केला सबसे सस्ता और आसनी बाज़ार मिलने वाले सबसे सस्ता और हर मौसम में मिलने वाला फल है -
केले के गुण और परिचय-
केले में प्रोटीन के विटामिन काफी मात्रा में जिनमें कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा तत्व, विटामिन-सी, प्रमुख विटामिन-डी भी आम मात्रा में मौजूद है।
केले की प्रजातियां-
रकतमणी केले की नेन्द्रन व मलाई नामक प्रजातिया सर्वोतम मानी जाती है।
केले के गुण और स्वास्थय लाभ -
ऊर्जा का अच्छा स्रोत:केला जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है, इसलिए इसे अक्सर एथलीट और सक्रिय जीवनशैली वाले लोग पसंद करते हैं।इसमें प्राकृतिक शर्करा होती है, जो त्वरित ऊर्जा देती है
पाचन में सहायक: इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।यह कब्ज को दूर करता है और पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाता है
पोटेशियम का अच्छा स्रोत: केला पोटेशियम से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।पोटेशियम मांसपेशियों की कार्यक्षमता और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को भी बनाए रखता है।
विटामिन B6 का अच्छा स्रोत:
यह विटामिन B6 का एक समृद्ध स्रोत है, जो मस्तिष्क के विकास और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक है।यह विटामिन रक्त में हीमोग्लोबिन के निर्माण में भी मदद करता है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है:
केले में मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की समस्याओं को रोकने में सहायक होता है।
मूड को बेहतर बनाता है: केले में ट्रिप्टोफैन होता है, जो सेरोटोनिन के उत्पादन में मदद करता है, जिससे मूड अच्छा होता है और अवसाद कम होता है।यह तनाव और चिंता को कम करने में भी सहायक है।
त्वचा की सेहत के लिए फायदेमंद:केले में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा की सेहत में सुधार करते हैं।यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और झुर्रियों को कम करता है।
10. फाइबर-
इसमें फाइबर होता है, जो शुगर के अवशोषण को धीमा करता है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।
11. बवासीर के लिए-
बवासीर यदि केला दूध में उबाल कर दिन में दो-तीन बार दिया जाए तो बवासीर में बहुत लाभ मिलता है।
12.आन्त्रिक ज्वरः
एक पका हुआ केला चार चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम ले। क्षय रोग की चिकित्सा में केला प्रभावकारी पाया गया है।
13. टीबी रोग के लिए-
पका हुआ केला चम्मच शहद, एक कटोरी नारियल के पानी व एक कटोरी दही के साथ टी.बी. के रोगी को दिया जाना चाहिये। केले की सब्जी व केले का रस भी दिया जा सकता है।
14. घाव व जलने पर -
यदि घाव या जले हुए स्थान पर केले को बारीक पीस कर लगा दिया जाए व ऊपर से पट्टी बांध दी जाए तो दाह में शांति मिलती है और घाव भी जल्दी भर जाता है।
15. पथरी के लिए-
पथरी केले के तने का रस गुर्दे व पित्ताशय की पथरी निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
16. मूत्र रोगः
केले का रस मूत्र रोगी की चिकित्सा में अत्यत प्रभावकारी है केले के तने का रस 4 चम्मच की मात्रा में प्रातः और साय लें।णप्रोस्टेट वृद्धि की चिकित्सा हेतु भो केले का रस इसी मात्रा में लिया जा सकता है।
18. दिल के लिए--हृदय रोगियों को 10 ग्राम शहद के साथ 2 केले रोजाना खाने चाहिये। जो व्यक्ति बहुत कमजोर है, मोटा होना चाहते है ती केले का नियमित सेवन करें। छः माह में ही उन का शरीर भर जायेगा और मोटे होने के लिए केले के संग दूध का सेवन करें।
19. महिलाओं के लिए-
स्त्रियों को श्वेत प्रदर में रोग केला खा कर एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद मिला कर पीना चाहिये।
20. खाज खुजली के लिए-दाद-खुजली में पके केले को लेकर गुद्दा निकाल लें और उस में एक नींबू का रस मिलाकर दाद-खुजली वाले स्थान पर लेप की तरह से लगा लें। दाद खुजली जाती रहेगी।
21. बच्चों के लिए-बच्चों के लिए केला एक पौष्टिक आहार से कम नहीं है। चूंकि केले में रक्त वृद्धि वाले तत्व लोह, तांबा और मैग्नीज होते हैं। अतः यह रक्त को लाल एवं साफ रखने में सहायक होता है।
दूध के साथ केले का सेवन संपूर्ण आहार माना जाता है। पके केले को छाया में सुखा कर, कूटकर कपड़े से छान लें। इसे दूध में मिलाकर छोटे बच्चों को दें। इससे बच्चे की भूख तो शांत होगी ही, साथ ही बच्चे का शारीरिक विकास भी तेजी से होता है।
केला खाने के लिए सावधानियां-
पाचन शक्ति खराब हो तो केले का सेवन करना उचित नहीं।
सर्दी-जुकाम में केला न खाएं।
केला खाकर तुरंत पानी पीना हानिकारक है।
एक समय में 2-3 सेअधिक केलों का सेवन नहीं करना चाहिये।
रात को केला खाने से गैस उत्पन्न होती है इसलिए रात को केला खाकर न सोय ।
अल्सरः अपने पाचक व किंचित रेचक गुणों के कारण केले का प्रयोग आंतों के घावों में किया जाता है। उबाल कर ठण्डे किये हुए दूध के साथ पके हुए केले दिन में दो-तीन बार लेने से अल्सर में आशातीत लाभ होता है।
पीलियाः एक पका हुआ केला चार चम्मच शहद के साथ सुबह और शाम लिया जाए तो पीलिया में बहुत जल्दी लाभ करता है।
मासिक धर्म सम्बन्धी दोष-
मासिक धर्म के समय दर्द होने, मासिक के समय अधिक मात्रा में रक्त जाने इत्यादि दोषों में केले के फूल अत्यन्त प्रभावकारी है।
केले के फूलों के सेवन में शरीर से प्रेजेस्ट्रोजन हारमोन का स्तर बढ़ता है जिससे मासिक धर्म सम्बन्धी शिकायतों के अलावा अन्य स्त्री रोगों की चिकित्सा में भी सहायता मिलती है।
इन रोगों की सहायता हेतु केले के फूल पका कर दही के साथ खाने चाहिये। केला खाने पर अजीर्ण हो जाए तो ऊपर से इलायची का सेवन करें।
Disclaimer- यह सब घेरेलू उपाय है, इसमें हमारा कोई गंभीर बीमारी को ठीक करने की सलाह नहीं की जाती। अगर आपकी समस्या बहुत ज्यादा कमजोर है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करेंगे । यह केवल एक सामान्य जानकारी है
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