सफलता के लिए आज भी मेहनत ज़रूरी है- Motivationl story in hindi-
सुआ नाम का एक मेहनती किसान था। उसके चार बेटे थे, लेकिन सभी नालायक और आलसी थे। वे अपना समय व्यर्थ करते हुए सिर्फ अपने आलसी मित्रों के साथ घूमते रहते थे। सुआ अपने बेटों की इस आदत से बेहद दुखी रहता था।
एक दिन उसने अपनी पत्नी से कहा, "हमारे चार बेटे हैं, लेकिन कोई भी खेत में काम नहीं करना चाहता। वे सभी आलसी हैं। मेरे न रहने के बाद तुम सबका क्या होगा?" सुआ की पत्नी ने उसे समझाते हुए कहा, "आप चिंता मत कीजिए। समय आने पर ये भी काम करना शुरू कर देंगे।"
समय बीतता गया लेकिन बेटों में कोई बदलाव नहीं आया। सुआ बूढ़ा हो चला था और बीमार भी रहने लगा। उसे महसूस हुआ कि अब वह ज्यादा दिन जीवित नहीं रहेगा। उसने अपनी पत्नी को चुपके से कुछ समझाया और अपने बेटों को बुलाने के लिए कहा।
सुआ की योजना
जब चारों बेटे आए, तो सुआ ने कहा, "मैं बीमार और बूढ़ा हो चुका हूं। इस बार मैंने खेत में बीज भी नहीं बोए हैं। अब मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।" जैसा कि सुआ को उम्मीद थी, चारों बेटों ने कोई न कोई बहाना बना लिया और मदद करने से मना कर दिया।
अंत में सुआ ने कहा, "मुझे पता था कि तुम लोग आलसी हो। मैंने तुम्हारे भविष्य के लिए जो भी बचत की थी, वह मैंने खेत में गाड़ दी है। अब मेरी हालत ऐसी नहीं है कि मैं उसे निकाल सकूं। मेरे मरने के बाद तुम खेत को खोदकर वह धन निकाल लेना।"
खेत में गड़ा खजाना-
सुआ की मृत्यु के बाद चारों बेटे जल्दी से खेत खोदने लगे। उन्होंने सारा खेत खोद डाला, लेकिन कोई धन नहीं मिला। कई दिनों की मेहनत के बाद भी कुछ हाथ नहीं आया। वे निराश होकर अपनी माँ के पास गए और शिकायत करने लगे। कोई कह रहा था कि पिता ने झूठ बोला, तो कोई कह रहा था कि किसी और ने धन चुरा लिया।
माँ जानती थी कि खेत में कोई धन नहीं गड़ा है। उसने सुआ की बात याद करते हुए कहा, "अब जब तुमने पूरा खेत खोद ही दिया है, तो उसमें बीज भी बो दो। मेहनत का फल अनाज के रूप में तो मिल ही जाएगा।"
मेहनत का फल-
चारों बेटों को माँ की बात समझ आई। उन्होंने खेत में बीज बो दिए और फसल तैयार होने तक पूरी देखभाल की। फसल इतनी अच्छी हुई कि पूरे गाँव में सबसे ज्यादा अनाज उनके खेत में पैदा हुआ। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
जब उन्होंने माँ को यह बात बताई, तो माँ ने कहा, "तुम्हारे पिता का असली खजाना यही था। मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता और जितनी मेहनत करते हो, उसका फल भी उतना बड़ा मिलता है।"
सीख-
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समझदारी और मेहनत ही सफलता की कुंजी है। चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, अगर आप गहराई से सीखने और समझने में मेहनत करते हैं, तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। लेकिन अगर आप शॉर्टकट्स या बिना मेहनत के सब कुछ पाना चाहते हैं, तो यह आज भी उतना ही कठिन है जितना पहले था।
"जीवन में कठिनाइयाँ हमें बर्बाद करने नहीं आतीं, बल्कि हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।"
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