सफेद दाग को कैसे ठीक करें | सफेद दाग के लिए घरेलू उपाय | home remedies for leucoderma |

Tittle- Skin care tips in hindi- सफेद दाग के लिए घरेलू उपाय- 
सफेद दाग त्वचा की एक ऐसी बीमारी है। जिसके होने पर शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द तो नहीं होता, पर वह देखने में बहुत ही भद्दे लगते हैं। जिसके कारण  इनसान का कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। इसे हम आम बोलचाल की भाषा में फुलवारी भी कहते हैं। 

सफेद दाग के कारण- 
डॉक्टरों के अनुसार सफेद  दाग होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जिनमें शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता या मेलेनिन त्वचा के रंग को बनाए रखने वाली कोशिकाएं की कमी,
 पैराबैंगनी किरणें, अत्यधिक तनाव या विटामिन B12 की कमी के कारण यह रोग हो सकता है।

डॉक्टरों का मानना है कि इलाज अगर सही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है। ऐसे में हमें त्वचा संबंधी इस बीमारी पर ध्यान देने की जरूरत होती है। जिसे कुछ हद तक हम घरेलू उपाय अपनाकर इंन दागों को कम कर सकते हैं। बल्कि धीरे-धीरे यह खत्म भी हो जा सकते हैं।
 
सफेद दाग के लिए घरेलू उपाय घरेलू उपाय-
 तांबे के बर्तन के पानी का प्रयोग-
तांबे के बर्तन के पानी का प्रयोग-
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए तांबे में रखकर में पानी का प्रयोग करना बहुत जरूरी है, क्योंकि तांबे में तत्व मेलेनिन के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक माना जाता है। इसलिए रात भर तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर खाली पेट उस पानी को पीने से सफेद दागों में कमी आ सकती।
सेब का सिरका-
सफेद दागों में सेब का सिरका बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सेब के सिरके को पाने के साथ मिक्स करके लगाना चाहिए इससे यह दाग धीरे-धीरे कम होने लग जाते हैं।
लाल मिट्टी का प्रयोग- 
जिस प्रकार तांबे में मेलेनिन तत्व पाया जाता है। उसी प्रकार लाल मिट्टी में भी भरपूर मात्रा में तांबा पाया जाता है। ऐसे में लाल मिट्टी का लेप बनाकर सफेद दागों पर लगाना चाहिए। लाल मिट्टी मैं मेलेनिन होने के कारण त्वचा के रंग को दोबारा निर्माण करती है। इसे अदरक के रस के साथ मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाना असरदार साबित हो सकता है।

नमक का प्रयोग ना करें-
 इस समस्या के उत्पन्न होने के बाद नमक का प्रयोग बिल्कुल न के बराबर करें। जितना हो सके नमक रहित सब्जियां खाने का प्रयास करें।

अनार के पत्तों का चूर्ण-
अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक करके चूर्ण बना लें और सुबह 10 ग्राम तथा रात को सोते समय 10 ग्राम प्रतिदिन ताजा पानी या गाय के दुध के
साथ सेवन करने से इस समस्या से हम निजात पा सकते हैं।
बावची के बीज-
बावची के बीज भिगोकर प्रतिदिन सुबह और रात को इसको पानी के साथ सेवन करें और बीजों को पीसकर दागों पर लेप करें यह भी एक तरह से रामबाण उपाय हैं।

माणिक्य भस्म-
माणिक्य भस्म को नियमित रूप से प्रातः तथा शाम को शहद के साथ सेवन करने से दागों को खत्म करने में लाभकारी सिद्ध हो सकती हैं।
बथुए का रस-
बथुआ एक तरह से जंगली घास है जो हमें खेतों के आसपास बहुत आसानी से मिल जाता है।
 बथुआ का रस एक गिलास और आधा गिलास तिल का तेल कड़ाही में गर्म करें और फिर बथुए का रस पुरी तरह पकने  पर तेल को शीशी में भरकर रख लें।  अब प्रतिदिन दाग वाली स्थानों पर इस तेल को लगातार तीन महीने तक लगाएं।

बावची का तेल-
 बावची का तेल रोगन सुबह-शाम सफेद दाग पर लगाने से धीरे धीरे यह दाग skin की त्वचा से मेल खाने लग जाते हैं।

उडद की दाल-
उड़द की दाल को पानी में भिगोकर पीस लें और उसमें लहसुन की कुछ गिरिया पीसकर घिस लें और फिर प्रभावित स्थान पर लगाने से सफेद दाग  कम हो सकते हैं।

हल्दी का प्रयोग- 
हल्दी 150 ग्राम, siprit 600 ग्राम मिलाकर धूप में रख दे। इसे दिन में तीन बार सफेद दागो पर लगाएं। यह प्रयोग भी आयुर्वेद शास्त्रो में बताया गया है। 
तुलसी के जड़-
तुलसी के पौधे को जड़सहित उखाड़ कर पानी में साफ करके फिर उसको बारीक पीस लें और फिर इसे आधा किलो तिल के तेल में मिलाकर कड़ाही में डालकर धीमी आंच पर पकाएं। जब यह पक जाए तब छान कर किसी बर्तन में इस तेल को भरकर रख लें और दिन में इस तेल का प्रयोग दागों पर लेप की तरह करें।
बेहया के पौधे का दुध- 
बेहया के पौधे को तोडने पर जब दूध निकलता है, उस दूध का लेप नियमित रूप से दागो पर दिन में दो बार लगाने दाग धीरे धीरे मिट जाते है। 

 अनार तथा नीम के पत्ते-
 इन दोनों के पत्ते पीसकर सुबह-शाम दागों पर लेप करें ।

शहद और तुलसी का रस- 
10 ग्राम शहद में 10 ग्राम तुलसी का रस मिलाकर प्रतिदिन  रोजाना सुबह और शयाम को दाग पर लगाएं। ऐसा करने से दाग कुछ ही दिनों में रंग बदलने लग जाएंगे।

गोमुत्र-
गोमूत्र में पिसी हुई  हल्दी मिलाकर सुबह-शाम दागों पर लगाएं।

खानपान में सावधानियां-
 इस समस्या के होने पर या इससे पहले भी अपने खानपान में कुछ सावधानियां रखनी बहुत जरूरी है। जैसे- अन्डा,  मीट, मछली के साथ कभी भी दूध ना पिए। ऐसा माना जाता है अंडे, मिट और मछली के साथ दूध का सेवन करने से यह समस्या हो सकती हैं।
 दही और दूध के साथ कभी भी नमक ना लें-
 अपने खान-पान पर नियंत्रण रखें जैसे भोजन में साग, सब्जी, दाल और फलों आदि के सेवन करते समय इस समस्या के होने पर  सभी प्रकार के नमक का परित्याग करना परम आवश्यक है ।
केला, करेला, लौकी, तुरई, सेम ,सोयाबीन, पालक, मेथी चौलाई, टमाटर, गाजर, परवल, मूली, सलगम, चुकंदर आदि को बिना नमक के प्रयोग करें।
 
बथुए का रस- 
यह रस  प्रतिदिन पीने इस बीमारी के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है।
Last alfaaz- 
 इसलिए जो भी खाएं सोच समझ कर खाएं। कुछ खाने एक दूसरे के साथ विरुद्ध माने जाते हैं। इसलिए भूल कर भी विरुद्ध आहार का सेवन ना करें ।

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो प्लीज इसे अपने चाहने वाले और दोस्तों को जरूर शेयर करें।

Disclaimer: -All information and articles available on this site are for educational purposes only. The information given here should not be used for diagnosis or treatment of any health related problem or disease without expert advice. A qualified physician should always be consulted for medical examination and treatment.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ