सिरदर्द समस्या के लिए उपाय-
सिरदर्द आधाशीशी वायु प्रधान है । कभी - कभी कफ भी मिला होता है । 25 प्रतिशत मामलों में इस रोग का कारण त्रिदोषज भी होता है । इस रोग का एक विशेष लक्षण है कि यदि उल्टी हो जाये या आधा - एक घंटा नीद आ जाये तो रोग तत्काल शान्त हो जाता है । ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में इस रोग में दर्द की केवल महसूस नहीं होने देने का उपाय है , पर रोग जड़ से नष्ट नहीं हो पाता ।
*सिरदर्द को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय-
* उपचार में सर्वप्रथम रोगी को चाहे स्त्री हो या दवा देनी चाहिये । यदि रोगी सूर्यावर्त पुरुष से पीड़ित हो तो ( इसमें सूर्य उगने के साथ सिर में दर्द बढ़ता है और दोपहर को बहुत तीव्र होकर अपरान या शाम तक शान्त होता है तो उसे सुबह जल्दी जगाकर ( 3-4 बजे ) 2 से 4 रती तक कपर्दक भस्म ( पीली कौड़ी भस्म ) एक ग्रास गुड़के हलवे या पेड़े के साथ देनी चाहिये, इस भस्म को अकेले नहीं चाटना चाहिये वरना जीभ फट जाती है ।
* यदि सिरदर्द के साथ - साथ रोगी को जुकाम की शिकायत हो , पुराना क्षयरोग हो तो सितोपलादि चूर्ण के साथ गोदन्ती भस्म और गिलोय शहद सत्य च्यवनप्राश या से सुबह - शाम चाटना चाहिये ।
भोजन के बाद द्राक्षारिष्ट तथा अश्वगन्धारिष्ट थोड़ा पानी मिलाकर पीये । इससे माइग्रेन का दौरा विलम्ब से पड़ता है या हल्का हो जाता है । पथ्यादि काथ भी चालू रखें ।
* महिलाओं में सिरदर्द की शिकायत में प्रायः माहवारी की गड़बड़ रहती है । महीना साफ नहीं आता । इसमें रज प्रवर्तनी वटी सर्वोत्तम है । महीने आने की तिथि से पांच दिन पूर्व 1-1 या 2-2 बटी गर्म जल से ले । कभी - कभी ल्यूकोरिया के कारण भी माइग्रेन आ सकता है ।
अशोकारिष्ट आदि औषधियों से पहले ल्यूकोरिया ( प्रदर ) का इलाज करे या दवा के साथ ही ल्यूकोरिया की दवा भी दे
*. अधकपारी का दर्द - तीन रती कपूर तथा मलयागिरि चन्दन को गुलाबजल के साथ घिसकर ( गुलाबजल की मात्रा कुछ अधिक रहे ) नाक के द्वारा खींचने से अधक पारी का दर्द अवश्य समाप्त हो जाता है ।
*. चावलों की खील 25 ग्राम मात्रा में प्रातःकाल मधु मिलाकर खाने से सिरदर्द में बहुत लाभ होता है ।
*. धनिया और सॉफ 5-5 ग्राम लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर उसमें 5 ग्राम मिसरी मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से आधे सिर का दर्द नष्ट होता है । सुबह , दोपहर और शाम को इस मिश्रण को 3-3 ग्राम मात्रा में जल के साथ सेवन करें ।
* . रीठे के छिलके को जल के साथ पीसकर वस्त्र में छानकर , इस जल की दो बूंदे सिरदर्द के दूसरी ओर के नथुने में टपकाने में दर्द नष्ट होता है ।
*. 100 ग्राम अंगूर खाने या रस पीने से आधे सिर के दर्द में बहुत लाभ होता है ।
*. वायबिडंग 5 ग्राम और तिल 2 ग्राम जल के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करने से आधे सिर का दर्द शीघ्र नष्ट होता है ।
*. लौंग 5 ग्राम को जल के साथ पीसकर उसको हल्का सा गर्म करके
कनपटियों पर लेप करने से आधे सिर का दर्द नष्ट होता है ।
*. भागरे के 50 . ग्राम रस में बकरी का दूध 50 ग्राम मिलाकर धूप में गर्म होने दें । इस मिश्रण में कालीमिर्च का चूर्ण 5 ग्राम मिलाकर सिर में मलने से आधे सिरदर्द नष्ट होता है ।
* गाजर के पत्तों पर घी लगाकर थोड़ा सा रोककर उसके रस की दो - दो बूंदें नाक में डालने पर छींक आने से सिरदर्द नष्ट होता है ।
*. लहसुन 30 ग्राम को पीसकर उसका रस निकालें । उस रस में 5 रती हींग मिलाकर में भरकर रखें । इस मिश्रण की एक - एक बूंद नाक में डालने से आधा शीशी का दर्द नष्ट होता है ।
*. रीठे की छाल को जल में डालकर रखें । सुबह उन मसलकर वस्त्र द्वारा छान लें । इस जल की एक - एक बूदं नाक में डालने से आधे सिर का दर्द नष्ट होता है ।
*. सूजरमुखी के 5 ग्राम बीजों को सूरजमुखी फूलों के 10 ग्राम रस में पीसकर मस्तक पर लेप करने से दर्द का निवारण होता है ।
*. पुदीने के पत्तों का लेप माथे पर लगाने से माथे में होने वाली पीड़ा से राहत मिलती है ।
*. अधिक गर्मी होने पर अकसर सिरदर्द होने लगता है । इससे निजात पाने के लिए सिर की खोपड़ी व कनपटियों पर थोड़े शुद्ध गाय के घी की मालिश करें ।
* सतपोदीना ( पीपरमेंट ) 10 ग्राम कपूर 3 ग्राम , दालचीनी का तेल 3 ग्राम इलायची का तेल 1 ग्राम , लौंग का तेल डेढ़ ग्राम , पीपरमेंट व कपूर दोनो को घोटकर 15 ग्राम वैसलीन में मिला लें . फिर अन्य दवाएं भी इसमें मिला लें , यह औषधि हर प्रकार के दर्द में काम देता है ।
* बादाम, तिल ( काले ) , हल्दी ( कच्ची ) और आंवले 10-10 ग्राम लेकर कूट - पीसकर जल के साथ पेस्ट बनाएं । इस पेस्ट को मस्तक पर लेप करने से आधे सिर का दर्द नष्ट होता है ।
* कालीमिर्च 10 और मिश्री 10 ग्राम का चूर्ण बनाकर जल के साथ प्रातः काल सेवन करने से आधे सिर का दर्द शीघ्र नष्ट होता है ।
*. चावलों की खील 25 ग्राम मात्रा में प्रातःकाल मधु मिलाकर खाने से सिरदर्द में बहुत लाभ होता है ।
* धनिया और सौंफ 5-5 ग्राम लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर उसमें 5 ग्राम मिसरी मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से आधे सिर का दर्द नष्ट होता है । सुबह , दोपहर और शाम को इस मिश्रण को 3-3 ग्राम मात्रा में जल के साथ सेवन करें।
*. सिर की मालिश आधा सिर का दर्द होने पर और तनाव को दूर करने के लिए सिर की मालिश बहुत ही कारगर उपाय है। इस दर्द को कम करने के लिए सप्ताह में एक बार किसी भी तेल से अपने सिर की मालिश अवश्य करनी चाहिए ऐसा करने से हमारे शरीर का रक्त संचार बढ़ता है और हमें इस समस्या से बचाता है।
* नींबू और गर्म पानी पिए-
अगर आपके पास समय कम है और आप कहीं बाहर जाने के लिए तैयार करें और अचानक से आपके सिर में तेज दर्द उठ जाता है तो यह है जल्दी से तैयार होने वाला एक ऐसा नुस्खा है जो बहुत जल्दी काम आ सकता है। इसमें आपको करना बस यह है कि एक गिलास गर्म पानी में उसमें थोड़ा-सा नींबू का रस निचोड़ कर पी लें इससे सिर दर्द में राहत मिलती है और कई बार पेट में गैस होने पर सिर दर्द उत्पन्न होता है उस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
जयादातर यह समस्या घरेलू उपाय करने से ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी यह एक गंभीर रूप भी धारण कर लेती है।
अगर आपको इन घरेलू उपाय से ठीक नही हो तो फिर आपको इसको किसी अनुभवी डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि एक चिकित्सक से सलाह लेनी बहुत ही जरूरी है अपने स्वास्थ्य के लिए।
Disclaimer-
यह सभी घरेलू उपाय हमने आयुर्वेदिक अनुभवी चिकित्सक की सलाह के अनुसार लिखे हैं इसमें हमारा किसी भी प्रकार का योगदान नहीं है।
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