तिल के औषधीय गुण : तिल के सवास्थय लाभ | Seeds benefits for health |

तिल: एक महत्त्वपूर्ण औषधि और पोषक तत्व वाली एक आयुर्वेदिक औषधि है-

तिल, जिसे अंग्रेजी में सेसमे के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा पदार्थ है जो न केवल हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

 तिल का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में औषधियों के रूप में होता आ रहा है। भाव प्रकाश निघण्टु, जो आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, में तिल को कई गुणों से युक्त बताया गया है।

 तिल का स्वाद चरपरा, कड़वा, मधुर और कसैला होता है, और यह भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, ऊष्ण, कफ और पित्त का नाश करने वाला होता है। तिल के अन्य फायदे हैं: यह केशों के लिए हितकारी, स्पर्श में शीतल, त्वचा के लिए लाभकारी, दुग्धवर्द्धक, व्रणों को भरने वाला, दांतों के लिए लाभकारी और मूत्र को नियंत्रित करने वाला होता है।


आयुर्वेद में तिल को मुख्य तीन प्रकार में बांटा गया है: -

सफेद तिल, काला तिल, और लाल तिल। काले तिल को सर्वोत्तम गुण वाला माना गया है, जबकि सफेद तिल को मध्यम गुण वाला और लाल तिल को हीन गुण वाला माना गया है। तिल का एक चौथा प्रकार भी होता है, जिसे 'वन-तिल' कहा जाता है। यह बहुत कम मात्रा में उपयोग होता है और इसे अल्प-तिल भी कहा जाता है। किसी भी औषधि के योग में जब तिल का विशेष प्रकार या रंग न दिया हो, वहां काले तिल का ही प्रयोग करना चाहिए।

रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात हुआ है कि 100 ग्राम तिल में लगभग 25 ग्राम वसा (तेल), 10 ग्राम लोहा, 18 ग्राम प्रोटीन और 1.5 ग्राम कैल्शियम होता है। इसके अलावा, तिल में और भी कई उपयोगी तत्व पाए जाते हैं, जो इसे शरीर के लिए अत्यंत लाभप्रद बनाते हैं। तिल का उपयोग कई औषधियों में घटक के रूप में किया जाता है।

तिल के औषधीय प्रयोग-

गठिया और वायु रोग-

गठिया या वायु रोग के कारण होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए, 80 ग्राम काले तिल, 20 ग्राम अखरोट और 15 ग्राम सौंठ को मिलाकर पीस लें। फिर इसमें 50 ग्राम बिना मसाले का गुड़ मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें। सुबह-शाम एक-एक लड्डू गर्म जल के साथ सेवन करने पर काफी लाभ होता है।

बहुमूत्रता

बहुमूत्रता रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए, 20 ग्राम काले तिल, 8 ग्राम नौसादर और 20 ग्राम मिश्री को मिलाकर बारीक पीस लें। इसमें से 10 से 12 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने पर अत्यंत लाभ होता है। 

बच्चों का बिस्तर में पेशाब करना-

यदि बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हैं, तो 12.5 ग्राम भुने तिल और 12.5 ग्राम गुड़ को मिलाकर कूट लें। इस औषधि को 25 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खिलाने पर पेशाब करना रुक जाता है। यदि बड़े लोग भी इस समस्या से ग्रस्त हों, तो योग में से 50 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करें। इस योग से पेट की कब्ज भी पूरी तरह ठीक हो जाती है।



मासिक स्राव की समस्याएं-

यदि किसी महिला को मासिक स्राव कष्ट से होता हो, रुक-रुक कर होता हो या अक्सर रुक जाता हो, तो 20 ग्राम काले तिल और 10 ग्राम अजवायन को 500 ग्राम पानी में उबालें। जब पानी उबलते-उबलते 100-125 ग्राम रह जाए, तो उसमें 20-25 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर हल्का गर्म पिलाएं। इससे पर्याप्त लाभ मिलेगा। इस योग का प्रयोग प्रातः और सायं करें।

तिल के अन्य लाभ-

तिल का उपयोग न केवल औषधियों में किया जाता है, बल्कि इसे हमारे दैनिक जीवन में भी कई तरीकों से शामिल किया जा सकता है। तिल का तेल, जो इसके बीजों से निकाला जाता है, त्वचा के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। यह त्वचा को नम रखने के साथ-साथ इसे मुलायम और चिकनी बनाता है। तिल का तेल बालों के लिए भी लाभकारी है; यह बालों को मजबूत बनाता है और उन्हें प्राकृतिक चमक प्रदान करता है।

इसके अलावा, तिल को  सर्दी की  मिठाइयों और अन्य कई व्यंजनों में भी डाला जा सकता है। यह हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। तिल के सेवन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

 तिल का प्रयोग सबसे ज्यादा सर्दियों में खाने के लिए किया जाता है क्योंकि इसके तासीर गर्म होने की वजह से सर्दी में बहुत ज्यादा इसका उपयोग किया जाता है। बाजार में तिल के बहुत सारे खाने से मिठाइयां जनवरी और दिसंबर के महीने में सबसे ज्यादा बिकती है।

निष्कर्ष- तिल एक अद्भुत खाद्य पदार्थ है जो न केवल हमारे स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसका नियमित सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। आयुर्वेद में तिल का विशेष महत्त्व है और इसे औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इसलिए, तिल को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का आनंद उठाएं।

अस्वीकरण-

यह लेख केवल शैक्षिक और सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए स्वास्थ्य संबंधी सुझाव और उपाय सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.


 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ