Tittle- मधुमेह के लिए (डायबीटीज शुगर ) घरेलू उपाय- आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी के कारण हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती हैं। जिनमें से एक है मधुमेह जिसको हम डायबिटीज के नाम से भी जानते हैं।
मधुमेह भले ही एक सामान्य बीमारी है, लेकिन अगर यह एक बार लग जाए तो फिर किसी और बीमारी का इलाज होना और जख्म का ठीक होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है।
आजकल यह बीमारी छोटे बच्चों से लेकर 50 साल के उम्र के लोगों में जयादातर देखने में मिल रही है। अब यहां ध्यान देने वाली एक विशेष बात यह है, अगर मरीज अपने खान-पान और जीवनशैली का ध्यान रखें तो अपने डायबिटीज को संतुलन रख सकता है।
मधुमेह के क्या है-
जब शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन (एक प्रकार का हार्मोन ) का पहुंचना कम हो जाता है, तो हमारे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और ऐसी स्थिति को हम डायबिटीज करते हैं। इसुंलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन की वजह से शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती हैं। जब किसी को डायबिटीज हो जाती है तो भोजन की एनर्जी में बदलने में दिक्कत होती हैं।
जिसका असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। मधुमेह का असर न सिर्फ शरीर के अन्य अंगों पर पड़ता है बल्कि इसकी वजह से शरीर में और कई तरह की बीमारियां घर कर लेती हैं। मधुमेह के कारण शरीर के अन्य अंगों में जैसे- किडनी की समस्या, आंखों की रोशनी की समस्या, जख्म का ठीक न होना, दिल का दौरा तक पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
डायबिटीज के लक्षण-
आप सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि मधुमेह के लक्षण कैसे और किस प्रकार हमें पता चले कि हमारे शरीर में मधुमेह रोग हो चुका है। ऐसे में हमें अपने शरीर में कुछ लक्षण इस प्रकार दिखाई देते हैं।
* बार-बार पेशाब आना ।
*लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होगी ।
*बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट में संक्रमण होना या कैविटी होना
*जख्म का जल्दी ना भरना। *गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
* आंखों की रोशनी का बहुत ज्यादा कमजोर होना ।
*वजन का अचानक से ज्यादा बढ़ना या कम हो जाना।
*थकान होना व कमजोरी महसूस करना ।
*जरूरत से ज्यादा भूख लगना।
*स्वभाव में चिड़चिड़ापन होना।
अगर यह सब लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं तो आप अपने समय रहते डायबिटीज की जांच जरूर कराएं।
डायबिटीज के कारण-
अगर आपके परिवार में आपके माँ या बाप को डायबिटीज है तो आपको भी मधुमेह रोग होने का खतरा हो सकता है।
बाहरी भोजन यानी फास्ट फूड खाने से भी, बढ़ता वजन भी डायबिटीज का कारण बन सकता है।
शरीर के द्वारा कोई भी शारीरिक श्रम ना करना और जरूरत से ज्यादा मीठा खाना।
दिल से सबंधी कोई बीमारी है तो आपको डायबिटीज भी हो सकती है।
बढ़ती उम्र के कारण से डायबिटीज हो सकती है।
डायबिटीज की जांच कैसे करवाएं-
अब सबसे ज्यादा ध्यान रखने योग्य बात यह है कि अगर हमेंं इसके इसकी जांच किस प्रकार करवाएं।
मधुमेह का टेस्ट कराने के लिए सुबह खाली पेट रक्त में शक्कर की मात्रा 80 से 120 मिलीग्राम के मध्य होने पर सामान्य मनुष्य स्वस्थ होता है और अगर 120 से अधिक तथा 140 से कम होने पर मधुमेह की प्रारंभिक अवस्था होती है। परंतु यह मात्रा अगर 140 से अधिक हो तो समझ लें कि आप मधुमेह से ग्रस्त हैं, और इसने आपके शरीर में अब घर कर लिया है।
भोजन करने के 2 घंटे के बाद की गई जांच में रक्त मे शुगर की मात्रा 120 मिलीग्राम
से अधिक 140 मिलीग्राम से अधिक पर जाने पर इसे रोग से ग्रस्त माना जाएगा।
डायबिटीज के टेस्ट के लिए खून और पेशाब दोनों तरीके से की जाती है और यह टेस्ट सुबह खाली पेट करवाना सही रहता है।
डायबिटीज के लिए घरेलू उपाय-
अगर हम अपनी दिनचर्या और जीवन शैली में कुछ बदलाव लाएं तो हम घर बैठे इस बीमारी को कुछ हद तक कंट्रोल में ला सकते हैं। जिसके लिए हमें अपने सही खान-पान और जीवनशैली को बदलना होगा।
डायबिटीज होने पर डॉक्टर और आयुर्वेद के अनुसार सबसे ज्यादा संतुलित आहार और सखत परहेज करने का महत्व और लाभ दवाइयों से भी अधिक कारगर माना जाता है।
मेथी दाना का प्रयोग-
मेथी दाना हमारी रसोई घर में बहुत आसानी से मिल जाता है। अब मेथी दाने को साफ कर कूट पीसकर मोटा दरदरा कूटकर चूर्ण बना लें ।अब इस चूर्ण को सुबह-शाम एक-एक चम्मच पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह के रोग में बहुत जल्दी लाभ होता है।
आंवला और उदी का प्रयोग कैसे करें -
आवला का चूर्ण और आधा चम्मच पिसी हुई उदी दोनों को बराबर मात्रा में लेकर सुबह-शाम पानी के साथ लेने से खून में बड़ी हुई शुगर की मात्रा सामान्य बनी रहेगी, क्योंकि इसके सेवन से हमारे अग्नाशय को बल मिलता है। जिसके कारण इंसुलिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में बना रहता है ।यदि स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन करें तो वह इस बीमारी से हमेशा के लिए बचा रह सकता है।
ढाक के फूलों का रस- (पलाश, टेसु )मधुमेह से निजात पाने के लिए ढाक के फूलों का रस आधा आधा चम्मच सुबह शाम पीना मधुमेह रोगी के लिए बहुत लाभदायक रहताा है
बेल के ताजे पत्तों का रस-
बेल के ताजे हरे पत्तों का रस दो दो चम्मच सुबह-शाम पीने से डायबिटीज रोगी के लिए बहुत ही गुणकारी और उत्तम माना गया है है। इसका प्रचार सबसे ज्यादा आयुर्वेद में किया गया है। यह एक प्रकृति की दी हुई ऐसी औषधि है जिसको शुगर के लिए बहुत ही गुणकारी माना गया है।
करेले का जूस-
करेला का जूस निकालकर उसमें थोड़ी सी काली मिर्च और दो चम्मच नींबू का रस मिला लें अब इस सारी सामग्री का जूस बनाकर स्वाद अनुसार नमक मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करने से शुगर के मरीज को बहुत लाभ मिलता है। इसका सेवन आप सुबह अगर खाली पेट करेंगे तो यह ज्यादा अच्छा रहता है ,क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो anti-diabetic योगिक है। इसमें ब्लड ग्लूकोसज लेवल को कम करने के गुण पाए जाते हैं।
दालचीनी-
दालचीनी भी हमारी रसोई घर का एक मुख्य मसाला है। दालचीनी को पीस कर पाउडर बना लें ।अब इस पाउडर को सुबह शाम पानी के साथ ले ।दालचीनी एक सुगंधित मसाला है। जिसका प्रयोग हम बहुत सारी खाने की सामग्री मे करते है।
यह मसाला एंंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। जिसकी वजह से मधुमेह होनेे की और उसको कम करने मे मदद करता है।
एलोवेरा का जूस-
हाल में ही वैज्ञानिक और अध्ययनो से पता चला कि एलोवेरा में ऐसा लिपिड और ब्लड शुगर को कम करने वाला गुण पाया जाता है ।इसके लगातार सेवन से आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रख सकता है ।इसको सेवन करने के लिए एलोवेरा का जूस निकाल ले और इसको बिना चीनी के दिन में कम से कम 2 बार जरूर पिएं। अगर संभव हो तो आप इसके कैप्सूल भी डॉक्टर की सलाह से खा सकते हैं।
जामुन का सेवन-
डायबिटीज के रोगियों को जामुन खाने के भी बहुत ज्यादा सलाह देते हैं। आप जब जामुन का फल का मौसम आता है तो दिन में 15 स 20 तक जामुन खा सकते हैं, और जब जामुन का मौसम ना रहे तो जामुन की गुठली और करेले का चूर्ण बनाकर दिन में दो बार पानी के साथ ले सकते हैं। यह एक सफल घरेलू इलाज माना जाता है। यहां तक बताया गया है कि इसके पत्तों में भी डायबिटीज निरंत्रित करने के गुण मौजूद हैं।
नीम का सेवन-
नीम का पौधा बहुत एक तरह औषधि ही माना जाता है, और जो खाने में बहुत कड़वा होता है। मधुमेह रोगियों को नीम के पत्तों का जरूर जूस पीने से फायदा होता है। अगर अगर आप नीम का जूस नहीं पी सकते तो नीम के पत्तों को सुखाकर उन्हें सुबह शाम खा सकते हैं। नीम के पत्ते और फल को हर तरह से आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है। यह आयुर्वेद के अनुसार anti-diabetic, एंटी फंगल ,एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं । एक अध्ययन के अनुसार नीम के खाने से खून में गुलकोज कम करने वाले गुण भी होते हैं और इसके साथ यह मधुमेह को रोकने में भी मददगार साबित होता है।
आयुर्वेदिक जडी बूटियाँ -
डायबिटीज रोगियों के लिए
गुड मार, करेला के बीज, नीम के पत्ते, आवे हल्दी, गिलोय, जामुन की गुठली ,गुल्लर फल, शिलाजीत, बेलपत्र आदि की मिश्रित जड़ी बूटियां तथा त्रिवंगभस्मादी जो मधुमेह के पेनक्रियाज को सक्रिय करने और इंसुलिन को नियंत्रण करने में गुणकारी तथा लाभकारी रहती हैं। इन सब का चूर्ण बनाकर रख लें और एक-एक चम्मच सुबह शाम लेते रहने से हम अपने शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
दलिया का प्रयोग कैसे करें -
मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में दलिया खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि दलिया में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह ब्लड ग्लूकोज को हैं कम करता है और कोलेस्ट्रोल को कम करते मधुमेह का इलाज करता है।
करीपता का सेवन-
कड़ी पत्ता को हम मीठे नीम के नाम से भी जानते हैं। जो बहुत सारी सब्जियों में इस्तेमाल होता है। कड़ी पत्ते को धोकर का या फिर इसका जूस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको यह हर रोज अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। कड़ी पत्ते के सेवन से आपके शरीर में इंसुलिन की प्रक्रिया नियंत्रित रहती है और साथ में ब्लड ग्लूकोज लेवल भी कम होता है। इसके साथ ही कड़ी पत्ता वजन कम करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी आपकी मदद करता है और यह मधुमेह को रोकथम करता है।
जौ और चने की रोटी-
मधुमेह के रोगियों को जौ और चने की रोटी की सलाह दी जाती है क्योंकि चना और जौ दोनों मैं फाइबर की मात्रा पाई जाती है ।इसलिए जितना हो सके सुबह के खाने में जौ और चने के आटे की रोटी खाएं जो हमारे बढी हुई शुगर की मात्रा को कम करता है।
साग और सब्जियां-
मधुमेह का रोग होने पर जौ , काले चना, बाजरे की रोटी, बैंगन, करेला ,परवल ,पुराने चावल, मूंग की दाल , मसूर की दाल, अरहर की दाल, पतियों की सब्जी आदि यह सब लाभदायक माने जाते हैं।
* मधुमेह रोगियों को फाइबर युक्त भोजन ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
फाइबर युक्त सब्जियां-
* हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर विटामिन और खनिज तत्व पाए जाते हैं और इनमें कैलोरी भी बहुत कम होती है इनका प्रयोग अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
खट्टे फलों का सेवन-
खट्टे फलों का रस, नींबू का रस, मौसमी, तथा सलाद का भी सेवन अधिक करना चाहिए।
जयादा पानी पीये-
मधुमेह रोगी को 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए ।
तुलसी की पतियाँ-
तुलसी की पत्तियां को चबाकर खाना भी शुगर रोगी के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती हैं।
डायबिटीज के रोगी क्या ना खाएं-
* मधुमेह रोगियों को सबसे पहले तो अपना मोटापा कम करना चाहिए।
*मधुमेह रोगियों को मांसाहारी भोजन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
*दूध का सेवन भी बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए और दही जैसी दूध से बनी वस्तुओं का ज्यादा सेवन करना अधिक लाभदायक माना जाता है।
*मैदे से बनी हुई चीजें जैसे सफेद डबल रोटी ,मैदे के बिस्कुट, केक पेस्ट्री, ब्रेड का सेवन, मिठाई, चावल, आलू, cold drink डिब्बा बदं भोजन, इन सब पदार्थो का सेवन नही करना चाहिए।
* मधुमेह रोगियों को मीठा खाना के लिए सबसे ज्यादा सख्त मना किया जाता है, पर इंसान है मीठा खाने का मन करता है ।इसकी जगह आप गुड़ और शक्कर खा सकते हैं।
डायबिटीज में सुधार कैसे करें-
अगर हम चाहें तो इस बीमारी का पता लगने के बाद हम अपने जीवन शैली में बदलाव करके और कुछ बुरी आदतों को बदल कर अपनी दिनचर्या और खानपान में सुधार करके इस बीमारी से बचा जा सकता है ।अगर किसी को पहले से ही है तो हम इसे कम कर सकते हैं। कुछ बातों को फॉलो करके आइए जानते हैं इसके लिए किस प्रकार हम अपने इस बीमारी के लिए खुद ही अपने डॉक्टर बन सकते है।
मोटापे को कम करे-
इस बिमारी के होने के बाद अपने वजन पर विशेष ध्यान रखें, क्योंकि मोटापा अपने साथ कई तरह की बीमारियों को साथ लेकर आता है, और जिनमें से मधुमेह एक मुख्य रोग हैं। अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ रहा है तो इसे तुरंत कम करने पर ध्यान दें। और वक्त रहते अपने वजन को कम करके इस बीमारी को कंट्रोल करें
योग और व्यायाम करें-
शारीरिक श्रम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर हम किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं करेंगे तो शरीर में से पसीना ना निकल कर अंदर ही गंदगी पैदा हो सकती है। इसलिए जितना ज्यादा हो सके अपने जीवन में योग और व्यायाम को शामिल करें। सुबह-शाम सैर करने जरूर जाएं और योग और प्राणायाम से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करें।
तनाव से बचें-
डायबिटीज होने के पीछे मुख्य कारण तनाव भी होता है, इसलिए जितना हो सके अपने मन को शांत रखें और कुछ ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में लगाएं जिनसे आपको तनाव ना हो ,और साथ में मन को शांत रखने के लिए मेडिटेशन करना जरूर शुरू करें ।
समय पर सोये -
अपनी नींद को पूरी करने के लिए समय पर सोना बहुत जरूरी होता है, इसलिए जितना भी हो सके 9:00 बजे तक सोने की कोशिश करें और सुबह जल्दी उठे, क्योंकि देर से सोना और देर से उठना दोनों ही डायबिटीज का कारण हो सकते हैं ।इसलिए समय पर सोएं और समय पर उठे।
नशे और धूम्रपान से दूर रहें-
नशा किसी भी प्रकार का अच्छा नहीं होता। धूम्रपान से सिर्फ हमारे फेफड़े ही खराब नहीं होते बल्कि हमें कई प्रकार का रोगी भी बना सकता है। उनमें से एक हैं मधुमेह रोगी होना,और जिस का सबसे बुरा असर हमारे दिल पर भी पड़ता है। जिसके कारण हमें दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
नियमित रूप से जांच करवाएं
ब्लड शुगर का लेवल बढ जाने के कारण प्रतिदिन आप नियमित रूप से डायबिटीज का टेस्ट करवाते रहें, और फिर उसका एक चार्ट बना ले ताकि आपको अपनी मधुमेह के घटने और बढ़ने लेवल के बारे में पता चलता रहे।
Last alfaaz-
अगर आप मधुमेह रोगी नहीं भी है तो भी अपनी जीवनशैली में जो प्राणायाम और सुबह श्याम सैर अवश्य करें। इस तरह की जीवनशैली अपनाकर आप डायबिटीज जैसी बीमारी होने से रोक सकते हैं। अगर आपको यह मधुमेह के लिए टिप्स दिए गए हैं जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे प्लीज अपनी चाहने वाले दोस्तों में जरूर शेयर करें।
Posted by-kiran
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