नवरात्री व्रत के वैज्ञानिक कारण कया है | नवरात्रि व्रत क्यू रखे जाते है |

नवरात्रि व्रत  क्यू रखे जाते है -

 उपवास और मौन क्यू जरूरी है नवरात्रि व्रत के समय 
आईए जानते हैं विस्तार से नवरात्र में व्रत और मोहन का क्या महत्व है और हमें किस प्रकार नवरात्र में व्रत करने चाहिए।
रितूसन्धि के समय नवरात्रों का विधान है । नक्षत्र एवं ग्रहों का प्रभाव हमारे और विशेष रूप से पाचन तन्त्र पर पड़ता है । पर्वो का निर्धारण चन्द्रमा की कलाओं से तथा नक्षत्र व ग्रहों के योग से होता है जो हमारे पाचन प्रणाली पर भी प्रभाव डालते है। अतः उस दिन भोजन पर नियन्त्रण या उपवास रखने को निर्दिष्ट किया जाता है । उपवास एक संकल्प है। अतः इससे विचारों में दृढ़ता आती है , मन को शान्ति मिलती है तथा मुख्य अन्न स्रावी ग्रंथियां क्रियाशील होती है । इन दिनों में उपवास वह क्रिया है  जो नियंत्रित अवस्था में हम निश्चय के साथ करते हैं । इसमें आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है ।

उपवास के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए -

 यथा शक्ति भोजन का त्याग करना चाहिए । उपवास के दौरान पानी का सेवन करना चाहिए । 

शक्ति भोजन का करना चाहिए । उपवास के दौरान पानी का सेवन करना चाहिए । पानी को थोड़ा थोड़ा लेकिन ज्यादा बार पीना चाहिए ।
 उपवास के दौरान पेट सफाई हेतु एनिमा ले सकते हैं । 
उपवास के दिनों में मौन धारण करना चाहिए ।
 
मौन का उद्देश्य मन को शांत  करना होता है । मन शान्त होने से विचार भी होते हैं । इससे वैचारिक एवं शारीरिक उर्जा का व्यय कम होता है।  तब यह ऊर्जा हमें विवेकशील बनाती है ।
 इससे जीवन संघर्ष सरल हो जाता है । मौन से ध्यान लगाना सरल हो जाता है । मौन रहना अति कठिन नहीं है । बच्चे , पशु , पक्षी आदि मौन रहकर भी अपनी बात समझा लेते हैं ।
 मौन के दौरान मन चिन्तन करता है । इस से अपनी जीवन की समस्याओं का हल ढूंढा जा सकता है तथा भावी समय के लिए योजनाएँ बनाई जा सकती है । 
इस बार नवरात्रों में उपवास के साथ मौन को धारण कर अपनी जीवनीय शक्ति , वैचारिक उर्जा और आत्मविश्वास को सुदृढ  बनाए । 
उपवास खोलते हुए ध्यान दें कि अभी आप की पाचक अग्नि मन्द है । यह अधिक गरिष्ठ भोजन पचा नहीं पाएगी।
 अन भोजन की मात्रा धीरे धीरे बढ़ाएं अन्यथा पेट दर्द , उल्टी , अजीर्ण , सिर दर्द आदि रोगों का सामना करना पड़ सकता है । 
इस प्रकार नवरात्रों में उपवास करके तन मन की शुद्ध करें और नियमों का पालन करके आप अपने स्वास्थ्य को खुद बैठे स्वस्थ रख सकते हो नवरात्रों का व्रत का महत्व इसलिए माना गया है ताकि आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकें हमारे हिंदू धर्म में कुछ जो भी पर्व है उनके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी होता है।

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