ध्यान से रोगों को कैसे ठीक करें || बिमारियों को खुद कैसे ठीक करें | how to cure disease with healing |

Tittle-बिमारियों को ठीक करने के लिए धयान और पार्थना कैसे करें। आजकल हर कोई किसी न किसी बिमारी को लेकर परेशान है।  अगर हम हर तरह दवाइयों खाकर थक गये है तो अब एक ही रास्ता है और वो केवल प्रभू से पार्थना  करना। आइए जानते हैं विस्तार से किस प्रकार ध्यान और प्रार्थना से हम रोगों से मुक्ति पा सकते हैं।
धयान से रोग मुक्ति उपाय-  
रोग कितना भी असाध्य हो यदि वह सत्य स्वरूप से ऐसा करेगा तो उसके मन में शांति आएगी और धीरे-धीरे उसे रोगो से हमेंशा के लिए  मुक्ति भी मिल जाएगी।  केवल सत्य का पालन और शुद्ध मन से ईश्वर का लगातार भजन और मनन करने से इंसान अपनी बीमारी का इलाज कर सकता है।

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि अटल विश्वास और भक्ति से की गई थोड़ी सी प्रार्थना से कठिन से कठिन रोग से मुक्ति हुई है, और कई लोगों ने अपनों के लिए की गई प्रार्थना से भी रोगों को ठीक किया है। यदि मां बाप यह कोई संबंधी किसी रोग के निवारणार्थ्  प्रार्थना करता है ,और यदि प्रार्थना सत्य रूप से की जाती है तो वह अवश्य ही सुनी जाती है, तथा   रोगी इनसान स्वस्थ हो जाता है। 

 किसी और के लिए प्रार्थना करने का नियम हर धर्म में है।
 हमारे हिंदू धर्म में महामृत्युंजय का पाठ, चंडी पाठ और ग्रह दोष निवारण जाप कराए जाते हैं। जिसमें लाखों की संख्या में लोग लाभ उठाते हैं।

 लोगों का विश्वास अब मंत्रों और पूजा पाठ से उठता जा रहा हैं ।इसका विशेष कारण है जिनके द्वारा यह जब पाठ कराया जाता है वह वास्तव में अश्रद्धालु  और असत्यवादी होते जा रहे हैं। इसलिए किसी भी प्रकार के मंत्रों का प्रभाव नहीं हो सकता। यदि मनुष्य अपने आप या अपने सम्बन्धी  के लिए प्रार्थना करें तो उससे लाभ जरूर मिलता है।

इसलिए अगर घर में कोई भी सदस्य बीमार है तो खुद प्रार्थना करें ना कि पंडितों को बिठा कर पूजा पाठ हवन कराएं, क्योंकि हो सकता है वह जीभ से पाठ तो कर रहा हो, पर मन में उसके कुछ और चल रहा हो। इसलिए अपने किसी के लिए भी प्रार्थना खुद ही करें तो वह ज्यादा लाभदायक है।
 
ईश्वर पर विश्वास रखे- 
कुछ लोग यह भी कहते हैं कि ईश्वर अन्यायी है, या वह किसी व्यक्ति की प्रार्थना नहीं सुनता और किसी के परिवार के सदस्य को समय से पहले  ही उठा लिया है।  उसने भगवान् से बहुत पार्थना की थी, पर वास्तव में उसने भगवान् से प्रार्थना  की थी या नहीं उसकी प्रार्थना सत्य, सात्विक एवं  मर्मस्पर्शी थी या नहीं यह कोई नहीं बता सकता।

मैं यहां दावे के साथ कह सकता हूं, कि यदि कोई सत्य आचरण करने वाला शुद्ध हृदय से किसी के लिए प्रार्थना करें ,तो प्रार्थना अवश्य सुनी जाती है। प्रार्थना का प्रभाव प्रार्थना करने वाले पर भी निर्भर करता है। उसे स्वयं ज्ञात हो जाता कि उसकी प्रार्थना सुनी गई या नहीं ।बाबर  और हमायू की बीमारी और स्वास्थ्य लाभ की बात इतिहास में प्रत्यक्ष प्रमाण है।

हमारे पूर्वज बुढ़ापे तक स्वस्थ जीवन व्यतीत करते थे। जबकि हम अब 60 वर्ष तक भी नहीं जी पाते। ऐसा क्यों ?
 इसलिए कि हमारे और उनके रहन सहन और विचारो में पर्याप्त परिवर्तन हो गया है, और आजकल के पीढ़ी के बच्चे  पूजा पाठ से दूर होकर विकारों में ज्यादा लिप्त है।
बीमारियों को ठीक करने के लिए सबसे पहले ध्यान लगाने का अभ्यास करें- 
इसके लिए सिर मस्तिष्क के ऊपर पूर्णचंद्र की ज्योति का सुबह-शाम ध्यान करें। इससे आपकी आयु बढ़ेगी और कष्ट आदि चर्म रोग नष्ट हो जाते हैं ।अगर आपके शरीर में कहीं पर भी दर्द हो रहा हो थोड़ी देर आंखें बंद करके सफेद रंग की ज्योति या पूर्ण चंद्रमा का ध्यान करें 10 मिनट में ही चमत्कारी लाभ प्राप्त होंगा। जब भी समय मिले तभी आंखे बंद करके सफेद या  लाल रंग की ज्योति का ध्यान करें। इससे आप कभी बीमार नहीं होंगे तथा आपके शरीर पर बुढ़ापे का लक्षण भी प्रकट नहीं होगा।
 अगर बीमार व्यक्ति ऐसा ही ध्यान करे तो उनकी बीमारी शीघ्र ही ठीक हो जाएगी।
 
मनोकामना पूरी करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले क्या करें - 
सुबह उठकर जिसकी नाक से सांसे चल रही हो उसी तरफ के हाथ को मुंह पर रखकर चारपाई से नीचे उतरे और मन ही मन अपनी मनोकामना दोहराये।ऐसा करने से  इच्छा पुरी हो जाने की संभावना  बहुत जल्दी बढ़ जाती है। 

जो लोग त्रिकाल संध्या करते हैं, और गायत्री मंत्र का जप करते हैं तथा उसके शरीर में समस्त आधि व्याधि मिट जाती है। उसके हर प्रकार के संकट मिट जाएंगे ,उसको अक्षय सुख सौभाग्य की प्राप्ति होगी। बड़े से बड़ा संकट आने पर आपत्तियों से घिर जाने पर, भयंकर बीमारियों से ग्रस्त होने पर तथा अन्य किसी भी प्रकार की अशांति होने पर भगवान की प्रार्थना अगर सच्चे मन से और पूर्ण श्रद्धा विश्वास से करें तो आपको आशा से अधिक सुख का परिणाम प्राप्त होगा।
 बस मन में एक ही धारणा रखें कि चाहे दुनिया वाले कुछ भी बिगाड़ने की कोशिश कर ले अगर हमारे ऊपर, ऊपरवाले का हाथ है तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता चाहे फिर बीमारी हो या दुश्मन बस उस का साथ होना जरूरी है।

 हर पल इस तरह अनुभव करें  परमात्मा  मेरी ऊर्जा का स्रोत है, वह सदा मेरे साथ है, और सदा मेरे लिए हाजिर है।
Last alfaaz- 
इस प्रकार आप अपने लिए और अपनों के लिए ध्यान और प्रार्थना से बहुत सारी बीमारियों और संकटो से बच सकते हैं। बस विश्वास उस ऊपर वाले पर रखना कभी भी यह मत सोचना कि वह नहीं है। अगर वह नहीं होता तो ना मैं होती ना आप होते। वह एक ऐसी अदृश्य शक्ति है जो एक पल में कुछ भी कर सकती हैं।  हमारा इतिहास चमत्कारों और अनुभव से भरा पड़ा है।


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