घर में हनुमान जी की कैसी प्रतिमा स्थापित करें?
हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकटमोचन माना जाता है। उनकी पूजा से सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। हालांकि, हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं, इसलिए उनकी पूजा से जुड़े कुछ नियम शास्त्रों में बताए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होता है।
घर में हनुमान जी की कौन-सी मूर्ति शुभ होती है?
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के अनुसार, हनुमान जी की दो मुद्राओं वाली प्रतिमाएं घर में रखना शुभ माना जाता है—
भजन मुद्रा: यदि हनुमान जी किसी वस्तु पर बैठे हुए भजन जपते हुए दिखाई दें, तो ऐसी प्रतिमा घर में स्थापित करना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे घर में दिव्यता का संचार होता है, सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश बाधित होता है।
आशीर्वाद मुद्रा: यदि हनुमान जी एक पैर मोड़कर बैठे हों, एक हाथ में गदा हो और दूसरा हाथ आशीर्वाद मुद्रा में हो, तो ऐसी मूर्ति घर में रखने से घर का हर संकट दूर हो जाता है और सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं।
इसके अलावा, हनुमान जी के पंचमुखी अवतार की प्रतिमा भी घर में रखना शुभ माना जाता है।
हनुमान जी की मूर्ति के लिए धातु का चयन
हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करते समय धातु का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। तीन धातुएं विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं—
सोना
चांदी
अष्टधातु
इन धातुओं से बनी प्रतिमा की विधिपूर्वक पूजा करने से शनि और राहु के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और शुभता प्राप्त होती है।
हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ दिन
मंगलवार और शनिवार हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन माने जाते हैं।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा क्यों करें?
हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना जाता है, इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है, जिन्हें क्रोध, मानसिक तनाव या किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी होती है।
इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
शनिवार को हनुमान जी की पूजा क्यों करें?
हनुमान जी को शनि देव के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला देवता माना जाता है।
शनिवार को उनकी पूजा करने से शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव कम होते हैं।
इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाना और सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण दिन
राम नवमी और हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करने का महत्व है।
पूर्णिमा और अमावस्या के दिन भी हनुमान जी की आराधना करना शुभ माना जाता है।
पूजा का सही तरीका
सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठें।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण या रामायण का पाठ करें।
गुड़, चना और केला का भोग लगाएं।
हनुमान जी को चमेली के तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
पूजा के बाद जरूरतमंदों को प्रसाद वितरित करें।
हनुमान जी का प्रिय भोग और फूल
हनुमान जी का प्रिय भोग
गुड़ और चने – हनुमान जी को गुड़ और भुने हुए चने का भोग अत्यंत प्रिय है।
बेसन के लड्डू – हनुमान जी को मीठे में खासतौर पर बेसन के लड्डू का भोग अर्पित किया जाता है।
केले और आम – फल में उन्हें केले और आम विशेष रूप से पसंद हैं।
पान का बीड़ा – विशेष पूजन में हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाने की परंपरा है।
खीर – कुछ स्थानों पर हनुमान जी को चावल की खीर का भोग भी लगाया जाता है।
मोदक – गणेश जी की तरह हनुमान जी को भी मोदक प्रिय माने जाते हैं।
हनुमान जी के प्रिय फूल
लाल गुड़हल का फूल – हनुमान जी की पूजा में लाल गुड़हल का फूल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
कनेर का फूल – पीला और लाल कनेर का फूल भी बजरंगबली को चढ़ाया जाता है।
गेंदा का फूल – यह भी हनुमान जी को अर्पित किया जा सकता है।
तुलसी के पत्ते – हनुमान जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें
हनुमान जी को केवल लाल, पीले और नारंगी रंग के फूल अर्पित करने चाहिए।
पूजा के दौरान चमेली के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
कलयुग में हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि वे आज भी इस पृथ्वी पर जीवित हैं।
हनुमान जी कहाँ निवास करते हैं?
राम भक्तों के बीच – जहाँ भी श्रीराम का नाम लिया जाता है, हनुमान जी वहाँ किसी न किसी रूप में उपस्थित रहते हैं।
पहाड़ों और जंगलों में – कुछ मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी हिमालय, विंध्य पर्वत, और घने जंगलों में तपस्या कर रहे हैं।
महेंद्र पर्वत (ओडिशा) – शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी वर्तमान में महेंद्र पर्वत (ओडिशा) में निवास कर रहे हैं।
हनुमान गढ़ी (अयोध्या) – अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर को भी हनुमान जी का निवास स्थान माना जाता है।
चित्रकूट और ऋष्यमूक पर्वत – इन स्थानों पर भक्तों और संतों ने हनुमान जी के दर्शन होने की बात कही है।
कैलाश पर्वत के समीप – कुछ मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी कभी-कभी कैलाश पर्वत के आसपास भी देखे जाते हैं।
हर जगह, जहाँ भक्ति और सेवा हो – हनुमान जी सच्चे भक्ति मार्ग पर चलने वाले व्यक्तियों की रक्षा करते हैं।
क्या हनुमान जी के दर्शन संभव हैं?
कई संतों और भक्तों ने हनुमान जी के दर्शन करने का दावा किया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से श्रीराम और हनुमान जी की भक्ति करता है, उसे उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।
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