गठिया रोग के लिए घेरेलू उपाय || अर्थराइटिस रोग को कैसे ठीक करें || गठिया के लिए घरेलू उपाय |

गठिया  रोग को कैसे  ठीक करें (वात रोग)-
 गठिया को हम  अर्थराइटिस के नाम से भी जानते हैं। यह एक प्रकार का सूजन होता है जो जोड़ों को प्रभावित करता है। यह एक अवसादी रोग है जिसमें जोड़ों में दर्द, सुजन, स्थिरता और गतिशीलता की कमी होती है। जोड़ों में यूरिक अम्ल के जमा हो जाने के कारण उत्पन्न घटिया को गाउटी भी कहते हैं। हीमोफीलिया के रक्त स्राव में जोड़ों में खून के थक्के जम जाने के कारण उत्पन्न गठिया को एक्यूट और आर्थराइटिस कहते हैं।
इसके कारण कंधों में जकड़न वाली  मांसपेशियों में सूजन आ जाती है और कंधे से सभाविक रूप से हिलडुल नहीं पाते।
यह रोग ज्यादातर 50 की उम्र पार करने के बाद शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से कंधे घुटने और रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है क्योंकि जोड़ों का कार्टिलेज घिसने के बाद हड्डी घिसनी शुरू हो जाती है और किनारे धारदार हो जाते हैं ऐसी स्थिति में ध्यान रखना चाहिए कि बहुत जयादा ना चले और हल्का सा व्यायाम करें। यह रोग होने घेरेलू  सामग्रियों का नियम पूर्वक सेवन करें।। यह समस्या होने शल्यक्रिया ज्यादा प्रभाव कारी मानी जाती है ।
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आयुर्वेद के अनुसार शरीर में यूरिक अम्ल की मात्रा कम करने का प्रयास करते हैं , ऐसे में  मादक पदार्थ तथा मांसाहार इस रोग की उत्पत्ति के लिए  प्रमुख रूप से सहायक होते हैं।  अगर आप भी इन चीजों का सेवन करते हैं तो इन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए और शाकाहार और तनाव रहित दिनचर्या बितानी चाहिए ।
कई बार यह गठीया बहुत ही गंभीर रूप ले लेता है आदमी इस समस्या के चलते हुए बेड पर आ जाता है। अगर आपको भी शुरुआती लक्षण नजर आ रहे हैं तो इसको नजरअंदाज ना करें या तो आप घरेलू उपाय करें या फिर अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह करें


गठिया रोग के लिए  घेरेलू उपाय-

हल्दी (Turmeric)-
हल्दी गठिया रोग में अधिकतर उपयोग की जाने वाली औषधि है। इसमें मौजूद कुरकुमिन एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों की वजह से जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है।

गुग्गुल (Guggul)-
 गुग्गुल जोड़ों की स्वास्थ्य सुधारता के लिए उपयोगी होता है। इसमें आंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-आर्थ्राइटिक गुण होते हैं जो गठिया रोग के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

आंवला (Indian Gooseberry)- आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करके गठिया रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

मेथी दाना (Fenugreek)
मेथी में उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। आप मेथी के दानों को गर्म पानी में भिगोकर उन्हें पी सकते हैं, या इसे सब्जी और दाल में शामिल कर सकते हैं।

शलगम (Turnip)-
 शलगम में उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप शलगम को सब्जी और सलाद में शामिल कर सकते हैं।

जीरा (Cumin)-
 जीरा गठिया रोग में उपयोगी हो सकता है क्योंकि इसमें उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

अश्वगंधा (Ashwagandha)---
अश्वगंधा एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसमें विशेष गुण होते हैं जो शरीर की संतुलन बनाए रखने और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

अजवाइन (Carom seeds)-
 अजवाइन में उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। आप अजवाइन को भूनकर पाउडर बना सकते हैं और इसे गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।

गीलोय (Giloy)-
 गीलोय एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जिसमें विशेष गुण होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके गठिया रोग के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

लहुसन का सेेेवन-
गठिया रोग होने पर अपने खाने में लहसुन की मात्रा अधिक बढ़ा दे या फिर लहसुन को आप दूध में उबालकर भी पी सकते हो, यह एक बहुत ही प्रभाव कारी औषधि है गठिया के लिए।


गठिया रोग के लक्षण- 
गठिया रोग के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सुजन, स्थिरता और गतिशीलता की कमी शामिल हो सकती है।

• यह रोग आमतौर पर अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता है, लेकिन कई बार युवा भी प्रभावित हो सकते हैं।

गठिया रोग होने पर क्या ना खाएं-
 अगर आप भी गठिया रोग के शिकार हैं 
तो इ न चीजों का सेवन न करे।
चावल, आलू, गोभी, मूली,  चना, केला टमाटर, दही, और प्रकार के वायु कारक पदार्थ का सेवन बंद कर दें क्योंकी यह सब वात रोग को बढावा देते है।
इस प्रकार आप घर बैठे या छोटे-छोटे उपाय करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं पर अगर आपकी समस्या बहुत ज्यादा गंभीर हैं तो ऐसे में अपने नजदीकी डॉक्टर की सलाह अवश्य करें
Posted by kiran

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