बढ़ती उम्र में त्वचा का कैसे रखें ध्यान-
जन्म के समय शिशु की त्वचा बहुत कोमल, रेशम जैसी होती है। उम्र के साथ-साथ त्वचा में बदलाव आता है और यह सख्त होने लगती है। सूरज से होने वाली क्षति से आने वाले परिवर्तन को फोटो एजिंग कहते हैं, जिसमें सूखापन, शिथिलता, दाग और झुर्रियाँ शामिल हैं। ज्यादातर झुर्रियाँ चेहरा, गर्दन और हाथों पर पड़ती हैं।
झुर्रियों के कारण-
वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण के कारण त्वचा की कोमलता घटती है।
तेजी से वजन कम होना: अगर वजन बहुत कम हो जाए तो चेहरे के फैट सेल्स कम हो जाते हैं, जिससे त्वचा लटक जाती है।
रोग: लंबी बीमारी के पश्चात् दुर्बलता के कारण भी झुर्रियाँ पड़ जाती हैं।
पोषण की कमी: आहार ठीक न लेने पर भी त्वचा सूखी और निर्जीव हो जाती है।
सिगरेट स्मोकिंग: सिगरेट से ऑक्सीजन फ्री रेडिकल्स उत्पन्न होते हैं, जिससे झुर्रियाँ बढ़ती हैं और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज होती है। इससे नॉन मेलानोमा स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
समाधान कैसे करें-
पौष्टिक आहार: त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने के लिए पौष्टिक आहार आवश्यक है। आहार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण न सिर्फ फ्री रैडिकल्स को कम करते हैं बल्कि स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं। इसलिए अपने आहार में ताजे फल, हरी सब्जियाँ, सलाद, साबुत अनाज, मेवे, दूध, दही आदि का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
पानी:
त्वचा को युवा बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। दिन में लगभग दस गिलास पानी पीना चाहिए।
धूप से बचाव:
धूप से त्वचा पर जल्दी झुर्रियाँ पड़ती हैं अतः चेहरे को सीधी धूप से बचाना चाहिए। धूप से बचाव हेतु छाते या दुपट्टे का प्रयोग किया जा सकता है।
एंटी-एजिंग क्रीम:
विटामिन ए, सी, ई, अल्फा हाइड्राक्सी एसिड्स और बीटा कैरोटीन से युक्त क्रीम से त्वचा में सुधार होता है, जिससे नया कोलाजेन बनता है और त्वचा में नमी बरकरार रहती है। लेकिन एंटी एजिंग क्रीम से त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है, इसलिए इस दौरान धूप से बचाव करना चाहिए। धूप से त्वचा लाल हो सकती है और खुजली हो सकती है।
मसाज:
40 वर्ष की अवस्था में महीने में एक बार मसाज करनी चाहिए। मसाज से चेहरे पर रक्त प्रवाह ठीक होता है।
हर्बल पैक्स:
सेब, अनानास, पपीता, केला, ऐलोवेरा, पुदीना, तुलसी, हल्दी, बादाम, अखरोट आदि से बने हर्बल फेस पैक्स त्वचा को पोषण देते हैं जिससे त्वचा में प्राकृतिक सौंदर्य कायम रहता है। इनसे त्वचा में कसावट आती है और एलर्जी आदि की समस्या भी नहीं होती है।
सुपरफिशियल स्किन पील्स:
आजकल त्वचा को सुंदर बनाने के लिए कैमिकल पील्स का प्रयोग किया जाता है। ग्लाइकोलिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड आदि के प्रयोग से त्वचा की ऊपरी परत हटा दी जाती है, जिससे नई त्वचा की कोशिकाएं अपनी जगह ले लेती हैं और त्वचा में सुंदरता आती है।
इन कैमिकल पील्स का प्रयोग किसी चिकित्सक की देखरेख में करना चाहिए। इन पील्स की मात्रा और समय त्वचा के रंग और प्रकार पर निर्भर करता है। उचित प्रयोग ही लाभदायक हो सकता है। पीलिंग के बाद त्वचा पर संवेदनशीलता बढ़ती है, अतः धूप से पूर्णतः बचाव जरूरी है।
प्राणायाम एवं व्यायाम:
इन उपरोक्त उपायों के अतिरिक्त त्वचा को सुंदर बनाए रखने के लिए प्राणायाम एवं व्यायाम का विशेष योगदान है। शरीर को पर्याप्य ऑक्सीजन मिलने से जल्दी बूढ़ा होने से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष-
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा में होने वाले बदलाव को स्वीकार करना और उसके अनुसार देखभाल करना आवश्यक है। सही आहार, पर्याप्त पानी, धूप से बचाव, एंटी-एजिंग क्रीम का सही उपयोग, नियमित मसाज, हर्बल पैक्स, और विशेषज्ञ की देखरेख में स्किन पील्स का प्रयोग करने से त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। साथ ही, प्राणायाम और व्यायाम त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ और युवा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप त्वचा को स्वस्थ, सुंदर और चमकदार बनाए रख सकते हैं.
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