नवरात्रि व्रत कैसे करें || व्रत का सही अर्थ क्या है | बुराईयों को दुर करने के सकंलप कैसे ले|


Tittle -व्रत का सही अर्थ कया है-
आज से 15 oct 2023 से मां दुर्गा के नवरात्रि शुरू हो गए हैं। बहुत सारे लोग मां दुर्गा के व्रत रखते हैं, पर वह व्रत रखने के साथ-साथ व्रत का अर्थ क्या है,  इस बात को नहीं समझते। आईए जानते हैं विस्तार से अगर आप भी नवरात्रि के व्रत रखते हैं तो व्रत का अर्थ क्या है,  संकल्प कैसे ले और किस प्रकार व्रत के दिनों में खुद पर नियंत्रण रखे और किन चीजों से हम व्रत के इन दिनों में खुद को दूर रखें, क्योंकि एक इंसान ही अच्छा और बुरा सोचने की शक्ति रख सकता है। इंसान के अंदर बुराइयां भी हैं और अच्छाइयां भी इसलिए अगर आप व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें सबसे पहले अपनी बुराइयों को दूर करने का संकल्प लें।

 नवरात्रि व्रत का महत्व क्या है -
केवल भोजन का त्याग करना व्रत नहीं है । सही अर्थ तो बुरी आदतों को त्यागने का संकल्प लेना व्रत है । इसलिए बुरी आदतों, नशे की लत,  चुुगली करना, मानसिक बुराईयों से दूर रहकर व्रत कहलाता है
इस नये युग मोबाइल की दुनिया में सबसे कठिन काम यदि कोई है तो मोबाइल और इंटरनेट की  दुनिया से दूर रहना , क्योंकि सुबह उठते ही सबसे पहले हम अपना फोन उठाते है और फिर दिन में सौ - डेढ़ सौ बार उस पर न जाने कया कया देखते है।
इस तरह हर दिन कई घंटे व्यर्थ हो जाते हैं , ध्यान भंग होता है और नैगटीवीटी बढती है सो अलग । इसका सीधा प्रभाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है । तो इस नवरात्र अपने संकल्प और मनोबल को जुटाइए और मोबाइल फोन , इंटरनेट , सोशल मीडिया से यथाशक्ति दूर रहने का व्रत कीजिए ।
यह व्रत ऐसा रखें कि आपके दफ्तरी और व्यावसायिक काम पर असर न पड़े । आप अपने कामकाज के अनुसार कुछ सीमाओं और नियमों का पालन करने का संकल्प कर सकते हैं । जारी रख सकते हैं ।

*परिवार को सहयोग दें-
नवरात्र के नौ दिनों में रात का खाना पूरा परिवार एक साथ खाए ताकि परिजन एक - दूसरे से बात कर सकें और अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करे, खुद की बात भी शेयर करें और परिवार की भी सुने। यदि कोई समस्या है तो उसे सुलझाने में एक - दूसरे की मदद करें , ना कि इंटरनेट की मदद लें। मोबाइल पर विभिन्न सोशल मीडिया एप्स के नोटिफिकेशंस हमें किसी भी काम में एकाग्र नहीं होने देते , क्योंकि जब भी कोई नोटिफिकेशन आता है , हम काम बीच में ही छोड़कर उसे देखने में लग जाते हैं । आप नियम बनाएं कि काम के वक़्त नोटिफिकेशन बंद रखेंगे , ताकि आपकी एकाग्रता ना टूटे और काम कुशलतापूर्वक पूरा हो ।
दिनभर की भागदौड़ के बाद या छुट्टी के दिन जब भी हमको समय मिलता है , उसे मोबाइल , टीवी और इंटरनेट पर गंवा देते हैं । इस लत ने हम सभी को आलसी बना दिया । आलस को दूर करने के लिए मोबाइल टीवी पर ' गेम्स ' खेलने के बजाय घर के बाहर खेलने जाएं , दौड़ - भाग करें , सैर करें या साइकल चलाएं ।  
आजकल लोग खाना मोबाइल या टीवी के सामने बैठकर खाते हैं । इस चक्कर में बेवक्त और आवश्यकता से अधिक भी खा जाते हैं । इसके अलावा , मोबाइल टीवी देखते हुए जंक फूड खाने की इच्छा ज्यादा होती है । इसका शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है । और बहुत से लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं । इससे बचने के लिए खाना खाते समय डिजिटल स्क्रीन से दूरी का नियम बनाएं ।
शारीरिक श्रम करें-
इस दौर में दिनभर की भाग - दौड़ के बाद रात में ही कुछ समय खाली मिलता है और बस हम अपना मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं और फिर स्क्रॉल करते हुए समय का पता ही नहीं चलता और सोने में अक्सर देर हो जाती है । नतीजतन सुबह समय पर उठने में परेशानी का सामना करना पड़ता है , जिसके कारण हम दिनभर ऊर्जा में कमी महसूस होती

Social media से दूरी कैसे बनायें -
फेसबुक , youtube , वॉट्सएप , इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है । बिना सोचे - समझे नकारात्मक पोस्ट भेजना , अंधविश्वास और गलत जानकारियों से भरी पोस्ट पर भरोसा कर लेना , अपनी दिनचर्या से जुड़ी छोटी छोटी बातें , वीडियो , फोटो आदि शेयर करते रहना बहुतों की आदत में शामिल हो गया है । इसके मानसिक और सामाजिक दुष्परिणाम दिख रहे हैं । शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है, इसलिए  आप संकल्प लें कि बिना सोचे - विचारे , बिना पढ़े कुछ भी पोस्ट या शेयर नहीं करेंगे । विद्वेषपूर्ण , भ्रामक सामग्री , तुरंत उपचार , चमत्कारिक उपाय जैसी पोस्ट किसी को न शेयर करें  ।
* Social media का असर-
चमकीली स्क्रीन के सामने लंबे समय तक रहने के कारण आंखों में नमी कम हो जाती है , जिसके चलते कई समस्याएं आती हैं , जैसे- आंखों में रूखापन , जलन , लालिमा , पानी आना , सिरदर्द आदि । इसलिए स्क्रीन टाइम को कम करें । इसके लिए एप्स की मदद लें । ये एप्स आपके फोन ,लैपटॉप पर बिताए समय को ट्रैक करते हैं और तय वक्त से ज्यादा होने पर आपको अलर्ट भेजना शुरू कर देते हैं । नवरात्र के नौ दिनों में ये नियम बनाये दुनिया से बाहर आने और असली दुनिया से जुड़ने में मदद करेंगे ।
जिस प्रकार  अन्य व्रत - उपवास ,पोजटीव  ऊर्जा , आत्मविश्वास , संयम , संकल्प - शक्ति आदि में बढ़ोतरी महसूस करते हैं , वैसे ही इस व्रत के अच्छे परिणामों को अपने तन - मन और जीवन में देख पाएंगे ।

इस प्रकार आप अपने दिनचर्या को बदलें और बुरी आदतों और कुछ लताओं को छोड़ने का व्रत भी जरूर करें व्रत का अर्थ केवल भोजन का त्याग करना नहीं होता अपने मन को दूर रखने का भी होता है अगर आप इस प्रकार कोशिश करोगे तो आप अपने अंदर एक पोजटीव उर्जा  को महसूस करोगे और खुद के अंदर एक अलग  बदलाव महसूस करोगे। 

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