नमक की पहचान कैसे करें | जरूरत से जयादा नमक खाने के नुकसान |

 नमक की पहचान कैसे करें- 

नमक हम सबके लिए इतना जरूरी है कि अगर हम एक सप्ताह नमक ना खाएं तो यह काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि इंसान मीठे के बिना रह सकता है पर नमक के बिना नहीं। आज हम इस लेख के  माध्यम से आपको उसके बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे कि नमक की पहचान किस प्रकार करें कि हमें खाने में कौन सा नमक खाना चाहिए और कौन सा नहीं खाना चाहिए। यह सब एक डाइटिशियन के अनुसार लिखा गया है।


*नमक कया है और इसके फायदे और नुकसान कया है।

हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स  रखना है . को बैलेंस करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है- सोडियम और पोटेशियम इनके असंतुलन से अनेक बीमारियां हो सकती है । अगर पोटेशियम ज्यादा हो जाए तो हाइपरकैलेमिया हो जाता है । अगर नमक ज्यादा हो जाता है तो हाइपरनेट्रेमिया ( रक्त में सोडियम का स्तर बढ़ जाना ) हो जाता है अगर नमक कम हो जाता है तो हाइपोनेट्रिमिया ( रक्त में सोडियम का स्तर कम होना ) हो जाता है और पोटैशियम कम होने पर हाइपोकैलिमिया हो जाता है । 

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नमक की कमी के कारण और बीमारी-

 नमक की कमी के बहुत सारे कारण हो सकते हैं , जैसे हमने सारा दिन काफी मात्रा में पानी पिया लेकिन पूरे दिन नमक का सेवन पर्याप्त नहीं था जिसकी वजह से हमारे शरीर में मौजूद सोडियम घुलकर बाहर निकल गया या फिर किडनी के सही ढंग से काम न करने की वजह से सही फिल्ट्रेशन नहीं हुआ या कोई डाययूरेटिक्स  ( पेशाब बढ़ाने वाली दवा ) ले रहे हैं । जिसकी वजह से आपका सोडियम स्तर कम हो गया है । सोडियम का स्तर कम होने  से आपको कई समस्याएं आ सकती हैं जैसे-

 दिमाग का ठीक से काम न करना ,

 भ्रमित होना , 

चीजों को पहचानने में मुश्किल आना आदि।


*जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने के नुकसान-

 नमक का अधिक सेवन करने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और लगातार मात्रा कम रहने पर ब्लड प्रेशर कम हो जाता है इसलिए नमक का सेवन उचित मात्रा में करें । यदि कोई बीमारी नहीं है या हार्ट , किडनी से संबंधित कोई बीमारी नहीं है तो पूरे दिन में सिर्फ एक चम्मच नमक लेना चाहिए । जब आप खाना पका रहे हैं तभी नमक मिलाएं । अलग से भोजन में नमक नहीं डालना है ।


नमक की पहचान कैसे करें-

नमक के तीन प्रकार माने जाते हैं काला नमक, पिंक साल्ट और सामान्य नमक आईए जानते हैं इनकी पहचान किस प्रकार करें।

 1 काला नमक और पिंक साल्ट ( सैंधा नमक ) दोनों हिमालय से मिलते हैं । काले नमक में आयरन , मैग्नीशियम , कैल्शियम भरपूर होते हैं । इसमें एक तेज गंध होती है । इसका सेवन नींबू पानी , तीखी चटनी , अचार या सलाद में किया जाता है ।



2 पिंक साल्ट-  का इस्तेमाल अधिकतर व्रत में किया जाता है , इसमें आयरन व जिंक होता है । कई लोग मानते हैं कि सेंधा नमक ही उपयोग करें , लेकिन सेंधा नमक में आयोडीन नहीं होता , सोडियम भी कम होता है जिसकी वजह से हाइपरथाइरॉइड होने की आशंका बढ़ जाती है ।

 सामान्य नमक ( साधारण  नमक) यानी वो नमक जो आयोडीन के साथ फोर्टिफाइड किया गया हो , वही इस्तेमाल करें । अगर डॉक्टर या डायटीशियन ने नमक कम करने को कहा है तो यह हर तरह के नमक पर लागू है । ' वैरी लो सॉल्ट ' का विकल्प न चुनें । ध्यान रखें  सामान्य नमक का इस्तेमाल करना बेहतर है । फ्लेवर के लिए सेंधा नमक या काले नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं किसी भी नमक अधिक मात्रा में इस्तेमाल नुकसान दे सकता है इससे  बीपी बढ़ने की समस्या हो सकती है।

निष्कर्ष-

नमक कोई सा भी हो इसका इस्तेमाल जितनी जरूरत है उतना ही करें। जरूरत से ज्यादा नमक का इस्तेमाल करना रोगों को निमंत्रण देना है। इसलिए जो भी नमक खाएं उससे पहले उसकी पहचान करना जरूरी है आप क्या खा रहे हो।

पहले के समय में लोग बहुत ज्यादा हार्ड वर्क करते थे और ऐसे में नमक जो खाते थे तो वह पसीने के साथ बाहर निकल जाता था। अब लोग  आरामदायक जीवन जी रहे है ,इसलिए जरूरत  से ज्यादा नमक खाने के नुकसान ही नुकसान है। इसलिए जितनी जरूरत हो सिर्फ उतना ही नमक खाएं अलग से कोई भी नमक चला दिया खाने में ना डालें। 

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