चैत्र नवरात्रि 2025: पूजा विधि और माता को प्रसाद अर्पित करने की संपूर्ण जानकारी
चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है?
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च 2025 (शनिवार) से होगी और इसका समापन 7 अप्रैल 2025 (सोमवार) को राम नवमी के दिन होगा। यह वसंत ऋतु में आने वाली नवरात्रि होती है, जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है।
इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन माँ के अलग-अलग रूप की आराधना करने का विशेष महत्व होता है।
चैत्र नवरात्रि 2025: माता को भोग अर्पण करने की विधि
हर दिन माता को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग अर्पित किया जाता है। यहाँ दिन के अनुसार माता के स्वरूप और उनके प्रिय भोग की जानकारी दी गई है:
तिथि | माँ का स्वरूप | भोग | फल |
30 मार्च 2025 | शैलपुत्री | गाय का घी | अनार |
31 मार्च 2025 | ब्रह्मचारिणी | शक्कर | 2 सेब |
1 अप्रैल 2025 | चंद्रघंटा | दूध की मिठाई | 3 केले |
2 अप्रैल 2025 | कूष्माण्डा | मालपुआ | 4 नाशपाती |
3 अप्रैल 2025 | स्कंदमाता | केला | 5 अंगूर |
4 अप्रैल 2025 | कात्यायनी | शहद | 6 अमरूद |
5 अप्रैल 2025 | कालरात्रि | गुड़ | 7 चीकू |
6 अप्रैल 2025 | महागौरी | नारियल | शरीफा |
7 अप्रैल 2025 | सिद्धिदात्री | तिल | 9 संतरे |
नवरात्रि पूजा विधि: कैसे करें माता की पूजा?
1. कलश स्थापना (घटस्थापना)
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें।
मिट्टी की वेदी बनाकर उसमें जौ बोएं।
कलश में गंगा जल भरकर उसमें सुपारी, दूर्वा, पंचरत्न, और सिक्का डालें।
नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें।
2. माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र
माँ दुर्गा की प्रतिमा को साफ स्थान पर स्थापित करें।
चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माता की मूर्ति रखें।
3. दीप प्रज्वलन और संकल्प
दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
माँ दुर्गा को पुष्प, अक्षत, चंदन, रोली, और कुमकुम अर्पित करें।
4. दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ
प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती, देवी स्तुति, या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
माँ को भोग लगाकर आरती करें और प्रसाद बांटें।
5. कन्या पूजन (अष्टमी/नवमी)
नवरात्रि के अंतिम दिनों में 9 कन्याओं को आमंत्रित कर भोजन कराएं।
उनके पैर धोकर आशीर्वाद लें और उन्हें दक्षिणा व उपहार दें।
नवरात्रि में ध्यान देने योग्य बातें
व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें। प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से बचें।
घर को साफ-सुथरा रखें और पूजा स्थान को विशेष रूप से सजाएं।
रोज़ाना गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।
मन, वचन, और कर्म से पवित्र रहें और अहिंसा का पालन करें।
इस प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने से माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
0 टिप्पणियाँ