बच्चों को कैसे पढाये | अगर पढ़ाई में मन नहीं लगता तो कया करें |

Tittle- पढाई में मन कैसे लगायें- पढ़ाई हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। पढ़ाई के बिना इंसान किसी पशु से कम नहीं है। पढ़ाई हम सबके लिए एक ऐसी दौलत है जिसका कोई भी बंटवारा नहीं करवा सकता। पढ़ाई के बिना हम अधूरे है और  जीवन में कुछ करने लायक नहीं होते,  क्योंकि आज के समय में प्रत्येक क्षेत्र में पढ़ाई का होना बहुत जरूरी है। दुनिया के हर क्षेत्र में पढ़े-लिखी व्यक्ति की जरूरत होती है ,इसलिए पढ़ाई हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। आने वाले कल में व्यक्ति जितना जयादा  पढ़ा लिखा होगा उसका जीवन उतना अधिक सफल होगा। उसके जीवन में सफलता भी तभी होगी जब वह पहले पढ़ाई मन लगाकर करेगा। लेकिन कुछ लोग और बच्चे अक्सर यही कहते रहते कि मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करूं?  आपको बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है यदि आप थोड़ा सा मन पढ़ाई में लगाते हैं तो आपको जीवन में बहुत कुछ कर सकते हो ।इसलिए पढ़ना बहुत जरूरी है। आज हम आपके साथ इस लेख  के माध्यम से किस प्रकार पढ़ाई में मन लगे इस बात के लिए कुछ टिप्स शेयर करेंगे ।



 * पढने मे मन कैसे लगायें-

पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई करते रहने से एकरसता होना स्वाभाविक है । उस पर से कॉलेज - स्कूल , घर बाहर सबका दबाव भी लगातार  बना रहता है , ऐसे में कई बार प्रेरणा की जगह बच्चों  के  अन्दर गुस्सा भर जाता  है । ' क्या सिर्फ पढ़ते ही रहें ? ' यह सवाल दिमाग में चक्कर लगाने लगता है । लेकिन क्या किया जाए , सच यही है कि ढंग से पढ़ाई करके , कुछ बन जाने की उम्र निकल जाए , तो पछतावे के अलावा कुछ हाथ नहीं आता ।

इसकी बजाय  बड़ों से बहस करने से क्यों न भरपूर जोर लगाकर पढ़ लिया जाए ,तो चलिए , आपके सवाल पर ध्यान केंद्रित करते  हुए  आपकी समस्या को हल करते है। 

आप पढ़ने का उचित समय यानी जो आपको ठीक लगता हो , उसे चुनें ।


पढ़ने के लिए सही  जगह वो चुनें जहां रोशनी - हवा सब अच्छे से पहुचती हो । 

लगातार बैठने से भी मुश्किलें होती हैं । अगर लंबी बैठक कर रहे हों तो हर 55 मिनट के बाद पांच मिनट के लिए उठकर थोड़ा टहलें । 


 *पढाई से ध्यान भटकता क्यों है -

 क्या सोच में आता है या किसी के आने जाने से ऐसा होता है , तो इन बिंदुओं पर विचार करके , निदान कर लें ।

ध्यान केंद्रित करने के लिए दिमाग़ का व्यायाम भी जरूरी है । इसके लिए कुछ पहेलियां हल करें । सुडोकू या वर्ग पहेली हल करें । 

रंग अगर आपको भाते हैं , तो कुछ देर के लिए चित्रों में रंग भरें । 

बड़ों के लिए भी रंग भरने या मंडल बनाने की किताबें मिल जाती हैं , उनका उपयोग करें । 

इन गतिविधियों के लिए आधे घंटे का ही समय रखें । ऐसा करने से  एकदम हल्का  महसूस करेंगे पुनः फिर से पढ़ाई में जुट जाएं ।

* Social media से दूरी बनाए-

फोन , खासतौर पर सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें । इसमें परोसा जा रहा मनोरंजन लत की तरह है जो हमारे समय को बहुत बरबाद करता है । 

बहुत देर तक और पढ़ने से मन पूरी तरह उचट जाता है । फोन की नीली रोशनी पर ध्यान लगाए रखने से सुस्ती आने लगती है । पढ़ाई के दौरान जूस , सलाद , सूप जैसे स्वस्थ आहार लेते रहें । ये नींद को दूर रखेंगे , आपको ऊर्जावान व शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखेंगे ।


 अब आती है बात जो पढ़ा है , उसे भूल जाने की या याद न रख पाने की , तो इसके लिए लिखकर अभ्यास करने की सलाह दी जाती है । लिखने से तात्पर्य यह भी है कि पढ़ते समय नोट्स बना लें या चित्र बनाकर समझें या ग्राफ बनाकर देखें । पुराने प्रश्न पत्र हल करें ।

 खुद भी प्रश्न बनाकर देखें । अपने दोस्तों का एक ऑनलाइन ग्रुप बना लें । सब एक - दूसरे से प्रश्न पूछें और सवाल जवाब  साझा करें । 

अध्यापक समझाते हैं कि जो पढ़ा है , उसे अपने से छोटे या किसी जूनियर को समझाकर देखो । उसे पढ़ाओ , तो अपना पढ़ा अच्छी तरह याद हो जाएगा ।

 *पढ़ने के लिए प्रेरणा कहां से लें-

रहा सवाल प्रेरणा का , तो स्व - प्रेरणा सबसे कारगर होती है । किसी और की सफलता अच्छी ख़बर हो सकती है , लेकिन प्रेरित तो आपको खुद ही करना होगा क्योंकि तुलना करना न तो अच्छा है , न ही संभव । कोई दो लोग एक जैसे नहीं हो सकते । ख़ुद को प्रेरित करने के लिए रोज के छोटे - छोटे लक्ष्य बनाकर चलो। उन्हें पूरा करके ख़ुशी व प्रेरणा दोनों पाए जा सकते हैं ।


 अपने रोज के तय किए अध्याय को डायरी या कैलेंडर पर मार्क कर लें । पूरी तरह से , पक्के तौर पर याद हो जाने पर उन पर सही का निशान लेगा दें ।

* मानसिक तनाव से दूर रहें-

 जब भी पढ़ने के लिए बैठने का समय तय हो उसे समय आप अपने दिमाग को फ्री होकर पढ़ाई के लिए तैयार करें । आपका दिमाग में किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव में  है तो आप पढ़ाई में मन नहीं लगा सकते इसलिए  बच्चों का भी ध्यान रखें। यदि आपका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो जानने की कोशिश करें कि उसको किसी भी प्रकार का कोई मानसिक तनाव तो नहीं, यदि  किसी भी प्रकार का मानसिक समस्या है तो इसके लिए पहले समाधान करें और फिर फ्री होकर पढ़ने के लिए बैठे। इसलिए ध्यान रखें जब भी आपका पढ़ने का समय हो तो मानसिक तनाव से दूर रहें।

* पढाई करते समय कुछ देर ब्रेक लें-

जब आप बहुत देर तक लगातार पढ़ने की कोशिश करते रहते हैं तो ऐसे समय में आपका मरन उचट जाता है इसलिए पढ़ाई को बोझ समझकर  ना पढे बल्की कुछ देर के लिए आप पढ़ाई करते समय ब्रेक ले लें और ब्रेक लेना इसलिए जरूरी होता है यदि आप लगातार 4 घंटे पढ़ रहे हैं तो प्रत्येक घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लेकर चाय या फिर जो आपको पसंद है वह पी सकते हैं, या फिर आपको कोई खास दोस्त है तो उससे बात कर सकते हैं। इस बात को अप्लाई करके देखना तो फिर आपको खुद महसूस होगा आपका दिमाग फिर से एक नई ऊर्जा के साथ पढ़ाई में लग जाएगा।

* बड़े बच्चों को सहयोग करें-

मां-बाप को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए अगर आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता तो आप अपने घरेलू समस्याएं बच्चों के साथ शेयर ना करें, क्योंकि कई बार छोटे बच्चे उन बातों को मन पर लगा लेते हैं। इसलिए मां-बाप अपनी समस्या को खुद सुलझाएं बच्चों को उन बातों में शामिल न करें क्योंकि इन सब बातों को बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। पढ़ाई तो बहुत दूर की बात वह अपना नॉर्मल जीवन में बहुत परेशान हो जाते हैं, क्योंकि वह अपने मां-बाप की लड़ाई झगड़ा या फिर  एक्स्ट्रा फेयर जैसी  बातों को सहन नहीं कर सकते इसलिए इन बातों को हमेशा बच्चों से छुपा कर रखें। 

* पढ़ाई के लिए मां सरस्वती की पूजा करें-

बच्चों का पढ़ाई में मन लगे इसके लिए मां-बाप और बच्चे दोनों ही मां सरस्वती की पूजा घर पर अगर हो संभव हो तो करें, नहीं तो अपने बच्चों के स्टडी टेबल पर मां सरस्वती की कोई भी मूर्ति या फिर पोस्टर दीवार पर लगा दें कयोंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है और विद्या हम सब के लिए ऐसा धन है जिसका कोई भी बहन भाई बटवारा नहीं करवा सकता दुनिया में हर चीज का बंटवारा हो सकता  है पर पढ़ाई का कोई भी बंटवारा नहीं करवा सकता।


निष्कर्ष- विद्या धन एक ऐसा अनमोल खजाना है जिसको आप किसी भी समय प्रयोग कर सकते हो इसके लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है।  इन सभी बातों को  फोलो करने से आपको सुपर प्रेरणा मिलेगी। शिक्षा के  बिना मनुष्य पशु के समान माना जाता है ।इसलिए अगर आपके पास शिक्षा को ग्रहण करने के लिए  सभी तरह की सुख सुविधाएं हैं तो इसको कभी भी बेकार न जाने दे। जितना हो सके शिक्षा को ग्रहण करें और जितना हो सके अगर आप शिक्षा का किसी को दान दे सकते हैं इससे बढ़कर कोई दान भी नहीं माना जाता। शिक्षा के दान को दुनिया में सबसे बड़ा दान बताया गया है।

Posted by-kiran


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