सावन में शिव की पुजा ,मन्त्र आराधना, नियम और महत्व -
शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे त्रिमूर्ति के एक सदस्य हैं, जिसमें ब्रह्मा (सृष्टि के देवता), विष्णु (पालनहार), और शिव (संहारक) शामिल हैं। शिव को संहारक और पुनरुत्थान के देवता माना जाता है। उनकी पूजा व्यापक रूप से भारत और नेपाल में की जाती है। शिव का अर्थ "कल्याणकारी" होता है। वे योग के भगवान और तपस्वियों के आदर्श हैं।
सावन का महीने शिव पुजा का महत्व और पुजा कैसे करे-
सावन के महीने में शिव की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस समय भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुछ विशेष मंत्र जो मनोकामना पूर्ति के लिए किए जा सकते हैं।
1. महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में सहायक होता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
2. शिव गायत्री मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
3. पंचाक्षर मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव के पंचाक्षर स्वरूप की उपासना के लिए है।
ॐ नमः शिवाय॥
4. रुद्राष्टक मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति और उनकी कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
5. शरणागत मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव के चरणों में शरण लेने के लिए है।
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥
इन मंत्रों का नियमित जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इन मंत्रों को श्रद्धा और भक्ति के साथ सावन के महीने में जपें, जिससे भगवान शिव इच्छाओं को पूर्ण करते है।
शिव की अत्यंत प्रिय वस्तुए-
1. बिल्वपत्र (बेलपत्र)
भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का अत्यधिक महत्व है। तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।
2. गंगा जल
गंगा जल से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत पवित्र और लाभकारी माना जाता है। गंगा जल से स्नान करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
3. दूध
दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे भगवान शिव के लिए सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक माना जाता है।
4. दही -
दही से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
5. शहद (मधु)
शहद से अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
6. घी
घी से अभिषेक करने से भगवान शिव की पूजा पूर्ण मानी जाती है और वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
7. शिवलिंग पर चढ़ाया गया चंदन
चंदन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। चंदन का लेप शिवलिंग पर करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
8. भस्म
भस्म भगवान शिव के प्रिय वस्त्र माने जाते हैं। शिवलिंग पर भस्म चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
9. भांग
भांग का प्रसाद भगवान शिव को अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
10. सफेद फूल
सफेद फूल, विशेषकर धतूरा और आक के फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।
11. फल
भगवान शिव को फल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। विशेष रूप से नारियल, बेर और बेल का फल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
12. रुद्राक्ष
रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
निषेध वस्तुए-
शिवलिंग पर कौन सी वस्तुओं को चढ़ाना निषेध माना जाता है-शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली वस्तुओं का धार्मिक और पौराणिक महत्व होता है। कुछ वस्तुएँ ऐसी भी हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध माना जाता है।
1. तुलसी
तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को प्रिय है, लेकिन इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी का विवाह राक्षस जलंधर से हुआ था, जो शिव के हाथों मारा गया था।
2. केतकी का फूल
केतकी के फूल को भी शिवलिंग पर चढ़ाना मना है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, केतकी ने भगवान शिव के सामने झूठी गवाही दी थी, इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है।
3. नारियल का पानी
नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल का पानी विष्णु भगवान को चढ़ाने का विधान है।
4. सिंदूर (कुमकुम)
सिंदूर देवी की पूजा में उपयोग होता है, लेकिन इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है।
5. हल्दी
हल्दी भी शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है। हल्दी का प्रयोग सौंदर्य और सौभाग्य के लिए होता है, जबकि शिव को संहारक रूप में पूजा जाता है।
6. ताम्र (तांबे) का जल
तांबे के बर्तन का जल शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है। इसके बजाय, पीतल या चांदी के बर्तन का जल प्रयोग किया जा सकता है।
7. तिल
तिल का तेल भी शिवलिंग पर चढ़ाना मना है।
8. कुशा (दूब)
कुशा और दूब का प्रयोग भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा में होता है, लेकिन शिवलिंग पर नहीं।
9. बासी फूल और पत्ते
बासी फूल और पत्ते भगवान शिव को चढ़ाना निषेध है। हमेशा ताजे फूल और पत्ते ही प्रयोग करें।
10. लाल चंदन
लाल चंदन का प्रयोग शिवलिंग पर नहीं किया जाता है। इसके बजाय, सफेद चंदन का प्रयोग किया जा सकता है।
इन वस्तुओं को शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें और हमेशा पवित्रता और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि घर में आती है।
सावन के महीने में शिव की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस समय भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यहाँ कुछ विशेष मंत्र दिए जा रहे हैं जो सावन के महीने में मनोकामना पूर्ति के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
शिव की पुजा और सावन के महीने में महत्व-
शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे त्रिमूर्ति के एक सदस्य हैं, जिसमें ब्रह्मा (सृष्टि के देवता), विष्णु (पालनहार), और शिव (संहारक) शामिल हैं। शिव को संहारक और पुनरुत्थान के देवता माना जाता है। उनकी पूजा व्यापक रूप से भारत और नेपाल में की जाती है। शिव का अर्थ "कल्याणकारी" होता है। वे योग के भगवान और तपस्वियों के आदर्श हैं।
सावन का महीने शिव पुजा का महत्व और पुजा कैसे करे-
सावन के महीने में शिव की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस समय भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुछ विशेष मंत्र जो मनोकामना पूर्ति के लिए किए जा सकते हैं।
1. महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में सहायक होता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
2. शिव गायत्री मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
3. पंचाक्षर मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव के पंचाक्षर स्वरूप की उपासना के लिए है।
ॐ नमः शिवाय॥
4. रुद्राष्टक मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति और उनकी कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
5. शरणागत मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव के चरणों में शरण लेने के लिए है।
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥
इन मंत्रों का नियमित जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इन मंत्रों को श्रद्धा और भक्ति के साथ सावन के महीने में जपें, जिससे भगवान शिव इच्छाओं को पूर्ण करते है।
शिव की अत्यंत प्रिय वस्तुए-
1. बिल्वपत्र (बेलपत्र)
भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का अत्यधिक महत्व है। तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।
2. गंगा जल
गंगा जल से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत पवित्र और लाभकारी माना जाता है। गंगा जल से स्नान करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
3. दूध
दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे भगवान शिव के लिए सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक माना जाता है।
4. दही -
दही से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
5. शहद (मधु)
शहद से अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
6. घी
घी से अभिषेक करने से भगवान शिव की पूजा पूर्ण मानी जाती है और वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
7. शिवलिंग पर चढ़ाया गया चंदन
चंदन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। चंदन का लेप शिवलिंग पर करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
8. भस्म
भस्म भगवान शिव के प्रिय वस्त्र माने जाते हैं। शिवलिंग पर भस्म चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
9. भांग
भांग का प्रसाद भगवान शिव को अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
10. सफेद फूल
सफेद फूल, विशेषकर धतूरा और आक के फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।
11. फल
भगवान शिव को फल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। विशेष रूप से नारियल, बेर और बेल का फल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
12. रुद्राक्ष
रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शिवलिंग पर कौन सी वस्तुओं को चढ़ाना निषेध माना जाता है-शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली वस्तुओं का धार्मिक और पौराणिक महत्व होता है। कुछ वस्तुएँ ऐसी भी हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध माना जाता है।
1. तुलसी
तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को प्रिय है, लेकिन इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी का विवाह राक्षस जलंधर से हुआ था, जो शिव के हाथों मारा गया था।
2. केतकी का फूल
केतकी के फूल को भी शिवलिंग पर चढ़ाना मना है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, केतकी ने भगवान शिव के सामने झूठी गवाही दी थी, इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है।
3. नारियल का पानी
नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल का पानी विष्णु भगवान को चढ़ाने का विधान है।
4. सिंदूर (कुमकुम)
सिंदूर देवी की पूजा में उपयोग होता है, लेकिन इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है।
5. हल्दी
हल्दी भी शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है। हल्दी का प्रयोग सौंदर्य और सौभाग्य के लिए होता है, जबकि शिव को संहारक रूप में पूजा जाता है।
6. ताम्र (तांबे) का जल
तांबे के बर्तन का जल शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध है। इसके बजाय, पीतल या चांदी के बर्तन का जल प्रयोग किया जा सकता है।
7. तिल
तिल का तेल भी शिवलिंग पर चढ़ाना मना है।
8. कुशा (दूब)
कुशा और दूब का प्रयोग भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा में होता है, लेकिन शिवलिंग पर नहीं।
9. बासी फूल और पत्ते
बासी फूल और पत्ते भगवान शिव को चढ़ाना निषेध है। हमेशा ताजे फूल और पत्ते ही प्रयोग करें।
10. लाल चंदन
लाल चंदन का प्रयोग शिवलिंग पर नहीं किया जाता है। इसके बजाय, सफेद चंदन का प्रयोग किया जा सकता है।
इन वस्तुओं को शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें और हमेशा पवित्रता और श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि घर में आती है।
निष्कर्ष-
सावन के महीने में शिव की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस समय भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यहाँ कुछ विशेष मंत्र दिए जा रहे हैं जो सावन के महीने में मनोकामना पूर्ति के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। इन नियमों और विधियों का पालन करके सावन के महीने में श्रद्धा और भक्ति के साथ शिव की पूजा करने से भव्य और फलदायी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
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