्या है और कैसे  बढाये -
स्मरण शक्ति दिमाग की एक ऐसी प्रमुख शक्ति है। जिसकी वजह से हम देखने सुनने से जो हमें ज्ञान प्राप्त होता है उसे सुरक्षित रखना और फिर समय पर प्रकट करना समृति का ही कार्य है। 
 अगर  इंसान की स्मरण शक्ति ही सही नहीं हो तो फिर उसके पूरा शरीर भी किसी काम का नहीं,  क्योंकि हमारे शरीर का हर कार्य दिमाग से संबंध रखता है। अगर शरीर में कहीं भी खारिश हो रही है तो हमारा दिमाग हमें इशारा करता है इस चीज के लिए कि शरीर में किस जगह पर कहां पर दर्द है और कहां पर खारिश है। यह सब काम दिमाग द्वारा ही होते हैं। मेरे  कहने का भाव है दिमाग की यादाश्त न होने पर शरीर एकदम मिट्टी है। आपने कई बार देखा होगा इंसान की सांसे चलती रहती हैं, अगर इंसान कोमा में है तो वह किसी काम का नहीं है क्योंकि उसका दिमाग उस समय काम नहीं करता।

ग्रहण करने की शक्ति को मेघा शक्ति भी कहते हैं।

यादयाशत बढाने के लिए कया  खाये- 

अब हमें इस बात को समझना होगा कि हम अपनी याददाश्त को ठीक रखने के लिए ऐसा क्या खाएं जिससे हमारा दिमाग तंदुरुस्त रहें और हमारी याददाश्त का भी संतुलन बना रहे , क्योंकि उम्र के साथ-साथ यह धीरे-धीरे कम होने लग जाती है।
अपनी याददाश्त को बढ़ाने के लिए भोजन संतुलित आहार का सेवन करने से और भोजन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण,आदि शामिल करने से हम अपने इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।

ब्रह्मी का सेवन-
ब्रह्मी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिससे हमारी याददाश्त में बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद करती है। इसका आयुर्वेद में बहुत वणर्न मिलेगा यादयाशत बढ़ाने के लिए, इसलिए आप दिन में दो बार ब्रह्मी का सेवन दूध के साथ दो चम्मच ले।

अश्वगंधा-
 अश्वगंधा भी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह बच्चों की हाइट बढ़ाने के लिए भी बहुत मददगार हैं और याददाश्त के लिए भी रामबाण उपाय हैं। अश्वगंधा का चूर्ण 10 ग्राम प्रतिदिन दूध के साथ लेने से मस्तिष्क को बल मिलता है।

बादाम और अखरोट
बादाम और अखरोट दोनों ऐसे सूखे मेवे हैं, जो दिमाग को पोषण देने के लिए बहुत ही उपयोगी माने जाते हैं। मस्तिष्क की कमजोरी को दूर करने के लिए प्रतिदिन पांच गिरी बादाम और अखरोट भिगोकर सुबह के समय सेवन करें। यह हमारे दिमाग को ताकत भी देता है और हमारी याददाश्त को बढा देते है।

 मेहंदी के बीज- 
 मेहंदी के बीजों को अठन्नी भर पिस कर शुद्ध शहद के साथ प्रतिदिन तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर हो जाती है और स्मरण शक्ति ठीक होती है। सिर दर्द में  भी आराम होता है।

सौंफ और मिश्री-
सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बना लें। अब दो चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करते रहने से हमारी याददाश्त बेहतर हो जाती है।

सेब का सेवन - 
सेब का सेवन करने से दिमाग की कमजोरी और स्मरण शक्ति बहुत जल्दी पूरी होती है। आप सेब का सिरका या बिना छिला हुआ एक सेब हर रोज़ खाये।यह उपाय भी दिमाग की तंदुरुस्ती को बढ़ाता है और समरण शक्ति को तेज करने में मदद करता हैं।
 
बड़े मगज का सेवन करें-
 

बड़े मगज हमारी याददाश्त को बढ़ाने में बहुत मददगार होते हैं। इनका नियमित रूप से सेवन करने से हमारे दिमाग की पावर बढ़ाने की क्षमता ज्यादा हो जाती है।
आंवले का मुरब्बा- 
आंवले के मुरब्बे को मेमोरी बूसटर कहा जाता है, इसलिए अपनी याददाश्त बढ़ाने के लिए सुबह-शाम दो-दो आवले दिन में जरूर खाएं, क्योंकि इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, यादाश्त को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण गुण है।

यादयशत बढ़ाने के लिए-
दालों का भी अधिक प्रयोग करें क्योंकि इन में प्रोटीन बहुत मात्रा में पाया जाता है और प्रोटीन हमारे दिमाग के लिए रामबाण औषधि है।

भीगे हुए बादाम पीसकर या सुखे बादामो को किसी भी प्रकार अवश्य सेवन करें यह भी दिमाग के लिए बेहतर उपाय हैं।

खरबूजे के बीज, छोटे मगज, बड़े मगज भी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में बहुत ही मददगार साबित होते हैं।
 गाजर और चुकंदर-
गाजर और चुकंदर का सलाद भी हमारे दिमाग के लिए बहुत ज्यादा अच्छा माना जाता है। इन दोनों में भी याददाश्त बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा गुण पाए जाते हैं।

धनिया का चूर्ण-
धनिया के चूर्ण को उबालकर काढ़ा बनाकर या फिर एक चम्मच मिश्री के साथ पाउडर बनाकर खा लेने से भी स्मरण  शक्ति ती बहुत जल्दी बढती है।

अलसी का तेल-
अलसी का तेल भी हमारी याददाश्त को बढ़ाता है, और दिमाग की शक्ति को तेज करता है, तथा सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाती हैं। नियमित रूप से अलसी का तेल सेवन करने से आपको दिमाग सम्बंधी विकार नहीं होंगे।

दालचीनी-
 दालचीनी हमारी रसोई घर में बहुत आसानी से मिल जाती है यह सिर्फ एक मसाला ही नहीं बल्कि बहुत ही अच्छी औषधि है। यह कमजोर मस्तिष्क के लिए सबसे अच्छी दवा है। रात को सोते समय नियमित रूप से एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर को शहद में मिलाकर सेवन करने से तनाव में राहत मिलती है और साथ में यादयाशत भी बढ़ती है।

जायफल- 
 जायफल  बाजार में बहुत आसानी से मिल जाता है। यह गर्म तासीर वाला एक सूखा मेवा है। इसको खाने से कभी भी भूलने की बीमारी नहीं होती। इसलिए इसे भी प्रतिदिन अपने खाने में जरूर शामिल करें।

काली मिर्च- 
 काली मिर्च दिखने में भले ही बहुत छोटी है, पर यह गुणों से भरी हुई है। यह हमारे दिमाग की कमजोरी एवं स्मरण शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभदायक सिद्ध होती है। इसको मक्खन के साथ मिलाकर सेवन करें।

शहद और मलाई- 
 शहद और मलाई को सुबह उठते ही दो चम्मच मलाई में एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से हमारी यादशत बहुत अच्छी होती है। यह छोटे बच्चों के लिए सबसे बेहतर उपाय है क्योंकि छोटे बच्चे इसको बहुत आसानी से खा लेते हैं।

यादयाशत को बढ़ाने के लिए 
योग को शामिल करें-
अपनी याददाश्त यानी स्मरण शक्ति को ठीक रखने के लिए अपने जीवन में योग को जरूर शामिल करें। प्रातः काल योगासन व प्राणायाम ध्यान आदि नियमित रूप से करें । योगासन में सर्वांगासन, शीर्षासन, धनुराव, मदरासन, मयूरासन तथा हलासन  का अभ्यास करें।
 किसी भी शांत स्थान में आसान  लगा कर बैठ जाएं।  ध्यान को स्थिर करते हुए भ्रामरी प्रयाणाम करें और उसके पश्चात आंखें बंद करके सांस को धीरे-धीरे ध्यान पर लगाएं,आंखें खोलें और कुछ सेकेंड तक नाक की नोक को कुछ सेकेंड तक एकटक देखें और आंखें खोलकर दोनों के बौहो के बीच ध्यान केंद्रित करें। यह क्रिया बार बार दोहराएं।
 इस प्रकार करने से सांस प्रवास धीमा, गहरा और लयबद्ध होना चाहिए। ऐसा करने से  फेफड़ों के द्वारा पूर्ण मात्रा में रक्त को ऑक्सीजन प्राप्त होता है और ऑक्सीजन दिमाग में जाने से हमारी याददाश्त में बढ़ोतरी होती है।  इस प्रकार अपने जीवन में इस क्रिया को भी जरूर शामिल करें। यह बहुत ही बेहतर उपाय हैं।

याददाश्त को बढ़ाने के लिए सूरज उगने से पहले ही उठे, क्योंकि सूर्य भगवान बुद्धि के स्वामी हैं। रोज सुबह 8:00 बजे से पहले सूर्य भगवान को पानी से अरघ देने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है। रात को देर तक पढ़ने की बजाय सुबह उठकर जल्दी पढ़ने से समरण शक्ति ज्यादा  बढ़ती हैं।

 सोच सकारात्मक रखें -
अपने विचारों को सकारात्मक बनाए। सकारात्मक विचार जीवन को आशावादी बनाते हैं, और इससे हमें तनाव से मुक्ति मिलती है। जितना हो सके नैगटीव सोच से दूर रहें और दिमाग को विश्राम दे ।अत्यधिक व्यस्त पूर्ण जीवन भी हमारी याददाश्त को कमजोर बना देता है, इसलिए दिनचर्या के बाद मस्तिष्क को आराम देना बहुत आवश्यक होता है।

गरिष्ठ  भोजन का सेवन ना करें-
 अगर आप तंदुरुस्त रहना चाहते हैं तो ऐसे गर्म पदार्थों का सेवन ना करें जो हमारे लिए हानिकारक हैं। जैसे- तला भुना खाना, मांस ,मदिरा आदि इन चीजों से दूर रहें।  एक कहावत  के अनुसार जैसा खाओगे अन्न वैसा रहेगा मन, यानी हमारे खाने का प्रभाव हमारे दिमाग और मन पर जरूर पड़ता है। इसलिए जितना हो सके सादा और पौष्टिक  भोजन करें। 
 याद रखने का अभ्यास करें- 
दरवाजा खोलते समय अपने कम उपयोग आने वाले हाथ का प्रयोग आपकी मेमोरी के किसी दबे हुए भाग को क्रियाशील करने में मददगार साबित हो सकता है। इसलिए ब्रश करना ,जूते के फीते बांधना, शर्ट के बटन लगाना, झाड़ू लगाना आदि कार्य को जब आप कम प्रयोग में आने वाले हाथ से करते हैं तो दूसरी तरफ का दिमाग भी सामान्य सुप्त अवस्था में रहता है जो अचानक क्रियाशील होता है। इस प्रयोग को भी अब यादाश्त बनाने के लिए एक अच्छा उपाय माना जाता है। आप अपने कार को दूसरी मार्ग में ड्राइव करके ऑफिस ले जा सकते हैं। आप अपनी घड़ी दूसरी कलाई में भी बांध सकते हैं। इस प्रकार के परिवर्तन से मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है और जो हमारी स्मरण शक्ति को बढाने में मददगार साबित होता है।

भ्रमण के लिए जरूर जाएं-
अपने इंद्रियों को खुला छोड़ दीजिए इसके लिए किसी प्राकृतिक स्थान में घूमना जाना और देखने जाने से मेमोरी को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है। किसी भी वस्तु या स्थान को बहुत ज्यादा देर तक या बहुत ज्यादा ध्यान से देखें  ऐसा करने से आपकी सोचने समझने की शक्ति अधिक बढ़ती है। ऐसी किसी जगह पर समय बिताने से से उन बातों को याद करने से हमारी याददाश्त ज्यादा अच्छी होती है। आप धीरे-धीरे से उस स्थान के बारे में सोचें और याद रखिए भी कि हमने वहां सबसे जयादा अच्छा कया देखा है, और उन चीजों के बारे में लोगों को जरूर सुनाएं क्योंकि ऐसा करने से हमारी याददाश्त ज्यादा बेहतर होती है और हम चीजों को याद रखने में सक्षम होते हैं।
 
नाक में घी डाले-
रात को सोने से पहले नाक के अन्दर दो-दो बूंदे  गुनगुने शुद्ध देसी घी की अगर गाय का हो तो और भी बेहतर हैं नाक में डालने से याददाश्त बढ़ती है। कुछ बूंदे नाभि में भी तेल लगाएं और पांव के तलवों में घी से मालिश करें।  ऐसा करने से हमारा दिमाग एकदम तरोताजा हो जाता है और हमारे स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती हैं। इन प्रयोगों से भी हमें नींद अच्छी आएगी और हमारी याददाश्त ठीक रहेगी। 

स्मरण शक्ति कम होने के लक्षण-
इंसान की स्मरण शक्ति जब कम होने लगती हैं वह सुनी हुई बातों को याद ना रखकर बार-बार पूछता है और दोहराता है। किसी भी जगह वस्तु को रख कर भूल जाता है। अरुचि, आलस्य, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, निराशा का भाव, घबराहट आदि देखने को उसके अंदर लक्षण मिलते हैं।

क्या ना खाएं-
 अगर आप अपनी स्मरण शक्ति को ठीक रखना चाहते हैं तो ऐसे समय में तंबाकू, गुटका, शराब  किसी भी प्रकार का नशा, कड़क चाय, या कॉफी से दूर रहें क्योंकि यह हमारी याददाश्त को कमजोर बनाते हैं।
 
Last alfaaz- 
याद रखिए जीवन का निर्वाह करने के लिए साधनों के साथ-साथ हमें अपने स्मरण शक्ति की भी बहुत जरूरत होती है। अगर हमारे पास सोचो स्मरणशक्ती ना हो तो हमारा शरीर किसी काम का नहीं, इसलिए अपने शरीर की मानसिक शक्ति को कमजोर ना होने दें, क्योंकि स्मरण शक्ति ही इंसान की हर उस चीज को याद रखती है और दोहराती है जो हम अपने जीवन में प्राप्त करते हैं।  इसलिए अपने शरीर को और मन को शक्तिशाली बनाएं। अपने आप को आत्मनिर्भर बनाएं क्योंकि हमारा स्वास्थय ही सबसे बड़ा धन है। बाकी दुनिया को कोई भी धन हमें वह खुशी नहीं दे सकता। अगर हमारा शरीर ठीक नही है तो हमें किसी भी प्रकार की कोई खुशी नहीं मिल सकती। भले ही हमारे पास महल और हीरे जवाहरात हो सवस्थय  के बिना सब कुछ अधूरा है।

Posted by-kiran

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