शिवलिंग कया है | शिवलिंग की पुजा कैसे करें | घर में कौन से शिवलिंग की सथापना करें

Tittle- घर में कितने बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए। क्या घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए? आज हम आपको इसलिए लेख के माध्यम से बताना चाहते हैं कि घर में किस साइज का शिवलिंग रखना चाहिए क्योंकि हर इंसान प्रतिदिन किसी न किसी भगवान की पूजा अवश्य करता है पर कुछ बातों को लेकर इंसान उलझा रहता है और हम सब इंटरनेट के माध्यम से  सर्च करने में लगे रहते हैं। पकृति की असली सच्चाई तो यह है कि भगवान तो हमारे भाव के भूखे हैं ना कि दिखावे के, पर फिर भी हमारे मन में दुविधा बनी रहती है ।आज हम आपके इस दुविधा को दूर करना चाहते हैं ।


अगर आप भी भगवान शिव के भक्त हैं तो आपको अपने घर में किस साइज का शिवलिंग रखना चाहिए ।

भगवान शिव देवों के देव महादेव कहलाए जाते हैं और अपने भक्तों की हर तरह की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उनसे खुश होकर उनको आशीर्वाद भी देते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करते हैं तो आपको कभी निराश नहीं करेंगे क्योंकि वह अपने भक्तों को दुखी नहीं देख सकते। कुछ लोग अपने घर में शिव की पूजा करते हैं। अगर आप भी शिव की पूजा करते हैं और उसके बारे में पूरी विधि जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े  तो आइए जानते हैं विस्तार से शिवलिंग की पूजा किस प्रकार करें और किस साइज का शिवलिंग अपने घर में रखना चाहिए।

घर में शिवलिंग रखने के नियम और कितना बड़ा रखना चाहिए -
शिव पुराण में शिवलिंग की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है। यदि आप प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा करते हैं तो भगवान बहुत जल्दी खुश होते हैं और आपको मनोकामना पूरी करते हैं पर उनके नियम नहीं जानते और ऐसे में सुख की जगह में दुख प्राप्त करते हैं। जिनके बारे में अक्सर लोगों को जानकारी नहीं अगर आप भी शिवलिंग से संबंधित इन नियमों का ध्यान रखना नहीं रखते तो इससे आपको परेशानी बढ़ सकती है।

* कभी भी घर में बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए इसका आकार हमेशा अंगूठे के आकार से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।

* यदि आप घर में शिवलिंग रखना चाह रहे हैं तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाये बल्कि नियमित रूप से उसकी पूजा और जल या दुध से  अभिषेक जरूर करें।

* हमारे धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है कि घर में एक से अधिक शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। अगर आपके घर में एक से अधिक शिवलिंग है तो अपने नजदीकी किसी पंडित की सलाह लेकर या तो उसे किसी मंदिर में रखवा दे या फिर जल में प्रभाव कर दें।


* शिवलिंग घर में रखते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें जब आप घर में शिवलिंग रखते हो तो उसकी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए एक शुद्ध बर्तन में जल भरकर उसमें शिवलिंग को स्थापित करें और उसकी नियमित रूप से अभिषेक करें।

* आप घर में धातु से बने हुए शिवलिंग रख सकते हो, यदि आप धातु से बना हुआ शिवलिंग घर में रखना चाहते हैं तो पारद शिवलिंग, चांदी या तांबे से बना होना चाहिए और इस पर एक नाग भी लिपटा हुआ  होना चाहिए। 

* नर्मदेश्वर शिवलिंग -


यह नर्मदा नदी के पत्थर से बना हुआ शिवलिंग काफी शुभ माना जाता है। इसे नर्मदेश्वर के नाम से जाना जाता है। इसको आप घर में रख सकते हो जिसका साइज सिर्फ अंगूठे के आकार का होना चाहिए।

* जब आप घर में शिवलिंग रखते हो तो अपने मंदिर की उसके आसपास शिव के परिवार की फोटो भी अवश्य लगनी चाहिए शिवलिंग को कभी भी अकेला नहीं रखा जा सकता।

* शिव की कोई भी तस्वीर हो या फिर शिवलिंग हो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि उनको कभी भी तुलसी, सिंदूर और केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।

* घर में शिवलिंग की पूजा के स्थान पर ही रखना चाहिए किसी भी व्यक्ति को अपने सयन कक्ष में शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए, साथ में इसे खुले स्थान पर रखना अधिक उचित माना जाता है ,क्योंकि इसमें से सकारात्मक असर पूरे घर पर पड़ता है, ऐसा माना जाता है की शिवलिंग से हर वक्त ऊर्जा का संचार होता है इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए इससे ऊर्जा शांत होती है।

* घर में शिव की पूजा कैसे करें—

सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा के स्थान पर एक चौकी पर भगवान शिव की प्रतिमा और साथ में माता पार्वती की प्रतिमा होनी बहुत जरूरी है। उसके पश्चात शिवजी को जल से अभिषेक करें जल से अभिषेक करने के बाद जो आपकी  भांग ,धूतरा ,चंदन, बेल पत्र आदि शिव को अर्पित करें। शिव को जल का अभिषेक करने के बाद माता पार्वती ,नंदी को भी दूध और गंगाजल से अर्पित करें। शिव को जल का अभिषेक करने के बाद मां पार्वती नंदी को भी दूध का भोग लगाये इसके पश्चात अगर आपके पास समय है तो ओम नमः शिवाय का जप जरुर करें।

* शिवलिंग की स्थापना कैसे करें-

अगर आप भी अपने घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं तो सबसे पहले किसी अच्छे पंडित से इसके बारे में पूरी विधि जान ले तभी आप घर में शिवलिंग की स्थापना करें। शिवलिंग की स्थापना करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखें की शिवलिंग को हमेशा एकांत जगह पर स्थापित करें ।जहां लोगों को आना-जाना काम हो सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल या दूध से स्नान करें उसके बाद शिवलिंग की स्थापना किसी चौकी पर करें। शिवलिंग की स्थापना करने के बाद उसे पर जल अर्पित करें और उसके बाद उनके मनपसंद भोग  और बेलपत्र आदि समर्पित करें। यह सब क्रिया पूरी होने के बाद शिवलिंग की स्थापना पूर्ण हो जाएगी और आप अब शिवलिंग की प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा करें और उनको अगर जल नहीं चढ़ा सकते जल का स्पर्श अवश्य करें। 

* घर में किस प्रकार का शिवलिंग रखना चाहिए—

अगर आप भी अपने घर में शिवलिंग रखने की इच्छा रखते हैं तो इसके पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए की शिवलिंग की लंबाई सबसे ज्यादा अधिक नहीं होनी चाहिए केवल अंगूठे के बराबर का ही होना चाहिए ।

*पारद शिवलिंग----


आप अपने घर में पारद शिवलिंग, सेप्टिक शिवलिंग या नर्मेंदेश्वर शिवलिंग रख सकते हैं । यह सब बहुत आसानी से आपको धार्मिक पुस्तकों वाली दुकान से मिल जाएंगे।

* शिवलिंग को किस दिन खरीदना चाहिए -

शिवलिंग को खरीदने के लिए वैसे तो किसी दिन भी खरीद सकते हैं, क्योंकि यह सब दिन भगवान को समर्पित है पर अगर आप बहुत ज्यादा शुभ मुहूर्त के विषय में जानना चाहते हैं सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है। इसलिए भगवान शिव को सोमवार के दिन ही खरीदना अति शुभ माना गया है घर में एक से अधिक शिवलिंग नहीं रखना चाहिए ।


*शिवलिंग का मुख किस दिशा में होना चाहिए-

शिवलिंग का मुख उत्तर दिशा में रखना अति शुभ माना जाता है जब भी आप शिवलिंग की स्थापना करें तो शिवलिंग का मुख उत्तर दिशा में रखें।

* शिवलिंग का अर्थ क्या है-

शिवलिंग का अर्थ निकालना एक इंसान के बस से बाहर है पर कुछ सनातन विरोधी लोगों ने भगवान शिवलिंग को लिंग बताकर बदनाम करने की कोशिश की है।

 शिवलिंग उर्जा का प्रतिक  होता है शिवलिंग यानी ब्रह्मांड में दो ही चीजे हैं ।

एक ऊर्जा और दुसरा पदार्थ। हमारा शरीर पदार्थ है जबकि आत्मा ऊर्जा है इसी तरह से शिव पदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बनकर शिवलिंग कहा जाता है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग की उत्पत्ति के बारे में यह बताया गया है कि  शिवलिंग को अग्नि स्तंभ भी कहा गया है। जबकि स्कंद पुराण में आकाश को शिवलिंग कहा गया है।

प्राचीन काल से भगवान शिव की पूजा होती आ रही हैं सभी सिंधु घाटी सभ्यता के लोग भी शिवलिंग की पूजा की प्रमाण मिलते हैं तो कितनी हजार से 4000 वर्ष पहले भी शिवलिंग की पूजा सिंधु हड़प्पा के समय में भी लोग करते थे। दुनिया के कई देशों में खुदाई के समय प्राचीन शिवलिंग मिले हैं शिवलिंग को धरती का सबसे पुराना प्रतिमा साबित होती हैं।

निष्कर्ष-

आखिर में यही  निष्कर्ष निकलता है कि हम सब किसी भी भगवान की पूजा करे पर पूजा करते समय हमारे तन और मन दोनों की शुद्ध होना बहुत जरूरी है, क्योंकि भगवान हमारे किसी दिखावे की नहीं बल्कि भाव को समझते हैं ।

शिव सत्य है, अनंत है जिसकी कोई सीमा नहीं है। इसलिए आप उसे किसी भी रूप में पूज सकते हो वह अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं कर सकते। शिव से बड़ा कोई देवता नहीं है। वह सृष्टि के पालनहार , जगकर्ता और दुख हरता है। शिव को देवों के देव महादेव भी कहा जाता है इसलिए आप भगवान शिव को किसी भी रूप में पूजा कर सकते हैं।




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