भारतीय मुद्रा के बारे में रोचक तथ्य ( unknown facts about Indian currency)भारतीय नोटों के बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य जो आपने पहले नहीं सुने होंगे पैसा हर किसी को पसंद होता है छोटा हो या बड़ा सबसे ज्यादा अगर रोटी के बाद किसी चीज की चाहत होती है, वह होती है इंसान की बहुत ज्यादा धनवान बनने की क्योंकि हम सबका जीवन चलाने के लिए पैसे की भी जरूरत पड़ती है. पैसे के बिना जिंदगी जीना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है।
प्रतिदिन पैसा कमाने के लिए लोग अपना घर छोडकर पैसा कमाने के लिए काम करते हैं। हर व्यक्ति सुबह उठकर जो भी उसका काम होता है वह पैसे कमाने के लिए ही अपने काम की शुरुआत करते हैं। एक कहावत के अनुसार लोग कहते हैं पैसा सब कुछ नहीं है पर कभी-कभी लगता है पैसा खुदा से कम भी नही है। राजा भृतहरि के अनुसार पैसा अगर ईश्वर नहीं है तो उसका छोटा भाई या रिशतेदार तो जरूर है।
धन के देवता कौन है-
पैसा कमाने के लोग के लिए लोग कई प्रकार के पूजा-पाठ और तंत्र, मंत्र का प्रयोग करते हैं मां लक्ष्मी और कुबेर को धन के देवी देवता माना जाता है, क्योंकि लोग अपने भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करके अपार संपत्ति के मालिक बनना चाहते हैं। समाज में बिना पैसे वाले व्यक्ति की स्थिति बड़ी ही दयनीय मानी जाती है किसी व्यक्ति की हैसियत पैसै से निर्धारित होती है। पैसा उसके सपनों को पंख देता है और पैसे से इंसान अपनी हर तरह की इच्छा को पूरा कर सकता है चाहे वह दान देने की हो या फिर घर पर जरूरत के समान की हो।
दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसने कभी पैसा नहीं देखा है। हम सब भी पैसा देखते हैं भी है और उसका जरूरत की चीजों को खरीदने के लिए इस्तेमाल भी करते हैं, पर इस पर कभी गौर नहीं करते कि उसके ऊपर छपी हुई हर बात का मूल्य संख्या क्या प्रभाव है और क्यों लिखा होता है। भारतीय मुद्रा के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत ही हैरान करने वाले हैं।
Unknown facts about Indian currency-
• भारतीय मुद्रा का सबसे पहले शुरुआत छठी सदी पूर्व में हुआ था। पुरातत्व विभाग में कई तरह के पुराने सिक्के मिलते हैं जो चंद्रगुप्त मौर्य, सातवाहन और समुद्रगुप्त आदि के शासनकाल के माने जाते हैं।
• मुगल काल से ही एक सही और सही मुद्रा व्यवस्था का चलन शुरू हुआ था पहले इसके अन्य नाम होते थे। संस्कृत शब्द से ही निकला रुपया नाम जो अब स्थाई नाम ग्रहण कर लिया गया। अभी भी बहुत से लोग इसको रूपा के नाम से जानते हैं इससे पहले पण और कोड़ी के नामों से भी अलंकृत किया गया था ।
•शेरशाह सूरी के शासनकाल से सबसे पहले रुपए का चलन शुरू हुआ था। शुरू में सिक्के चांदी के होते थे।
• पहली भारतीय मुद्रा- भारतीय रुपया की पहली मुद्रा 1540 में मुग़ल सम्राट हुमायूँ द्वारा चालीस रुपये की मुद्रा की गई थी।
• सिक्के की उत्पत्ति कैसे हुई
भारत में सिक्के का उद्गम गुप्तकाल के दौरान हुआ था। पहले तो सोने के सिक्के उत्पादित किए जाते थे, बाद में चांदी के सिक्के भी बनाए जाने लगे।
• अंग्रेजी मुद्रा का प्रभाव: 1835 में अंग्रेजों द्वारा "रूपी" शब्द का उपयोग करने का निर्णय लिया गया था। इससे पहले भारतीय मुद्रा को "मोहर" कहा जाता था।
• 1861 में सबसे पहले कागज के नोटों का प्रयोग में आए थे उससे पहले यह काफी भारी होते थे जो एक स्थान से दूसरी जगह ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता फिर बाद में इनको कागज करो धारण करके काफी हल्का और सुगम कर दिया गया था।
•भारतीय रिजर्व बैंक ने सन् 1938 से नोटों का उत्पादन शुरू किया था इस समय भारतीय रिजर्व बैंक भारत में मुद्रा जारी करने का और प्रबंधन का काम करता है
•जयादातर लोग यही सोचते हैं कि यह नोट कागज के बने होते हैं लेकिन यह सही नहीं है असल में नोट कोटन और कोटन रग के मिश्रण से बने होते हैं और यही कारण है कि नोट भीगने पर भी गलते नहीं है।
•आप अभी भी भारत और नेपाल रुपए से कुछ भी खरीद सकते हैं मगर 500 और 2000 के नोट पर नेपाल में भारतीय नोट पर बैन है, लेकिन अब यह भारत में भी बंद कर दिए गए हैं।
•भारत में पहले 5 और 10000 के नोट भी चला करते थे जिन्हें बाद में 1938 में बंद कर दिया गया फिर इसे 1954 में शुरू किया और बाद में 1974 में दोबारा बंद कर दिया गया।
•भारत के आजादी के बाद पहले सिक्के तांबे के बनते थे फिर उसके बाद 1964 में एलमुनियम के बने और 1988 में स्टैनलैस स्टील के बनने शुरू हुए।
•आजादी के बाद लंबे समय तक पाकिस्तान भारतीय नोटों का इस्तेमाल करता रहा जब तक उनके पास अपनी मोहर नहीं थी।
•1 का नोट वित्त मंत्रालय जारी करता है जिस पर वित्त मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर होते हैं
• अद्यतित निर्गमन- 2016 में नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा 500 रुपये और 1,000 रुपये की पुरानी नोटों को निलंबित कर नई 500 रुपये और 2,000 रुपये की नोटें जारी की गईं।
• महात्मा गांधी की तस्वीर वाले नोट सन 1996 से लागू किया गया है वर्तमान में गांधीजी वाले 5 ,10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के नोट पर गांधी जी की तस्वीर है।
• महात्मा गांधी की नोटों पर छपने वाली तस्वीर तब खींची गई थी जब गांधीजी तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश secretary के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पैथिक लोरेंस के साथ कोलकाता में वायसराय हाऊस में मुलाकात करने गए थे यह फोटो 1996 से शुरू हुई थी इससे पहले महात्मा गांधी जी की जगह अशोक स्तंभ छापा जाता था।
• 500 का पहला 1987 मैं और 1000 का पहला नोट सन 2000 में बनाया गया था
• अद्यतन बैंकनोट्स-
2018 में भारतीय मुद्रा प्राधिकरण (RBI) द्वारा नई 10 रुपये और 100 रुपये की नोटें जारी की गईं।
• अविष्कृत टेक्नोलॉजी-
नई 500 रुपये और 2,000 रुपये की नोटों में सुरक्षा और खास पहचान के लिए मशीनी रूप से पहचान लेने वाली तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें चिप और अन्य सुरक्षा तंत्र होते हैं।
•नोटों पर सीरियल नंबर इसलिए डाला जाता है ताकि रिजर्व बैंक को पता रहे कि इस समय बाजार में कितनी currency है.
•सिक्कों की बनाई मुंबई, नोएडा और हैदराबाद में सिर्फ 4 टकसालो में कि जाती हैं।
• खास चिप कया है-
भारतीय मुद्रा में नए नोटों में एक खास चिप भी होता है जिसे 'रेड कीमत नोट' या 'जीएसटी-चिप' कहा जाता है। यह चिप सिक्योरिटी फ़ीचर के रूप में इंटीग्रेट किया गया है और नकली नोटों की पहचान करने में मदद करता है।
• रूपये के रंगो का महत्व-
भारतीय मुद्रा के नोटों में विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है जो विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक विविधताओं को प्रतिष्ठित करता है। इसके साथ ही, हर नोट पर एक विभिन्न महापुरुष की चित्रित जाती है, जो राष्ट्रीय गर्व और महत्व को दर्शाता है।
• सरकारी मुद्रालय-
भारतीय मुद्रा का उत्पादन भारतीय सरकारी मुद्रालयों द्वारा किया जाता है। भारतीय मुद्रालयों की मुख्य शाखाएं नासिक (महाराष्ट्र), देवास (मध्य प्रदेश), मुंबई (महाराष्ट्र), नगरकोविल (केरला), सल्बोग (कर्नाटक), और मिंटों की शाखाएं होती हैं।
•वर्तमान समय में भारतीय मुद्रा की सबसे छोटी इकाई 50 पैसे का सिक्का है।
•भारतीय नोटों पर कुल 17 भाषाएं लिखी होती हैं हिंदी और इंग्लिश तो आपको सामने दिखाई देती हैं लेकिन पीछे 15 और भाषाएं होती हैं। वह भाषाएं नीचे हैं ऊपर से नीचे इनका क्रम इस प्रकार है- असमिया, बंगला, गुजराती ,कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी मलयालम, मराठी ,नेपाली उड़िया, पंजाबी संस्कृत ,तमिल ,तेलुगू और उर्दू।
• 2010 में भारतीय रुपए का प्रतीक अपनाया गया जो डी उदय कुमार ने बनाया था इस प्रतीक को बनाने में लेटीन अक्सर आर और देवनागरी र अक्षर का उपयोग हुआ था जिसमें 2 लाइनों से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रतिनिधि होता है।
•सुरक्षा कारण की वजह से आप के नोट के सीरियल नंबर में I, J, O, X, Y, Z नहीं मिलेंगे।
•सभी नोटों में भारतीय की छवि को दिखाने का प्रयास किया गया जैसे कि ₹20 में अण्डेमान निकोबार की छवि अंकित है, वही 10 के नोट में हाथी, गैंडा और शेर छपा हुआ है।
•मैं अदा करने का वचन देता हूं एक बात का अर्थ क्या है ?
•भारतीय रिजर्व बैंक, बैंक नोट का मूल्य अदा करने के लिए जिम्मेदार हैं, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मांग पर यह अदायगी बैंक नोट जारीकर्ता होने के नाते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक पर बैंक नोट के मूल्य की अदायगी का यह दायित्व किसी संविदा के कारण नहीं अपितु सांविधिक प्रावधानों के कारण हैं।
• नोटों के प्रति जनता को यह अनुरोध किया जाता है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि बैंक के नोटों को स्टेपल ना करें
• किसी भी नोट पर कुछ ना लिखें और रबड़ की मोहर अथवा अन्य कोई चिज ना लगाएं।
• नोटों का इस्तेमाल माला बनाने, खिलौने बनाने, पंडालों या पूजा स्थलों को सजाने समाजिक कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के व्यक्तियों को दर्शाने के लिए प्रयोग ना किया जाए।
*नकली नोटों से बचने के लिए सावधानियां -
RBI द्वारा भारतीय नोटों को सुरक्षा की दृष्टि से बेहद गोपनीय रखा जाता है ताकि इसकी नकल ना की जा सके पर फिर भी कभी-कभी नकली नोट बाजार में आ जाते हैं . जिन्हें रोकने के लिए समय-समय पर बहुत सारे फेरबदल किए जाते रहे हैं.
• इसमें प्रयुक्त होने वाली स्याही, वाटर मार्क, सुरक्षात्मक धागा, गुप्त चिन्ह, फ्लोरोसेंट आदि के माध्यम से इसे मजबूत बनाया जाता है। सन 2005 में नोटो प ईसवी भी अंकित किया जाने लगा है।
•फिर भी अभी अनुमानित इस समय भारत में 400 करोड रुपए के नकली नोट हैं।
Note -
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