नीम का प्रयोग कैसे करें | नीम के पोधै आयुर्वेदिक उपचार | नीम खाने के फायदे |

Tittle- नीम के पेड़ की पते और छाल के फायदे- आयुर्वेद के अनुसार नीम को antibiotics तत्वों से भरपूर सबसे उत्तम औषधि के रूप में माना जाता है। यह खाने में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले स्वास्थ्य के लिए बहुत सारे लाभकारी है। नीम को एक ऐसा पौधा माना जाता है, जिससे त्वचा संबंधी हर समस्या का इलाज पाया जाता है। 
आइये  जानते हैं विस्तार से नीम को किस प्रकार आयुर्वेद की दृष्टि से औषधि क्यू माना जाता है।
 
नीम के पत्ते और छाल के गुण-
नीम की छोटी-छोटी पतियों को 15 दिनों तक सुबह-शाम सेवन करने से खूब चबा चबाकर खाने से रक्त की शुद्धि होती है। जिससे हमें पूरे साल तक चर्म रोग नहीं हो सकते और बुखार भी नहीं आता और साथ में चेहरे पर मुंहासे निकलने बंद हो जाते हैं।
बालतोड के लिए- 
शरीर में कहीं पर भी बालतोड़ होने पर एक मुट्ठी नीम के पत्तों को खूब बारीक पीसकर टिकी  बना लें और अब इस टिक्की को फोड़े या बालतोड़ पर रखकर पट्टी बांध ले। यह उपाय करने से 1 दिन के अंदर ही बालतोड़ ठीक होने लग जाएगा।

जोडो के दर्द के लिए-
जोड़ों के दर्द के लिए नीम का तेल बहुत ही गुणकारी माना जाता है। नीम के तेल को हल्के हाथ से मसलने से जोड़ों का दर्द आमवात और संधिवात यानी गठिया रोगों में बहुत जल्दी आराम होता है।

पायरिया रोग के लिए-
 दांतो की पायरिया की बीमारी बहुत ही बुरी समस्या है। इसके कारण मसूड़ों से बदबू और  खराबी होती है। नीम की पत्तियों को धोकर साफ करके एक गिलास पानी में उबाल लें और खूब उबाल आने पर ठंडा कर लें फिर इन पत्तियों को धीरे-धीरे चबाकर थुक दे और इस पानी से कुल्ला करते रहे। यह प्रयोग लगभग 10-15 दिन तक करने से आपको पायरिया रोग से छुटकारा मिल सकता है, और साथ में प्रतिदिन नीम की ताजी दातुन धीरे-धीरे चबाकर करनी चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको इस रोग से छुटकारा मिल जाएगा।

 बालों की समस्या के लिए-
बालों का झड़ना एक बहुत बड़ी समस्या है औरतों के लिए, इसके लिए नीम के पत्ते और बेल के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पानी में डालकर खूब उबाल लें। अब इस पानी को ठंडा करके छान ले और फिर इस पानी से बालों में लगाकर खूब मसलते हुए बालों को धोएं। बालों को सूखा कर फिर नीम के तेल से उंगलियों से मालिश करें। ऐसा करने से कुछ ही दिन में बाल झड़ना बंद हो जाएंगे।

चेचक रोग के लिए-
नीम के साथ छोटी पत्तियां और साथ में साथ काली मिर्च पानी के साथ निगलने या फिर इन को चबाते रहे, ऐसा करने से चैत्र शुक्ल पक्ष के 15 दिनों तक कर लेने से चेचक रोग नहीं होता।
 जिन को चेचक निकल आई हो तो उस रोगी के इलाज में भी नीम का उपयोग बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। रोगी के कमरे में रोज नीम की पत्तियां तोड़कर लटकाए। रोगी के बिस्तर पर नीम के ताजे पत्ते बिछाकर रोगी को सुलाना चाहिए। नीम की घनी पत्तियों वाली डाल रोगी के 
 कमरे में लटका दे।  नीम के पत्तों को खूब महीन पीसकर छानकर इस पानी में रुई को भिगोकर चेहरे के दानों पर लगाने से दानो की जलन शांत होती है। जिससे रोगी की बेचैनी में आराम मिलता है। 

नीम के बीज का प्रयोग- 
नीम के बीजों को पानी के साथ पीसकर इसका लेप करने से चेचक के दागों पर लगाने से या नीम का तेल लगाने से कुछ ही दिनों में दाग साफ हो जाते हैं। चेचक के रोग के कारण अगर रोगी के सिर के बाल उड़ गए हो तो लगातार लंबे समय तक बालों की जड़ों में नीम का तेल लगाकर मालिश करने से फिर से बाल वापस आ जाते हैं।

जहरीले कीड़े काटने पर-
नीम के पत्तों को महीन पीसकर लेप बना लें और अब इस लेप को बिच्छू आदि जहरीले कीड़े द्वारा काटे हुए स्थान पर लगाने से बहुत जल्दी राहत मिलती हैं।

दाद खुजली  के लिए-
 शरीर में कहीं भी दाद या खुजली होने पर नीम के पत्तों को दही के साथ पीसकर लगाने से दाद वाले स्थान पर लगा ले।  दाद और खुजली दोनों में बहुत जल्दी राहत मिलती हैं।

घाव को ठीक करने के लिए-
शरीर के किसी भी भाग में घाव होने पर  नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और अब इसको घाव पर रखकर बांधने से पुराने से पुराना घाव का बहना और नासूर जल्दी ठीक हो जाता है।

गुर्दे की पथरी के लिए-
अगर गुर्दे में पथरी हो तो नीम के पत्तों की राख 2 ग्राम मात्रा में प्रतिदिन पानी के साथ लगातार लेने से पथरी गल कर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती हैं। पत्तों की राख बनाने के लिए- पत्तों को छाया में रखकर खूब अच्छी तरह सुखा लें फिर पत्तों को थाली में रखकर जला दें और दूसरी थाली से ढक दें। 2 घंटे बाद राख को छानकर काँच की सीसी में  भर ले। 

मलेरिया के लिए लाभदायक-
 मलेरिया के बुखार होने पर नीम की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में 3 बार दो बड़े चम्मच भर कर पीने से बुखार बहुत जल्दी उतर जाता है और बुखार के बाद आने वाली कमजोरी दूर हो जाती है।

नीम के फूलों के फायदे-
 नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर इसकी कुल्ला करने से दांत और मसूड़े मजबूत वह निरोगी होते हैं, और मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
 नीम के पत्ते के फायदे- 
नीम के ताजे पत्तों का रस निकालकर दो बूंद नाक में डालने  से सिर दर्द दूर होता है और कान में टपकाने से कान का बहना दूर हो जाता है।
सर्दी व जुकाम होने पर या नाक बंद हो जाए या गले में कफ फस जाए अथवा गले में खुजली महसूस होने पर दातुन का छिलका प्रयोग करें तुरंत लाभ मिलेगा। यह जरूरी नहीं है कि यह प्रयोग सुबह ही किया जाए जब भी आपको ऐसी कोई परेशानी महसूस हो तो नीम का छिलका मुँह में  डालिए तुरंत राहत मिलेगी। 
 नीम को कुचलने की इस प्रक्रिया से हमारे स्वास्थय द्वारा नीम के गुणकारी कीटनाशक तत्व को श्वास नली में पहुंचा देते हैं। जिससे स्वास्थ द्वारा सांस नली का संक्रमण मुक्त हो जाती है और साथ ही नये अर्जित तत्वों से लड़ने की क्षमता भी पैदा हो जाती है। यही कारण है कि नीम के प्रयोग के बाद ब्राकाइटिस का रोगी हर तरह का संक्रमण आराम से झेल जाता है।  
नीम एक बहुत उपयोगी वृक्ष है। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती और फल तक सभी बहुत ही औषधियों से गुणों से भरे हुए हैं। यह हम सबके लिए खासकर भारत देश के लोगों के लिए कल्पवृक्ष है। 

नीम की जड़ के लाभ- 
नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार बहुत जल्दी दूर होता है।
नीम के छाल को पानी में घिसकर फोड़े फुंसियों पर लगाने से वह बहुत जल्दी ठीक होते हैं और साथ में फोड़े फुंसियों के निशान भी खत्म हो जाते हैं।
नीम के बाहरी छाल को जलाकर उसकी राख में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर लगाने से दाद और अन्य चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।

 छाल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन उसमें स्नान करने से सूखी खुजली में बहुत जल्दी लाभ मिलता है। छाया में सूखी छाल के राख बनाकर कपूर छानकर उसमें दोगुना पिसा हुआ सेंधा नमक मिला लें। 
हररोज इस चूर्ण से मंजन करने से पायरिया रोग ठीक हो जाता है और साथ में मुंह की बदबू मसूड़ों तथा दांतों का दर्द दूर हो जाता है।
छाल का काढ़ा दोनों समय पीने से पुराने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है।
दिन के समय सूर्य किरणों की उपस्थिति में नीम की पत्तियां ऑक्सीजन छोड़कर वायु को शुद्ध करती हैं। इसलिए गर्मियों में नीम के पेड़ की छाया में सोने से शीतलता मिलती है तथा शरीर निरोगी रहता है।

नीम की पत्तियों के चूर्ण में 1 ग्राम अजवाइन तथा गुड़ मिलाकर कुछ दिन लगातार पीने से पेट के कीड़े हमेशा के लिए मर जाते हैं।

नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने से शरीर के घाव ठीक होते हैं तथा बुरे जीवाणु मर जाते हैं। शरीर की दुर्गंध कम हो जाती है और शरीर में कहीं भी किसी भी प्रकार की सूजन नहीं रहती। साथ में उबले हुए पानी से स्नान करने से त्वचा संबंधी हर तरह की बीमारियां दूर होते हैं।

पीलिया रोगी के लिए-
पीलिया रोग के लिए एक छोटी नीम की पत्तियों का रस दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से पीलिया रोग में लाभ मिलता है। एक छोटा चम्मच नीम की पत्तियों का रस लेकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से पेचिश में लाभ होता है।

 चेचक के रोग के लिए- 
चेचक और खसरा रोगियों को शीघ्र स्वस्थ करने के लिए नीम के पत्तों की एक बड़ी सी टहनी तोड़कर उन पत्रों द्वारा रोगी के ऊपर हवा की जाती है।

नीम की पत्तियों के अन्य प्रयोग- 
नीम की पत्तियों को इकट्ठे संचित कि हुए अनाज में मिलाकर रखने से उसमें घुन, इल्ली तथा खपरा आदि प्रकार के कीड़े नहीं लगते।

 गर्म और सिल्क के कपड़े को भी कीड़ों से बचाने के लिए कंबल , बुकस आदि को भी कीड़ों से बचाने के लिए नीम की पत्तियां रखने से वह सुरक्षित रहते हैं। नीम की सूखी पत्तियों को धुआं करने से मच्छर भाग जाते हैं। 
 
नीम के फल के फायदे-
नीम का फल जिसको हमने निमोबोलियाँ कहते हैं। इसका तेल निकाला जाता है। आग से जले हुए घाव पर लगाने से इस तेल से घाव बहुत जल्दी भर जाता है।
नाक, कांन छिदवाने से नीम की लकड़ी पहनने से जो जख्म होता है , वह बहुत जल्दी ठीक होता है, और वहां जीवाणु नहीं बनते।

नीम की दातुन करने से एक अध्ययन के अनुसार ऐसा माना गया है आयुर्वेद द्वारा  कैंसर पीड़ितों पर अध्ययन करने से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि नीम की दातुन करने से मुंह के कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है, और अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों को हमेशा कीकर अथवा नीम की दातुन से अपने दांत और मसूड़ों को साफ करते रहना चाहिए। मुंह के कैंसर से बचने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि भोजन में  षरसट मीठा , खट्टा, नमकीन तीखा, हो। इसके अलावा रेशेदार भोजन, ताजा फलों के रसों के सेवन करते रहने से मुख पर कैंसर से बचने के लिए बहुत लाभदायक है।

इस प्रकार आप अपने आसपास सबसे पहले जो नीम का पेड़ जरूर लगाएं, क्योंकि इसकी अक्सीजन भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है और इसके साथ-साथ इसमें बहुत सारे गुण हैं, जो हमारी बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं। नीम का पौधा कड़वा होता है और यह गुणों से भरपूर औषधि  वाला  माना जाता है।  हमारे घरों के आसपास या पौधा देखने को हमें मिल जाता है।  बहुत  लोग इसको घर की नजर को बचाने के लिए भी घर के आगे इसकी एक टहनी तोड़कर अपने दरवाजे पर लगा कर रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर के आगे नीम की टहनी टांगने से बुरी ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश नहीं करती है।

इसलिए आप भी अपने घर के आस-पास नीम  का पौधा लगाएं और अपने आप को और अपने परिवार को स्वस्थ रखें। 
Posted by-kiran

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