ओवरथिंकिंग से कैसे बचें!
अधिक सोचने या अधिक सोचने के चलते होने वाली समस्या को "ओवरथिंकिंग" कहा जाता है। यह मन की स्वाभाविक क्षमता है, लेकिन जब इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह चिंता, और तनाव का कारण बन सकता है। यदि आप ओवरथिंकिंग से बचना चाहते हैं, तो यह कुछ उपाय आपकी मदद कर सकते हैं.
Over thinking एक समस्या है अगर इसको समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो यह तनाव जैसी भयंकर बीमारी का रूप धारण कर लेती है अगर आप भी इस तरह की समस्या से परेशान हैं तो इन टिप्स को अपनाकर अपनी और थिंकिंग को रोक सकते हैं
• ध्यान केंद्रित करें: ----
जब आपका मन अत्यधिक सोचने की ओर जा रहा हो, तो अपने मन को ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। मानसिक ध्यान या मेडिटेशन तकनीकें, प्राणायाम, योग, या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकें आपको मदद कर सकती हैं। यह सब विधी शांति देने में सक्षम होती है।
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Over thinking के लक्षण-
Over thinking के लक्षण-
जब आप किसी बात को लेकर बार-बार सोचते हैं और अपने उसी सोच के कारण घर में लड़ाई झगड़ा करते रहते हो तो यह औवर थिंकिंग के लक्षणों में से एक में लक्षण है। बार-बार एक ही बात पर अडे रहना और यह सब लक्षण
Overthinking लक्षणों में से आता है. कोई भी विचार बार-बार मन में आ रहा है और आप उसके चाह कर भी हटा नहीं पा रहे हैं तो यह भी over thinking की समस्या हो सकती हैं.
अगर आप भी इस तरह की समस्या से ग्रस्त हैं जो सबसे पहले आप अकेला रहना बंद करें जितना हो सके दोस्तों में और अपने परिवार के साथ समय बिताएं.
• शारीरिक गतिविधियां करें: ---
शारीरिक गतिविधियों में निरंतर रहना ओवरथिंकिंग को कम करने में मदद कर सकता है। योग, चलना, दौड़ना, स्विमिंग, या किसी अन्य व्यायाम को नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह आपके मन को स्थिर रखने और सक्रिय बनाने में मदद करेगा।
• सामान्य नियमितता बनाएं:----
• सामान्य नियमितता बनाएं:----
जीवन में एक नियमित और स्थिर दिनचर्या बनाएं। समय के साथ, यह आपके मन को सूखी और अस्पष्ट सोचने के स्थान पर विश्राम और स्थिरता प्रदान करेगा। दिन के लिए सामान्य कार्यक्रम, निद्रा का समय, आहार का समय, और आवश्यक सामाजिक संपर्कों को नियमित रूप से अपनाएं।
• सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें:----
• सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें:----
सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा सोचना और उसमें विस्तारित समय बिताना ओवरथिंकिंग को बढ़ा सकता है। अपने सोशल मीडिया का समय सीमित करें और उन ऐप्स या साइट्स को अपने फोन या कंप्यूटर से हटा दें जो आपको अत्यधिक सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
• स्वस्थ मनोविज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करें: ----
• स्वस्थ मनोविज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करें: ----
ध्यान, संज्ञान और प्रतिभान जैसी स्वस्थ मनोविज्ञानिक तकनीकों को अपनाएं। इन तकनीकों का उपयोग करके आप अपने दिमाग को संतुलित रख सकते हैं, तनाव को कम कर सकते हैं, और एक प्रतिस्पर्धी और सक्रिय मानसिक स्थिति में रह सकते हैं।
• सही संदेह और विचारों को मान्यता दें:-- ओवरथिंकिंग का कारण अक्सर हमारे दिमाग में उत्पन्न होने वाले संदेह और नकारात्मक विचार होते हैं। प्रयास करें कि आप ऐसे संदेहात्मक विचारों को मान्यता न दें और उन्हें सकारात्मक और आपातकालीन विचारों से बदलें।
• सही साथियों से सहायता लें:----
• सही संदेह और विचारों को मान्यता दें:-- ओवरथिंकिंग का कारण अक्सर हमारे दिमाग में उत्पन्न होने वाले संदेह और नकारात्मक विचार होते हैं। प्रयास करें कि आप ऐसे संदेहात्मक विचारों को मान्यता न दें और उन्हें सकारात्मक और आपातकालीन विचारों से बदलें।
• सही साथियों से सहायता लें:----
अगर ओवरथिंकिंग आपके लिए समस्या बन रही है, तो अपने परिवार या मित्रों से सहायता मांगें। उनसे अपनी बातें साझा करें और संदेहों या चिंताओं को उन्हें समझाएं। एक सही समर्थन प्राप्त करने से आपको मानसिक सुख और समता की प्राप्ति हो सकती है।
याद रखें, इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने के साथ-साथ सब्र और स्वाध्याय की आवश्यकता होती है। धीरे-धीरे, आप ओवरथिंकिंग को कम करने और अपने मन को शांत, स्थिर, और सक्रिय बनाने में सफल होंगे।
याद रखें, इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने के साथ-साथ सब्र और स्वाध्याय की आवश्यकता होती है। धीरे-धीरे, आप ओवरथिंकिंग को कम करने और अपने मन को शांत, स्थिर, और सक्रिय बनाने में सफल होंगे।
अगर यह सब कुछ करने के बाद भी समस्या से नहीं निकल पा रहे हैं और आपके थॉट्स के कारण आपके जीवन में आपके रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है तो ऐसे में किसी एक्सपर्ट की मदद लेना बहुत जरूरी हो जाता है, ताकि आपको एक्सपर्ट इस स्थिति से बाहर निकाल सकें । हो सकता है इसके लिए आपको एक्सपर्ट दवाई भी दे सकते हैं इसलिए अगर आपकी समस्या गंभीर है तो अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह जरूर ले।
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