हनुमान की पुजा कैसे करें || मनोकामना के लिए हनुमान मन्त्र | हनुमान के प्रसिद मन्त्र ||

 Tittle -हनुमान जी की पूजा कैसे करें-
पवन पुत्र हनुमान जी जिनको हम संकट मोचन हनुमान जी के नाम से पुकारते हैं हनुमान जी कलयुग के अंत तक इस धरती पर रहेंगे यह श्रीराम ने अपने सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी को वरदान दिया था. क्योंकि कलयुग के अंत पर हनुमानजी की उपासना करने से किसी भी तरह का संकट की समस्या से मुक्ति पाई जा सकती हैं। जो लोग भी हनुमान जी के भगत हैं या उनकी पूजा करते हैं उन्हें किसी तरह के तंत्र ,मंत्र काला जादू  जैसी शक्तियों से डरने  की जरूरत नहीं है। 
 हनुमान जी किसी भी तरह के बंधन या काल को मुक्त कर सकते हैं। कलयुग के इस दौर में हनुमान जी की पूजा किस प्रकार और किस समय करें और क्या सावधानियां बरतें आइए जानते हैं विस्तार से-

हनुमान जी की विशेषता-
हनुमान जी इस कलयुग में शक्ति, भक्ति और ज्ञान का प्रत्येक हैं। वह अतुलित बल के स्वामी हैं और हनुमान जी की असीम शक्ति का कारण उनकी भक्ति हुई है ।हनुमान जी ने अपनी भक्ति के बल पर ऐसी शक्तियां प्राप्त किए हैं जिनका वर्णन करना आम आदमी के बस में नहीं है। उनको अपनी अद्भुत और अपने  भक्तों के कारण हनुमान जी को अष्ट सिद्धि नव निधि का वरदान प्राप्त है। 
 हनुमान जी के पास जो सबसे बड़ी ताकत  वह है भगवान सीताराम जी की कृपा। हनुमान जी श्री राम और सीता जी की सबसे लाडले पुत्र कहे जाते हैं। उन्होंने यह पद उन्होंने भगवान श्रीराम से अपने  श्रम और प्रति भक्ति के कारण से और प्रेम से पाया है और  इसकी वजह से हनुमान जी अपने भक्तों के सभी तरह के कष्ट काटते है। 
 हनुमान जी की पूजा करने का फल भक्तों को तुरंत मिल  जाता है।  हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले इस कलयुग के देवता हैं। उनको प्रश्न करना सबसे आसान है। मन में भगवान श्री राम का जप और ध्यान करते रहना यह उनकी भक्ति का सबसे सरल विधि है। हनुमान जी अपनी खुद की  उपासना इतने खुश नहीं होते जितना राम जी के अराधना करने वाले भक्तों पर वह प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए हनुमान जी की पूजा उपासना करने से पहले श्री राम जी की पूजा करना सबसे ज्यादा अनिवार्य है। अगर आप कुछ ना कर सके तो हनुमान जी की सामने बैठकर सच्चे मन से श्री राम का नाम का जाप करे।
 
हनुमान जी के पुजा के नियम-
 हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों अपने शत्रुओं और मुकदमों और नेगेटिव एनर्जी भूत बाधा आदि से बहुत जल्दी मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन हनुमान जी की पूजा  साधना करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हनुमान जी की पूजा करते समय भगवान श्री राम और हनुमान जी की पूरी प्रति पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए क्योंकि हनुमान जी सबसे पहले राम का उच्चारण सुनना पसंद करते हैं.

हनुमान जी की पूजा करने से पहले श्री राम का नाम का उच्चारण  सबसे ज्यादा  प्रिय है। पहले श्री राम नाम का उच्चारण करें फिर हनुमान जी की पूजा करे। पहले श्रीराम का ध्यान करके उनकी स्तुति करना अनिवार्य है। बिना श्री राम का नाम लिए उनका ध्यान किए हनुमान जी की पूजा सफल नहीं हो सकती।

हनुमान जी की पूजा करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरूरी है। जब तक हनुमान जी की साधना से जुड़ा कोई भी अनुष्ठान आप कर रहे हैं तब तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। किसी भी तरह की कामुक बातें व  चर्चा  न करें । हम यह सब बातें  मन में भी न लाएं।

हनुमान जी की पूजा अर्चना करते समय अपने खान-पान की शुद्धता और घर की शुद्धि का विशेष ध्यान रखें किसी भी प्रकार का अंडा , मीट, शराब नहीं होना चाहिए जब उनके घर में पूजा की यह अनुष्ठान किया हो।

हनुमान जी के प्रिय फूल-
 हनुमान जी को सबसे ज्यादा लाल रंग पसंद है इसलिए उनको लाल रंग के फूल ही चढ़ाने चाहिए।

* हनुमान जी को प्रसाद में दूध और गुड़ की रोटी का चूरमा या मोतीचूर बेसन के लड्डू बनाए जा सकते हैं।

 हनुमानजी को भोग लगाते समय उनके भोग में तुलसी के 2 पत्तों के साथ भोग  लगाना  चाहिए । हनुमान जी को जो भी प्रसाद चढ़ाया जाएगा ।वह उत्साह के साथ बनाया  हुआ होना चाहिए। 

महिलाओं के लिए निषेध-
हनुमान जी की पूजा करते समय पुरुष या महिला कोई भी कर सकता है। महिलाएं हनुमान जी की प्रार्थना नहीं कर सकती है केवल यह केवल भ्रमित करने वाली बातें हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि औरतों को हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकती। बस हनुमान जी की पूजा के दौरान स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है पीरियड के दौरान औरतें भगवान हनुमान की पूजा ना करें।


हनुमान जी की पूजा आप किसी भी समय रात सुबह का शाम को कर सकते हैं। किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। 

हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व -
वैसे तो हनुमान जी की पूजा का कोई दिन  देखने की कोई जरूरत नहीं होती क्योंकि हनुमान जी सभी तरह के बन्धनो से मुक्त है लेकिन हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन मंगलवार या शनिवार माना गया है। मंगलवार के दिन पूजा करने से विशेष फल लाभदायक होती है।

हनुमान जी को हर मंगलवार को नारंगी रंग  का लेप लगाने से ग्रह दोष दूर होते हैं और हनुमान की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
 हनुमान जी को कभी भी सिंदूर सीधे हाथ से नहीं चलाना चाहिए बल्कि उसे पीपल के पत्ते, पान के पत्ते पर रखकर हनुमान जी को श्रद्धा भाव से  करना चाहिए।

महिलाएं खासकर ध्यान रखे-
 महिलाएं हनुमान जी को  सिंदूर नहीं लगाती व महिलाएं हनुमान जी को लाल फूल चढ़ा सकती हैं।

हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना बहुत अच्छा माना जाता है अगर आप मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और आपक
किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या हैं तो आप हनुमान जी को चमेली का तेल सिंदूर के साथ मिलाकर चढ़ाना चाहिए।

हर प्रकार की समस्या के लिए हनुमान जी की पूजा करते समय चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उसको पीपल के पत्ते के ऊपर वाले  हिस्से पर श्रीराम लिख कर और फिर उसको हनुमान जी को चढाये।
 यह उपाय आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या है उसके लिए बहुत उपयोगी माना जाता है । इस बात का ध्यान रखें इस पते पर श्री राम लिखा उसको कभी हनुमान के चरणों में नहीं रखना चाहिए बल्कि उसके माथे या फिर  उसके गले में हार बनाकर बनाना चाहिए। 

नौकरी के लिए-
 अगर आपको नौकरी संबंधित किसी भी तरह की परेशानी आ रही है तो ऐसे में मंगलवार को किसी भी मंदिर में जाकर हनुमान के चरणों का थोड़ा सा सिंदूर ले आए और एक सफेद कागज पर उसे सिंदूर से स्वास्तिक  बनाए इस कागज को बिना फोल्ड किये  अपने पास पर्स में अपने साथ श्रद्धा भाव के साथ रखें । आपका काम बनने लग जाएगा।

हनुमान जी का झंडा-
 हनुमान जी के झंडे का बहुत ही महत्व है। हनुमान जी के मंदिर में लाल लाल  रंग का त्रिकोण आकार का झंडा मिलता है। जिस पर श्री राम लिखा हो इसको चढाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है जिससे आर्थिक संबंधी सभी तरह की समस्याएं दूर होती हैं।

पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन करने बेहद सुखद माने जाते हैं ।अगर आपके घर के आसपास भी पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर है वहां पर प्रति मंगलवार और शनिवार को अवश्य दर्शन करके आए ऐसा करने से आपको बिगड़े हुए काम सब बनने  लग जाएंगे। 
निष्कर्ष- 
अंत में इस लेख के माध्यम से मैं यही कहना चाहूंगी किसी कलयुग के दौर पर हनुमान जी की पूजा बहुत ही फलदाई और तुरंत मनोकामना पूरी करने वाली है क्योंकि भगवान श्रीराम ने खुद हनुमान जी को आशीर्वाद दिया था जो कलयुग में तेरी पूजा करेगा वह मेरे को प्राप्त हो जाएगा,  और उसकी हर मनोकामना पुरी  होगी।  जहां जहां पर राम नाम को जप होगा वहां पर हनुमान अपने आप पहुंच जाते हैं। जिसने राम नाम को उचारण किया उसके लिए हनुमान जी ने खुद अर्जी  लगाई। 
  इसलिए हनुमान जी की पूजा अगर ज्यादा कुछ संभव ना हो तो हनुमान चालीसा प्रतिदिन जरूर  पढ़ें यह आपके हर कष्ट को अवश्य हर लेगा।

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