Tittle - मेहंदी लगाने के सवासथय लाभ -
हिन्दू धर्म में मेहंदी लगाने की परंपरा है बहुत पुरानी है । हमारे यहां में कोई भी शुभ दिन हो- शादी हो , गृहप्रवेश हो उत्सव हो , पूजा हो- महिलाओं के हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है सबसे पहले यह कारण जानना जरूरी है की मेहंदी क्यों लगाई जाती है।
हम सबके मन मे एक प्रश्न जरूर आता हैं- कि मेहंदी क्यों लगाई जाती है ।
जब हम किसी काम को लेकर जयादा आप तनाव में होते हैं तो तनाव को कम करने के लिए कुछ ना कुछ उपाय और टोटके हर कोई अपनाता है तो इसी तरह भारत में भी तनाव को कम करने के लिए और दिमाग शांत रहे इसलिए मेहंदी लगाई जाती है ।
ऐसे ही कुछ लोग हाथों में स्माइली बॉल को लेकर पिचकाने लगते हैं ? इसीलिए न कि यह आपके तनाव को दूर करता है । किन्तु इसमें एक असुविधा होती है ।
हमें एक वस्तु को हाथ में पकड़कर रखना पड़ता है । लेकिन प्राचीन भारतीय परम्परा में एक ऐसा उपाय था , जिसमें तनाव को दूर करने के लिए हाथों में किसी वस्तु को पकड़कर नहीं रखना होता था । और यह उपाय है जिसे हममेहंदी कहते हैं।
यह खासकर उत्सवों में , खासकर शादी में वाले घर में , व्यस्तता इत्यादि कई कारणों की वजह से महिलाओं को काफी तनाव हो जाता है । इसी तनाव को दूर करने के लिए हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने की परम्परा शुरु की गई ।
मेहंदी लगाने के लाभ-
मेहंदी की तासीर ठंडी होती है । इसी कारण स्ट्रेस से शरीर में जो गर्मी बढ़ जाती है , मेहंदी उसे कम करने में सहायक होती है ।
बुखार को काम करती है-
मेहंदी मेहंदी के पौधे पर कुछ ऐसे अध्ययन किए गए हैं और उनसे उनमें ऐसे तत्व पाया गया जो शरीर के लिए एक एंटीपायरेटिक प्रॉपर्टीज के रूप में काम करता है हमारे आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को बुखार है उन्हें हाथ पैर में मेहंदी लगाने की सलाह दी जाती है।
संक्रमण से बचाव-
मेहंदी में कुछ ऐसे प्रभावकारी तत्व पाए जाते हैं जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस से लड़ने में मदद करते हैं यदि आपकी त्वचा पर कहीं बहुत ज्यादा घाव संक्रमित हो गया है तो आप मेहंदी के ताजे पत्तों को पीसकर उसका लेप लगा सकते हैं।
मेहंदी के पौधे में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं जो शरीर में जाकर प्रभावकारी रूप काम करते हैं कुछ आयुर्वेदिक प्रणालियों के अनुसार यदि मेहंदी के पौधे का रस निकालकर या उसके बीजों का सेवन किया जाए तो इससे सिर दर्द व उच्च रक्तचाप के लक्षणों को काफी हद तक काम किया जा सकता है।
सावन के त्यौहारों में हाथों में मेहंदी लगाने की एक और वजह होती है । बारिश कई प्रकार के फंगस और जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियों को लेकर आती है । ऐसे में मेहंदी के रोगाणुरोधी गुण हमारी त्वचा को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं ।
वैज्ञानिक रिसर्च यह सिद्ध कर चुकी हैं कि मेहंदी जीवाणुरोधी वातावरण ( Bacteria Free Environment ) को पैदा करती है , जो हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाता है । इन्हीं औषधीय गुणों के कारण भारत में मेहंदी लगाने की परंपरा है ।
इसलिए आज की युवा पीढ़ी को हम यह कहना चाहेंगे कि मेहंदी लगाने की परम्परा केवल एक मनोरंजक रीति - रिवाज़ नहीं है । यह तो भारतीय संस्कृति द्वारा दिया गया शांत और स्वस्थ रहने का एक उन्नत वैज्ञानिक तरीका है। इसलिए इसको केवल फैशन समझकर न उपयोग करें यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी एक गुणकारी पौधा और भारतीय पदति की जड़ी बूटी मानी जाती है।
Disclaimer- यह लेख हमने केवल आयुर्वेद की पदति के अनुसार लिखा है इसमें हमारा खुद का कोई योगदान नहीं है अगर आपके स्वास्थ्य संबंधी बहुत ज्यादा कोई गंभीर समस्या है तो इसके लिए आप अपनी डॉक्टर से सलाह करें
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